हमको करना क्या चाहिए ये बातें एक अलग से बातें की हम क्या करें
@brahmandvigyan3 күн бұрын
Anusandhan
@ashutoshmishra78273 күн бұрын
Bahut badhiya jankari h 🙏🙏
@neelima3263 күн бұрын
Thaj you bhai suksm 🙏🙏gyan dene ke liye
@somabhadra3 күн бұрын
Kripya , ap hrishi kanad ka abishkar bataye ga ,tab newton ka action reaction ki asli sach patachalega.
@karnveersingh57483 күн бұрын
क्या आपके पास ऐसी सिद्धियां हैं। या फिर आप किसी पुस्तक में वर्णित बातों से जानकारी दे रहे हैं। वे पुस्तक काल्पनिक या ये सब बातें कल्पनाएं भी तो हो सकती हैं।
@brahmandvigyan3 күн бұрын
Yog दर्शन विभूति पाद में सब कुछ है
@flashhub14 күн бұрын
Wah bhai ❤
@DiscoveryofSelf04 күн бұрын
योगी कहते हैं कि पुराण महाभारत आदि रूपक हैं
@preetipant1484 күн бұрын
माता मंजुलिका जी से कहाँ संपर्क कर सकते हैं
@subhashpathak94804 күн бұрын
प्रभु आप परम ज्ञानी है, इतनी कम उम्र में इतना गहरा ज्ञान निश्चित ही पूर्व कर्मो की पूंजी है, ईश्वर की विशेष कृपा है आप पर,
@brahmandvigyan4 күн бұрын
Dhanyawad 🙏
@suryanathchaturvedi56194 күн бұрын
Ati uttam please continue.....aapke gyan ka shrot kya hai ....anubhav ya pustakiye gyan
@brahmandvigyan4 күн бұрын
Ved Brahman Granth etc anubhav bhi
@Silent-lf4ce4 күн бұрын
Thank you ❤
@DiscoveryofSelf04 күн бұрын
योगी सत्यम कहते हैं कि वध का अर्थ चेतना का रूपांतरण है देह की हत्या नहीं। राम के जीजा ऋषि ऋंगी की आत्मा कृष्ण दत्त ब्रह्म चारी के शरीर में आकर बताती रही कि महाभारत की कहानी सच्ची नहीं है।
@RudraSHIVOHAM094 күн бұрын
Dhanya hai aap. Aapka Mangal Ho.🎉🎉🎉🎉❤
@AnilPise-i7g4 күн бұрын
ॐ
@mohittiwari29754 күн бұрын
परम तत्व को जानने के लिए दो मार्ग हैं, ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग। आप ज्ञान मार्ग के पथिक हैं, पर भक्ति मार्ग वाला भी मूर्ख नहीं है ॐ सांब सदाशिव ॐ 🙏
@brahmandvigyan4 күн бұрын
भक्ति शिर पर हाथ रखकर नहीं होती भाई, भक्ति के वैज्ञानिक स्वरूप पर वीडियो बनाया है मैने
@mohittiwari29754 күн бұрын
@brahmandvigyan फिर हमारे ऋषि मुनि ने ज्ञान मार्ग को अत्यंत कठिन क्यों बताया, भक्त और ज्ञानी में क्या भेद है 🕉️
@pankajgahlot85494 күн бұрын
Hlo sir namaste. Aap ki video ke content ka source kya hai. Aap kon kon si books padte hoo. Book books ka naam bhi aap hume batayein. Aap ke gyan knowledge ka source kya hai. Please aap mera margdarshan kree. Guru. Dev kyu ki me aap ki video ko dekhta hu. Please guide me 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
@brahmandvigyan4 күн бұрын
Brahmand Vigyan contact number 9721014405
@pankajgahlot85494 күн бұрын
Aap mujhe aese hi btaa dijiye Guru dev book's ke naam
@jagbirsingh99005 күн бұрын
Good
@strange_world_025 күн бұрын
adbhut advait ji, big bang ka khandan kariye 🙏🕉️
@jagbirsingh99005 күн бұрын
Thanks wonderful
@amrutbhainai9175 күн бұрын
Very good Abhinandan ❤
@brahmandvigyan5 күн бұрын
Dhanyawad 🙏
@GayatriVishwakarma-hcg5 күн бұрын
Bahut sundar achhi jaankari hai 🙏
@brahmandvigyan5 күн бұрын
Dhanyawad 🙏
@shubhangidoke81075 күн бұрын
अपानो जुह्यती प्राणं प्राणापाने तथापरे। प्राणापान गती रुद्धव: प्राणायाम परायण:।। श्री मद्भगवतगिता अ. ४ श्लो. २८
@technokapil82365 күн бұрын
बेहतरीन जानकारी, continue रखिएगा, view की चिंता मत करिएगा!
@kamalakarpatil50885 күн бұрын
अद्वैत आप का काम बहोत ही ऊच्च स्तर का है ! जिस मनुष्य को बुध्दी होगी वही आप को सुन पायेगा, बैल आप को नही सुन सकते !
@brahmandvigyan5 күн бұрын
Dhanyawad 🙏 इतना बड़ा नहीं हूं मैं।
@brahmandvigyan5 күн бұрын
इस कार्य को समझना ही बड़ी बात है लोगो के लिए
@ramchandradey40595 күн бұрын
Thanks for raising the issue .It is a complex issue ,not a simple one but can be simplified through concepts like ayu and vayu . 2) Pranasmi prajnatma 3) prana satyam ,atma satyasya satyam 4) Primordial prana is to be differentiated in principle ( tatwatah ) from gross vayu and subtle prana , nadi ,swara,chhanda ,kaala and its complementaries ,
@parjijikuvarji47905 күн бұрын
नमस्कार
@brahmandvigyan5 күн бұрын
नमस्कार
@rohitshahyoutube5 күн бұрын
👌👍🙏क्या हम यह कह सकते है कि प्राण तो एक ही है लेकिन शरीर में प्रविष्ट होने के बाद यह प्राण १० विभिन्न प्रक्रियाओं से शारीरिक गतिविधियों को संचालित करती है इसलिये एक ही प्राण अपने क्रियाकलापों के अनुरूप १० नामों से उच्चारित किया जाता है ! 🙏🙏🙏
@brahmandvigyan5 күн бұрын
हां बिल्कुल सही
@RetroRewind-20255 күн бұрын
हां प्राण एक ही है लेकिन अलग अलग भूतों पांच भूतों मा भूतों तन मात्राओं से संयुक्त होकर प्राणों की भिन्न प्रकार हो जाती है यानी की ऊर्जा एक ही है लेकिन ऊर्जा के आयाम और दोलन अलग अलग है पत्थर में वही प्राण है जो जीव में है या वनस्पति में है विज्ञान इसको समझने लगा है और विज्ञान इसको नाम देता है बायोप्लाजमा
@savetheearth125 күн бұрын
Bahut achha
@sanjoybasak49705 күн бұрын
Ab mujhe samajhme aa raha hai Atma, Paratma, Devtaa, Brahma Vishnu, Shiv, Shakti kya hai. Jai Shree Ram. 🙏
@brahmandvigyan5 күн бұрын
Dhanyawad 🙏, time mile to notebook me important jankari likh liya kijiye
@HarjinderSingh-gq7gi5 күн бұрын
Salute nice video now we developed Inder tatav feel good when watch your video and you are saying absolutely right 🙏🙏🙏