Ek dam sahi satik. Bahut bahut dhanyawad! Aapko pranaam.
@rkroze29403 ай бұрын
अतिः सुंदर ॐ विष्णु
@Veryvery.24 күн бұрын
Aisa lag raha hai ki aapne aatma ka sakshatkar karwa diya. Aapka atyant dhanyawad.🙏🏻
@sunilakumari34902 ай бұрын
बहुत सुन्दर
@sunilakumari34902 ай бұрын
😮😮😮😮❤❤❤❤❤
@बाबाभविष्यनाथ82133 ай бұрын
भाई सृष्टि में कुछ भी जड़ नहीं है सबकुछ चेतन ही है। किसी भी पदार्थ को जड़ कहना ये हमारा ही मति भ्रम है।
@trustworthy-guy64083 ай бұрын
🎉❤
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
Very very very very interesting video 🎉🙏🙇🕉️
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
Ji dhanyawad 🙏👏 aapka 😌🙏👏🕉️🕉️🕉️🕉️
@RK-wk5ii3 ай бұрын
सृष्टि में कर्म किए बिना कोई मनुष्य रह ही नहीं सकता। कर्म न करना भी एक प्रकार का कर्म है क्योंकि करने योग्य कर्म करना = धर्म करने योग्य कर्म न करना = अधर्म निषिद्ध कर्म करना = अधर्म निषिद्ध कर्म न करना = धर्म जब पुण्य और पाप बराबर तो मनुष्य जन्म मतलब मनुष्य के असंख्यात कर्म होंगे क्योंकि अनंत कर्म के पाप-पुण्य बराबर नहीं हो सकते और मनुष्य जीवन में केवल दो ही कर्म ये हो नहीं सकता बाकी तो भोग योनियां है। मोक्ष से छूटने पर नैमित्तिक ज्ञान नष्ट हो जाता है केवल स्वाभाविक ज्ञान रहता है कर्माशय कभी शून्य नहीं होता । मूल कारण = कर्म कार्य = मन इन्द्रियादि साधन जो ईश्वर ने कर्मानुसार दिया। ऋषि दयानंद के वेद भाष्य में लिखा है कर्मों का फल देने में वायु मुख्य हेतु है वायु ही जन्म मृत्यु, वृद्धि नाश का हेतु है। वायु से ही हमारे स्थूल और सूक्ष्म कार्य भावनाए आदि संचालित होती है । वायु चित्त के संस्कार को प्रभावित करती है चाहे वो प्राणादि हो या वातावरण हो या वात बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ। वायु नामक ईश्वर ने हमें भौतिक वायु भी कर्मानुसार दिया है। मेरा निष्कर्ष तो यही है कि शरीर कर्मज है । जन्म का आधार कर्माशय ही है मन तो साधन है संस्कार समाप्त हो सकते हैं लेकिन कर्माशय नहीं।
@GovindYadav-jd6jl3 ай бұрын
❤ आपकी बातें बिल्कुलसत्य की कसौटी पर बिलकुल खरी है जब आत्मा का ज्ञान परम समर्थ का बहुत जाता है तो वह आत्मा श्री राम श्री कृष्णा बन जाता है उसे सृष्टि का कोई रहस्य छुपा नहीं रहता
@taujikavigyan32223 ай бұрын
प्रलय के बाद भौतीक जगत का ही वीनाश होता बाकी सभी चीजे यही पर वीराजमान होती है
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
🙏🙏👏👏👏👏
@hiphopsong56743 ай бұрын
तीन प्रकार के विष्णु... पर भी video लाइए,,,(पद्मपुराण सृष्टि खण्ड से),,,,
@PushpendarLaxkar-pi3tp3 ай бұрын
भाई यह बात भी है कि हम शरीर में और मोक्ष में पूरी तरह ईश्वर की महिमा को नहीं जान सकते उसका बस 1% ही जान सकते 99% ढाका रहता है यह ईश्वर की महिमा है❤
@ringodada12973 ай бұрын
हरी हरी लीला धारी के लीला कुछ भी समझने के इच्छा को त्याग देना है भ्रम के कारण याने की धोखा मायावी गुब्बारा के बन्धन को पेंहचान कर लेना गुब्बारा शरीर को पेंहिचान वह हम नहीं है हम परम आतमा का एक आंश है हम आतमा है जय भोलेनाथ ॥
@RanjitSingh-gu9tu3 ай бұрын
Apki manohar khaniyaan sunkar achi nind ati hai.😅😅
@rajendra93143 ай бұрын
Kaun si class tak padhaai ki hai
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
👍👍👍👍👍👍
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
Humare bhi questions h .💯💯😌 Par time milte hi puchege hum sir 🙏 🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙏🕉️
@manojkumarsingh39703 ай бұрын
Pralay se pahle jiska jaisa kerm hoga uske anusar hi new srishti me janm milta hai
@kamalakarpatil50883 ай бұрын
एक चतुर्युग के बाद अर्धप्रलय, १ मन्वंतर के बाद प्रलय, १००० चतुर्युग के बाद कलप्रलय याने ब्रह्मा के एक के बाद और ब्रह्मा के १०० साल महाकल प्रलय होता जिस मे पूरे ब्रह्मांड विनाश हो जाता है. आत्मा का अस्तित्व ही खत्म हो जाता है. तब शिव black hole बन जाता है.
@BHSengva3 ай бұрын
आपके जवाब देने से पहले मैं अपना अनुभव बता दूं मेरा अनुभव यह है कि जब तक जीवात्मा मोक्ष में नहीं जाती तब तक प्रलय में भी कर्म नास नहीं होता
@arunsinghrana32653 ай бұрын
"वैदिक विज्ञान ही सत्य विज्ञान है"
@brahmandvigyan3 ай бұрын
जी धन्यवाद
@deepakkumarpatel89333 ай бұрын
नमस्ते
@SoulFul-kv3dp3 ай бұрын
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
@ringodada12973 ай бұрын
हरी हरी इतना भारी में उदाहरण देने से भोले भाले मानस एकदम से भटक जाएगा सहज में कह दो जैसे की ले लो एक गुब्बारा गुब्बारा के बाहर वही है उसके अंदर भी वोही है बाहर जो है उसे परम्आत्मा कहा जाता है गुब्बारा के अंदर जो है उसे आत्मा कहा गया है जो गुब्बारा है वह यथार्थ में कुछ नहीं है याने की धोखा एक भ्रम जब भ्रम हंट गया तो आत्मा फिर से परम्आत्मा में विलीन हो गया जय भोलेनाथ ॥
@BHSengva3 ай бұрын
ऐसा होता नहीं है तो फिर क्यों
@ringodada12973 ай бұрын
@BHSengva हरी हरी हे महा मानव कृपा कर कोई दूसरा प्रकार से प्रश्न करो आप का प्रश्न समझ में नहीं आता हम ठहरा एक अल्प बुद्धी वाला भोला अग्यानी यूं हीं कुछ अनाप शनाप लिख दिया हिंदी भी गत को नही आता हैं पर प्रयास कर रहा हूं जो कुछ परम्आतमा गियात कराता है जैसे गियात कराता है वैसे हीं लिख देने को कुछ पढ़ा लिखा नहीं हूं रहता हूं उसी खंड स्थान पर निर्दोषी प्रकार से जिनका ज्यादा तादात मे सभी भारतीय प्रयास करते हैं गोरे तलुए चाटने को याने की यूरोप में धन्यवाद जय भोलेनाथ ॥
@sanjoybasak49703 ай бұрын
Adwait ji mere hisab se aap bilkul sahi ho. जय श्री राम।🚩🙏 Aapse se ek baat puchta hoon. Mai jab bhi Ram naam sunta hoon tab mere andar kuch hone lagta hai. Mera aankh paani se bhar jata hai. Iska matlab kya hai?
@brahmandvigyan3 ай бұрын
Iska matlab aap bhi yog Marg par age badho
@meenagrover69113 ай бұрын
अव्यक्त अवस्था का रूप - रंग .. किस प्रकार का अनुभूत होता है
@vinodkaliyani62633 ай бұрын
Perelalaworld ke bare me video banay
@premprakashjauhari27513 ай бұрын
Chitta is that part of anthakaran (mind) that survives the physical death of a person. It contains the karmic record of that person like the hard disk of a computer. When the soul of that person gets moksha, his chitta and ego are lost because he had no desires left and worked out all his bad karma before he died. He is a free soul and free from bondage.
@LgoLe337353 ай бұрын
❤𝓐𝓾𝓶
@बाबाभविष्यनाथ82133 ай бұрын
भाई में फिर आपसे कह रहा हूं की ईश्वर अगला जन्म नहीं देता ये अपने आप ही होता है क्योंकि सबकुछ अपने आप हो रहा है। कोई कुछ नहीं कर रहा है।
@AnilSharma-s5s9i2 ай бұрын
मोक्ष प्राप्त आत्माओ की क्या स्थिति रहती क्या अत्म स्थिति भी खत्म हो जाती है?
@brahmandvigyan2 ай бұрын
नही रहती है
@nandaraut38293 ай бұрын
Chetna aur aatma yek hai ya Alag hai
@brahmandvigyan3 ай бұрын
Aatma tatva hai aur Chetna uski properties
@binasinha21653 ай бұрын
क्या चेतन ही आत्मा है और उसका संबंध अनुभव से है ??? प्रलय के बाद क्या चेतन उसी अनुभव के ज्ञान के आधार पर जन्म लेती है ?
@RK-wk5ii3 ай бұрын
क्या आप बता सकते हैं कि युगों की घटती संख्या क्यों है? 1728000, 1296000, 864000, 432000 ऋषि दयानंद वेद भाष्य में बताने वाले थे लेकिन दो ही वेद भाष्य कर पाए 😢 पता नहीं इसका उत्तर इनमें है या नहीं। इसका उत्तर मिल जाए तो सूर्य की आकाशगंगा मे गति का ठीक अनुमान लगा सकते है क्योंकि संभवतः मन्वन्तर काल ( लगभग ३० करोड़) आकाशगंगा की परिक्रमा का काल है जिसे माडर्न साईन्स २५ करोड़ बताता है।
@tenzinnams-w7x3 ай бұрын
phal karm deta hai naki ishwar
@ravisankarravishankar4923 ай бұрын
Aapke Gyaan se main sahmath hoon,,,,,, Muslim Dharm ka kya kare,,,,jo kuraan me likha hai uske khilaaf galtiya karte hai,,,karne pe majboor bhi karte hai,,,,is baare me kya bologe AAP???
@sanjoybasak49703 ай бұрын
Yeh duniya parivartanshil hai. Jo khud ko parivartit nahi karte hai unko gyan dena bekar hai. Hum log janm lete rahte hai gyan paane ke liye. Khud ki Atma aur Ishwar ko samajhne ke liye. सत्यम शिवम सुन्दरम्। 🚩🙏
@abhishekSingh-hd9du3 ай бұрын
Agar ishvareey tatva me dev , ashur aadi hai to maanav me bhi dev , ashur pravritti rahegi Ayi to ishvariy maaya hai
@ramdevdixit-sj7ys3 ай бұрын
Samst jivatma ko Isawer apane me samet leta hai.Iaswer ka ans hai
@tarun14503 ай бұрын
Aapka mat sahi laga par mujhe yeh bhi lagta hai ki shuru me Chetna shakti teen guno ke sath bat gai phir shuru hua karmo ka khel phir tabhi se sabhi karmaphal bhugat rahe hai end me phir vahi recycle
@Maheshchuhan33 ай бұрын
Ye jankar kya karege bhai kuch matlab nai hai😢😢😢😢😢😢😢
@बाबाभविष्यनाथ82133 ай бұрын
भाई सबकुछ अपने आप होता है कोई कुछ नहीं करता है। जो भी आगे आए करते जाओ। जो होना है वो निश्चित समय पर अपने आप हो जायेगा। फिर चाहे वो महाप्रलय हो या फिर से नई सृष्टि रचना। इसमें बहुत बुद्धि या ज्ञान लगाने की आवश्यकता नहीं है। नाहक ही परेशान हो रहे हो।
@बाबाभविष्यनाथ82133 ай бұрын
या तो सृष्टि मंत्र कहो या फिर प्राकृतिक मंत्र कहो। ये बार बार वैदिक मंत्र कहना छोड़ दो। क्या ये मंत्र और सृष्टि वेदों ने बनाई है?
@Eshant243 ай бұрын
Ek hi baat ko baar baar repeat mat kiya kar itna mat khicha kar.
@vikrantpoonia53743 ай бұрын
U are wrong Ye ek garh nhi h ? U are not hindu Fr sh.krisna .shh.ram. any inhune jinhe mara ? Aur sacchayi DRM ki jeet huyi ?? SBB shi huta to glt kyaj ? Bat bni nhi
@gadesunilworks3 ай бұрын
100% mind (brain) activation ka kuch tarika hoga apne granth me please bata dijiye uske baare me