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उपलब्धियों को याद करते हुए एवं भविष्य की योजनाओं की नीव के साथ मनाया गया टेरी संस्थान का 15वा स्थापना दिवस
भारतवर्ष के महान संत स्वामी विवेकानंद की जन्मजयंती दिवस, और से 14 वर्ष पूर्व इसी दिन टेरी संस्थान की नीव रखा जाना, एक संयोग मात्र नही है, यह संस्थान की दूरदर्शी सोच और भावी पीढ़ी के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है । और आज अपने स्थापना के पंद्रहवें वर्ष को संस्थान ने बहुत आत्मीयता के साथ मनाया | कार्यक्रम का शुभ आरम्भ संस्थान के प्रशासनिक भवन में हवन के साथ हुआ, पूर्णाहुति के उपरांत सभी सम्मानित गण संस्थान के कांफ्रेंस रूम में एकत्र हुए, जहाँ संस्थान के निदेशक डॉ. सागर गुलाटी ने सभी आगंतुकगणो का स्वागत एवं अभिनन्दन किया, अपने उद्बोधन में उन्होंने स्वामी विवेकानंद को विश्व जगत का मार्गदर्शक बताते हुए युवा पीड़ी को उनके पद चिन्हों पर चलने का आवाहन किया | उन्होंने कहा, वैसे तो 13 वर्ष किसी संस्थान के लिए, कोई बहुत बड़ा अरसा नहीं होता, संस्थान बनने में सैकड़ो वर्ष लगते हैं, पर इन प्रारंभिक वर्षों में टेरी एक संतोषजनक नीव स्थापित करने में सफल रहा है | इस प्रारंभिक वर्षों में 3 आई आई टी (दिल्ली, बॉम्बे, मद्रास) से टेरी की मान्यता, आई ऐ ओ, यू एस ऐ से टेरी की सम्बद्धता, 24 राज्यों, नेपाल, बांग्लादेश एवं अफ़ग़ानिस्तान आदि के छात्रों की टेरी में उपस्थिति, एवं टेरी के पूर्व छात्रों का 19 देशों में विभिन्न पदों पर होना प्रसन्नता का विषय है, उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि आने वाले वर्षों में और भी उपलब्धियों के लिए टीम टेरी प्रयासरत है |
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. गुलाटी ने युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए उनकी जिम्मेवारियों का भी एहसास कराया और कहा कि विश्व भारत को आशा की नज़रों से देख रहा है, और आने वाले समय मे हमे ना केवल अपने देश के लिए, अपितु एशिया एवं विश्व के लिए भी एक उदाहरण के रूप में खुद को प्रस्तुत करना है, जिसमे हमारे युवाओ का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा ।
इस अवसर संस्थान की अध्यक्षा श्रीमती गरिमा गुप्ता ने कहा कि जल्द ही संस्थान एक प्रसिद्ध इंडस्ट्री-पार्टनर के साथ मिलकर कुछ नए शार्ट-टर्म और लॉन्ग टर्म कोर्सेज शुरू करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे ।
संस्थान के सचिव ने कहा कि शिक्षण संस्थान का कार्यवाहक होना एक तपस्या की तरह हैं, जिसके लिए टेरी का प्रशासन प्रतिबद्ध है, गुणवत्ता पूरक शिक्षा के टेरी के प्रयास निरंतर रहे हैं, और निरंतर ही रहेंगे ।
कार्यक्रम के अंत में सभी आगंतुको, अध्यापकों एवं छात्रों के लिए लंगर प्रशाद की व्यवस्था थी । कार्यक्रम का संचालन प्रो. पारुल चुटानी ने किया, इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रो. विवेक शर्मा, प्रो. नेहा गुलाटी, प्रो. राजेश कुमार, प्रो. करन वढेरा, प्रो. सुधीर चौधरी, प्रो. प्रदीप सादयान आदि उपस्थित रहे ।
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