सर जी ; आपने यह जाे समझा रहे हाे. इस से ताे दिमाख के पट खुल गये.सारा भ्रम दुर कर दिया. अंधकार से उजाले मे लाया. धन्यवाद सर जी . 🙏
@RabishkumarKumar-o7k3 ай бұрын
Very nice video ❤❤❤
@laxmangondhali80968 ай бұрын
आत्म ग्यान की एकदम सही भाषा आपने आपने व्याख्याकरके आपने हमे अनुग्रहीत किया है!आपको कोटी कोटी प्रणाम माऊली!🌹🙏🙏🙏🙏जय श्रीकृष्ण!🌹🙏🙏🙏
@prashantchimote64737 ай бұрын
आज आपने सबसे सत्य ज्ञान की प्रस्तुती की, यही ज्ञान है बाकी सब झूठ है
@shilpideydas90256 ай бұрын
Right❤❤❤
@rajnagrale68808 ай бұрын
बोहत अच्छे से समझाया आपने धन्यवाद
@Sunita6005-b1r7 ай бұрын
आचार्य जी को सुनने से मुझपर रोक लगा दिया है,मैं आज भी आचार्य जी को सुनना चाहती हूं,बस सह रहे इनके पकड़ से मुक्त हो जाऊं। मुझे विश्वास है आप आचार्य प्रशांत जी के ही शिष्य हैं।
bilkul shi bola aapne mene bshut vidhi ki par kuch nhi mila or jab mila to aesa kuch nhi hua jase socha tha but jo khushi mili bi sabdo m nhi bta sakte khudh ko jaan lo khudha tak pahuch jaoge
@GagahBasra7 ай бұрын
क्या वो ख़ुशी ऐसी थीं ? आत्मज्ञान ~ मन का सिकुड़ करके गायब हो जाना! और फिर असीमित ख़ुशी! जो बढ़ती बढ़ती इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है जिसकों शब्दों मे समझा पाना लगभग असम्भव है! ऐसा लगता है जैसे एक हज़ार चीटिया दिमाग़ मे रेंग रही है और एक चींटी असीमित खुशी पैदा करती है! फिर एक खोषणा अपने आप होती है (मै ही यह दुनियां चलाने वाला हु ) ऐसा लगता है जैसे मै खुदसे पहली बार मिला हु! और मैने हाथ जोड़कर खुदका स्वागत किया! ( मेरी मानो इन सब से दूर रहो क्योकि इतना सब देखने के बाद = इंसान इस एक्सपीरियंस के लिये तड़पता है लेकिन यह एक्सपीरियंस दुबारा रपीट नही हो रहा होता है ) इस आत्मज्ञान के एक्सपीरियंस के फायदे भिखारीपन चला जाता है,मतलब मुझे यह चाहिए वो चाहिए सबकुछ चला जाता है! इंसान चुप चाप अपना काम करता है! वो बोलने तक का कष्ट नही करता! यह आपको बेहतर इंसान बना देता है! आत्मज्ञान के नुकसान ~ दिमाग़ मे सारी ऊर्जा चढ़ने के कारण, awareness बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है, जिस कारण psychological changes आते है! लोग बोलते भी है तो डर लगता है क्योकि आपको उनके भाव दिख जाते है! लगभग पागल होने वाली हालत होती है! सिर दर्द, कान मे शा......... शा..... की आवाजो का गुजना जिसे अनाहद धुन भी कहते है! दिमाग़ की सारी नसे फूल जाती है ऐसा लगता है जैसे गुब्बारा फूल रहा है और माथे के ऊपर की eye bro की नसे भी फूल जाती है! मन गायब हो जाता है! यह भी एक बढ़ी प्रॉब्लम है! कुछ भी चाहिए नही होता यह तो उससे भी बढ़ा पागलपन है
@AKSchannal7 ай бұрын
Asli Zindagi jeena hi atm gyan Behoshi me kha mja❤
@goverdhandas95378 ай бұрын
यही कल्पना भरे है इंसान का दिमाग में ईश्वर भी एक आकाश में बैठे है सोचते है ❤
@laxmangaikwad78598 ай бұрын
🙏
@rajeshmishra13227 ай бұрын
आपने स्वयं को क्या जाना कुछ अनुभव अनुभूतियां बताइए us anant ko anubhav kiya kya
@UdaramKukna8 ай бұрын
जय श्री राम जय राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम ❤️🙏🙏
@secretsreality3427 ай бұрын
Isi liye Buddha ne sabkuch ek hi line me keh diya tha 'Nothing is permanent ' what a line This is applicable on everything to materialistic universe to non materialistic thoughts vichar which come for one second and at next moment it disappears and another one come nothing is permanent So how your gyan can be permanent which Buddha or osho or krishna or etc. Gyan is nothing but to understand this one line Nothing is permanent ''
@UdaramKukna8 ай бұрын
जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय राम जय राम जय जय श्री राम ❤️🙏🙏
@rajnagrale68808 ай бұрын
Sir आपसे आज का आत्मज्ञान हुआ अभी के क्षण का
@BlossomWhite8774 ай бұрын
Well do you think after death people can meet God? Like do they really meet him????
@rajeshmishra13227 ай бұрын
आप जे कृष्णमूर्ति से प्रभावित हैं कृष्णमूर्ति तो पहुंच गए लेकिन उनके पीछे चलने वाले नहीं पहुंच पाए
@virendrahantal13998 ай бұрын
❤😇😊👍👌👏💗👍👍🙌💗🌺💐
@pramodagrawal71127 ай бұрын
आपको आत्मज्ञान हो गया? स्वयं को यह देह और मन नहीं मानना, जानना, समझना और सौ % विश्वास हो जाना आत्मज्ञान है। ब्रह्म जीव और माया तीनों सनातन है और अविनाशी है। ब्रह्म मायाधीश है और जीव मायाधीन।
@AkshuSahane8 ай бұрын
आत्मबोध जरुरी है,उसका ज्ञान ही आत्मज्ञान है.जो आप ज्ञान बता रहे है,वो सिर्फ बाते है.
@GagahBasra7 ай бұрын
आत्मज्ञान ~ मन का सिकुड़ करके गायब हो जाना! और फिर असीमित ख़ुशी! जो बढ़ती बढ़ती इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है जिसकों शब्दों मे समझा पाना लगभग असम्भव है! ऐसा लगता है जैसे एक हज़ार चीटिया दिमाग़ मे रेंग रही है और एक चींटी असीमित खुशी पैदा करती है! फिर एक खोषणा अपने आप होती है (मै ही यह दुनियां चलाने वाला हु ) ऐसा लगता है जैसे मै खुदसे पहली बार मिला हु! और मैने हाथ जोड़कर खुदका स्वागत किया! ( मेरी मानो इन सब से दूर रहो क्योकि इतना सब देखने के बाद = इंसान इस एक्सपीरियंस के लिये तड़पता है लेकिन यह एक्सपीरियंस दुबारा रपीट नही हो रहा होता है ) इस आत्मज्ञान के एक्सपीरियंस के फायदे भिखारीपन चला जाता है,मतलब मुझे यह चाहिए वो चाहिए सबकुछ चला जाता है! इंसान चुप चाप अपना काम करता है! वो बोलने तक का कष्ट नही करता! यह आपको बेहतर इंसान बना देता है! आत्मज्ञान के नुकसान ~ दिमाग़ मे सारी ऊर्जा चढ़ने के कारण, awareness बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है, जिस कारण psychological changes आते है! लोग बोलते भी है तो डर लगता है क्योकि आपको उनके भाव दिख जाते है! लगभग पागल होने वाली हालत होती है! सिर दर्द, कान मे शा......... शा..... की आवाजो का गुजना जिसे अनाहद धुन भी कहते है! दिमाग़ की सारी नसे फूल जाती है ऐसा लगता है जैसे गुब्बारा फूल रहा है और माथे के ऊपर की eye bro की नसे भी फूल जाती है! मन गायब हो जाता है! यह भी एक बढ़ी प्रॉब्लम है! कुछ भी चाहिए नही होता यह तो उससे भी बढ़ा पागलपन है
@nanuk52438 ай бұрын
Brahmacharya jisko aajkal physics naam de diya hai ,ka gyan sahi ho toh baaki saab automatically ho jata hai.Saare vikaar apne aap khatam hote jate hai. Essko paane ke liye physical work karne se bhoot help milti hai.Aur Agar yeh gyan galat ho jaye toh yeh bharam chariya mtlb jeevan automatically confusion, illusion ban jata hai. Brahmacharya ka gyan bhoot aasan hai esko ek bina school gya insaan bhi samjh skta hai Lekin physics ka pata nhi jo esko janta hai wo hee eske baare mein kuch keh sakta hai.
@kumar33218 ай бұрын
आत्मज्ञान एक सतत प्रक्रिया है । यह किसी तंत्र मंत्र का कोई विधि विधान नहीं है ।🙏
@SagarKenbavi-rn1bs7 ай бұрын
बिल्कुल सही कहा आपने महानुभाव जय श्री राम 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@VivekanandJagatp8 ай бұрын
aham brahmasmi
@rajeshmishra13227 ай бұрын
इतना सरल नहीं है स्वयं को जानना पहला sukcham शरीर फिर कारण शरीर और उसके बाद आत्मा तक पहुंचना बिना गहरी आस्था के आत्मा को यह स्वयं को नहीं जाना जा सकता
@MrIndia-ly8mh7 ай бұрын
आत्मज्ञान का मतलब ईश्वर से संलग्न होना Exact meaning of Aatmagyan, one has to isolate from his own body ( he must have experience that he is totally separate from his own body) . what we see number of books is a information not a Gyan.
@sureshbhatt31838 ай бұрын
Only Atma can attain Atma only.No one else."Log"(menkind )is one intellectual creature in the universe who can only think about truth/untruth.
@Imsaumyaray8 ай бұрын
Aatmagyan matlab human biology function samaj lena...
@osmartmike59088 ай бұрын
Jiada log jah samjta ha ka parmatma ko malka bahut dan mail javaga ma Asia he samjad see
@sagarkolawale86167 ай бұрын
You are proving neem karoli baba,Swami samarth wrong,,,,
@technicalandcomputergyan45238 ай бұрын
Atma gyan bolke kuch nehi hota hai , atma upolabdhi hota hai , atma jannne ka koi bastu nehi hai
@kattarhanumanbhkt49288 ай бұрын
क्या आपको वो उपलब्धि हो गई है ??
@kattarhanumanbhkt49288 ай бұрын
और वो कोई उपलब्धि है ये आपको कैसे पता चला ।।
@dattnamkamble49308 ай бұрын
Bhai yeh sab sirf Tume hi lagta hai dusroko nah.. yeh sab tumari dharna ya tumara experience hai ..
@maheshpal94158 ай бұрын
आपको कुछ नहीं पता
@KrishanSharma-lx1wu8 ай бұрын
Ap is missing
@aditya44157 ай бұрын
भाई विचारो से मुक्त होना ,,, ही ध्यान है ,,, ये कहा से सीख के आ रहा है तू,,