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Noha ll Abbas Ka Lasha Mai Nahi Laya Sakina l Anjuman Sipahe Hussaini Bhanauli Sadat Nohay 2023 l Muharram 2023 Bhanauli Sadat ll Noha 2023
Reciter ll Anjuman Sipahe Hussaini Bhanauli Sadat
Muharram 2023/1445
Lyrics
भाई की जुदाई का लिए दर्द जिगर पर
दरिया से जो आये हैं शहे दीन पलट कर
थी दर पे खड़ी सैयदे मज़लूम की दुखतर
अये अहले अज़ा दर्द में डूबा था वो मंज़र
बाबा की तरफ देख के रोती थी सकीना
दिखला के अलम पढ़ते थे शब्बीर ये नौहा
अब्बास का लाशा मैं नही लाया सकीना
लाया हूँ तराई से अलम खून में डूबा
अब्बास का लाशा मैं नही लाया सकीना
बाबा से मेरी लाडली नाराज़ न होना
अब्बास का लाशा मैं नही लाया सकीना
1
जब खाली अलम लेके मैं दरिया से चला था
हर एक कदम पर मैं यही सोच रहा था
फट जाए न मासूम सकीना का कलेजा
जब अपनी दुलारी से मैं ये जाके कहूँगा
2
चलता है कलेजे पे मेरे दर्द का खंजर
मारा गया प्यासा मेरा मज़लूम बरादर
मलता हुआ हाथोँ को मैं आया हूँ पलटकर
ये दर्द मेरे दिल से जुदा हो नही सकता
3
मुझसे तेरे अम्मू ने कहा था मेरी प्यारी
अब्बास की ये आखरी ख्वाहिश थी दुलारी
ले जाना न खैमे की तरफ लाश हमारी
पूरी हुई अब्बासे दिलावर की तमन्ना
4
छोटा न करो दिल मेरी नादान सकीना
किस्मत का लिखा है ये मेरी जान सकीना
तुझपर ये तेरा बाप हो क़ुर्बान सकीना
ये बात मेरी लाडली दिल मे नही रखना
5
अब्बास के लाशें को तसव्वुर में बना लो
जी भर के चचा जान पे अश्कों को बहा लो
अम्मू का अलम लाया हूँ सीने से लगा लो
रह जाये न ये दिल मे कलक अये मेरी दुखिया
6
दिल पर जो मेरे ज़ख्म लगा कैसे बताऊँ
इस वक़्त मेरा हाल है क्या कैसे बताऊँ
सदमा जो मुझे आज हुआ कैसे बताऊँ
अब दिल मेरा हर वक़्त इसी ग़म से फटेगा
7
मासूम सकीना को कलेजे से लगा कर
रोये हैं बहुत देर तलक सिब्ते पयम्बर
कहते थे कि अब सब्र करो अये मेरी दुखतर
मैंने वो किया जो मेरे भाई ने कहा था
8
वाइज़ वो मुसीबत की बहुत सख्त घड़ी थी
मासूम सकीना दरे खैमा पे खड़ी थी
और लाश अलमदार की दरिया पे पड़ी थी
शब्बीर के इस बैंन से कोहराम था बरपा
तमाम शुद
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