हे मुनिवर! ज्ञान संबंधित, किसी जाति धर्म का नहीं होता। सभी ज्ञान आदि ग्रंथों से आई।यह ग्रंथ किसी जाति विशेष के लिए नहीं यह समस्त मानव के लिए हैं। जब अनुयायियों ने उन ग्रंथों में फिलोसॉफी को डाला तौ अनेक दर्शन उत्पन्न हो गए। चार्वाक बौद्ध जैन न्याय वेसेसिक अद्वैत वेदांत योग सांख्य उत्तर मीमांसा पूर्व मीमांसा ईत्यादि इत्यादि। लोग कन्फ्यूज हो गए। ईश्वर ने इन्ही आदि ग्रंथों को समय समय पर अपने अवतार भेजे ,भिन्न भिन्न भाषाओं में इसी ज्ञान को फैलाया गया जो पुरे विश्व में फैला। सारांश.... हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई पारसी यहूदी और भी नाम हैं यह सभ्यताएं संस्कृतियां हैं जिनकी परंपराएं अलग अलग हैं यह धर्म नहीं हैं। इन सब में से जो साधु संत फकीर विद्वान आध्यात्मिक से जुड़ जाते हैं वही सब का असली धर्म है। वे सब आपस में प्रेम करते हैं । असली ज्ञानी भी। बाकी तौ सभ्यताओं संस्कृतियों की तारीफों में लढ़ते रहते हैं।😭💞🙏😂💞
@IrfanAli-db6kb2 жыл бұрын
@@HamaraAteet हे मुनिवर! आप का हृदय कोमल है। सात्विक लोग छमा को बहुत पसंद करते हैं।आप पर ईश्वर की कृपा है। मौलाना साहब से पूछिए... आमंतु बिल्लाही .... मैं ईश्वर पर ईमान लाया, Malaikatihi... सभी फरिश्तों ( देवताओं) पर ईमान लाया वा कुतुबिही..... मैं सभी किताबों पर ( यानी 100 आदि ग्रंथों/सहीफों पर+4, टोटल 104 छोटी बड़ी सब) पर ईमान लाया .... अगर सब पर ईमान लाए । तौ यह श्लोक / आयत ... " जिस परमेश्वर से सम्पूर्ण प्राणियों की उत्पत्ति हुई है और जिस से यह समस्त जगत व्याप्त है उस परमेश्वर की अपने स्वाभाविक कर्मो द्वारा पूजा करके मनुष्य परम सिद्धि को प्राप्त हो जाता है। ( पवित्र गीता अध्याय 18:46,) यह shlok islamic भाषा में सहीफो से है। इन sahifon पर ईमान nhi होगा तौ दीन की रूहानियत/ अध्यात्मिक केसे बताओगे ईश्वर की मखलूक को। साथ साथ इसके यह पवित्र श्लोक सिर्फ हिंदुओं के लिए ही नहीं है।समस्त संसार के लोगों के लिए है। साथ साथ उन से यह भी पूछिए कि Al Quran sura Al Anam ayat 107,108 Ishwar ka aadesh है कि किसी की आस्था को बुरा न कहो। हे मुनिवर! हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई पारसी यहूदी इत्यादि यह सभ्यताएं संस्कृतियां हैं जिनकी परंपराएं भिन भिन्न हैं। यह धर्म नहीं हैं। Location marking हैं पोस्टल addtesses हैं बस। आध्यात्मिक होने पर सब एक ही धर्म के हो जाते हैं। ईश्वर ने हमेशा हमेशा के लिए एक ही धर्म उतारा प्रलय तक एक ही रहेगा। सनातन धर्म/ दीन/ रिलीजन बोलने से हृदय भाषा नहीं बदलती। हृदय भाषा एक ही रहेगी। हे मुनिवर! समस्त मोलानाओं की ओर से मैं chhama मांगता हूं यदि आप का दिल दुखा हो तौ छमा कर दीजिए ईश्वर के लिए ।💞🙏🤲💞
@DrBRSingh2 жыл бұрын
इमरान जी,आपको भी यदि "ज्ञानसागर" कह कर संबोधित किया जाय तो तनिक भी अन्यथा न लीजियेगा
@navendumishra76392 жыл бұрын
@@IrfanAli-db6kb bhai kahana kya chahte ho short me bolo ye jo dharm shabd baar baar likh rahe ho iski jaankari hai ye kaha se aaya?....
@ranjeetsing41092 жыл бұрын
Thanks is video ka leya
@deepakjoshi6642 жыл бұрын
आप विद्वान जान पड़ते हैं। 🙏 धर्म का तात्पर्य कर्तव्य से है।
@anuradhaaher2157 Жыл бұрын
मुझे ऐसी किताब की तलाश है... जो स्पष्ट करे भारत मे जातीव्यवस्था कब और क्यू शुरु हुई. आप कुछ मदत करेंगे ऐसा मुझे लगता है... जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. 🙏🙏🙏
@brijeshahirwar28072 жыл бұрын
Sir जी आप को मैंने खूब सुना आप की भाषाशैली अदभुत है समझाने का तरीका अनूठा है, आपका ज्ञान अन्य ऐतिहासिक विचारकों से बहुत अच्छा है,आप में जाति धर्म की बू नही है जो सच है सो है इसका ख्याल रख कर साहसपूर्ण प्रस्तुति देते हैं,आपके इस जज्बे को सलाम ।
@nareshganwre6603 Жыл бұрын
इसी से मालूम होता है कि नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय का क्या महत्व था।🙏🙏🙏
@dayaprasadgoliya33162 жыл бұрын
जानकारी अच्छी लगी, ज्ञानवर्धक है, सब कुछ बौद्धों के आसपास ही रचा गया अध्यात्म दर्शन है। आप accademic के हित में अच्छा काम कर रहे हैं, आपको साधुवाद।
@chetanpalsingh25522 жыл бұрын
अलबरूनी की किताब व आपके बक्तबय के सुनने के बाद ऐसा लगता है कि अधिक तर धर्म बुद्ध धर्म के सिद्धांतों से ही जनमे है इसलिए बुद्ध धर्म ही भारतीय अन्य धर्मों की जननी है
@historyofindiatourwithfood49292 жыл бұрын
सलाम सर, आप के ज्ञान की और इस काम की मेहनत के लिए आपको सलाम करता हूँ, सर आपने तो हमे १२०० वी सदी में ले गये, उस वक्त का भारत का प्परिचय कराया, वाह, मैं इतना तो जान ता हु, और बहुत पढ़ा है के भारतीय लोग बहुत ज्ञानी है, पूरे दुनिया में भारतियों का ज्ञान की तारीफ होतीं है, आप के मेहनत के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हु, आगे भी आप रोचक किताबो के बारे में ज्ञान दोगे ये उम्मीद करताहु, और एक बार शुक्रिया, मुंबई
@shaileshhindu7 ай бұрын
😊Excellent
@ganeshgade51582 жыл бұрын
संपूर्ण विश्व को ग्यान का प्रकाश देणे वाले भगवान बुद्ध को शत् शत् नमण
@devendra3686 Жыл бұрын
इन से इतिहास का पता चलता है उस समय की संस्कृति और स्थानों का पता चलता है लेखक पूर्वाग्रह से ग्रसित सभी रहते है लेकिन फिर भी इनसे मद्दत मिलती है इतिहास को जानने की।
@ShekharSingh-el6hg8 ай бұрын
Pehli baar Ved padha,kaafi rochak jaankari hai.🙏❤️🌹
@RavishKumar-bc7dw Жыл бұрын
साधारण जिज्ञासुओं को विभिन्न ग्रन्थों व पुस्तकों से भारतीय सन्दर्भ में परिचित कराने के लिए आदरणीय शिक्षक बन्धुवर को कोटि कोटि धन्यवाद🙏💕 बेहद की परमशान्ति🙏💕🎉
@Jambudwip-qy3ft2 жыл бұрын
प्रधानमंत्री भी जब विदेश जाते हैं तो वहां यह कभी भी नहीं कहते,कि मैं राम , हनुमान, दुर्गा,काली, शंकर, कृष्ण की धरती से आया हूं, वहां हमेशा उनको बुद्ध ही याद आते हैं, विदेश में कहते हैं मैं बुद्ध की धरती से आया हूं। बुद्ध ही तब इज्जत बचाते हैं।
@RajveerSingh-xh1yt Жыл бұрын
बौद्ध काल मे जम्बु द्वीप(अब का इंडिया) बहुत समृद्ध शक्तिशाली देश था मेगास्थनीज फाहीयान की किताबों से हमे उस काल की भव्यता का पता चलता है.बौद्ध काल के अस्त और ब्राह्मण धर्म के उदय के बाद देश खंडों मे बंट गया जिससे विदेशी हमलावर हमेशा जीतते रहे.
@AmarsinghKushwaha-e7q2 ай бұрын
बुद्ध के रास्ते से ही भारत विश्वगुरू बन सकता है।
@ramsametsaket9865 Жыл бұрын
बाचक महोदय आप के द्वारा जानकारी दी गई वास्तविक स्थिति की जानकारी देने के लिए धन्यवाद 🙏🙏🙏
@moolchandahirwar9506 Жыл бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आपकों देश को सच दिखाने के लिए,
@sukantasahoo42782 жыл бұрын
History is always written by the winners.
@RavishKumar-bc7dw Жыл бұрын
जिज्ञासु पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए आदरणीय शिक्षक बंधुवर को कोटि कोटि धन्यवाद🙏💕 बेहद की परमशान्ति🙏🎉
@abdullatif58118 ай бұрын
Bohat hi achchha Aap का gyaan Verdhak hai Aur bhasha she'll bohat behtar hai Ishwar aapko sada swasth sukhi rakhe. Dhanyvad
@rajkumarverma842 Жыл бұрын
बहुत आवश्यक एवं अच्छी जानकारी दी आपने धन्यवाद
@UnseenCase2 жыл бұрын
उस समय सभी महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय नालन्दा ,तक्षशिला आदि बौद्धों की थी ।
@bhayramyadav8433 Жыл бұрын
सर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं आप इसका पार्ट 2 और बना देंगे तो लोगों को और जानकारियां प्राप्त होगी
@sdatta7754 Жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏 सभी कुछ सामने है, देखने समझने की ही जरूरत है।
@flowofthoughts4226 Жыл бұрын
Thanks for your post for disclosing the truth...the thought tree..IAS RAS COACHING CENTRE JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV ESPECIALLY FOR UPSC RPSC ASPIRANTS.
@chetana97802 жыл бұрын
ब्राहमणवादि किस तरह झूठ बोलते थे. और झूूठ बोलकर बौद्ध मार्ग को खत्म कर रहे थे. ये किताब जीता जागता उदाहरण हैं.
@amanlalahirwar15982 жыл бұрын
महोदय एक वीडियो बुद्ध धर्म के वारे में भी बनाने की कृपा करें धंयवाद
@amitendugirdonia10072 жыл бұрын
बुद्ध धर्म नहीं सनातन परंपरा है. बुद्ध गौतम के पूर्व भी और पश्चात् भी यह सतत् प्रवाह में है. हमें इस पर गर्व है.
@mahfuzansari19872 жыл бұрын
Aap Jo kah rahe hain Sar ji ine Baton Se Main sahmat Hun Kyunki Main Al birni ko Kuchh had Tak Padha yah Satya hai Shukriya
@navendumishra76392 жыл бұрын
Sir aapne jo information di hai kaafi acchi hai.... Isse ye siddh hota hai ki aaj ke devi devta buddh se purane nahi hai
@VivekKumar-hg7hr2 жыл бұрын
🙏🏼
@AnaghEntertainment Жыл бұрын
आपने अल्बरूनी कि पुस्तक के सम्बन्ध में बहुत सुंदर जानकारीपूर्ण वीडियो बनाया है, इसके लिए साधुवाद। एक बात कमेंट्स को देखकर खटक रही है - यहाँ सनातन धर्म को नीचा दिखाने का पूरा प्रयास किया गया है। साथ ही बौद्ध धर्म को प्राचीनतम धर्म बताने का प्रयास किया गया है। ऐसा क्यों?
@rajeshreesawant27192 жыл бұрын
अलबरूनी की किताब से मालूम पडता है की देवि देवताओं की मूर्ती ब्राह्मणों की मन की कल्पना भर ही थी वास्तविकता का इससे कोई लेना देना नही था . यहाँ वर्णन हो रहा है , ब्राह्मण बता रहा है की कौन-सी मूर्ती कैसी होनी चाहिए अब इन मूर्तियों को बनाने के पिछे तर्क क्या रहता होता यह जानना बोहोत ज्यादा दिलचस्प है
@rausanjha80272 жыл бұрын
Murti to sabse pehle budhho ne hi bnaya tha
@gudiyagudiya96299 ай бұрын
आप की विडियो बहुत अच्छी लगी धन्यवाद प्रणाम आपको
@SantoshKumar-kv5ceАй бұрын
Dear Hamara Ateet sir ji good evening aap ko dil se Abhaar 🙏 🙏
@ashoksonavane46372 жыл бұрын
सब ज्ञान भगवान बुद्ध का है🙏
@urban_morphology Жыл бұрын
Dear sir, I have learned a lot from you. Being a scholar you must know production of new ideas isn't isolated process, it's interconnected process. We learn from each other. Saying that Muslims doest produce on their own it would be much exaggeration. They learn from India and Greeks, west learn from Arabs. China learn from India. India learn from West. Why this self obsession?
@SantoshKumar-kv5ceАй бұрын
Saari duniya me buddh hi Satya hai baki sub kalpanic hai namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
@jagbirsingh990016 күн бұрын
Excellent instructive thanks
@dineshpoorva Жыл бұрын
आपकी मेहनत के लिए धन्यवाद। बहुत बढिया जानकारी दी है आपने। 🙏
@exactlearner63292 жыл бұрын
बौद्ध भारत=विश्व गुरु भारत
@urmilaagarwal83972 жыл бұрын
अल्बर्टा की पुस्तक की जानकारी के लिए धन्यवाद आपसे आग्रह है कि आप पूर्ण सिरीज बनाए।
@archanaasthana89572 жыл бұрын
Bahut khoob 👍👍👍 very nice description of the book.... 🙏🙏🙏
@rinasingh8672 жыл бұрын
शंकराचार्य ने कहा कि ब्रम्ह का ज्ञानी चाहे जो कोई भी हो, वह गुरू योग्य है और वंदनीय है चाहे वह शूद्र हो या डोम।
@SunilKumar-hf9uu2 жыл бұрын
ladki k liye kya likha hai sabme ye bhi batao Hindu code Bill padho kya hai usme jo mila nahin tha womens ko.
@mqgamerz Жыл бұрын
मुसलमान को हर धर्म हर जाति हर् वर्ग का ज्ञान अपने मैं समाहित करने और उस पर अमल करने का श्रेय जाता है।लेकिन जिस समाज से मुस्लिमो ने ये ज्ञान लिया वह आज भी अंधकार मय जीवन जी रहे है इतनी ज्ञानपूर्ण पुस्तको के होते हुए भी आम समाज पाखंड और कर्मकांडी जीवन जी रहा है।ये सच है कि विद्वानों की किसी भी धर्म में कमी नही है।और मुस्लिम समाज आज उसे अपनाकर एक गौरवशाली जीवन व्यतीत कर रहा है।भगवान किसी एक के नही है। हर धर्म के लोग अपने अपने तरीके से पूजते है।हम सब निश्चित तौर से एक माता पिता की ही संतान है।सनातनी है,मुस्लिम है।
@BabuRam-bn5pw8 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यावाद साधुवाद 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@mahendrasalvi986411 ай бұрын
Sanatan dharma ki jai hoo 🚩 HAR HAR MAHADEV 🚩 🙏 JAI HIND JAI BHARAT 🇮🇳
@sachinphadtare80052 жыл бұрын
गौतम बुद्ध के पहिले बुद्ध पर video बनाए pls
@deonarayanyadav921011 ай бұрын
सैन्धव सभ्यता से नोमैड से सभ्य बने आर्यों के भारतआने के पहले हमारे यहाँ एक नगरीय कृषक एवं पशुपालक सभ्यता थी।जो आक्रामक नहीं थे।जिसके कारण या तो आर्यों के गुलाम बन गये या विस्थापित होकर विन्ध्य के पार से लेकर आष्ट्रेलिया तक फैल गये।
@udhaybhangoad53092 жыл бұрын
सुनने के बाद ऐसा लगता है कि जो कुछ भी हुआ है गौतम बुद्ध जीके बाद का ही है
@drjagathomeopathy2 жыл бұрын
बुद्ध का ही ज्ञान है ।बाकी सबने वहीं से लिया है ।हिंदू मुस्लिम इसाई सबने
@mulayamgautam105711 ай бұрын
Sabhi मूलनिवासी बहुजनो जय भीम नमो बुधाय
@jsyadav43682 жыл бұрын
Very valuable and true facts have been narrated in this video. Alberuni was captured by Mahmood Ghazanavi in his aggression in kheev. Very Impressive knowledge of reality of history has been provided in this video. Thanks alot.
@VinodSharma-wd4ru2 жыл бұрын
बहुत अच्छा ऐतिहासिक विवरण है
@ravikantsabale41932 жыл бұрын
Great Knowledge very nice 👍👍👍👍
@chetana97802 жыл бұрын
जो गीता का जिक्र आया हैं लगता है वो धम्म पद गीता का नाम हैं न की कृष्ण की गीता का नाम. क्योंकि अल्बरुनी की किताब मे कृष्ण का नाम भी नहीं आया हैं ये समय था तब बमन बौद्ध ग्रंथो मे मिलावट तथा बमणिकरन कर रहे थे.
@udhaybhangoad53092 жыл бұрын
101 परसेंट यही सही है अशोक सम्राट के बाढ़ के सारी कहानी बनाई गई और पढ़ ली गई और बुध को ही बदल करके धर्मशास्त्र बनाए गए नाम बदले गए डॉक्टरों को तीर्थों का नाम दिया गया 8.8 को हीरो है चार धाम मंदिर मंदिर देवी देवता सब गौतम बुध के विचारों को दूसरे रूप में परिवर्तित करके लिखा गया लिखा गया और दिखाया जा रहा है और लोगों को भ्रम में डालकर के शासन किया जा रहा है
@mahendrasinhchauhan39512 жыл бұрын
असली नाम वासुदेव ही था।
@flowofthoughts4226 Жыл бұрын
Thanks for your post for disclosing the truth.. ,,the thought tree,,,IAS RAS coaching centre jaipur rajasthan India Director Shrawan Yadav Especially for upsc Rpsc aspirants.
@Purvi712372 жыл бұрын
Wow, totally Amazing. Enjoyed
@anilbamane81832 жыл бұрын
Thanks Sir ( गुरुवर्य )
@narendrasharma56442 жыл бұрын
समझाने की शैली बहुत बढ़िया शानदार है sir.....मगर मैं albaruni की इसी पुस्तक को पूरा ज्यों के त्यों सुनना चाहता हूं l कृपया link देने की कृपा करें l धन्यवाद
@sandeshbhawar57212 жыл бұрын
जानकारी ठिक होगी प्रयास ठिक था लेकिन जैसे तथागत गौतम बुद्ध ने २५००० वर्ष पहले ही कहा था सत्य और सुरज जादा देर नहीं चुपता
@arjunghale1456 Жыл бұрын
धन्यबाद सर जानकार देने के लिऐ 🙏
@SukhjinderSingh-yl8sl2 жыл бұрын
महोदय बहुत बहुत धन्यवाद अति सुंदर अभिव्यक्ति और रोचक विवरण व प्रस्तुती आभारी रहूँगा यदि आप उक्त का भाग दो भी अपने श्रोताओं के लिए प्रस्तुत करने की महती कृपा करें सादर सुखजिन्दर सिंह प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान व प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश
@JB-nd3cf2 жыл бұрын
जानकारी के लिए धन्यवाद। इससे इतना पता चला की अल्बरूनी के समय तक हिंदू एकेश्वरवाद में विश्वास रखता था और गैर हिंदुओं/ विदेशियो को मलेच्छ कहता था। साथ ही, अपनी संस्कृति से इतना जुड़ा था कि मुल्ले उन्हें घमंडी कह कर अपनी तसल्ली करते थे।
@spiritualscience6808 Жыл бұрын
तमिलनाडु का *काँचीपुरम, मंदिर, पद्मनाभम मंदिर* आदी सारे 6000 मंदिर सातवी शती के जमाने में बड़े बौद्ध केंद्र थे। बुद्धिज्म के बड़े-बड़े स्काॅलर यहाँ से जुड़े थे। राजकुमार बोधिधर्म काँची के थे। वे झेन बुद्धिज्म के संस्थापक थे। बुद्धिस्ट तर्कशास्त्री दिङ्नाग काँची के थे। नालंदा विहार के कुलपति धर्मपाल ने भी काँची में शिक्षा प्राप्त की थी। बुद्धघोष ने काँची के विहार, याने मोनेस्ट्री में वर्षावास किए थे। तमिल के प्राचीन काव्य - ग्रंथ *मणिमेकलई और शिलप्पदिकारम* भी काँची को बौद्ध केंद्र होने का सबूत देते हैं। सातवीं सदी में ह्वेनसांग काँचीपुरम गए थै, उनकेप्रवास वर्णन लिखता है कि यहाँ सैकड़ों बौद्ध विहार, याने शिक्षा केंद्र हैं, 10, 000 बौद्ध भिक्खु रहते हैं, सम्राट अशोक द्वारा बनवाए 100 फीट ऊँचा स्तूप है। बिहार के कुर्कीहार की खुदाई में जो बौद्ध मूर्तियाँ मिली हैं, उन पर अभिलेख हैं, *अभिलेख बताते हैं कि अनेक बुद्ध मूर्तियाँ काँची के लोगों ने दान किए थे। मूर्तियाँ पाल कालीन हैं।* कांचीपुरम मे आज भी शिल्पकला जिवीत है..! तेरहवीं सदी के यूरोपीय यात्री *मार्कोपोलो* ने काँची के निकट महाबलिपुरम में सप्त पैगोडा (चैत्य) देखे थे। 14 वीं सदी में जावा के कवि ने भी काँची में 13 बौद्ध मठ, मोनेस्ट्री होने का जिक्र किए हैं। 14 वीं सदी के एक कोरियाई अभिलेख में लिखा है कि 1370 में एक बुद्धिस्ट *ध्यान भद्र* काँची से कोरिया गए थे और वहाँ जाकर उन्होंने एक महायान बौद्ध मठ स्थापित किया। अभिलेख में यह भी है कि उन्होंने *धम्म सुत्त* की शिक्षा कांची बौध्द मठ में प्राप्त की थी। 8वी शती मे आदि शंकराचार्य ने इन बौध्द मठो पर कब्जा जमाया और इन स्थानो को चार शारदा पीठो का नाम दिया, कुछ छोटे विहारो को 12 जोतिर्लिग में बदल दिया..! परली बैजनाथ, महाराष्ट्र आदि जोतीर्लीग मंदिर के ऊपरी भाग में चार दिशा में चार बडी आकर्षक बुध्द मुर्तिया आज भी दिखाई देतीहै..!! आज काँची बौद्ध केंद्र नहीं रहा। मगर बौद्ध मूर्तियाँ - स्तंभ - अभिलेख, प्रतीक आदि काँची में मिलते हैं। तस्वीरें काँची की हैं। इन सारे मंदिरो के गर्भ मे पूजारी के अलावा किसी को जने नही दिया जाता, या मुर्ती के वस्र बदलते नक्त दरवाजे बंद किये जाते है.. कारण ब्राम्हण पुजारियो की पोल खुल जायेगी.! गर्भ गृह में टिमटीमाते दिये रखे जाते हैं और मुर्ती के उपर सोने- चांदी का मुकुट रखा जाता हैं कारण यह मुर्ती की पेहचान ना हो जाए..! असल मे ये सारी मुर्तीया बुध्द की ही है..! इन मुर्तीयो को दरवाजे बंद कर के साडी वस्र पेहनाए जाते है..! भक्तो के समक्ष क्यो नही..?? गर्भ गृह मे रोषणी क्यो नही होती..?? कुछ मुर्तीयातो पेंट, चंदन लेप लगाकर विद्रुप कि गयी है..! अंदर के फोटो लेने पर भी रोक लगाई जाती है..??सत्य खो इस तरह आम आदमी से दो हजार वर्ष से क्यो छुपाया गया है..? जिन जनता के दान पर अब्जो खरबों की संपत्ति छुपाई गयी है..?? अंध भक्तो के अज्ञान सेया मुर्खता से यह मंदिरो का झुटा कारोबार चल रहा हैं..! सम्राट हर्ष वर्धन से ले कर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक के नववंशो ने बनाने 84,000 बौध्दविहार,चैत्य, शिलालेख, गुफाए और तो और नालंदा, तक्षशिला, उज्जनी, वल्लभी आदि 19 बुध्दिष्ट विश्वविद्यालय कहा गए इन का ज्ञान किस ने चुरा कर ७/८वी शती मे वेद, पुराण, महाभारत, रामायण किस ने लिखे..? इस की खोज करो..!! सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नही.. सत्य मेव जयते..!! *ब्राम्हणी हिंदु धर्म एक संघटीत धंधा हैं पढ़ा लिखा भी अंधा है..!* यह केवल झु़ंड का झुट का पुलिंदा हे..! इन के मुर्खता के उपर ही वैदिकी ब्राम्हणी हिंदु धर्म टिका है..?? *गर्व से कहो हम मुर्ख नही.... महा मुर्ख है..!*
@yesghumman12 жыл бұрын
बेरूनी किसी शहर का नाम नहीं । बेरूनी इस लिए कहा जाता है कि वह अरब नहीं था। ईरानी था। इस लिए अल ब्रूनी कहा जाता है। यानी बाहर वाला।
@sunilkhobragadekhbragade2436 Жыл бұрын
Acchi Khabar de bhai
@shiwajiraopatil46002 жыл бұрын
Bahut khubsurat.Keep walking. Warm regards.
@bhopalking5412 жыл бұрын
बहुत अच्छा ज्ञान दिया आप ने आप की जय हो
@brijeshahirwar2807 Жыл бұрын
Sir जी मुझे तो आपके सारे शब्द समझ में आते है और दूसरों से अधिक स्पष्ट हैं, हो सकता है कमेंट करने वाले को उतना शब्द ज्ञान न हो आप बेहतर इसलिए भी हैं क्योंकि आप अपनी गलती भी स्वीकारते हैं जबकि गलती हो भी न तब भी।
@rajarametame6186 Жыл бұрын
Thanks for informing about History
@girishkantpandey8759 Жыл бұрын
अच्छा प्रस्तुतीकरण है। 👍
@KishanKishan-ev3cm Жыл бұрын
अलबेर्नी लेखक व भारतीय धार्मिक ग्रंथो का को अरबी में लिख कर इसलाम शासन के लिए जगह बना रहा था वह हिंदुओं की खासयित व कमजोरी पकड ली थी और भारत के ब्राह्मणों द्वारा कुरान और अरबों को बादशाहों कोनही पहचान सके आज तक भी खाली 99% वैसा ही है। धन्यवाद आचार्य डा० किशन लाल शर्मा ।।
@arunbabool32632 жыл бұрын
Buddh Buddh.. Namo Buddhaye
@sadashivjagtap32462 жыл бұрын
Khup chhan 🥦🥦♥️🥦🥦
@urmeshosho53710 ай бұрын
Real unbelievable knowledge salute sir
@rambiharikori47278 ай бұрын
Ji sir bahut bahut dhanyawad
@blpaneri11672 ай бұрын
हमारे देश की छोटी छोटी रियासतों के अपने अपने भाट, चारण और कवि हुआ करते थे जिनको राज सहायता प्राप्त हुआ करती थी। इन भाट, चारण और कवियों का उस राजा के पक्ष में अतिसंयोक्ति पूर्ण विवरण दर्ज करने में बहुत महारत हासिल थी। ठीक उसी तरह जैसे आज के कवि गण और मीडिया शासन के अतिषयोक्ति पूर्ण प्रशस्तिगान में मास्टर होते हैं। यह अतिसंयोक्ति पूर्ण विवरण कालांतर में पीढीयों तक भोले भाले लोगों को भ्रमित किए रहता है। हमारे यहां इतिहास पर सीरियस रिसर्च का भी अभाव रहने के कारण हमें हमारे इतिहास को चीन, अरब और मिडिल ईस्ट से आयात करना पड़ रहा है।
@aashishtripathi49722 жыл бұрын
महोदय मेरा मानना है जो भी पुराने लेखक हुए है वह अपने शासक को वाहवाही बहुत करते थे।। मैं यहां किसी धर्म विशेष की बुराई नही कर रहा।और अलबरूनी जिस मुस्लिम शासक के साथ आया था और धर्म को जानता था उसी के अनुसार किताब लिखी होगी। वह खुद मुस्लिम था इसलिए उसे मुस्लिम धर्म ही महान लगता होगा।। जैसे कि कई हिन्दू लेखकों को हिन्दू धर्म महान लगता था। बेशक किताब से बहुत सी जानकारी इतिहास की मिलती है लेकिन इन्होंने जानबूझकर सिर्फ गलत बातों पर फोकस किया है।। पृथ्वीराज की आत्मकथा जिन्होंने लिखी है उन्होंने पृथ्वीराज की वाहबाही की है और गौरी की आत्मकथा वाले लेखक ने गौरी की।। इसलिए अगर लोग दूसरे धर्मों की बुराई सुनने के लिए ये वीडियो देख रहे है तो गलत बात है।।क्योकी लेखको की किताबे कई पूर्वग्रहो से घीरी होती है।। मुस्लिम लेखक मुस्लिमो की बुराई नही करता था ।हिन्दू लेखक हिंदुओ की बुराई नही करता था।।लेकिन कमेंट बॉक्स में मुस्लिम हिन्दू ओ की गलत प्रथाओं की बुराई कर रहे है और मुस्लिमो को खुद की गलत प्रथाएं नही दिखती।।लेकिन कमेंट में हिंदु खुद की प्रथाओं की बुराई कर रहे है और दूसरे धर्म को विल्कुल गलत नही बोल रहे है।।
@udaisachan10972 жыл бұрын
गलत सिर्फ गलत है चाहे वो किसी भी धर्म देश के बारे में हो बुराई देखने में कुछ बुराई नहीं है बशर्ते वोह शुरू खुद के,खुद के धर्म से , खुद की जाति से शुरू हो
@Vaayu622 жыл бұрын
बिल्कुल सही कहा आपने आशिष त्रिपाठी जी।👍
@BSPatel252 жыл бұрын
आप इस बात पर सही हो सकते हैं कि जो पुराने कवि और लेखक थे वे अपने-अपने राजा या महाराजा की ही प्रशंसा करते थे परंतु कहीं ना कहीं दूसरी सब बताएं संस्कृति का भी जिक्र करते और अलबरुनी ने जो भारत में देखा उसमें कहीं पर भी भारतीय महाकाव्यों का और रामकृष्ण का जिक्र ना हो ना कहीं ना कहीं कुछ प्रश्न खड़े कर देता है
@RVNithale2 жыл бұрын
Santan word toa bodh धर्म से churaya hua hai....ab btao देवनागरी लिपी कब पायी गयी?
@moviesbuzz38908 ай бұрын
Language is so good ...!!!
@metaphoric-j1c2 жыл бұрын
Jawaharl Neheru 's "Discovery of India " name is very similar to Alberuni's book. Isn't it?!
@youthinactionindia60232 ай бұрын
सुंदर प्रस्तुति
@DamodarJha-i9o Жыл бұрын
Bahut sundar
@rblal9007 Жыл бұрын
Thank You नमस्ते
@Rajeshkumar-qr2zp Жыл бұрын
धन्यवाद ज्ञान दने का....
@giridharipatra9552 Жыл бұрын
Very nice explanation with clear pronounciation, nice voice Sir jee, thankful.
@IqtedarMK Жыл бұрын
कुरआन हाफ़िज़ को पूरा कुरआन पूरा-पूरा याद होता है और १४४४ वर्ष से यह काम पूरे विश्व में हो रहा है। तथा पवित्र क़ुरआन की सुरक्षा की जिम्मेदारी अल्लाह ने स्वयं ली है।
@tejusingh6856 Жыл бұрын
Very Nice sir❤💯 Namo buddha❤🙏🙏🙏
@bhaskarsuryawanshi4660 Жыл бұрын
ब्रम्ह ज्ञान ब्रम्हांड दर्शन अनादीकाल की आवाज है , वह मानव देह के साथ मानवी जीवन में सुदृढता निर्माण करने का काम कर रही है !
@kishorparmar48642 жыл бұрын
लोगो को शिक्षित करने का काम अगर किसी ने किया है तो वो बौद्ध धम्म ने किया सबसे पहले उनके अलावा कोई ज्ञान नहीं देता था यही प्रमाण है की विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी भारत मैं ही थी जहा देश विदेश से पढ़ने के लिए आते थे और अभी लोग विदेश जा रहे पढ़ाई के लिए कितनी शर्म की बात है
@mohanbrathod5447 Жыл бұрын
Discovery of India Pandit Jawaharlal Nehru
@Dad-dh5ll2 жыл бұрын
Good stream. It has valuable information. Keep it up. Thanks.
@wazirsingh9621 Жыл бұрын
Very nice ji God bless you 🙏
@stiyaali9357 Жыл бұрын
Very good information
@sarfarazali87618 ай бұрын
Its right. sir indian culture is ancient like others Mesopotamia as well ass
@Payarahindustan Жыл бұрын
Very well and balanced explanation of book . ❤
@ganeshsuryawanshi7364 Жыл бұрын
Great work sirji, keep it up
@prashantsnwn2 жыл бұрын
सनातानियो के पास कोणसा अपना ज्ञान अपना दर्शन था, बता सकते है....
@samulate7356 Жыл бұрын
Sir aap jo jankari bataye hai mere to rongate khade ho jate hai
@AvdhautChintan11 ай бұрын
Thanks for your knowledge
@kalpanakhare4824 Жыл бұрын
You are right sir
@SukhjinderSingh-yl8sl2 жыл бұрын
Sir very insightful narrative of the days of al. Beruni,please bring out more details in more volumes regards sukhjinder singh