Рет қаралды 3,555
भूकंप का कारण - दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन वैज्ञानिकों प्रोफेसर मदन मोहन बजाज , प्रोफेसर विजयराज और डॉक्टर इब्राहिम ने मिलकर 1995 में रूस में एक रिसर्च present कि जिसमे उन्होंने Prove किया कि भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आने का कारण है , Einstein Pain waves |
इसे bis theory नाम भी दिया गया है |
ये Einstein Pain Waves तब emit होती है जब भी किसी पशु को मारा जाता है |
तब उसकी pain से भी एक wave निकलती है |
इन वैज्ञानिकों के अनुसार जब बहुत अधिक मात्रा में पशुओं को मारा जाता है तब ये waves और ज्यादा intensify हो जाती है |
जिसके कारण ही भूकंप आता है |
लेकिन इन waves का भूकंप आने के पीछे कारण क्या है इसे हम आगे देखेंगे |
सबसे पहले इस Einstein pain wave थ्योरी के बारे में कुछ facts देख लेते हैं -
इस Theory के अनुसार एक बूचड़खाने से निकलने वाली pain wave कि energy लगभग 1040 KW तक होती है |Einstein Pain wave ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचती है |Pro. मदन मोहन बजाज ने इस theory को mathematically भी prove किया है |इन्ही waves के कारण earth crust में radon गैस release होती है |
Einstein ने कभी pain waves के बारे में बात नहीं की लेकिन शायद इस विषय में वे कुछ कार्य करना चाहते थे , सम्भव है इसलिए उनके सम्मान में इसका नाम Einstein pain wave रखा गया हो |
जैसा कि हमने बताया कि भूकंप का कारण Convective Currents है |
इन वैज्ञानिकों के अनुसार Radon गैस रिलीज होने के कारण ही Tectonic Plates टकराती हैं |
इसलिए शायद यह सम्भव है कि radon गैस के release होने से इन प्लेट में फिसलन कि गति बढ़ जाती हो , जिस से उनमे टक्कर भी बढ़ जाती है |
कुछ चीन और जापान के वैज्ञानिकों ने रेडॉन गैस के release होने के कारण भूकंप आने को Experimentally भी Verify किया है |
ऐसे में हम मान सकते हैं इन वैज्ञानिकों कि रिसर्च सही दिशा में हो सकती है |
माना जाता है कि इसा से 2000 से 7000 वर्ष पहले सहारा रेगिस्तान में न सिर्फ पशु , पक्षी और जानवर रहते थे बल्कि वहां इंसानों कि बस्तियां भी थी , यहाँ के लोगो में शिकार खेलने कि प्रवृत्ति ज्यादा थी , और कहा जाता है कि उस समय वहां शिकार खेलना बहुत अधिक बढ़ गया था , सम्भव है कि इस कारण आज यह जगह एक रेगिस्तान में तब्दील हो गयी होयह बात सब जानते हैं कि नेपाल में आये भूकंप से पहले वहां पर एक बहुत बड़ा festival होता था जिसमे बहुत सरे भैसों कि बलि दी जाती थी , कुछ लोगों के द्वारा इसे दुनिया में सबसे बड़ा पशु बलि का festival भी कहा जाया है , , इसका नाम था गढ़ीमाई festival , सम्भव है कि इसके कारण ही नेपाल में भूकंप आया हो |कहा जाता है कि मुगलों के भारत में आने से पहले देश में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा नहीं आयी , जबकि पिछले 300 सालों में ऐसी आपदाएं लगातार बढ़ी है |
इस रिसर्च के अनुसार यदि माना जाये तब भूकंप का कारण अत्यधिक मात्रा में पशुओं कि हत्या है जिस से भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती है |
हमने आपको इस बारे में अपनी जानकारी के अनुसार बताया |
हालाँकि इस बारे में अभी और रिसर्च करने कि जरूरत है |
यहाँ पर एक प्रश्न भी उठ सकता है कि यदि भूकंप और प्राकृतिक आपदाएं जानवरो कि बेरहमी से हत्या करने के कारण आती है , यानि उनके दर्द से निकलने वाली pain wave के कारण आती है तब अनेकों मांसाहारी जानवर , हमेशा से शाकाहारी जानवरों को मारकर खाते आये हैं , तब इस हिसाब से पहले भी भूकंप इसी तरह आने चाहिए थे ? लेकिन पहले भूकंप आदि नहीं आते थे |
प्रकृति में हमेशा संतुलन बना रहता है , जैसे हमारे शरीर में कई कोशिकाएं नष्ट होती रहती है और कई कोशिकाएं नयी बनती रहती है , यदि नष्ट होने वाली अधिक बढ़ जाये तो हमारा शरीर पहले ही बूढ़ा दिखने लग जायेगा , इसी तरह जानवरों में यह होने वाला व्यवहार पहले भी होता था और होता रहेगा , लेकिन आज यह व्यवहार हम इंसानों ने भी अपनाकर इसे बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है जिस से संतुलन बिगड़ता है और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती है |
प्रोफेसर मदन मोहन बजाज ने अपनी रिसर्च से related चार पुस्तके लिखी hai.
"यह विडियो Tarksamrat Bharat से लिया गया है।"