भक्तियोग का अभ्यास कैसे करें? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2017)

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शास्त्रज्ञान

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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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वीडियो जानकारी: 10.03.2017, शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
मय्येव मन आधत्स्व मयि बुद्धिं निवेशय |
निवसिष्यसि मय्येव अत ऊर्ध्वं न संशय: ||8||
भावार्थ -
हे अर्जुन!
तू अपने मन को मुझमें ही स्थिर कर
और मुझमें ही अपनी बुद्धि को लगा,
इस प्रकार तू निश्चित रूप से मुझमें ही सदा निवास करेगा,
इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं है।
अथ चित्तं समाधातुं न शक्नोषि मयि स्थिरम् |
अभ्यासयोगेन ततो मामिच्छाप्तुं धनञ्जय ||9||
भावार्थ -
हे अर्जुन!
यदि तू अपने मन को मुझमें स्थिर नहीं कर सकता है,
तो भक्तियोग के अभ्यास द्वारा,
मुझे प्राप्त करने की इच्छा उत्पन्न कर।
अभ्यासेऽप्यसमर्थोऽसि मत्कर्मपरमो भव |
मदर्थमपि कर्माणि कुर्वन्सिद्धिमवाप्स्यसि ||10||
भावार्थ -
यदि तू भक्तियोग का अभ्यास भी नहीं कर सकता है,
तो केवल मेरे लिए कर्म करने का प्रयत्न कर।
इस प्रकार तू मेरे लिए कर्मों को करता हुआ,
मेरी प्राप्ति रूपी परम सिद्धि को ही प्राप्त करेगा।
अथैतदप्यशक्तोऽसि कर्तुं मद्योगमाश्रित: |
सर्वकर्मफलत्यागं तत: कुरु यतात्मवान् ||11||
भावार्थ -
यदि तू मेरे लिए कर्म भी नहीं कर सकता है,
तो मुझ पर आश्रित होकर
सभी कर्मों के फल का त्याग करके, समर्पण के साथ,
आत्म-स्थित महापुरुष की शरण ग्रहण कर,
उनकी प्रेरणा से कर्म स्वतः ही होने लगेगा।
~ श्रीमद्भागवद्गीता अध्याय - १२
~ भक्तियोग का अभ्यास कैसे करें?
~ 'अपने मन को मुझमें ही स्थिर कर' पंक्ति से श्री कृष्ण का क्या आशय है?
~ कौनसा कर्म श्री कृष्ण को समर्पित हो सकता है?
~ आत्म-स्थित महापुरुष की पहचान कैसे हो सकती है?
संगीत: मिलिंद दाते
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#acharyaprashant

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Acharya Prashant demolishes Spiritual Beliefs and Myths
1:38:32
Help Me Celebrate! 😍🙏
00:35
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Acharya Prashant left me Speechless with these Gita Insights @ShriPrashant
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