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सनातन धर्म के हिंदुवां समाज री संस्कृति रही है कि बहन भाई रा प्यार रक्षाबंधन अनूठा त्यौहार है। दूसरी रीत बहन ने भाई के भात का इंतजार है है।
यह उसी रीत संस्कृति के अनुसार सिवाड़ा जंक्शन के शैराणियों की ढाणी गांव से श्री पीथाजी गोद काछबजी गोदारा की इकलौती पुत्री मांगीबाई के छः भाईजन- धूड़ोजी भाखरजी हरिराम जी किशनोजी विरदोजी व सूजाण भाई ने मिलकर अपनी इकलौती बहन मांगीबाई कूं समस्त गोदारा कुटुम्ब सहित गोदारा राणा रो झूलरो गांव रणासर धोरिमन्ना में जीजा रामकिशन जी जांगू की पुत्री(गोदारों की भाणजी ) के विवाह के शुभ अवसर पर बड़ा शानदार तीसरी बार भांत भरा जिसका वर्णन इस सोंग में गाया गया है।