प्रणाम sir. आप जल्दी जल्दी वीडियो डाला कीजिये आपके videos authentic होते हैं। Sir मेरा मिथुन लग्न है. शनि छठे एवं बुध अष्टम भाव में है. अभी शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है। कैसी अंतर्दशा होगी sir?
@drvivektripathi2091 Жыл бұрын
आप से निवेदन हैं कि शुभ ग्रह की महादशा मे पाप ग्रह की अन्तर्दशा कैसी जाएगी, इस शीर्षक पर भी अपना अमूल्य विचार व सिद्धांत से हम सबको अवश्य अवगत कराये। सादर 🙏🙏
@5475shubham. Жыл бұрын
सर इनके साथ हुआ क्या मंगल में शुक्र की अन्तर्दशा में ?
@Bikashnath1161 Жыл бұрын
हाँ सर, मुझे क्रियात्मक शुभ ग्रह महादशा में चाहिए कार्यात्मक अशुभ ग्रह अंतरदशा का परिणाम
@paripant3728 Жыл бұрын
सर हमारे पति की धनु लग्न है इस समय बुध की महादशा मे शुक्र का अतर चल रहा है शुक्र व बुध एक दूसरे से परिवर्तन मे हैं बुध छठे मे है शुक्र सातवें मे है कैसी दशा रहेगी सर जरुर बताये
@AmitDadhichSalasar Жыл бұрын
Life partner ya business partner से मतभेद हो सकते है । शारीरिक कष्ट या मानसिक तनाव आने की संभावना रहेगी । बाकी एकदम सही फलादेश तो पूरी कुंडली का अध्ययन करने से ही हो सकता है ।
@aamirahmed1102 Жыл бұрын
Sir Mars is aspecting Saturn by its 8th aspect (Drishti sambandh) still you said Mars Mahadasha and Saturn antar dasha wasn’t good for this person?
@AmitDadhichSalasar Жыл бұрын
Yes
@elitechampion65029 ай бұрын
@@AmitDadhichSalasarGuruji ladke ka meen - revati-2 hai aur ladki ka vrushabh-rohini-2 hai toh kya nadi dosh lagega.
@Vineet-k2j Жыл бұрын
अगर मै धर्म अध्यात्म ब्रम्हचर्य पालन से अंतर्दशानाथ को अपने वश मे करु तो.. मेरे अनुभव के अनुसार अंतर्दशानाथ कि स्थिति के अनुसार फल मिलता है जिस ग्रह की अंतर्दशा उस ग्रह का व्रत, पुजन, साधना, अगर अशुभ हो तो पुजा के साथ दान, उस वार के इष्ट किभी पुजा तो अंतर्दशानाथ मैरे वश मे
@Vineet-k2j Жыл бұрын
तुम मुझे बताओगे...मैं किसी देवता को वश में करने कि बात नहीं कर रहा हु बल्कि मै अपनी कुंडली के ग्रहों कि अंतर्दशा को वश में करने कि बात कर रहा हु अगर तुम्हें ज्योतिष और आध्यात्म का ज्ञान है ना तो तुम्हें मेरा reply समझमे आ जाता ... मैंने अपने ब्रम्हचर्य और आध्यात्म से उपर दिये गये तरीके से ग्रहों कि अंतर्दशा को वश में किया है
@Vineet-k2j Жыл бұрын
Vash me karane ka matlab heen hai niyantrit karana, kaaboo paana, grah ko shant karana yaa phir control karana jise tum samarpan ya phir prayaschit bhi kehsakte hon.. actually yeh ek tarah se samarpan bhi hai kaaran yeh mere prarabdha mein heen thaa ki ya phir ishwar ki iccha thi ki main apne kriyamaan karmon se apni grah dasha on ko Vash me karun yaa phir shaant karun