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एपिसोड 4
घटटूघाट से बंदरचट्टी
सुबह करीब 5 बजे आँख खुली तो देखा चारों तरह चिडियो और मोर की आवाज आपको संमोहित करने के लिए काफी है।ये सूख दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में कहाँ। कैंप में विक्रम राणा को मैंने हर्बल टी बनाने को कहाँ और फिर करीब आधे घंटे तक पक्षियों की आवाज सुनता रहा। मानो वे मुझे पैदल यात्रा की कुछ गूढ रहस्य बता रही हो। एलीफैंट brook हेंवल घाटी में एक नदी किनारे कैंप रिजॉर्ट है जो आजकल तेजी से नदियों के किनारे खुल रहे है। साफ सफाई और प्लास्टिक प्रबंधन के मामले में यह कैंप काफी सही दिखा।
साढ़े नौ बजे हम दोनों साथी हेंवल घाटी के किनारे निकल पड़े। करीब 4 किमी का सफऱ तय करने के बाद मोहन चट्टी आया। इस स्थान पर अनियंत्रित तरीके से बड़ी संख्या में रिजॉर्ट खुल गए है। शायद सौ से भी अधिक हो। मोहन चट्टी में कुछ ग्रामीण लोगों से बात की। यहां पर बाबा काली कमली की धर्मशाला अच्छी स्थिति में है।बगल में प्राचीन मंदिर है। जिसे आदि गुरु शंकराचार्य के समय का बताया गया।मुझे लगता है कि मंदिर का निर्माण मुश्किल से सौ या डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुराना नहीं है।
दोपहर हो चुकी थी सुबह का नाश्ता किए काफी समय हो चुका था। अभी नौडखाल की चढ़ाई और फिर नाद की उतराई बाकी थी। इसलिए कदम तेजी से बढ़ाये।अब बिजनी गाँव तक पहुँचना था। करीब तीन बजे हम बिजनी गाँव तक पहुँच गए। अब और चलना मुश्किल हो रहा था। सड़क सड़क मार्ग ज्यादा लम्बा है जबकि पैदल मार्ग झाड़ियों से ढका हुआ है। करीब साढ़े 4 बजे नौडखाल पहुंच गए। थकान के मारे चूर हो गए और अब कुछ खाने भी यहां खाया। नौडखाल समुद्र तल से करीब 1050 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। यहां से एक सड़क बंदर चट्टी से लिए निकलती है और दूसरी सिलोगी,गुमखाल होते हुए रामनगर की ओर चली गई है।
इस इलाके में उष्ण कटिबँधीय जंगल पाए जाते है जो समुद्र तल से 800 मीटर से करीब 1400मीटर तक है। तुण, हरण, बहेड़ा, कांडार,सेमल,जामुन, अंवाला, हल्दु, बेडू, गुल्लर, तिमल, बेल प्रजाति के पेड़ पाए जाते है। घटटूघाड़ से आगे जोगीयाणा, मोहन चट्टी, कपूल काटल, बिजनी, मुरारी,नौडखाल , माला,नकुर्ची,कुंड नांद इन गाँवो से पैदल जाते थे।
करीब 3 किमी सड़क उतराई पर चली जाती है फिर तीव्र ढलान आता है। इस मार्ग में सबसे ज्यादा मुश्किल हुई। अभी बन्दर चट्टी काफी दूर था शाम होने लागी। हमने थोड़ा आराम किया और फिर तेजी से कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए। इसी बीच जल्दबाजी के कारण गलत दिशा में बढ़ते चले गए। काफी दूर आने के बाद मुनीश ने कहाँ कि गलत दिशा में जा रहे है। फिर करीब 300 मीटर ऊपर आए और तब सही रास्ता मिल पाया।
इस इलाके को बगढ़ कहते है। यहां पहाड़ के ऊपर के इलाकों से लगातर लैंड स्लाइड के कारण छोड़े बड़े पत्थर बड़ी संख्या में पैदल रास्ते में पड़े है जिनमें चलना बहुत मुश्किल है। आखिरकार सात बजे हम बन्दर चट्टी पहुंच गए।
📍नौडखाल गूगल लोकेशन
maps.app.goo.gl/vHUM5UBJN8D9V...
📍पंडित महिमानंद भट्टकोटी, मोहन चट्टी (महादेवसैण) -9411373902
Jaljeera chandiwala
Add-Opposite Haridwar में Post Office Near Gandi Ashram Haridwar
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