अगर किसानो की भलाई कोई भी पार्टी नहीं करती तो ये किसान खुद ही चुनाव लड़ लें और सभी फसलों का भाव 200000 रूपये प्रति क्विंटल रखो. सब करोड़ पति हो जावेगा
@ViranderNain-fi7pt15 күн бұрын
❤❤ देश को आजादी के 78 सालों के बाद कोई ख़तरा नहीं है कुर्सी को ख़तरा है इज्जत ओर पकड़ी भेजतीं से कोई मतलब नहीं है बिकाऊ लोग राजनीतिक दलें सैटिंग चैटिंग करने वाले कुछ लोग घुसें आंदोलन बदनाम किया है इन्साफ नहीं है
@jagannathsingh704012 күн бұрын
कृषि कानूनों को वापस लाने की वकालत कीजिये.तब भी प्रायश्चित शायद ही हो.