Ya Mohammad S.A.W Noore Mujassam | Qawwali by Arshad Hussain Kakori I Darbaresafvi Allahabad

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Darbare Safvi

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Күн бұрын

दरबारे सफवी का तीन दिवसीय सालाना उर्स श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न
प्रयागराज। इलाहाबाद के शाहनूर अलीगंज स्थित दरबारे सफवी की खानकाह में तीन दिवसीय सालाना उर्स मुबारक, जो सफविया सिलसिले के बुजुर्ग हजरत क़ादिर उल्ला शाह चिश्ती निजामी सफवी र.अ. के उर्स की याद में मनाया गया, श्रद्धा और आस्था के माहौल में संपन्न हुआ।
इस आयोजन का आगाज 20 नवंबर 2024 को गुरुवार के दिन हुआ और समापन 23 नवंबर 2024 को शनिवार को कुल शरीफ और रंग की रस्म के साथ हुआ। इस तीन दिवसीय उर्स का संचालन और सभी रस्में दरबारे सफवी के सज्जादानशीन अल्हाज हकीम रिजवान हमीद सफवी की सदारत में संपन्न हुईं।
गुरुवार, 20 नवंबर
सुबह कुरान खानी के साथ उर्स की शुरुआत हुई। नमाज फज्र के बाद खानकाह में फातिहा की रस्म अदा की गई। रात को महफिले समा का आयोजन किया गया, जिसमें सूफी कव्वाल पप्पू काकोरी और मोईन ताज ने सूफियाना कलामों की पेशकश की। "छाप तिलक सब छीनी," "मौला अली" और "दमादम मस्त कलंदर" जैसे प्रसिद्ध कलामों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शुक्रवार,इस दिन गागर और चादर चढ़ाने की रस्म अदा की गई। दोपहर जोहर की नमाज के बाद महफिले समा आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। नमाज असर के बाद कुल शरीफ की रस्म अदा की गई।
शनिवार सुबह खानकाह के मजार अकदस पर गुस्ल और चादरपोशी की रस्म अदा की गई। इसके बाद कुल शरीफ, फातिहा और रंग की महफिल ने इस आयोजन को चार चांद लगा दिए। देर रात तक चली महफिले समा ने समापन समारोह को भव्य बनाया।
हर रात आयोजित महफिले समा में सूफी कव्वालों ने न केवल अपने संगीत और कलाम से श्रद्धालुओं को भावविभोर किया, बल्कि खानकाह का माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
तीन दिनों तक खानकाह में लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं और गरीबों को खाना वितरित किया गया। खानकाह के सेवकों और श्रद्धालुओं ने लंगर की सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर शगुन ग्रुप ने समाजसेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले कई पत्रकारों और समाजसेवियों को "शगुन एकता सम्मान" से नवाजा। यह सम्मान समारोह उर्स के मुख्य आकर्षणों में से एक रहा।
तीन दिनों तक आयोजित इस उर्स में प्रयागराज सहित दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। हर उम्र के लोगों ने खानकाह की रूहानी फिजा में सूफी शिक्षा और आध्यात्मिकता का अनुभव किया।
दरबारे सफवी के सज्जादानशीन अल्हाज हकीम रिजवान हमीद सफवी ने इस मौके पर कहा कि ऐसे आयोजनों का मकसद सूफी सिलसिले की तालीमात को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारे के पैगाम को अपनी जिंदगी में उतारें।Salana urs Mubarak Peere Tarikat Hazrat QadirUllah Shah Chishti Nizami Safvi R.A wa Hazrat Iftekhar Ullah Shah Almaroof Shah Abdul Rahmam Chishti Nizami Safvi R.A wa HazratMahboob Ullah Shah Almaroof Moulana Shah Hakeem Mohammad Hamid Chishti Nizami Safvi R.A 20,21,22,23 November 2024 ba Muqam Khankah Darbaresafvi Shahnoor Ali Ganj Patthar Gali Allahabad
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Пікірлер
May 18, 2024
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