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MP मे शुरू हुआ दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे , आम जनता के लिए टोल के साथ खोला गया
1386 किमी लंबा है दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे
मध्यप्रदेश में 244 किलोमीटर बनकर तैयार, , फिलहाल 210 किमी टोल के साथ खोला गया
2 से ढाई रूपये प्रति किलोमीटर की दर चुकाना होगी सफर के लिए
कुल लागत - 1 लाख करोड़ रुपए
MP के झाबुआ - रतलाम - मंदसौर जिले से गुजरेगा
फिलहाल 7 इंटरचेंज यानी इंट्री - एग्जिट पाइंट
दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे पर जितना किलोमीटर सफर करेंगे उतना ही कटेगा टोल
मार्च 2024 तक दिल्ली से मुंबई तक शुरू होने की संभावना
देश का सबसे बड़ा ओर महत्वाकांक्षी दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे के मध्यप्रदेश के तैयार 244 किमी में से 210 किलोमीटर पर हिस्से में यातायात आज सुबह 8 बजे आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया .. इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से NHAI ने औपचारिक उद्घाटन के लिए समय देने का अनुरोध किया था लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तताओ के लिए समय नहीं मिला लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से आम जनता के लिए मध्यप्रदेश के तैयार हिस्से को खोलने का संदेश मिलने के बाद इसे आज NHAI ने आम जनता के लिए खोल दिया
जितना सफर - उतना टोल
दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे पर टोल दरे अलग अलग पैकेज एरिया की दर से निर्धारित है जैसै कही पहाड़ काटकर बनाना पड़ा उस इलाके से गुजरने की टोल दरे थोड़ी अधिक होगी और जहां फ्लेट एरिया में निर्माण हुआ वह थोड़ी कम होगी ..NHAI की ओर से टोल के लिए अधिकृत की गयी कंपनी पाथ इंडिया लिमिटेड के टिंमरवानी टोल पाइंट के इंचार्ज सरफराज खान कहते हैं कि औसतन 2 से ढाई रूपये प्रति किलोमीटर का टोल इस जोन में लगेगा .. खान कहते हैं कि जैसे ही इंटरचेंज पाइंट पर वाहन इंट्री करेगा वैसी ही गाड़ी का फास्टटेक स्कैन कर अगले सभी 7 पाइंट पर गाड़ी की डिटेल्स भेज देगा और जैसे ही 8 लेन से एग्जिट होने के लिए एग्जिट टोल पाइंट पर पहुंचेंगे .. वहां आटोमेटिक आपकी गाड़ी की तय दुरी का तय टोल से गुणा कर उतनी राशि आपके फास्ट टेक अकाउंट से कट जायेगी .. सरफराज खान कहते हैं हम अभी सर्विस एरिया .. पेट्रोलिंग.. आदि की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं
बाइक - ट्रेक्टर सहित इन वाहनों की NO इंट्री
दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे पर पांच प्रकार के वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की इंट्री हो सकेगी ..जिन वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है उसमें बाइक - ट्रेक्टर - आटो -भुसे से भरे वाहन .. हार्वेस्टर
दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे की यह है विशेषता
दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से बना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है जिस पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी खासा फोकस किया था .. इस एक्सप्रेस को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह शहरों से काफी दुर से ग्रामीण ओर जंगल से भरे इलाकों से गुजरा है ..घने जंगलों से गुजारने के दौरान इसे जंगल के ऊपर से गुजारा गया ताकि जानवरों की आवाजाही बाधित ना हो .. 8 लेन के बीचों बीच 20 मीटर की लेन में पौधे लगाए गये है जो जल्दी पेड़ों का आकार लेंगे .. इस एक्सप्रेस वे में जगह जगह कैमरे ..सौर ऊर्जा आधारित लाइट्स लगाई गयी है ..हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एंड सर्विस एरिया बनाया गया है हर 100 किमी पर ट्रामा सेंटर एवं हेलीपेड बनाए गये है ताकि आपातकाल में घायल यात्रियों का जीवन सुरक्षित किया जा सके .. साथ ही मोटल भी एक्सप्रेस वे पर बनाए गये है ताकि यात्रियों को रात्रि विश्राम में दिक्कतें ना हो
यात्री गदगद - बोले अभुतपूर्व बना है एक्सप्रेस वे
आज 20 सितंबर की सुबह 8 बजे जब दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे के मध्यप्रदेश के हिस्से को आम लोगों के लिए खोला गया तो यात्री काफी उत्साहित थे ..आजतक से बातचीत के दौरान एक्सप्रेस वे में सफर कर आने वाले यात्रियों ने अपना अनुभव बताया.. रतलाम निवासी यात्री विनोद जैन ने कहा कि आज हमने 72 किलोमीटर का सफर टोल चुकाकर किया है लेकिन अनुभव बेहद रोमांचक रहा ..पेट का पानी तक नहीं हिला ओर रास्ते में कोई असुविधा नहीं हुई ..वहीं आनंद जैन नामक यात्री ने कहा कि आज रोमांचक अनुभव था ..हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे इलाके से यह दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे गुजर रहा है ।