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7 नवम्बर 2024 । Evening bulletin। Shreephal jain news । प्रतिदिन शाम 7 बजे ।
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आप देख रहे हैंं श्रीफल जैन न्यूज का ईवनिंग बुलेटिन। आप सभी का स्वागत है, मैं हूं रेखा जैन तो आइए नजर डालते हैं विज्ञान और धर्म से जुड़ी खबरों पर, जहां आप को जानने को मिलेंगी कई नई जानकारी
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लोकेशन इंदौर
रिपोर्टर रेखा जैन
आधुनिक जीवन की भागदौड़ में नींद की कमी एक सामान्य समस्या बन गई है, खासकर बच्चों के लिए। नींद केवल आराम का समय नहीं है, बल्कि यह विकास, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए आवश्यक है। कई शोधों में यह स्पष्ट किया गया है कि बच्चों को पर्याप्त नींद नहीं मिलने पर उन्हें गंभीर शारीरिक, मानसिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और स्लीप फाउंडेशन ने आयु के अनुसार नींद की आवश्यकता बताई है...
आयु के अनुसार नींद की आवश्यकता
4 से 12 महीने: 12 से 16 घंटे
12 से 24 महीने: 11 से 14 घंटे
3 से 5 साल: 10 से 13 घंटे
6 से 12 साल: 9 से 12 घंटे
13 से 18 साल: 8 से 10 घंटे
18 साल से ऊपर: 7 घंटे या उससे अधिक
इन रिकमेंडेशनों के अनुसार, बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार उचित मात्रा में नींद लेने की आवश्यकता है।
कम सोने के दुष्परिणाम
1.शारीरिक विकास में रुकावट
2. संज्ञानात्मक विकास में कमी
3. भावनात्मक समस्याएं
4. शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट
5. शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
6. प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी
7. सामाजिक व्यवहार पर असर
समाधान और उपाय
1. नियमित नींद का समय निर्धारित करना
2. सोने का सही वातावरण
3. शारीरिक गतिविधियाँ
4. कैफीन का सेवन कम करना
5. ध्यान और योग
Slug - नींद की कमी से शारीरिक,मानसिक रोग के ग्रस्त हो जाता है मनुष्य
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लोकेशन इंदौर
रिपोर्टर कमलेश जैन
कर्नाटक ऐनापुर में प्राचीन आचार्य श्री कुंथु सागर जी महाराज थे, उनकी लिखित भावत्रयफलप्रदर्शी में लिखा है कि किस कारण मनुष्य धरती पर अनादर को प्राप्त होता है। उसमें बताया गया है कि जो मनुष्य, देव, शास्त्र, गुरु का अपमान कर खुश होता है, उनका बार -बार अपमान करता है, निंदा करता है , उनकी हंसी उड़ाता है या करने वालों समर्थन करता है और ऐसा करने की प्रेरणा देता है, तब व्यक्ति उसी भव में या अगले भव में अपमानित होता है । लोग उसका मजाक उड़ाते हैं, उसे पागल समझते हैं और वह अच्छा कार्य भी कर रहा होता है, तब भी उसे अपमानित होना पड़ता है। इस बात से सीख लेनी चाहिए कि कभी भी देव, शास्त्र, गुरु की निंदा नहीं करेंगे और न ही करने वाले का समर्थन करेंगे ।
Slug - जैसी करनी वैसा फल
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लोकेशन:-इंदौर
रिपोर्ट:प्रीतम
कैमरा मेन- मनीष जैन
मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज के सानिध्य में 9 नवंबर से 15 नवंबर तक चलने वाले 110 मंडल वाला श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव का पुनीत शुभारंभ गुरुवार को शोभायात्रा के साथ हुआ। विश्व के इतिहास में पहली बार इंदौर में ऐतिहासिक, दिव्य और अलौकिक 110 मंडलीय श्री सिद्ध चक्र महामंडल एवं रथावर्तन विधान का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए प्रातः 7 बजे से मोहता भवन से मुनि श्री प्रणाम सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो मुख्यमार्गों से होती हुए विजयनगर चौराहा पर बड़े भव्य पांडाल पर पहुंची। शोभायात्रा में जैन समाज के श्रावक धर्म ध्वजा लेकर चल रहे थे, साथ ही हाथी, बैंड भी चल रहे थे। इसके साथ भगवान महावीर की जयकार करते हुए जैन श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा को भव्यता प्रदान की। शोभायात्रा में रथ पर मंडल के साथ पूजन की द्रव्य सामग्री भी रखी हुई थी। मुख्य आयोजन स्थल विजयनगर पहुंचने पर महाराज श्री का प्रवचन हुआ। उसके बाद 10 बजे से ध्वजारोहण के अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ विधान का प्रारंभ हुआ।
Slug - शोभायात्रा से शुरू हुआ सिद्धचक्र विधान
आज के लिए इतना ही। कल पुनः इसी समय आप से मुलाकात होगी। आप के पास भी जैन धर्म से संबंधित कोई भी खबर संबंधित हो तो हमें 9460155006 अवश्य भेजें
जय जिनेन्द्र