ढोल गंवार सूद्र पसु नारी - सबने गलत अर्थ किया है / Dhol ganvaar sudra pashu naari

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Anand Dhara आनंद धारा

Anand Dhara आनंद धारा

Күн бұрын

ढोल गंवार सूद्र पसु नारी - सबने गलत अर्थ किया है / Dhol ganvaar sudra pashu naari
इसके साथ एक और चौपाई जिसको विवादित बना दिया गया है उसके अर्थ को भी समझे
पूजिअ विप्र सील गुण हीना,
सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥
यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
👇👇👇👇
• तुलसीदास जी ने शील और ...
अब इस वीडियो के संबंध में यह चीजें भी अवश्य पढ़े ताकि आपके सारे संशय मिट जाएं।
लालयेत् पंच वर्षाणि ,दश वर्षाणि ताडयेत् ।
प्राप्ते तु षोडशे वर्षे ,पुत्र मित्रवत् आचरेत् ।।
( चाणक्य नीति )
यहां पर भी पड़ने का मतलब पीटना ही है लेकिन फिर भी कुछ अतिरिक्त बुद्धिमान लोग यहां पर भी इसे देखना ही बताएंगे
यह दावा करते यहां पर अलग अर्थ है या प्रत्येक के साथ ताडना का अलग अर्थ निकल रहा है तो फिर भी कुछ लगने वाली बात थी
अब पहले जाने की इस श्लोक के बारे में क्या कहेंगे...
न वै ताडनात् तापनाद् वह्निमध्ये,
न वै विक्रयात् क्लिश्यमानोऽहमस्मि ।
सुवर्णस्य मे मुख्यदुःखं तदेकं ।
यतो मां जनाः गुञ्जया तोलयन्ति ॥
[ ताडनात् = पीटने से। वह्निमध्ये तापनाद् = आग में तपाने से। विक्रयात् = बेचने से। क्लिश्यमानोऽहमस्मि (क्लिश्यमानः + अहम् + अस्मि) = मैं दु:खी नहीं हूँ। तदेकं (तत् + एकम्) = वह एक है। गुञ्जया = रत्ती से, गुंजाफल से। तोलयन्ति = तौलते हैं। ]
प्रसंग-प्रस्तुत श्लोक में स्वर्ण के माध्यम से विद्वान् और स्वाभिमानी पुरुष की व्यथा को अभिव्यक्ति दी गयी है।
अनुवाद-मैं (स्वर्ण) ने पीटने से, न आग में तपाने से और न बेचने के कारण दु:खी हैं। मुझे तो बस एक ही मुख्य दु:ख है कि लोग मुझे रत्ती (चुंघची) से तौलते हैं।
भाव-विद्वान् स्वाभिमानी पुरुष विपत्तियों से नहीं डरता है। उसका अपमान तो नीच के साथ उसकी तुलना करने में होता है। तात्पर्य यह है कि शारीरिक कष्ट उतना दु:ख नहीं देते, जितनी पीड़ा मानसिक कष्ट पहुँचाते हैं।
अब यहां कुछ साइंटिस्टों को इस बात से भी दिक्कत हो जाएगी की यह नीच शब्द का प्रयोग क्यों किया गया
क्या आप चोर को नीच नहीं कहेंगे
डकैत को नीच नहीं कहेंगे
जाति की नहीं यहां बात गुण की हो रही है
अब सोना और रत्ती को एक भाव बेचा जा सकता है क्या?
जब तक हम अक्ल के अंधे बनकर रहेंगे तब तक कोई चीज समझ में नहीं आएगी
रामचरितमानस को ना आगे से पढ़ना न पीछे न पीछे से पढ़ना
प्रसंग का कुछ पता नहीं है
बस एक चौपाई को लेकर विद्वान बन जाते हैं
तुलसीदास जी रचित रामचरित मानस में नारियों को सम्मान जनक रूप में प्रस्तुत किया है। जिससे ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ ही सिद्ध होता है। नारियों के बारे में उनके जो विचार देखने में आते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
जननी सम जानहिं पर नारी ।
तिन्ह के मन सुभ सदन तुम्हारे ।।
अर्थात जो पुरुष अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री को अपनी मां सामान समझता है, उसी के हृदय में भगवान का निवास स्थान होता है।
मूढ़ तोहि अतिसय अभिमाना ।
नारी सिखावन करसि काना ।।
अर्थात भगवान राम सुग्रीव के बड़े भाई बाली के सामने स्त्री के सम्मान का आदर करते हुए कहते हैं, दुष्ट बाली तुम अज्ञानी पुरुष तो हो ही लेकिन तुमने अपने घमंड में आकर अपनी विद्वान् पत्नी की बात भी नहीं मानी और तुम हार गए।
मतलब अगर कोई आपको अच्छी बात कह रहा है तो अपने अभिमान को त्यागकर उसे सुनना चाहिए, क्या पता उससे आपका फायदा ही हो जाए।
चाहे कोई भी हो। तमाम सीमाओं और अंतर्विरोधों के बावजूद तुलसी लोकमानस में रमे हुए कवि हैं। उनका सबसे प्रचलित दोहा जिसे सबने अपने तरीके से तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया। हमेशा विवादों के घेरे में आ जाता है। कई महिला संगठनों ने तो इसका घोर विरोध भी किया।
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥
कुछ लोग इस चौपाई का अपनी बुद्धि और अतिज्ञान के कारण विपरीत अर्थ निकालकर तुलसी दास जी और रामचरित मानस पर आक्षेप लगाते हुए अक्सर दिख जाते हैं।
सामान्य समझ की बात है कि अगर तुलसीदास जी स्त्रियों से द्वेष या घृणा करते तो रामचरित मानस में उन्होंने स्त्री को देवी समान क्यों बताया?
और तो और- तुलसीदास जी ने तो-
एक नारिब्रतरत सब झारी। ते मन बच क्रम पतिहितकारी।
अर्थात, पुरुष के विशेषाधिकारों को न मानकर दोनों को समान रूप से एक ही व्रत पालने का आदेश दिया है।
साथ ही सीता जी की परम आदर्शवादी महिला एवं उनकी नैतिकता का चित्रण, उर्मिला के विरह और त्याग का चित्रण यहां तक कि लंका से मंदोदरी और त्रिजटा का चित्रण भी सकारात्मक ही है।
सिर्फ इतना ही नहीं सुरसा जैसी राक्षस रूपी नारी को भी हनुमान द्वारा माता कहना,
कैकेई और मंथरा भी तब सहानुभूति का पात्र हो जाती हैं जब उन्हें अपनी गलती का पश्चाताप होता है
ऐसे में तुलसीदासजी के शब्द का अर्थ स्त्री को पीटना अथवा प्रताड़ित करना है ऐसा तो आसानी से हजम नहीं होता।
इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि तुलसीदास जी शूद्रों के विषय में तो कदापि ऐसा लिख ही नहीं सकते क्योंकि उनके प्रिय राम द्वारा शबरी, निषाद, केवट आदि से मिलन के जो उदाहरण है वो तो और कुछ ही दर्शाते हैं।
राजा दशरथ ने स्त्री के वचनों के कारण ही तो अपने प्राण दे दिए थे। श्री राम ने स्त्री की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया, रामायण के प्रत्येक पात्र द्वारा पूरी रामायण में स्त्रियों का सम्मान किया गया और उन्हें देवी बताया गया।
परन्तु दुर्भाग्य तुलसीदास जी रचित इस चौपाई को लोग नहीं समझ पाते हैं।
और बस अपने छोटे विवेक के अनुसार आलोचना शुरू कर देते हैं
यह देखे बगैर कि तुलसीदास जी का स्तर क्या है और हमारा अर्थात आलोचकों का स्तर क्या है।
यदि हम रामचरितमानस को क्रमबद्ध तरीके से ध्यान से पढ़ें तो ही हम रामचरितमानस को भी समझ सकते हैं
और तुलसीदास जी को भी
लेकिन या तो हमारे स्वाध्याय में कमी है
या हमारी समझ में।
#Ramcharitmanas
#रामचरितमानस
‪@AnandDhara‬

Пікірлер: 4 500
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना, सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥ यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇👇 kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@srdgreducationtrust.3432
@srdgreducationtrust.3432 Жыл бұрын
Teli ,kalwara se related v line hai.... Tulsi ke ramcharitmanas mein...uska v meaning bata dijiye.... Sadhu baba....
@schaturvedi6531
@schaturvedi6531 Жыл бұрын
Ok
@fullframeweddingphotograph6538
@fullframeweddingphotograph6538 Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/opa0lqirrLZ-ZtU
@ashutoshtripathi784
@ashutoshtripathi784 Жыл бұрын
चौपाई सही हैं बिप्र वही है जो सबके प्रति समान भाव रखे इस चौपाई में रावण को सूद्र माना गया है vedo ka ज्ञाता होते हुए भी अत्याचारी बना
@subashchandrasingh9869
@subashchandrasingh9869 Жыл бұрын
Samudra ki tarah soch rakhanewalon es vyakhyan ko dekh sun kar us samudra ki tarah raste par ajao Ramayan singh adv ara
@RakeshKumar-ej6kw
@RakeshKumar-ej6kw Жыл бұрын
प्रमाण है कि सतयुग में केवल ब्राह्मणों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार था तो जाहिर है भाई जो धर्म ग्रंथ, वेद, पुराण, मनुस्मृति आदि लिखे गए है वे सभी ब्राह्मणों द्वारा अपने वर्ण को भविष्य में सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए गए हैं।
@spstudiocreations6723
@spstudiocreations6723 Жыл бұрын
Thoda to padhlo Ved kisi se nhi likha Gaya he
@KartikKishanStudio
@KartikKishanStudio 5 ай бұрын
नही किसने कहा
@asiatictransportco.5445
@asiatictransportco.5445 Жыл бұрын
जय हो गुरुदेव, आपके द्वारा कि गई सुन्दर व्याख्या से जिन भाइयों के मन मे ब्राहनती है आशा है दूर हो जाएगी l सादर l बालमुकुंद कौशिक
@rupkishoresinghshekhawat6436
@rupkishoresinghshekhawat6436 Жыл бұрын
परमपूज्य गुरुदेव जी ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से विवादित दोहे की व्याख्या की गई। गुरुदेव को दंडवत प्रणाम 🙏🙏
@genalalray1111
@genalalray1111 2 жыл бұрын
जिस धर्मग्रंथ में नारी को अधमी माना जाता हो जिसे आपके शब्दो मे तारने की जरुरत हो तो क्या सभी की जननी अधमी होती है? कितना भी लिपा-पोती करोगे-सच्चाई को नही छुपा सकोगे।
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
नारी स्वयं भावभंगिमा से दूर रहती हैं आप क्यों इतने परेशान हो रहे समझने में ।।
@dimaagkharabhaimera
@dimaagkharabhaimera 2 жыл бұрын
Abey MC BKL, Taran ke adhikari . Adhikari means authority. Nari taran ki adhikari bola gaya hai c#utiye. Adhikari hai naari. Simple.hindi nahi samjh aati tujhe g@!#du
@shatishkumar6630
@shatishkumar6630 2 жыл бұрын
@@user-sz3ni8pu3h aap jaisy loag ham sodro ko aaj bhi bato ko tod marod kar bavkof bnan cahty ho
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
@@shatishkumar6630 हिंदी में साफ शब्दों में प्रगट करें कहां पर भ्रमित हो रहे हैं आप ।।
@BDMClips
@BDMClips 2 жыл бұрын
Ye bhi to batao ki duniya ke kis dharma ne aurato ko devi maan ke pooja kiya hai ??
@laljiyadav8664
@laljiyadav8664 2 жыл бұрын
आप इसका भी अर्थ बता दें ना पूजैहि बिप सकल गूढ़ हीना शूद्र न पूजहि गुण गन प्रबीना
@user-mt4by2iv8d
@user-mt4by2iv8d 2 жыл бұрын
सत्य नापी ही शुद्रैन नकार्यो धनसंचय शुद्रोपी धन मासात ब्राम्हणांनी उपाधी उसका भि जवाब दे गुरुजी
@santoshdokania541
@santoshdokania541 2 жыл бұрын
हमें लगता है पुरोहित हमेशा पुजा जाता है शूद्र यानि सेवक कभी भी पुजा नहीं जाता हैं
@RUPESHKUMAR-uq3fc
@RUPESHKUMAR-uq3fc 2 жыл бұрын
अंध भक्त होते हि ऐसे है
@SanjayYadav-dg7tg
@SanjayYadav-dg7tg 2 жыл бұрын
Sahi h sir
@avadheshsingh8006
@avadheshsingh8006 2 жыл бұрын
रावण विप्र था लेकिन उसमे शील नही था सीता माता का हरण किया था फिर भी भगवान राम ने उसे विप्र या ब्राह्मण की तरह देखा और व्यवहार भी किया।
@bharatyadav9812
@bharatyadav9812 2 жыл бұрын
इस तरह की चौपाई वाले ग्रंथों को केवल ब्राह्मणों को पढ़ना चाहिए,,दलित पिछड़े वर्गों के लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी वा संविधान पढ़ना चाहिए,,इसी से यथार्थ कल्याण होगा,,,इस पर बहस करना ,समाज में अंधकार बनाए रखना जैसा है
@ronakakashy2744
@ronakakashy2744 2 жыл бұрын
👍🙏
@firozahmad236
@firozahmad236 2 жыл бұрын
Ye hui na baat
@_hindu_warriors
@_hindu_warriors 2 жыл бұрын
@@firozahmad236 mulle tu tere bachoki fikr kr pahle madarsa me mt bhejo jihad mt sikhao unko
@sunitupadhyay1508
@sunitupadhyay1508 Жыл бұрын
हर-हर महादेव महाराज जय जय श्री सीताराम महाराज के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम
@guru93-94
@guru93-94 2 жыл бұрын
तथाकथित धर्मग्रंथों में शुद्र जाति को पढ़ने, श्लोक पढ़ने, मंदिर में जाने से रोकना नही लिखा गया है। तथाकथित महाराज इसपर क्या विचार है।
@RajkumarNishad-px5it
@RajkumarNishad-px5it 2 жыл бұрын
शूद्र जाति को पढने तपस्या करने पर अपमान किया उदारण है ऋषि शम्बूक ने क्या अपराध किया था
@ajabsingh8995
@ajabsingh8995 2 жыл бұрын
R Kumar ji is baat ka bhi jawab Shayad inke pass Na Ho
@wakkudon1092
@wakkudon1092 2 жыл бұрын
मक्कारियों से भरे पड़े हैं, ये आपके सवालों का क्या जवाब देंगे खुद ही जाहिल है
@rajeshdwivedi6017
@rajeshdwivedi6017 2 жыл бұрын
@@RajkumarNishad-px5it valmiki ramayan lankakand ke baad samapt ho jati hai. Uttarakand pura milavati hai. Shambuk vadh, Sita ka tyag adi baaten mugalkaal me ki gai milavat hai, taki Hindu samaj me phoot dalkar toda ja sake.
@ashutoshtripathi784
@ashutoshtripathi784 Жыл бұрын
जो किसी के प्रति हीन भावना रखे वोही शूद्र है
@RajeshKumar-pi9qj
@RajeshKumar-pi9qj 2 жыл бұрын
बड़े भैया कुछ हिंदू हमारे जो हैं अपने धर्म को सही से नहीं देखते उनके किस्मत में मजार पर नाक रगड़ना ही है जाति छोटी नहीं होती है बुद्धि छोटी होती है सोच छोटी होती है
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ
@user-ch7dx8gw5j
@user-ch7dx8gw5j 2 жыл бұрын
सही बात है
@vickyrock00007
@vickyrock00007 2 жыл бұрын
अगर जाति छोटी नहीं होती तो नीची जाति के लोग और ऊपर जाति के लोग आरक्षण ले के नहीं बैठे होते। मंदिर में पुजारी किस जाति के है और नाली साफ करने वाले कौन से जाति के है।
@viewchanger1530
@viewchanger1530 2 жыл бұрын
सर आप सच्चाई को लीपापोती कर रहे हैं , भगवान ने सबको एक ही तरह से दुनिया मे भेजा है , ये सच्चाई है । लेकिन हमारे धर्म ग्रंथो ने विभेद पैदा कर दिया -- कोई मुँह से निकला ,कोई पेट से तो कोई जांघ से कोई पैर से पैदा हुए, इस प्रकार एक दूसरे के मन में जहर घोला । जन्म से कैसे कोई ऊँचा-नीचा हो सकता है । इससे हजारो जातियाँ बना दी गई, फिर आप हिन्दु एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं । कुछ वर्ग अपने
@viewchanger1530
@viewchanger1530 2 жыл бұрын
कुछ वर्ग अपने फायदे के लिए ही ये ढोल, ग्वार , शुद्र.....वाला बिचार थोपा गया । पहले बाभन लोगों को आत्म चिन्तन करना चाहिए।
@dharampalnastik6069
@dharampalnastik6069 2 жыл бұрын
"पूजिए विप्र शील गुण हीना शुद्र न पूज्य सर्वगुण ज्ञान प्रवीणा" इसका मतलब और बता
@chenshuksomani4615
@chenshuksomani4615 2 жыл бұрын
तेरे को समझ पड़ती है तो तुम बताओ , ज्ञान तो बांटेगा तो बढ़ेगा ही
@imratlalsahu7746
@imratlalsahu7746 2 жыл бұрын
ये पंक्ति किस ग्रंथ में है
@dharampalnastik6069
@dharampalnastik6069 2 жыл бұрын
@@imratlalsahu7746 राम चरित्र मानस
@chenshuksomani4615
@chenshuksomani4615 2 жыл бұрын
@@dharampalnastik6069 कोनसा कान्ड ओर कितने नम्बर कि चोपाई है
@Birendrasingh-gt1id
@Birendrasingh-gt1id 2 жыл бұрын
शुद्र का मतलब दुष्ट व्यक्ति और विप्र का विद्वान न कि वर्ण व्यवस्था की जाति क्योंकि त्रेतायुग में जाति कि नहीं कुल की प्रधानता थी।
@mahendrasharma7225
@mahendrasharma7225 11 ай бұрын
बहुत ही सटीक व्याख्या स्वामी जी, जयश्रीराम🙏
@Yadavsarkaroffical
@Yadavsarkaroffical 2 жыл бұрын
ब्राह्मणों ने बहुत उल्टा सीधा लिख दिया कलयुग में बुद्धिमान लोग हो गए तो वह तो छानबीन करेंगे गीता में भगवान श्याम अपने मुख से कह रहा है कि ब्राह्मण योग ना हो तो उसे दान देना नहीं चाहिए किसी भी जाति का हो भगवान तो उसके हृदय में रहते जो अंदर से सच्चा हो
@rohitkrsinghrajput7865
@rohitkrsinghrajput7865 2 жыл бұрын
Bhai bhasha to thik kar lijiye....
@adityaraj880
@adityaraj880 2 жыл бұрын
भाई ब्राह्मण नहीं बोलिये वे कथाकथित (so called)ब्राह्मण है.
@mash6571
@mash6571 2 жыл бұрын
Kiya Valmiki bramhan the? Kiya Shri krishna ur Shri Ram bramhan the? Aaj ke yog guru kiya bramhan hey? Lekin kuch gadaar hindu netao ne hindu dharam mey jatibad ka jahar ghol diya ur aaj bhi jati ke naam par rajniti karate hey. Isi choti soch ke karan bahari hamalabar hame harane mey safal huye. Ye hindu, muslim, ur issai sabhi ki har thi kiyuki jab hare tab sabhi hindu the. Baad mey convert huye.
@prakashnagora6131
@prakashnagora6131 2 жыл бұрын
@@adityaraj880 प्प्त्त्त्त5त55तोò0 गफ्फ्ग्फģģğआआ
@SatyendraKumar-ud4hl
@SatyendraKumar-ud4hl 2 жыл бұрын
Nice bhai
@k2Ashishgaming190
@k2Ashishgaming190 Жыл бұрын
दुनिया के सबसे सबसे अच्छी व्याख्या की है गुरु जी आपने समझ में भी आया और सटीक भी है ना किसी पर हाथ है और ना किसी का पक्ष
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना॥ ब्राह्मण यदि दुराचारी हो और उसमें कोई गुण ना हो फिर भी पूजनीय, और शूद्र यदि सभी गुणों से युक्त हो कुशल हो फिर भी तिरस्कार के योग्य.. तुलसीदासजी ने ऐसा क्यों कहा..? इसको समझने के लिए इस वीडियो को भी अवश्य देखें! kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@user-lh6tp4xq9m
@user-lh6tp4xq9m 2 жыл бұрын
सन्त कबीर साहेब ने पत्थर की पुजा का विरोध क्यों किया था बाबा जी आप ही बुद्धिमान है तो भारत में दलितों को आज भी शादी ब्याह में घोड़े पर बैठने से मजबूर किया जा रहा है यह कोन लोग कर रहे हैं
@lalulal7478
@lalulal7478 Жыл бұрын
Sab purani baate hai bhaisahab uper utho
@UmeshYadav-mw4dj
@UmeshYadav-mw4dj 2 жыл бұрын
इस चौपाई का सही अर्थ चाहे जो भी हो क्या यह सच्चाई नहीं है कि इस चौपाई की आड़ में सदियों से राजा महाराजा जमिंदार और मनुवादी सवर्ण शुद्र और नारी के साथ अमानवीय व्यवहार करता आ रहा है।
@himanshugurjar9002
@himanshugurjar9002 2 жыл бұрын
Bilkul sahi hai. Yahi nahi bahut si kitabo or shloko ka aise istemal kiya gya hai. Lekin iska dosh kisko jaata hai? Kitabo ko ya jinhone ne galat istemal kiya unko? Mudda ye hai. Bahut se log dharm ko hi dosh dene lagte hai bina samjhe.
@NafeesAhmad-xe9wv
@NafeesAhmad-xe9wv 8 ай бұрын
Bilkul sahi
@rampartaprahi9536
@rampartaprahi9536 Жыл бұрын
क्षुद्र व्यक्ति ही सूद्र व्यक्ति हैं...क्षुद्र यानि छोटी बुद्धि वाला व्यक्ति... महाराज ने सही समझाया है.. जय श्री राम
@GurnamSingh-wk5fe
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
Es ka matlab bhraman v suder ho sakta jis ki budhi cum hai
@interment603
@interment603 Жыл бұрын
बिल्कुल सही कहा तो तुम लोग कर लो ना ढोल गंवार ब्रामन khsatriy वैश्य ये सब ताड़ना के अधिकारी
@GurnamSingh-wk5fe
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@@interment603 u r right
@GurnamSingh-wk5fe
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@Siya ab Tak kinta lok ko Kia Esa kuj nahi hai kon c kitab likha hai bhai sahib
@GurnamSingh-wk5fe
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@Siya madam ji valmik bhramin nahi bilkul galat bol rehe ho Agar vo bhramin hai to fir on ki likhi hoe Ramain ap hindu mander me kio nahi rakhte Baha par Tulsi Ramain kio
@PoojaAmbedkar8077
@PoojaAmbedkar8077 2 жыл бұрын
न गीता से मिला है ना कुरान से मिला है हमें तो सब कुछ मिला है वह संविधान से मिला है
@gauravkashyap8341
@gauravkashyap8341 Жыл бұрын
😂😂😂😂😂 kyu k tum kmjor ho😂
@sandeepjoshi2446
@sandeepjoshi2446 Жыл бұрын
सही कहा जातिवाद जो है संविधान की देन है
@avadheshsingh8006
@avadheshsingh8006 2 жыл бұрын
बाबा जी ढोल किसी को दे दो वो नही बजा सकता।लेकिन किसी ढोल बजाने वाले को दिया जाता है तो वो उसे अच्छी तरह से बजा सकता है।ढोल की जो सोलहो कला जानता हो वही सही ताड़न है
@surendradixit6376
@surendradixit6376 2 жыл бұрын
Guru ji ne jo bataya,vah uchit aur samajik hai.guru ji ko sastang pranaam,
@roshanlalsagar8374
@roshanlalsagar8374 2 жыл бұрын
Swami ji ki education kitni hai
@babbojaiswal2536
@babbojaiswal2536 2 жыл бұрын
सर्वोत्तम🕉 ताड़न यानी कि विशेषज्ञ , 🕉🕉🕉🕉🕉
@alkaraj394
@alkaraj394 2 жыл бұрын
ढोल बजाने का मतलब सिद्धहस्तता नहीं है इसका मतलब है ढोल को पीटने से ही उससे आवाज आती है यानी ढोल बजाने के लिए उसे पीटना ही पड़ता है तभी वो बजती है बहुत छोटी सी बात है लेकिन आपने इसका अर्थ गलत निकाल लिया
@avadheshsingh8006
@avadheshsingh8006 2 жыл бұрын
माई जी रामायण को समझने के लिए एक दोहे का उदाहरण है। यह चरित्र जाने मुनि ज्ञानी। ये मुनि और ज्ञानी ही समझ सकते।या किसी महापुरुष को मालूम ये सब मैंने सत्संग में सुना है
@A.KSinghMaurya
@A.KSinghMaurya Ай бұрын
गर्व से कहो जय सियाराम जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 जय श्री राम 🚩🚩🚩 जय श्री राम जय श्री राम 🚩
@-hariom4867
@-hariom4867 3 жыл бұрын
गुरुजी ऐसी ही एक और विवादित चौपाई है विप्र पूजिये सकल गुण हीना। शूद्र ना पूजिये वेद प्रवीणा।। इसको भी समझाने की कृपया कीजिए गुरुदेव🙏
@AnandDhara
@AnandDhara 3 жыл бұрын
निश्चय ही
@ramgopaldangi4340
@ramgopaldangi4340 3 жыл бұрын
विप्र का अर्थ होता है धार्मिक व्यक्ति । और शुद्र का अर्थ होता है निकृष्ट कर्म करने वाला, और प्रवीण का अर्थ होता है कुशल या दक्ष। तो इस प्रकार इस चौपाई का अर्थ होता है, धार्मिक व्यक्ति भले ही सभी गुणों रहित हो लेकिन वह पूजनीय है और निकृष्ट कर्म करने वाला भले ही वेदों में कुशल हो परंतु वह पूजनीय नहीं है।
@DeepakSingh-ri4je
@DeepakSingh-ri4je 2 жыл бұрын
लोकतंत्र लागू होने से पहले ऐसी व्याख्या किसी महात्मा ने क्यों नहीं दी?
@prithvisingh6572
@prithvisingh6572 2 жыл бұрын
@@DeepakSingh-ri4je वास्तविकता से दूर भागना कायरता होती है सभी अपने अपने तरफ से व्याख्या देते हैं जबकि वह पंक्ति सत्य की दृष्टि से देखें कब आपको समझ में आएगा संसार में इतना कोई ज्ञानी नहीं है जो आप सभी लोग अपनी-अपनी तरह से ज्ञान बांट रहे हैं जब से मनुष्य ही वह भी सदा एक जैसा उसके जीवन में नहीं रह सकता तो फिर फालतू की बातें क्यों
@prithvisingh6572
@prithvisingh6572 2 жыл бұрын
@@DeepakSingh-ri4je जो तुम लोग तंत्र की दवाई दे रहे वह भी नेताओं के द्वारा बनाया हुआ है फिर इसको सविधान कह देते हैं यह तो एक देश की व्यवस्था और कानून होता है इसमें कोई आश्चर्य नहीं यह सब समय के अनुसार होता है समय के सामने कोई कुछ भी नहीं व्यर्थ का इनकार आगे जाकर कोई सारांश नहीं
@suryvanshi6960
@suryvanshi6960 2 жыл бұрын
शंकराचार्य जी ने भी इसका अर्थ समझाया था!वो भी बिल्कुल ठीक था!क्योकि आपकी बात और शंकराचार्य जी सन बाते काफी मेल खाती हैं!लेकिन आज इस श्लोक का अर्थ पुरा समझ मे आ गया🙏🙏🙏 धन्यवाद
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ
@gopalram6130
@gopalram6130 2 жыл бұрын
I like
@gopalram6130
@gopalram6130 2 жыл бұрын
I like
@gopalram6130
@gopalram6130 2 жыл бұрын
Good like
@gopalram6130
@gopalram6130 2 жыл бұрын
Veri good like this
@amarmeerwal5447
@amarmeerwal5447 2 жыл бұрын
क्या तुम्हारे धर्म ग्रथों में शुद्रो को धन रखने का पढने का अधिकार था जिनकी छाया से ब्राह्मण अपवित्र हो जाये जिस आदमी के मदिर में प्रवेश करने से मदिर अपवित्र हो जाता है ये सब अब हम पढ लिखकर समझने लगे तो तुम्हारे दर्द होने लगा ज्ञान मत बाटो सच सच ही रहता है
@Jitendrakumar-ek3gb
@Jitendrakumar-ek3gb 2 жыл бұрын
aapane sahi us samay e sab tha aur aaj bhi hai e log kuchh bhi kahe
@dr.u.sgautam4244
@dr.u.sgautam4244 Жыл бұрын
अति सुन्दर एवं अद्भुत प्रस्तुति।🌷🌷🙏🏻🙏🏻
@sangamlal1606
@sangamlal1606 2 жыл бұрын
*तुलसी ने अपने रामचरित मानस में यह भी तो चौपाई लिखी है।* *"पूजहि विप्र शील गुण हीना।* *शुद्र न पूज्य सर्वगुण ज्ञान प्रवीणा।* *क्या इस चौपाई का अर्थ भी आप ऐसे ही किस्से कहानी सुना कर लोगो को इसका अर्थ को तोड़ मरोड़ कर बताएंगे।*
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
जैसे पागल हांथी होता है उसी प्रकार कुछ पागल हैं इस दुनियां में गलत दिमाग लगाते हैं गलत समझते हैं ।।आप वैसा न करो तुलसी दास जितने आप विद्वान नहीं हैं अन्यथा ना कहते ना बुराई करते आपको कोई समझा नहीं सकता ।।
@deepchand6616
@deepchand6616 2 жыл бұрын
Kise pujana hai ? Aapane choupai galatLikha hai kripya sahi likhe fir manan karen. Tulasidasji ne "dwij shruti bechak"kahaa hai. Brahmanon ko bhi kataghare mein khada kiya hai wo nahi dikhata.
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना इसका अर्थ जानने के लिए इस वीडियो को देखें kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@kavindrayadav3607
@kavindrayadav3607 2 жыл бұрын
अतिउत्तम । कला साहित्य संगीत को समझने के बाद रामचरितमानस समझ आयेगा ।
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
बिल्कुल सत्य
@vinaykumarmodanwal6327
@vinaykumarmodanwal6327 Жыл бұрын
Hamare hindi shabd kai arth hote hai kabhi kabhi kbi log kahte hai log arth kuksh aur samjhte hai fir kavi arth batata hai tb log samjhte hai
@binoykumarsinha8273
@binoykumarsinha8273 Жыл бұрын
बहुत तार्किक विश्लेषण। बहुत अच्छा बहुत सुंदर। धन्यवाद।
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ
@VidyaSagar-gs2el
@VidyaSagar-gs2el Жыл бұрын
अति उत्तम विश्लेषण सही और सरल भाषा में महात्मा ने अर्थ को समझाया है इससे यही प्रतीत होता है कि जो लोग पढ़े लिखे नहीं हैं सही अर्थ नहीं समझते हैं वह मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं समाज में विद्वेष फैलाते हैं वह सरासर गलत है जय श्री राम
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@govindlal1777
@govindlal1777 2 жыл бұрын
तुलसीदास ने साफ 2 लिखा है कि मेरी चौपाई अर्थ मूर्ख से मूर्ख आदमी भी आसानी से समझ सकते हैं।और अब आप आये हैं कि आजतक इसका अर्थ लोगो ने गलत बताया है।मूर्ख मत बनाओ।
@bittusawariya9403
@bittusawariya9403 2 жыл бұрын
Ye bilkul murkh Bana raha hai
@atulpandey1708
@atulpandey1708 Жыл бұрын
बार-बार प्रणाम महाराज जी इतनी अच्छी इस चौपाई की व्याख्या आज तक किसी ने नहीं किया आप जैसे विद्वानों पर गर्व है, आप जैसे लोगों पर सनातन धर्म का आधार टिका हुआ है
@ASHOK251058
@ASHOK251058 2 жыл бұрын
पूजहिं विप्र सकल गुण हीना। शुद्र न गुण ज्ञान प्रवीणा।। इस का भी व्याख्या करें।🙏🙏
@tubsingh
@tubsingh 2 жыл бұрын
विप्र मतलब ब्राहमण भी होता है तो बनिया व्यापारी भी होता है
@Indian16558
@Indian16558 2 жыл бұрын
@@tubsinghबनिया को कौन पूजता है।
@tubsingh
@tubsingh 2 жыл бұрын
शायद मांस खाने वालों के शरीर बदबू करता हो और ब्राहमण लहसुन प्याज नही खाता हो, इसलिए संभावना हो सकती है
@Indian16558
@Indian16558 2 жыл бұрын
@@tubsingh शायद आंख - कान की अपेक्षा उनकी दोनों नाक बहुत ही सेंसटिव है।
@mstomar168
@mstomar168 2 жыл бұрын
ऐसी बातें ब्राह्मण केवल अपनी पूजा कराने के लिए ही लिखते हैं
@sushilkumarmishra7824
@sushilkumarmishra7824 Жыл бұрын
अत्यंत सही बात है। बात कौन कह रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है
@ramsinghmeena6770
@ramsinghmeena6770 2 жыл бұрын
जिसकी पत्नी को रावण अपहरण कर ले गया उसको राम नीच क्यों नहीं कह सके
@pankajnegi6748
@pankajnegi6748 2 жыл бұрын
Sambhidhan ambedkar ne nahi likha yr puri committe ne likha
@firozahmad236
@firozahmad236 2 жыл бұрын
Himmat nahi thi
@pankajnegi6748
@pankajnegi6748 2 жыл бұрын
@@firozahmad236 bhn ke lwade gali mat kha lena
@s.lchaturvedi353
@s.lchaturvedi353 2 жыл бұрын
जब तक है भेद मन में भगवान से जुदा है, देखें जो दिल का दर्पण इस घर मे ही खुद है। बनाने वाले ने सबको समान बनाया है।पूरे विश्व लोगों को देख लीजिए ।देश काल वातावरण के कारण रूप रंग अलग होतें है परंतु बनावटी स्वरूप सबका एक जैसे होता है।कोई भी व्यक्ति इस दुनिया में ऊंच या नीच अधम नही होता।सब अपने देश काल,वातावरण परिस्थिति ,संस्कार,योग्यता ,अनुभव के अनुसार आचरण व व्यवहार करतें हैं।रही बात वर्ण ,धर्म,सम्प्रदाय,जाति की ये सब उस जमाने के चालाक,होशियार,लोगों ने बनाया है किसी ज्ञानी या विद्वानों, शिक्षितों ,संतो का यह कार्य नही है।आज भी जो ज्यादा पढ़े लिखे लोग होतें है वो अपने से कम पढ़े लिखे लोगों को हीन दृष्टि से देखतें है जबकि ये उचित नही है ।जिन्हें उचित अवसर मिला वो होशियार बन गए और अपने आपको श्रेष्ठ बना कर चालाकी से दूसरों के ऊपर राज करने के लिए खुद नियम व कुछ भी जो उचित लगा लिख कर अपने मतानुसार नियम ग्रंथ,बना लिये और स्वयम्भू बन गए।परमात्म या ईस्वर किसी को छोटा या बड़ा नही बनाता।उनके द्वारा रचित प्रकृति सबके साथ समान रूप से व्यवहार करती है।हम सब इन्सान है।चाहे किसी भी धर्म व सम्प्रदाय का पुस्तक य धर्म ग्रंथ हो वह उसके लिखने वाले का विचार है जो सबके विचार नही हो सकते।शिक्षित व समझदार तथा ज्ञानी व्यक्ति कभी भी किसी को अपने से हीन नही मानता।और जो मानता है वो ईस्वर को नही जानता।इसलिए देश काल परिस्थिति,परिवरिश अनुसार लिखे गए किसी भी ग्रन्थों के मत में न उलझ कर वर्तमान परिवेशानुसार एक दूसरे से भाईचारें का व्यवहार करें यही सच और समझदारी है। क्षमा याचना के साथ।
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
परम आदरणीय और अब से तो परम प्रिय चतुर्वेदी जी आपके द्वारा लिखे गए एक एक शब्द ने मेरे दिल को जीत लिया है मैं ऐसे किसी कमेंट की अपेक्षा भी नहीं कर रहा था और इतनी सुंदर सोच की अपेक्षा भी नहीं कर रहा था जितनी सुंदर सोच आपकी है। आप निश्चय ही बहुत प्यारे इंसान हो आपका दिल की गहराइयों से आभार और बहुत-बहुत साधुवाद आगे भी हमारे साथ बने रहिएगा और समय-समय पर अपने सुंदर शब्दों के द्वारा हमारे दिल को ठंडक पहुंचाते रहिएगा। परमात्मा की कृपा सदैव आप पर बनी रहे। हरिॐ हरे कृष्ण 🙏
@dimaagkharabhaimera
@dimaagkharabhaimera 2 жыл бұрын
@@AnandDhara kathni aur karni mein fark hota hai
@randheeryadav7456
@randheeryadav7456 2 жыл бұрын
🙏🙏
@dyasankar6560
@dyasankar6560 2 жыл бұрын
Aam
@ramrakshachaudhary39
@ramrakshachaudhary39 2 жыл бұрын
Aap ne such kaha lekin yadl
@rashmikantshah6433
@rashmikantshah6433 2 жыл бұрын
65वर्ष के बाद मेरी ये ग़लत सोच आपकी समझ सुनकर दूर हुई। बहुत धन्यवाद।
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरि ॐ जय श्री राम
@pappuahirwar6607
@pappuahirwar6607 2 жыл бұрын
अगर यह बात तुलसीदासजी कहते हैं हम भी इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है केवल इसका दुरुपयोग करते हैं कुछ व्यक्ति स्वार्थ के लिए यही गलत हो जाता है धन्यवाद
@pappuahirwar6607
@pappuahirwar6607 2 жыл бұрын
@@AnandDhara री
@misikakarn6630
@misikakarn6630 2 жыл бұрын
@@pappuahirwar6607 ..!
@mahendraprakash5635
@mahendraprakash5635 2 жыл бұрын
Hariom hari
@vasantraokulkarni4002
@vasantraokulkarni4002 Жыл бұрын
महाराज आपले अच्छा समझाया अभिवादन स्वीकार करें ।
@omsairam8882
@omsairam8882 2 жыл бұрын
आप के चैनल पर दिखाए गए श्री राम चरित मानस के प्रसंग एक ग़लत तरीके अपनें अपने स्वार्थ में स्टिक बैठा कर समाज में ग़लत तरीके से जानकारी देना तथा आप के द्वारा एक एक शब्द का विस्तार से जानकारी दी जो मुर्ख और अज्ञानी को ज्ञान मिलेगा साथ ही साथ आप को सादर प्रणाम करते हैं और आगे भी उम्मीद करते हैं भी इस तरह ज्ञान का संदेश देंगे । जय श्री राम
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
जय श्री राम
@harishankarharishankar3803
@harishankarharishankar3803 2 жыл бұрын
आप कहते हैं कि शुद्र नीच काम करने वाला होता है लेकिन आपकी रामायण कहती है कि ब्राह्मण कितना भी अनपढ़ हो वह ब्राह्मण ही रहेगा शूद्र कितना ही पढ़ा-लिखा ज्ञानी क्यों न हो वह शूद्र ही रहेगा देश को चुटिया बनाना बंद कर दो
@OMPRAKASH-ng3ep
@OMPRAKASH-ng3ep 2 жыл бұрын
सीधा सीधा बोला गया है कि ढोल गंवार शूद्र पशु और नारी ताड़ना के अधिकारी हैं फिर इसका अनर्थ कौन करे रहा है
@avadheshsingh8006
@avadheshsingh8006 2 жыл бұрын
रामचरित मानस को समझने के लिए एक दोहा को स्मरण करते हुए विस्तृत सोच के साथ समझनी चाहिए। यह चरित्र जाने मुनि ज्ञानी। जिन्ह रघुवीर चरन रति मानी।। ये मानस सिर्फ मुनि और ज्ञानी ही जानते सत्य यही बाबा जी
@user-ch7dx8gw5j
@user-ch7dx8gw5j 2 жыл бұрын
❤️
@a.r.p.daulatji466
@a.r.p.daulatji466 2 жыл бұрын
महोदय जब कोई कवि या लेखक किसी कहानी को अपने विचारों से जोड़ते हुए विस्तृत रूप देता है तो वह किसी पात्र द्वारा जो बातें कहलाता है वह उसके दिमाग की मान्यता होती है अतः तुलसीदास जी के दिमाग में जो बातें थी वह समुद्र के माध्यम से कही गई है उनकी नजर में यह सभी दंड देने से ही कार्य करते हैं ।
@avadheshsingh8006
@avadheshsingh8006 2 жыл бұрын
जिस तरह भागवत गीता में अर्जुन से कृष्ण ने जो संवाद किया वो संस्कृत में था महर्षि वेद व्यास ने श्रुत परंपरा को लेख बद्ध किया ।लेकिन कृष्ण ने जो उपदेश अर्जुन को दिए उस समय उनके मनोगत भाव क्या थे क्रमशः कोई पथिक चलकर ही उसी अवस्था को प्राप्त कर वही बता सकता है उसी प्रकार तुलसी दास न तो लेखक थे न ही कवि ,रामायण भगवान की प्रेरणा से और अपने गुरु की कृपा से लिखा ।तुलसी दास ने जो लिखा था उस समय की क्षेत्रीय भाषा में लिखा था न की उसका अर्थ ।इसलिए जो कोई तत्वदर्शी महापुरुष ही उसके वास्तविक अर्थ को जानता और समझता है।रही बात जीने खाने के लिए तो खाओ पियो मौज करो यही जीवन नही है।जीवन मिला है तो सत्य को जानो नही अनंत जन्मों तक अनंत इच्छाएं और अनंत वासनाएं कभी न पूरी होगी
@sunitapushkar5329
@sunitapushkar5329 2 жыл бұрын
Shudr ka hi jikar qu aya,, dusare barn ka qu nhi
@SanjayYadav-cd7fo
@SanjayYadav-cd7fo Жыл бұрын
कबीरा इस संसार मे भांति भांति के लोग जैसी जिसकी भावना वैसी उसकी सोच
@abrce2011
@abrce2011 2 жыл бұрын
अति सुंदर पंडितजी।आपका ये वीडियो देखकर मन गदगद हो गया।हरिओम।👍👌💐😊
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ बहुत कम लोग हैं जो कि मेरी बात को समझ पा रहे हैं मेरे आशय को समझ पा रहे हैं अच्छी चीजों को समझने के लिए भी अच्छा दिमाग चाहिए मूर्ख आदमी किसी भी सही बात का गलत अर्थ निकाल सकते हैं
@varunkumar-eq4jh
@varunkumar-eq4jh 3 жыл бұрын
स्वामी जी सही अर्थ बताने के लिए बहुत बहुत आभार
@AnandDhara
@AnandDhara 3 жыл бұрын
हरिॐ हरे कृष्ण
@rameshchandrapipliya8260
@rameshchandrapipliya8260 2 жыл бұрын
कौनसा सही अर्थ ,गलत अर्थ बता रहा है।
@AMARPAL-pr5cf
@AMARPAL-pr5cf 2 жыл бұрын
स्वामी जी आपने बहुत अच्छा व सटीक अर्थ बताया उस चौपाई का जिसको मन्द बुद्धि लोगो ने विवादित बना दिया, व सनातनियो के बीच भेद भाव पैदा करने का रामचरित मानस जैसे ग्रन्थ में साक्ष्य बना दिया ।
@sayogitarajput5039
@sayogitarajput5039 Жыл бұрын
कोटि-कोटि प्रणाम गुरु जी आपने सही सही ढंग से समझाया धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏💯
@dharamchanddharam1725
@dharamchanddharam1725 2 жыл бұрын
बहुत अच्छी टिप्पणी की हार्दिक शुभकामनाएं भगवान आपको स्वस्थ बनाए रखें बहुत अच्छी ज्ञान की बात बताई 🙏🙏🙏🎉🎉🎉
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ
@bhanupartaprajput9203
@bhanupartaprajput9203 2 жыл бұрын
jay shree ram
@kripashankerpal7892
@kripashankerpal7892 2 жыл бұрын
यह भगवान कौन है?
@hakimsingh2024
@hakimsingh2024 2 жыл бұрын
@@AnandDhara ¹
@tddevasalitddevashali9988
@tddevasalitddevashali9988 2 жыл бұрын
Jay Shri Ram
@mahendrasonkar8340
@mahendrasonkar8340 2 жыл бұрын
सौ की सीधी एक बात आंतरिक स्वभाव व्यवहार हम जैसा दूसरो के साथ करते है और अगला ब्यक्ति उस कृत्य से अपने उपर जैसा महसूस करता है उस चौपाई का सही मायने मे वही अर्थ होता है,
@rvsmediahub9178
@rvsmediahub9178 2 жыл бұрын
स्वामी जी क्षमा,,आपका तर्क स्पष्ट नहीं,,, एक संत के अनुसार "ताड़न" के दो अर्थ होते हैं,- प्रथम-: "पीटना",,,,द्वितीय-: "देखना,निगरानी करना या संरक्षित रखना" चौपाई में ढोल के लिए "पीटना" कहा गया और गंवार,शुद्र,पशु,नारी के लिए निगरानी व संरक्षण जैसे तात्पर्य हैं,,, एक शब्द को दोहरे अर्थों के लिए इस्तेमाल करना स्वामी तुलसीदास जी की खासियत रही है,,, Rakesh Verma,Deoghar, jharkhand
@puranbanjare744
@puranbanjare744 2 жыл бұрын
उपरोक्त शब्द सीता के लिए भी लागू किया जाना चाहिए क्योंकि उसके साथ भी बहुत अन्याय हुआ था
@MunnaMaharaj-n2y
@MunnaMaharaj-n2y Жыл бұрын
इस प्रसंग से मैं अभी संतुष्ट हूं तुलसीदास जी जो चौपाई लिखी है ढोल गवार शुद्र पशु नारी इस चौपाई को समुंद्र कह रहा है अति सुंदर समझ में आ गया
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@JitendraSingh-vi3sw
@JitendraSingh-vi3sw 2 жыл бұрын
तुलसी दास की चौपाई सही है परन्तु जैसी होगी आहार वैसे होगा विचार
@user-mx2jz4iq5g
@user-mx2jz4iq5g 2 жыл бұрын
Right ser ji
@bhanuprakash9854
@bhanuprakash9854 2 жыл бұрын
समुद्र सामने आकर खड़ा हो गया और विनती करने लग गया क्या ऐसा कल्पना में सम्भव हो सकता है वास्तविकता में नहीं, और रही बात भेद भाव या नफरत या ताड़ने की तो प्राचीन काल से चली आ रही वर्ण व्यवस्था और उनके अधिकार ही काफी है ये बताने के लिए की उस समय की व्यवस्था किस प्रकार की रही होगी,वर्तमान में आप जैसे संत उस व्यवस्था में सुधार करना चाहते हैं ये सराहनीय है महाराज जी,सादर नमन
@premsirclasses3151
@premsirclasses3151 2 жыл бұрын
Mahadhay aap jis adhi Kar ka udahran dekar dharm granth ko Galt sabit krna chahte hai...wo bhut baad me aayi hui insaan ki galtiya hai...pahle aisi koi vyawastha nhi this...kisi granth me ...aaj ki jaati ka koi jikra nhi milega
@rajusonawanedhammasongs5280
@rajusonawanedhammasongs5280 2 жыл бұрын
शुद्र कर्म करनेवालोंके कर्म और चार वर्णोंके शुद्रोके कर्मोमें क्या अंतर है?
@motirambhilawekar1071
@motirambhilawekar1071 2 жыл бұрын
Very good question raised.
@rajaramahirwar8732
@rajaramahirwar8732 2 жыл бұрын
Bahut hi sundar prasang bataya gaya h aapke duwara jay shree ram
@rajaramahirwar8732
@rajaramahirwar8732 2 жыл бұрын
Guru ji aaps Ek baat batane ki karpa karna jati kahan se bani hn jay shree ram
@rajendramishra7423
@rajendramishra7423 2 жыл бұрын
@@rajaramahirwar8732 जहाँ तक मेरा अध्ययन है जाति बनाया नहीं जाता ,गुण स्वभावत आदि से स्वतः बन जाता है,नामकरण विशेषज्ञ गण अपनी भाषा और अपने शब्दों में कर देते हैं|जैसे आप आम के बगीचे में गये आम खाये जैसा स्वाद वैसा बोल पड़े अरे-खटौवा है,ये तो मिठौवा है|फिर भी सनातन धर्म के अनुसार ब्रह्मा स दस ऋषि (कर्दम,वशिष्ठ,कश्यप, नारद,प्रचेता,दक्ष आदि) ,मनु,विश्वकर्मा, चित्रगुप्त, रुद्र आदि पुत्र बताये गये हैं|मनु से मनुष्य,विश्वकर्मा से लोहार आदि,चित्रगुप्त से कायस्थ आदि की उत्पत्ति हुई|दश ऋषियों से ब्रह्मण,देवता ,दैत्य आदि हुए|रुद्र से प्रेत भूतादि हुए|मनु ने मनुष्य को चार वर्णो में बांटा ब्रह्मण को पूर्व ब्रह्मण में मिला दिया,राजाज्ञा के कारण मिला लेना पड़ा|कई देवताओं से क्षत्रिय वंश चला मनु वाले क्षत्रिय भी मिल गये|मनु के चौथे वर्ण शूद्र मे से ( कई लाख वर्ष बाद)सवा लाख शूद्रों को उपरोक्त ब्रह्मण 3और 13 में सवा लाख को मिला दिया गया और ब्रह्मण हो गया निन्दा का पात्र जो कभी पूजनीय था|
@shashank4050
@shashank4050 Жыл бұрын
हमारी सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि नेताओं द्वारा इस तरह के वक्तव्य देने वालों को सख्त सज़ा का प्रावधान हो
@abhishekpandit5692
@abhishekpandit5692 3 жыл бұрын
आज इस चौपाई को सही से समझा... बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏
@AnandDhara
@AnandDhara 3 жыл бұрын
अभिषेक बेटा जी आप समझदार हो इसीलिए समझ पाए इसे आगे ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकि बहुत सारे लोगों की गलतफहमी दूर हो
@santramsingh2374
@santramsingh2374 2 жыл бұрын
Tarana ka matalab pitane se hai bina pite. Dhol nahi baj sakta
@Chamar78_6
@Chamar78_6 2 жыл бұрын
Guru ji आप सही कह रहे हो, लेकिन जातिवाद लोगो के दिल मे बस चुका है और ऊंची जाति के लोग ही जातिवाद क्यों करते है।
@zakhm1751
@zakhm1751 2 жыл бұрын
Guru Pagal hai
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
जातिगत सोच एक दिन संसार को ही लै डूबेगी कुतर्क ना करो तो ठीक है ।।अल्प ज्ञानं भयंकरं ।।
@gauravkashyap8341
@gauravkashyap8341 Жыл бұрын
Tum khud hi khud ko neecha maan re ho bhai fer dusre se kya expect kr re ho.. or recent time dikh rhaa h kon jatiwad kr rha h
@anupam4338
@anupam4338 Жыл бұрын
Kaun unchi kaun nich bhai Sab hindu hain Please ek baniye Koi ek do log aise ho bhi to ignore kariye aur hindu ko sangathit karne ka bida aap uthaiye Jai shree ram 🚩🚩🚩🚩🙏
@kks8408
@kks8408 Жыл бұрын
खुद अपने आप को नीचा समझते हैं तो इसका इलाज नहीं है भाई राम तो केवट को गले लगाता था शबरी के घर खाता था सु्ग्रीव वालीं मित्र थे मोदी आज पांव धोकर पिते है हम-सब हिन्दू है जय भीम जय मीम से बहार निकलो ,
@rameshbhankodia470
@rameshbhankodia470 Жыл бұрын
अति सुन्दर प्रवचन ! शत् शत् प्रणाम !!
@Prince-xl3jp
@Prince-xl3jp Жыл бұрын
जय श्री राम गुरु जी आपने बहुत सुंदर ज्ञान बातों से समझायालोग ऊपर ऊपर देखते हैं असली ज्ञान की जड़ में जाते नहीं हैएक शब्द के सेवन अर्थ होते हैंऋषि सभी लोग अच्छी तरह समझ नहीं पाते हैं समझाने वाले इनको अपनेऋषि सभी लोग अच्छी तरह समझ नहीं पाते हैं समझाने वाले इनको इतनी अच्छी तरह समझाते नहीं हैआप बहुत अच्छी तरह से या ज्ञान दिया है
@babbanprasad907
@babbanprasad907 2 жыл бұрын
बाबा जी ये भगवा धारी है का भाषण सुनकर अन्ध भक्त बहुत खुश होगे
@ashokchoudhary4571
@ashokchoudhary4571 2 жыл бұрын
Bhim hi bhim ko kyu sune
@bableshnaruka1536
@bableshnaruka1536 Жыл бұрын
अंध भक्तों का मतलब जानते हो क्या मदरसे से हिंदी सीखी है क्या जो सीधी बात समझ नही आ रही जो बिना दिमाग के अपने आका के हुकुम पर डंडा उठाके सर तन से जुदा कर दे वो अंधभक्त होता है यहां तो बाबाजी पूरे कर और सही अर्थ के साथ बता रहे है इसे भी जो सुन कर भी न समझ सके वो अक्ल का दुश्मन होता है और उस। पर तो योगी की नीति ही काम आती है
@yogendramohan2809
@yogendramohan2809 2 жыл бұрын
बाबा जी कुछ मूढ/मूर्ख लोग हैं जो उसे समझना और मानना ही नहीं चाहते,जिसका मन पहले ही काला/कलुषित हो गया है उसे तो बस अर्थ का अनर्थ करना और दूसरे लोगों पर बिष बमन करने से ही आनन्द आता है,वो अज्ञानी किसी के जबरदस्त बहकावे में आये हैं भगवान उनको‌ सद्बुद्धि दें
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।। वास्तव में प्रियवर विवेक के बगैर तो अच्छी बात भी समझ में नहीं आती और विवेक उसे प्राप्त होगा जिस पर प्रभु की कृपा होगी सामने दृश्य चाहे जितना भी सुंदर हो यदि आपके पास आँख नहीं है तो आप ना उसे देख सकते हैं ना ही उस का आनंद ले सकते हैं
@chanderkant6813
@chanderkant6813 Жыл бұрын
Maharaj You explain so good people listen this parvachan
@acharya.shyamji
@acharya.shyamji Жыл бұрын
बहुत सुंदर ढंग से समाधान किया परन्तु मूरख हृदय न चेत चहि गुरु मिलहि बिरचि सम
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@Sanjaykumar-zl3po
@Sanjaykumar-zl3po 2 жыл бұрын
Gurdev pranaam aap ne samaj ki akhe kholdi hai hamare mitra St sc obc ke log brahmno /RAMAYAN KO BAHUT APSABD KALPANIC KITAB MANTE HAI
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ
@puranpanikapuranpanika8450
@puranpanikapuranpanika8450 2 жыл бұрын
Yes Sir 👌👌
@manmohantilanthe7711
@manmohantilanthe7711 2 жыл бұрын
क्या ऐसा हो सकता है कि समुद्र एक वाण में सूख जाएगा ! ?? क्या समुद्र मानव का रूप धारण कर सकता है ?? सब अवैज्ञानिक लगता है औऱ कल्पना बाँकी कुछ नहीं !
@SURAT_wibe-traverler.
@SURAT_wibe-traverler. 2 жыл бұрын
Kya medical science main dead admi jinda ho sakta hai
@SURAT_wibe-traverler.
@SURAT_wibe-traverler. 2 жыл бұрын
Kya horse ur sakta hai
@SURAT_wibe-traverler.
@SURAT_wibe-traverler. 2 жыл бұрын
Every thing writen others religion
@GoluMaurya-qm9tc
@GoluMaurya-qm9tc 2 жыл бұрын
Bhai shahb jab DO inch ki yoni se dedh DO fut ka bacha nikL sakta hai to ak band se samundar kyon nhi sukh sakta hai sir
@chandrpalsingh3275
@chandrpalsingh3275 2 жыл бұрын
@@SURAT_wibe-traverler. kahne or samay samajhne ka fark ha aaj bhi tej doudne vale ko kahte hai Hava me ud raha hai udne vale vahan ko ghoda kahte ho aaj bhi kai vahan ka.pashu paksi ke nam par.hai air plan ko hi 👋 udna ghoda kahte honge
@mehtam8419
@mehtam8419 2 жыл бұрын
bahot sahi meaning kiya......Ramayan ki koi baat galat ho hi nahi sakti,ham Tulsidas Ramayan ke prati bahot Shraddha rakhte hai...maine bhi ye chopai ka questions karne valo ko hamesha yehi kaha hai,ye Samundra ki kahi hui baat hai , bhagwan Ram ne nahi kaha hai...
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ जय श्री राम
@RajkumarNishad-px5it
@RajkumarNishad-px5it 2 жыл бұрын
samundra kabse bolne laga aaj tak hamne dekha nahi
@virendrajha5151
@virendrajha5151 Жыл бұрын
Harekrishna jaysriram hari om guruji koti koti naman jaysanatan pujygranth tulsikrit ramayan ,murakhlog bhednajanen,
@ashokbankar5544
@ashokbankar5544 2 жыл бұрын
आप सब भारतीय नागरिक को अपनी राष्ट्र भाषा का अभिमान है ! अपने राष्ट्र भाषा के सन्मान के लिये देवनागरी (हिन्दी भाषा लिपी ) में लिपी अपने काॅमेंट लिखे तो हम जैसे सब सामान्य भारतीय नागरिक पढ सकेंगे ! सोचो सही लगे तो प्रयास जरुर करे !
@gyankeladdu
@gyankeladdu 2 жыл бұрын
एक दम सही।
@vijaydawri646
@vijaydawri646 2 жыл бұрын
ताडण है ताडना नही है । अब जब टीका हो रही है शब्द बदल रहे हैं । ये सच्चा ब्राह्मण है । झूठ बोलना, दोगलापण करना उनका धर्म है ।
@kamrajchoure8885
@kamrajchoure8885 2 жыл бұрын
क्या आपने राम चरित मानस पढ़ी है ? जनता को बेवकूफ मत बनाइए
@Monikasingh-kw2yd
@Monikasingh-kw2yd 2 жыл бұрын
Aapne
@pankajtripathi4958
@pankajtripathi4958 2 жыл бұрын
Tum padhe ho
@rajatrivedi1481
@rajatrivedi1481 Жыл бұрын
मर्यादित संतुष्ट करने की सत्यता परमाड़ित धन्यवाद के पात्र है आप महोदय सोच अच्छी बुरी छोटी बड़ी जाति की पहचान है
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ
@vishnupal9763
@vishnupal9763 2 жыл бұрын
आप लोग इतने ही शुद्ध आत्मा और नेकदिल रहे हैं तो कृपया बताएँ कि वो लोग कौन हैं जो अपने हिंदू भाइयों को ही शादी मे घोड़ी चढ़ने, या मूछे रखने पर आक्रामक हो जाते हैं l
@sewaram4983
@sewaram4983 2 жыл бұрын
Sabse Acchey hamarey guru Ravidas ji they jinhonein kisi bhi Insan ka Apman nahin kiya Jai guru Ravidasji🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
बहुत सुंदर संत रविदास संत कबीर गुरु नानक देव हमारी भक्ति धारा के आसमान में चमकते हुए सितारे हैं जय महान संत रविदास जय गुरुदेव
@NarendraKumar-st6lt
@NarendraKumar-st6lt 2 жыл бұрын
ताड़न का अर्थ : हिंदी संस्कृत शब्दकोश में ताड़ना के अनेक अर्थ हैं। जैसे- देखना, कसना, निगाह रखना, सुरक्षा करना देखभाल करना आदि। तुलसीदास रचित इस दोहे का हर जगह अर्थ बदल जाता है। ताड़ना के अधिकारी का सब जगह अलग अलग मतलब हैं।
@abcxyz1104
@abcxyz1104 2 жыл бұрын
Tadana .....ka mtlb ..sirf...... nigrani ...hai
@abcxyz1104
@abcxyz1104 2 жыл бұрын
En sabhi ko aasani se path bhrasta( derailed) kiya ja sakta hai.esliye in sabhi ko nigrani ki jarurat hoti hai.
@ramajisharma539
@ramajisharma539 Жыл бұрын
वाह बहुत सुंदर तारिके से समझाए पूज्य महाराज जी आनंद आज्ञा कोटि कोटि अभिनंदन जय श्री राम 🙏🏻🙏🏻
@ashokmali5863
@ashokmali5863 Жыл бұрын
महाराज की जय हो जो आपने रामायण के प्रसंगों को अच्छे से समझा हैं ।⚘👍।लेकिन भाजपा के बिरोधियो में रामायण की समझदारी आ जाएगी तो राजनीति कैसे करेंगे ।।
@bishnuprakashbanerjee3455
@bishnuprakashbanerjee3455 2 жыл бұрын
जिस सनातन धर्म के प्रत्यक्ष भगवान श्रीकृष्ण अपनी श्रीमुख से कहा - " किसी भी दुराचारी (पुरुष या स्त्री) मेरा (भगवान या आत्मा) के शरण आये तो मै (भगवान या आत्मा (तुम्हारे उद्धार कर दुंगा।। इसी तरह तुलसी जी ने भगवान के कथा को दौराया - " ढोल गवाढ शूद्र पशु नारी। यह सब तारण (मुक्ति) अधिकारी।।
@firozahmad236
@firozahmad236 2 жыл бұрын
Anand dhara see achchhi aur sachchi vyakhya aap samne aaiye na in sabki lagane
@GuruPrasad-co4xr
@GuruPrasad-co4xr 2 жыл бұрын
यह सब ताड़न के अधिकारी। या यह सब तारण के अधिकारी।। इनमे से तुलसीदास ने ताड़न लिखा है या तारण लिखा है। सही कौन सा है ?
@vickyrock00007
@vickyrock00007 2 жыл бұрын
आप सफाई दी बहुत अच्छी लगी। लेकिन जब ब्रमहन इतना बेवकूफ थे और आज तक इतना गलती मतलब ब्रमहान कहेने लायक नहीं
@SandeepKumar-wq5qe
@SandeepKumar-wq5qe 2 жыл бұрын
Bilkul sahi kaha bhai sahab aapane
@Unity2459
@Unity2459 2 жыл бұрын
Brahmin bhi vahin h , jo swabhav v buddi se gyani ho, janam se nahi.
@chetangroups2635
@chetangroups2635 Жыл бұрын
गुरु जी मैं आप की बात से सहमत हूँ। पर आप की बात वी सत्य, जिसमे आप जो सम जा रहे है कि मूर्ख को जितना मर्ज़ी सम जा लो वो वैसा ही व्यवहार करेगा।
@prishaarya1a142
@prishaarya1a142 2 жыл бұрын
आचार्य जी अगर आप के द्वारा संचालित किया गया अर्थ सोलह आने सत्य है तो कृपया रामायण की इस चौपाई में संशोधन करके " सुद़, पशु एवं नारी के स्थान पर ब़ाहमण, क्षत्रिय एवं वैश्य कर दीजिए.......?
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
परमेश्वर की कृपा सदैव आप पर बनी रहे हरिॐ
@tubsingh
@tubsingh 2 жыл бұрын
क्यों, महाराज जी, ये सलाह सही है क्या?
@bramsingh8248
@bramsingh8248 2 жыл бұрын
सही लिखा है भाई आपने शिवानी ब्राह्मण के लिए क्यों नहीं कहेगी सीता मां को तो वही उठाकर ले गए थे
@BinodKumar-ri4oj
@BinodKumar-ri4oj 2 жыл бұрын
आपने ठीक कहा है, उसे सुधारा भी तो जा सकता है. क्या आप आगे आयेगें?
@sigmapradip18
@sigmapradip18 2 жыл бұрын
तारणहारे तारणा का अर्थ मोक्ष मुक्ति , जुल्म से मुक्ति और साज संभाल है। तुलसीदास सत्य ज्ञान अहिंसा और प्रभु राम के उपासक थे।
@ganeshchander4986
@ganeshchander4986 3 жыл бұрын
सच्चाई कभी छुप नहीं सकती है गुरु जी को 🙏🙏🙏
@AnandDhara
@AnandDhara 3 жыл бұрын
बहुत बहुत आशीर्वाद प्रिय बेटा जी ने
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 2 жыл бұрын
सच्चाई छुपाने की आवश्यकता भी नहीं है कोई ग्रंथ जिस ऐतिहासिक काल में रचा जाता है उस काल भी सामाजिक धार्मिक स्थिति भी अनायास ही ग्रंथ में लिख जाती है
@bachanuyadav1702
@bachanuyadav1702 2 жыл бұрын
😮😮😮
@GurnamSingh-wk5fe
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@@shaileshdwivedi7171 bhai sahib ji Guru Granth Sahib Ji ki rachna v 350 sal pehle hoe Os me to kuj galat nahi hai Os me hi agar bhraman ko kuj gian kahi os ko nahi pujna agar koe chandal Giani educated hai to os ki Puja karo Jeh hai asli ved Guru Granth Sahib Ji।।
@girijeshsharma2140
@girijeshsharma2140 Жыл бұрын
Shrdhey Guru ji saadar pranaam, aapne ukt chaupai ki vyakhya karke saare Vivaad aur Bhram ka nivaaran Kar Diya, aapka koti koti dhanyavaad.
@kanhaiyalal5973
@kanhaiyalal5973 2 жыл бұрын
यदि राम की सेना और हनुमान बानर थे तो क्या हनुमान जी के माता-पिता और सुग्रीव बालि आदि की औरते बानर और बंदरी धैर्य ?
@kamleshpandey6055
@kamleshpandey6055 2 жыл бұрын
प्रसंग से हटकर कुतर्क।
@santoshdokania541
@santoshdokania541 2 жыл бұрын
महराज जी हमें लगता है कि ताड़ना का अर्थ नजर रखने (ध्यान देने) से हैं जिस तरह कुछ घरों की औरतें भी कहती है फलानो आती जाती छोरीयाँ ना ताड़तो रहबह है!
@abhishekthakre2184
@abhishekthakre2184 2 жыл бұрын
Fir dhol ko tadnese kya matlab
@dineshwartiwari2616
@dineshwartiwari2616 2 жыл бұрын
संतो ने शुद्र न शुब्ध और नारी न रारी उलेख किया है ।जय श्रीराम
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
जय श्री राम
@prakashj4058
@prakashj4058 2 жыл бұрын
ढोल गंवार क्षुब्ध पशु रारी, सकल ताड़ना के अधिकारी ।
@ChandanSingh-sv2wk
@ChandanSingh-sv2wk 2 жыл бұрын
भारत की ऐसी नीतियां कदर नहीं विद्वानों की महापुरुषों का मानना होता पूजा हो शैतानों की जय भारत जय भीम
@hiralalmukhot702
@hiralalmukhot702 2 жыл бұрын
आप चाहे जितना भी बातें बनाओं लेकिन सत्य को कोई झुठला नहीं सकता जी
@kanhiyalalmishra6994
@kanhiyalalmishra6994 2 жыл бұрын
बिलकुल सही बात भाई जब तक लात घूंस नहीं पड़ेगा समझ में आही नहीं सकता
@kamleshpandey6055
@kamleshpandey6055 2 жыл бұрын
आप इतने ही विश्लेषण से खण्डन कीजिए।किसी को पूर्वधारणा से सही या गलत कहना धूर्ततापूर्ण है।
@harieverywhere
@harieverywhere 2 жыл бұрын
I appreciate ur efforts
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
हरिॐ
@user-lh6tp4xq9m
@user-lh6tp4xq9m 2 жыл бұрын
हजारों करौड़ो का धन मन्दिरों में है वह गरीबों को बांट दिया जाए तो भारत में कोई भीख नहीं मांगेगा आप वास्तविक साधु है तो अभ्यास करके देखो सभी श्लोक कहानी तो हमने सुना भी है पढ़ा भी है
@pdpandey8157
@pdpandey8157 Жыл бұрын
Jai.shree.ram.ji Apnay.tik.samjaya.ha.v.true. Thankes.
@gsfurniturehargharkishobha1201
@gsfurniturehargharkishobha1201 2 жыл бұрын
सच्चा को सच्चाई रहने दिजीये क्यो की जनता बहूत दिन से सोई है और अब जाग रही है
@haridattbhartiharidattbhar1384
@haridattbhartiharidattbhar1384 Жыл бұрын
आगे की क्या उखाड़ लेगी जाग नहीं रही है नर्क में जा रही है
@jyotiprakash3556
@jyotiprakash3556 Жыл бұрын
Bhai tarhna mtlb yaha gyan Or sichha se hai na ki marne pitne se Ramcharitamanas aabdhi bhasha me likha hai or aabdhi me iska mtlb sichha or gyan hota hai Ramayan ka ye chaupai samudra ne sri ram se kaha Dhol bahane ke lye gyan chahye Gawar ko ko bhi kuchh samghane ke lye bhi sichha chahye
@gsfurniturehargharkishobha1201
@gsfurniturehargharkishobha1201 Жыл бұрын
@@haridattbhartiharidattbhar1384 उखाणने के चक्कर मे मत पण और स्वर्ग नरक अपने लिये रख एक बार आवाज उठायी गयी तो तो दन्ड के जगह शिछा हो गया अभी एक और आवाज उठेगी न तो यह स्लोक ही गायब हो जायेगा बहूजन को मूर्ख समझना बन्द करो
@gsfurniturehargharkishobha1201
@gsfurniturehargharkishobha1201 Жыл бұрын
@@jyotiprakash3556 गजब का ग्यान है भाई आप का राम समुन्द्र को तीर तान कर ग्यान दे रहे है और ढोलक को पीट पीट कर ग्यान दे रहे है गवार को पिट पिट कर ग्यान दे रहे है और उसी कटेगरी मे नारि और शूद्र को रखा बहूजन को मूर्ख समझना बन्द करो जो हमलोगो को गाली दे रहा है उसे हम कत्ई स्वीकार नही करेगे
@jyotiprakash3556
@jyotiprakash3556 Жыл бұрын
Fir aap sivling me ling ka mtlb kya hai jara ise aap batao Mere najro me sivling me ling ka mtlb partik hota hai Answer jarur kijye ga
@samadhanmarkande6944
@samadhanmarkande6944 3 жыл бұрын
जीनका मन हिन्दुओं के प्रति पूर्वग्रदूषित हो वो गलत ही सोचेंगे.हिन्दुओं के धर्म ग्रंथ समजणं सबके बस की बात नाही हैं.
@AnandDhara
@AnandDhara 3 жыл бұрын
हरिॐ
@ranbirsingh1091
@ranbirsingh1091 2 жыл бұрын
संत जी कृपया करके समाज में हिंदू ग्रंथों की गलत पब्लिसिटी ना करें पहले आप चौपाई को जाने फिर और उनको बताएं। आप जपे औरों से जा पाए नानक निश्चय मुक्ति पाए
@kripashankerpal7892
@kripashankerpal7892 2 жыл бұрын
भारत में कितने हिन्दू हैं, कौन हिन्दू है? क्या भारत के संविधान में किसी को हिंदू बताया गया है? हिन्दू- हिन्दू- हिन्दू सारी बकवास है भारत की बहुजन जनता को गुलाम बनाने की साजिश है. जै संविधान जै भारत.
@mahendradabi3502
@mahendradabi3502 2 жыл бұрын
Yaha Muslim Kaun hai
@pankajnegi6748
@pankajnegi6748 2 жыл бұрын
@@kripashankerpal7892 mera l bhaujan
@nanagram2524
@nanagram2524 2 жыл бұрын
एक चोपाई को सही करने में कितनी मेहनत करनी पड़ रही है।
@OMPRAKASH-ng3ep
@OMPRAKASH-ng3ep 2 жыл бұрын
चौपाई भेदभाव कौन है
@lakshmikantpandeylakshmika566
@lakshmikantpandeylakshmika566 Жыл бұрын
लोग समझ ले तो अच्छा मुझे लगता है कि किसी धर्म पर उगली नहीं उठाना चाहिए ✌उची जाति मे तो मुसलमान भी हैं सभी देशवासियों को आपस में मिल कर रहे तो विकास नहीं तो विनास निश्चित है
@pramodagrawal7112
@pramodagrawal7112 2 жыл бұрын
आपकी बातें सत्य है और ताड़ना का अर्थ शिक्षा देना देख रेख में रखना चाहिए
@user-be_authentic85
@user-be_authentic85 2 жыл бұрын
जिस दिन शुद्र को मंदिर में पुजारी बनने का अधिकार मिलेगा तो हम भी आप की बात से सहमत रहेंगे
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
पूजा पाठ काज्ञान आप सीखो पवित्रता से सभी कार्य किये जा सकते हैंचलो प्रशन्नता है आपको इस कार्यमें रुची हुई है ।।जरूर करिये मगर पापाचार से दूर रहकर पवित्रता से शाकाहारी ब्रह्मचर्य से करोगे लाभान्वित जरूर होगे आप भी ब्रह्म ज्ञानी हो जाओगे ब्राह्मण कहलाओगे ध्यान रहे कोई आपकी जातिपरिवार वाले आपको ब्राह्मण होने पर गाली देगा सहना पड़ेगा ।।नमस्कार ।।पुजारी जी के रूपमें सुंदरपरिधान ग्रहण करिये ।।
@user-sz3ni8pu3h
@user-sz3ni8pu3h 2 жыл бұрын
पहले ट्रेनिंग लेलो ।।बकवासी विरोध से मुस्लिमी समाज और विदेशियों ने मजा भी लिया था और आप जैसे विचारधारा वालों को ढूंढ़कर देश में अराजकता फैलवाया और आज भी दंगे आदि आपजैसे को भड़का कर करायेंगे ।।लाभ भी उनको मिलेगा आपको मार भगायेंगे ।।
@user-be_authentic85
@user-be_authentic85 2 жыл бұрын
मनुष्य केवल अपने कर्मो से श्रेष्ठ होता है।मानवता ही सर्वश्रेस्ठ धर्म है। जो कोई भी बिना पुजारी बने बन सकता हैं। "पोती पढ़ पढ़ जग मुआ भयो न पंडित कोई, ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय"। आपके मार्गदर्शन के लिऐ 🙏
@AnandDhara
@AnandDhara 2 жыл бұрын
महर्षि व्यास महान ऋषि सुकदेव महर्षि कश्यप आदि शूद्र कुल से रहे हैं संत कबीर संत रविदास भी ऊंचे कुल से नहीं थे और अगर शूद्रों को मंदिर में पुजारी बनने का अधिकार नहीं होता तो फिर मैं मंदिर में पुजारी कैसे हूं....
@shsududhhd8076
@shsududhhd8076 2 жыл бұрын
Mahanubhav prtyek rachna parampita ki hai.so manavta insaniyat dekhen.har insan har manav ko poojan ya pujari ka adhikar hai..aap vyarth hi jati dharm k prapanch me hai.na maniye aap koi nahi.ishwar ki is rachna se bhi ooper apki vichardhara hai.kya aap bataenge kon kon yesa is jagat me Jo prabhu ka nahi..
@SurendraSingh-bx6cd
@SurendraSingh-bx6cd 2 жыл бұрын
सकल ताडना = सकल देखकर उसके मन के भावो को समझ लेना ( बिना कहे) तुलसीदास जी जैसा व्यक्ति गलत बात कही नही सकते। 1- आप ने घर मे जो जानवर पाला है वह बोल नही सकता है , उसकी भूख ,प्यास,बिमारी व प्रजनन सब आप को समझना है।
@jawalasingh1580
@jawalasingh1580 Жыл бұрын
Bahut hi sundar vyakhya. Jai shree ram. Guru ji ko pranaam.
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ हरे कृष्ण
@ramdasssharma9122
@ramdasssharma9122 Жыл бұрын
बहुत अच्छी विवेचना की है आपने। महाराज जी ,आपको शत शत नमन ।
@AnandDhara
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना॥ ब्राह्मण यदि दुराचारी हो और उसमें कोई गुण ना हो फिर भी पूजनीय, और शूद्र यदि सभी गुणों से युक्त हो कुशल हो फिर भी तिरस्कार के योग्य.. तुलसीदासजी ने ऐसा क्यों कहा..? इसको समझने के लिए इस वीडियो को भी अवश्य देखें! kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@Dhruvgamer-zh3qc
@Dhruvgamer-zh3qc 2 жыл бұрын
अगर पहल करनी है या किसी बात पर बल दिया जा रहा है तो वे जाति खत्म कर दो। ये वर्ण खत्म कर दो नही तो शुद्र अपना इतिहास भुला नहीं है।
@bajrangshreekrishanpremdas9279
@bajrangshreekrishanpremdas9279 Жыл бұрын
Jai Shree Ram Jai Hanuman 🙏
@joshiharesha.5167
@joshiharesha.5167 2 жыл бұрын
बाबाजी आपकी व्याकरण ज्ञान को वंदन पर तुलसीदास ने रामायण लीखी है अपनी खुदकी संसार मे दमन कीये गये नितीओ का आधार लेके तुलसीदास एक हजार भूल की है
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