पूजिअ विप्र सील गुण हीना, सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥ यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇👇 kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@srdgreducationtrust.3432 Жыл бұрын
Teli ,kalwara se related v line hai.... Tulsi ke ramcharitmanas mein...uska v meaning bata dijiye.... Sadhu baba....
@schaturvedi6531 Жыл бұрын
Ok
@fullframeweddingphotograph6538 Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/opa0lqirrLZ-ZtU
@ashutoshtripathi784 Жыл бұрын
चौपाई सही हैं बिप्र वही है जो सबके प्रति समान भाव रखे इस चौपाई में रावण को सूद्र माना गया है vedo ka ज्ञाता होते हुए भी अत्याचारी बना
@subashchandrasingh9869 Жыл бұрын
Samudra ki tarah soch rakhanewalon es vyakhyan ko dekh sun kar us samudra ki tarah raste par ajao Ramayan singh adv ara
@rupkishoresinghshekhawat6436 Жыл бұрын
परमपूज्य गुरुदेव जी ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से विवादित दोहे की व्याख्या की गई। गुरुदेव को दंडवत प्रणाम 🙏🙏
@binoykumarsinha8273 Жыл бұрын
बहुत तार्किक विश्लेषण। बहुत अच्छा बहुत सुंदर। धन्यवाद।
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ
@sunitupadhyay1508 Жыл бұрын
हर-हर महादेव महाराज जय जय श्री सीताराम महाराज के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम
@OMPRAKASH-lb3xl Жыл бұрын
Sach sach hota hai. Usko explain nahi karna padta. Jis baat ko samjhane ke liye itna yatan karna pade aur phir bhi na samajha paye wo kaisa sach. Eise hi sach ki vajah se aaj samaj me vighatan ho raha hai. Dhanyawad.
@k2Ashishgaming190 Жыл бұрын
दुनिया के सबसे सबसे अच्छी व्याख्या की है गुरु जी आपने समझ में भी आया और सटीक भी है ना किसी पर हाथ है और ना किसी का पक्ष
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना॥ ब्राह्मण यदि दुराचारी हो और उसमें कोई गुण ना हो फिर भी पूजनीय, और शूद्र यदि सभी गुणों से युक्त हो कुशल हो फिर भी तिरस्कार के योग्य.. तुलसीदासजी ने ऐसा क्यों कहा..? इसको समझने के लिए इस वीडियो को भी अवश्य देखें! kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@rameshbhankodia470 Жыл бұрын
अति सुन्दर प्रवचन ! शत् शत् प्रणाम !!
@kavindrayadav36072 жыл бұрын
अतिउत्तम । कला साहित्य संगीत को समझने के बाद रामचरितमानस समझ आयेगा ।
@AnandDhara2 жыл бұрын
बिल्कुल सत्य
@vinaykumarmodanwal6327 Жыл бұрын
Hamare hindi shabd kai arth hote hai kabhi kabhi kbi log kahte hai log arth kuksh aur samjhte hai fir kavi arth batata hai tb log samjhte hai
@mahendrasharma7225 Жыл бұрын
बहुत ही सटीक व्याख्या स्वामी जी, जयश्रीराम🙏
@AMARPAL-pr5cf2 жыл бұрын
स्वामी जी आपने बहुत अच्छा व सटीक अर्थ बताया उस चौपाई का जिसको मन्द बुद्धि लोगो ने विवादित बना दिया, व सनातनियो के बीच भेद भाव पैदा करने का रामचरित मानस जैसे ग्रन्थ में साक्ष्य बना दिया ।
@Sanjaykumar-zl3po3 жыл бұрын
Gurdev pranaam aap ne samaj ki akhe kholdi hai hamare mitra St sc obc ke log brahmno /RAMAYAN KO BAHUT APSABD KALPANIC KITAB MANTE HAI
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ
@puranpanikapuranpanika84502 жыл бұрын
Yes Sir 👌👌
@abrce20113 жыл бұрын
अति सुंदर पंडितजी।आपका ये वीडियो देखकर मन गदगद हो गया।हरिओम।👍👌💐😊
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ बहुत कम लोग हैं जो कि मेरी बात को समझ पा रहे हैं मेरे आशय को समझ पा रहे हैं अच्छी चीजों को समझने के लिए भी अच्छा दिमाग चाहिए मूर्ख आदमी किसी भी सही बात का गलत अर्थ निकाल सकते हैं
@dr.u.sgautam4244 Жыл бұрын
अति सुन्दर एवं अद्भुत प्रस्तुति।🌷🌷🙏🏻🙏🏻
@RakeshKumar-ej6kw Жыл бұрын
प्रमाण है कि सतयुग में केवल ब्राह्मणों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार था तो जाहिर है भाई जो धर्म ग्रंथ, वेद, पुराण, मनुस्मृति आदि लिखे गए है वे सभी ब्राह्मणों द्वारा अपने वर्ण को भविष्य में सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए गए हैं।
@spstudiocreations6723 Жыл бұрын
Thoda to padhlo Ved kisi se nhi likha Gaya he
@KartikKishanStudio8 ай бұрын
नही किसने कहा
@READYGO_SCIENCE2 ай бұрын
abeeeeeeeeeeeeeee
@chanderkant6813 Жыл бұрын
Maharaj You explain so good people listen this parvachan
@sushilkumarmishra7824 Жыл бұрын
अत्यंत सही बात है। बात कौन कह रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है
@virendrajha5151 Жыл бұрын
Harekrishna jaysriram hari om guruji koti koti naman jaysanatan pujygranth tulsikrit ramayan ,murakhlog bhednajanen,
@vasantraokulkarni4002 Жыл бұрын
महाराज आपले अच्छा समझाया अभिवादन स्वीकार करें ।
@varunkumar-eq4jh3 жыл бұрын
स्वामी जी सही अर्थ बताने के लिए बहुत बहुत आभार
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ हरे कृष्ण
@rameshchandrapipliya82602 жыл бұрын
कौनसा सही अर्थ ,गलत अर्थ बता रहा है।
@genalalray11112 жыл бұрын
जिस धर्मग्रंथ में नारी को अधमी माना जाता हो जिसे आपके शब्दो मे तारने की जरुरत हो तो क्या सभी की जननी अधमी होती है? कितना भी लिपा-पोती करोगे-सच्चाई को नही छुपा सकोगे।
@एस्ट्रोलाजर2 жыл бұрын
नारी स्वयं भावभंगिमा से दूर रहती हैं आप क्यों इतने परेशान हो रहे समझने में ।।
@dimaagkharabhaimera2 жыл бұрын
Abey MC BKL, Taran ke adhikari . Adhikari means authority. Nari taran ki adhikari bola gaya hai c#utiye. Adhikari hai naari. Simple.hindi nahi samjh aati tujhe g@!#du
@shatishkumar66302 жыл бұрын
@@एस्ट्रोलाजर aap jaisy loag ham sodro ko aaj bhi bato ko tod marod kar bavkof bnan cahty ho
@एस्ट्रोलाजर2 жыл бұрын
@@shatishkumar6630 हिंदी में साफ शब्दों में प्रगट करें कहां पर भ्रमित हो रहे हैं आप ।।
@BDMClips2 жыл бұрын
Ye bhi to batao ki duniya ke kis dharma ne aurato ko devi maan ke pooja kiya hai ??
@MunnaMaharaj-n2y2 жыл бұрын
इस प्रसंग से मैं अभी संतुष्ट हूं तुलसीदास जी जो चौपाई लिखी है ढोल गवार शुद्र पशु नारी इस चौपाई को समुंद्र कह रहा है अति सुंदर समझ में आ गया
@AnandDhara2 жыл бұрын
जय श्री राम
@atulpandey1708 Жыл бұрын
बार-बार प्रणाम महाराज जी इतनी अच्छी इस चौपाई की व्याख्या आज तक किसी ने नहीं किया आप जैसे विद्वानों पर गर्व है, आप जैसे लोगों पर सनातन धर्म का आधार टिका हुआ है
@sayogitarajput5039 Жыл бұрын
कोटि-कोटि प्रणाम गुरु जी आपने सही सही ढंग से समझाया धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏💯
@dharamchanddharam17253 жыл бұрын
बहुत अच्छी टिप्पणी की हार्दिक शुभकामनाएं भगवान आपको स्वस्थ बनाए रखें बहुत अच्छी ज्ञान की बात बताई 🙏🙏🙏🎉🎉🎉
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ
@bhanupartaprajput92033 жыл бұрын
jay shree ram
@kripashankerpal78923 жыл бұрын
यह भगवान कौन है?
@hakimsingh20243 жыл бұрын
@@AnandDhara ¹
@tddevasalitddevashali99882 жыл бұрын
Jay Shri Ram
@VidyaSagar-gs2el Жыл бұрын
अति उत्तम विश्लेषण सही और सरल भाषा में महात्मा ने अर्थ को समझाया है इससे यही प्रतीत होता है कि जो लोग पढ़े लिखे नहीं हैं सही अर्थ नहीं समझते हैं वह मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं समाज में विद्वेष फैलाते हैं वह सरासर गलत है जय श्री राम
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@harieverywhere3 жыл бұрын
I appreciate ur efforts
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ
@abhishekpandit56923 жыл бұрын
आज इस चौपाई को सही से समझा... बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏
@AnandDhara3 жыл бұрын
अभिषेक बेटा जी आप समझदार हो इसीलिए समझ पाए इसे आगे ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकि बहुत सारे लोगों की गलतफहमी दूर हो
@santramsingh23743 жыл бұрын
Tarana ka matalab pitane se hai bina pite. Dhol nahi baj sakta
@s.lchaturvedi3532 жыл бұрын
जब तक है भेद मन में भगवान से जुदा है, देखें जो दिल का दर्पण इस घर मे ही खुद है। बनाने वाले ने सबको समान बनाया है।पूरे विश्व लोगों को देख लीजिए ।देश काल वातावरण के कारण रूप रंग अलग होतें है परंतु बनावटी स्वरूप सबका एक जैसे होता है।कोई भी व्यक्ति इस दुनिया में ऊंच या नीच अधम नही होता।सब अपने देश काल,वातावरण परिस्थिति ,संस्कार,योग्यता ,अनुभव के अनुसार आचरण व व्यवहार करतें हैं।रही बात वर्ण ,धर्म,सम्प्रदाय,जाति की ये सब उस जमाने के चालाक,होशियार,लोगों ने बनाया है किसी ज्ञानी या विद्वानों, शिक्षितों ,संतो का यह कार्य नही है।आज भी जो ज्यादा पढ़े लिखे लोग होतें है वो अपने से कम पढ़े लिखे लोगों को हीन दृष्टि से देखतें है जबकि ये उचित नही है ।जिन्हें उचित अवसर मिला वो होशियार बन गए और अपने आपको श्रेष्ठ बना कर चालाकी से दूसरों के ऊपर राज करने के लिए खुद नियम व कुछ भी जो उचित लगा लिख कर अपने मतानुसार नियम ग्रंथ,बना लिये और स्वयम्भू बन गए।परमात्म या ईस्वर किसी को छोटा या बड़ा नही बनाता।उनके द्वारा रचित प्रकृति सबके साथ समान रूप से व्यवहार करती है।हम सब इन्सान है।चाहे किसी भी धर्म व सम्प्रदाय का पुस्तक य धर्म ग्रंथ हो वह उसके लिखने वाले का विचार है जो सबके विचार नही हो सकते।शिक्षित व समझदार तथा ज्ञानी व्यक्ति कभी भी किसी को अपने से हीन नही मानता।और जो मानता है वो ईस्वर को नही जानता।इसलिए देश काल परिस्थिति,परिवरिश अनुसार लिखे गए किसी भी ग्रन्थों के मत में न उलझ कर वर्तमान परिवेशानुसार एक दूसरे से भाईचारें का व्यवहार करें यही सच और समझदारी है। क्षमा याचना के साथ।
@AnandDhara2 жыл бұрын
परम आदरणीय और अब से तो परम प्रिय चतुर्वेदी जी आपके द्वारा लिखे गए एक एक शब्द ने मेरे दिल को जीत लिया है मैं ऐसे किसी कमेंट की अपेक्षा भी नहीं कर रहा था और इतनी सुंदर सोच की अपेक्षा भी नहीं कर रहा था जितनी सुंदर सोच आपकी है। आप निश्चय ही बहुत प्यारे इंसान हो आपका दिल की गहराइयों से आभार और बहुत-बहुत साधुवाद आगे भी हमारे साथ बने रहिएगा और समय-समय पर अपने सुंदर शब्दों के द्वारा हमारे दिल को ठंडक पहुंचाते रहिएगा। परमात्मा की कृपा सदैव आप पर बनी रहे। हरिॐ हरे कृष्ण 🙏
@dimaagkharabhaimera2 жыл бұрын
@@AnandDhara kathni aur karni mein fark hota hai
@randheeryadav74562 жыл бұрын
🙏🙏
@dyasankar65602 жыл бұрын
Aam
@ramrakshachaudhary392 жыл бұрын
Aap ne such kaha lekin yadl
@acharya.shyamji Жыл бұрын
बहुत सुंदर ढंग से समाधान किया परन्तु मूरख हृदय न चेत चहि गुरु मिलहि बिरचि सम
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@RajeshKumar-pi9qj3 жыл бұрын
बड़े भैया कुछ हिंदू हमारे जो हैं अपने धर्म को सही से नहीं देखते उनके किस्मत में मजार पर नाक रगड़ना ही है जाति छोटी नहीं होती है बुद्धि छोटी होती है सोच छोटी होती है
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ
@नयाभारत-ब3थ3 жыл бұрын
सही बात है
@vickyrock000073 жыл бұрын
अगर जाति छोटी नहीं होती तो नीची जाति के लोग और ऊपर जाति के लोग आरक्षण ले के नहीं बैठे होते। मंदिर में पुजारी किस जाति के है और नाली साफ करने वाले कौन से जाति के है।
@viewchanger15303 жыл бұрын
सर आप सच्चाई को लीपापोती कर रहे हैं , भगवान ने सबको एक ही तरह से दुनिया मे भेजा है , ये सच्चाई है । लेकिन हमारे धर्म ग्रंथो ने विभेद पैदा कर दिया -- कोई मुँह से निकला ,कोई पेट से तो कोई जांघ से कोई पैर से पैदा हुए, इस प्रकार एक दूसरे के मन में जहर घोला । जन्म से कैसे कोई ऊँचा-नीचा हो सकता है । इससे हजारो जातियाँ बना दी गई, फिर आप हिन्दु एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं । कुछ वर्ग अपने
@viewchanger15303 жыл бұрын
कुछ वर्ग अपने फायदे के लिए ही ये ढोल, ग्वार , शुद्र.....वाला बिचार थोपा गया । पहले बाभन लोगों को आत्म चिन्तन करना चाहिए।
@rampartaprahi9536 Жыл бұрын
क्षुद्र व्यक्ति ही सूद्र व्यक्ति हैं...क्षुद्र यानि छोटी बुद्धि वाला व्यक्ति... महाराज ने सही समझाया है.. जय श्री राम
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
Es ka matlab bhraman v suder ho sakta jis ki budhi cum hai
@interment603 Жыл бұрын
बिल्कुल सही कहा तो तुम लोग कर लो ना ढोल गंवार ब्रामन khsatriy वैश्य ये सब ताड़ना के अधिकारी
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@@interment603 u r right
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@Siya ab Tak kinta lok ko Kia Esa kuj nahi hai kon c kitab likha hai bhai sahib
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@Siya madam ji valmik bhramin nahi bilkul galat bol rehe ho Agar vo bhramin hai to fir on ki likhi hoe Ramain ap hindu mander me kio nahi rakhte Baha par Tulsi Ramain kio
@mahendrasonkar83403 жыл бұрын
सौ की सीधी एक बात आंतरिक स्वभाव व्यवहार हम जैसा दूसरो के साथ करते है और अगला ब्यक्ति उस कृत्य से अपने उपर जैसा महसूस करता है उस चौपाई का सही मायने मे वही अर्थ होता है,
@girijeshsharma2140 Жыл бұрын
Shrdhey Guru ji saadar pranaam, aapne ukt chaupai ki vyakhya karke saare Vivaad aur Bhram ka nivaaran Kar Diya, aapka koti koti dhanyavaad.
@rashmikantshah64333 жыл бұрын
65वर्ष के बाद मेरी ये ग़लत सोच आपकी समझ सुनकर दूर हुई। बहुत धन्यवाद।
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरि ॐ जय श्री राम
@pappuahirwar66073 жыл бұрын
अगर यह बात तुलसीदासजी कहते हैं हम भी इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है केवल इसका दुरुपयोग करते हैं कुछ व्यक्ति स्वार्थ के लिए यही गलत हो जाता है धन्यवाद
@pappuahirwar66073 жыл бұрын
@@AnandDhara री
@misikakarn66303 жыл бұрын
@@pappuahirwar6607 ..!
@mahendraprakash56353 жыл бұрын
Hariom hari
@ramdasssharma9122 Жыл бұрын
बहुत अच्छी विवेचना की है आपने। महाराज जी ,आपको शत शत नमन ।
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना॥ ब्राह्मण यदि दुराचारी हो और उसमें कोई गुण ना हो फिर भी पूजनीय, और शूद्र यदि सभी गुणों से युक्त हो कुशल हो फिर भी तिरस्कार के योग्य.. तुलसीदासजी ने ऐसा क्यों कहा..? इसको समझने के लिए इस वीडियो को भी अवश्य देखें! kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@avadheshsingh80063 жыл бұрын
बाबा जी ढोल किसी को दे दो वो नही बजा सकता।लेकिन किसी ढोल बजाने वाले को दिया जाता है तो वो उसे अच्छी तरह से बजा सकता है।ढोल की जो सोलहो कला जानता हो वही सही ताड़न है
@surendradixit63762 жыл бұрын
Guru ji ne jo bataya,vah uchit aur samajik hai.guru ji ko sastang pranaam,
@roshanlalsagar83742 жыл бұрын
Swami ji ki education kitni hai
@babbojaiswal25362 жыл бұрын
सर्वोत्तम🕉 ताड़न यानी कि विशेषज्ञ , 🕉🕉🕉🕉🕉
@alkaraj3942 жыл бұрын
ढोल बजाने का मतलब सिद्धहस्तता नहीं है इसका मतलब है ढोल को पीटने से ही उससे आवाज आती है यानी ढोल बजाने के लिए उसे पीटना ही पड़ता है तभी वो बजती है बहुत छोटी सी बात है लेकिन आपने इसका अर्थ गलत निकाल लिया
@avadheshsingh80062 жыл бұрын
माई जी रामायण को समझने के लिए एक दोहे का उदाहरण है। यह चरित्र जाने मुनि ज्ञानी। ये मुनि और ज्ञानी ही समझ सकते।या किसी महापुरुष को मालूम ये सब मैंने सत्संग में सुना है
@Prince-xl3jp Жыл бұрын
जय श्री राम गुरु जी आपने बहुत सुंदर ज्ञान बातों से समझायालोग ऊपर ऊपर देखते हैं असली ज्ञान की जड़ में जाते नहीं हैएक शब्द के सेवन अर्थ होते हैंऋषि सभी लोग अच्छी तरह समझ नहीं पाते हैं समझाने वाले इनको अपनेऋषि सभी लोग अच्छी तरह समझ नहीं पाते हैं समझाने वाले इनको इतनी अच्छी तरह समझाते नहीं हैआप बहुत अच्छी तरह से या ज्ञान दिया है
@SanjayYadav-cd7fo Жыл бұрын
कबीरा इस संसार मे भांति भांति के लोग जैसी जिसकी भावना वैसी उसकी सोच
@divyasaxena45823 жыл бұрын
Absolutely right absolutely right 👍 eye 👀 opener explanation absolutely correct 👍👍👍👍👍
@AnandDhara3 жыл бұрын
हरिॐ
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना, सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥ यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇👇 kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@gurmitsinghgurmitsingh94523 жыл бұрын
Bahuot achhi byakha ki h....... 💯 Right h...Sri Ramayan ji hi manvta ko marg dikhaigi.jai shyaram.🙏
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@rajatrivedi1481 Жыл бұрын
मर्यादित संतुष्ट करने की सत्यता परमाड़ित धन्यवाद के पात्र है आप महोदय सोच अच्छी बुरी छोटी बड़ी जाति की पहचान है
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ
@bharatyadav98122 жыл бұрын
इस तरह की चौपाई वाले ग्रंथों को केवल ब्राह्मणों को पढ़ना चाहिए,,दलित पिछड़े वर्गों के लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी वा संविधान पढ़ना चाहिए,,इसी से यथार्थ कल्याण होगा,,,इस पर बहस करना ,समाज में अंधकार बनाए रखना जैसा है
@ronakakashy27442 жыл бұрын
👍🙏
@firozahmad2362 жыл бұрын
Ye hui na baat
@_hindu_warriors2 жыл бұрын
@@firozahmad236 mulle tu tere bachoki fikr kr pahle madarsa me mt bhejo jihad mt sikhao unko
@mehtam84192 жыл бұрын
bahot sahi meaning kiya......Ramayan ki koi baat galat ho hi nahi sakti,ham Tulsidas Ramayan ke prati bahot Shraddha rakhte hai...maine bhi ye chopai ka questions karne valo ko hamesha yehi kaha hai,ye Samundra ki kahi hui baat hai , bhagwan Ram ne nahi kaha hai...
@AnandDhara2 жыл бұрын
हरिॐ जय श्री राम
@RajkumarNishad-px5it2 жыл бұрын
samundra kabse bolne laga aaj tak hamne dekha nahi
@bhanuprakash98543 жыл бұрын
समुद्र सामने आकर खड़ा हो गया और विनती करने लग गया क्या ऐसा कल्पना में सम्भव हो सकता है वास्तविकता में नहीं, और रही बात भेद भाव या नफरत या ताड़ने की तो प्राचीन काल से चली आ रही वर्ण व्यवस्था और उनके अधिकार ही काफी है ये बताने के लिए की उस समय की व्यवस्था किस प्रकार की रही होगी,वर्तमान में आप जैसे संत उस व्यवस्था में सुधार करना चाहते हैं ये सराहनीय है महाराज जी,सादर नमन
@premsirclasses31513 жыл бұрын
Mahadhay aap jis adhi Kar ka udahran dekar dharm granth ko Galt sabit krna chahte hai...wo bhut baad me aayi hui insaan ki galtiya hai...pahle aisi koi vyawastha nhi this...kisi granth me ...aaj ki jaati ka koi jikra nhi milega
@jawalasingh1580 Жыл бұрын
Bahut hi sundar vyakhya. Jai shree ram. Guru ji ko pranaam.
@AnandDhara Жыл бұрын
हरिॐ हरे कृष्ण
@laljiyadav86643 жыл бұрын
आप इसका भी अर्थ बता दें ना पूजैहि बिप सकल गूढ़ हीना शूद्र न पूजहि गुण गन प्रबीना
@भीमरावपुरभाजीसूर्यवंशीसूर्यवं3 жыл бұрын
सत्य नापी ही शुद्रैन नकार्यो धनसंचय शुद्रोपी धन मासात ब्राम्हणांनी उपाधी उसका भि जवाब दे गुरुजी
@santoshdokania5412 жыл бұрын
हमें लगता है पुरोहित हमेशा पुजा जाता है शूद्र यानि सेवक कभी भी पुजा नहीं जाता हैं
@RUPESHKUMAR-uq3fc2 жыл бұрын
अंध भक्त होते हि ऐसे है
@SanjayYadav-dg7tg2 жыл бұрын
Sahi h sir
@avadheshsingh80062 жыл бұрын
रावण विप्र था लेकिन उसमे शील नही था सीता माता का हरण किया था फिर भी भगवान राम ने उसे विप्र या ब्राह्मण की तरह देखा और व्यवहार भी किया।
@guru93-942 жыл бұрын
तथाकथित धर्मग्रंथों में शुद्र जाति को पढ़ने, श्लोक पढ़ने, मंदिर में जाने से रोकना नही लिखा गया है। तथाकथित महाराज इसपर क्या विचार है।
@RajkumarNishad-px5it2 жыл бұрын
शूद्र जाति को पढने तपस्या करने पर अपमान किया उदारण है ऋषि शम्बूक ने क्या अपराध किया था
@ajabsingh89952 жыл бұрын
R Kumar ji is baat ka bhi jawab Shayad inke pass Na Ho
@wakkudon10922 жыл бұрын
मक्कारियों से भरे पड़े हैं, ये आपके सवालों का क्या जवाब देंगे खुद ही जाहिल है
@rajeshdwivedi60172 жыл бұрын
@@RajkumarNishad-px5it valmiki ramayan lankakand ke baad samapt ho jati hai. Uttarakand pura milavati hai. Shambuk vadh, Sita ka tyag adi baaten mugalkaal me ki gai milavat hai, taki Hindu samaj me phoot dalkar toda ja sake.
@ashutoshtripathi784 Жыл бұрын
जो किसी के प्रति हीन भावना रखे वोही शूद्र है
@sewaram49832 жыл бұрын
Sabse Acchey hamarey guru Ravidas ji they jinhonein kisi bhi Insan ka Apman nahin kiya Jai guru Ravidasji🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
@AnandDhara2 жыл бұрын
बहुत सुंदर संत रविदास संत कबीर गुरु नानक देव हमारी भक्ति धारा के आसमान में चमकते हुए सितारे हैं जय महान संत रविदास जय गुरुदेव
@yashodadevi41892 жыл бұрын
जय सियाराम जय श्री बालाजी प्रणाम गुरु जी ॐ नम् शिवाय् हरहर महादेव
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना, सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥ यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇👇 kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@pctiwari383 Жыл бұрын
Excellent example & knowledgeable. Thanks
@cbjha96172 жыл бұрын
Very well explained. The example is also very logical .
@richasharma27623 жыл бұрын
Waah kya baat hai,kya explanation kiya hai aapne👏👏👏👏kaash agyaani log samajh jaaye,Jai Sri Ram
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@ramajisharma539 Жыл бұрын
वाह बहुत सुंदर तारिके से समझाए पूज्य महाराज जी आनंद आज्ञा कोटि कोटि अभिनंदन जय श्री राम 🙏🏻🙏🏻
@omsairam88823 жыл бұрын
आप के चैनल पर दिखाए गए श्री राम चरित मानस के प्रसंग एक ग़लत तरीके अपनें अपने स्वार्थ में स्टिक बैठा कर समाज में ग़लत तरीके से जानकारी देना तथा आप के द्वारा एक एक शब्द का विस्तार से जानकारी दी जो मुर्ख और अज्ञानी को ज्ञान मिलेगा साथ ही साथ आप को सादर प्रणाम करते हैं और आगे भी उम्मीद करते हैं भी इस तरह ज्ञान का संदेश देंगे । जय श्री राम
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@harishankarharishankar38033 жыл бұрын
आप कहते हैं कि शुद्र नीच काम करने वाला होता है लेकिन आपकी रामायण कहती है कि ब्राह्मण कितना भी अनपढ़ हो वह ब्राह्मण ही रहेगा शूद्र कितना ही पढ़ा-लिखा ज्ञानी क्यों न हो वह शूद्र ही रहेगा देश को चुटिया बनाना बंद कर दो
@pramodagrawal71122 жыл бұрын
आपकी बातें सत्य है और ताड़ना का अर्थ शिक्षा देना देख रेख में रखना चाहिए
@bajrangshreekrishanpremdas9279 Жыл бұрын
Jai Shree Ram Jai Hanuman 🙏
@pcdwivedi8652 Жыл бұрын
I am very happy your Amrit bani lot of thanks sir prakash dwivedi uk
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना॥ ब्राह्मण यदि दुराचारी हो और उसमें कोई गुण ना हो फिर भी पूजनीय, और शूद्र यदि सभी गुणों से युक्त हो कुशल हो फिर भी तिरस्कार के योग्य.. तुलसीदासजी ने ऐसा क्यों कहा..? इसको समझने के लिए इस वीडियो को भी अवश्य देखें! kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@ganeshchander49863 жыл бұрын
सच्चाई कभी छुप नहीं सकती है गुरु जी को 🙏🙏🙏
@AnandDhara3 жыл бұрын
बहुत बहुत आशीर्वाद प्रिय बेटा जी ने
@shaileshdwivedi71712 жыл бұрын
सच्चाई छुपाने की आवश्यकता भी नहीं है कोई ग्रंथ जिस ऐतिहासिक काल में रचा जाता है उस काल भी सामाजिक धार्मिक स्थिति भी अनायास ही ग्रंथ में लिख जाती है
@bachanuyadav17022 жыл бұрын
😮😮😮
@GurnamSingh-wk5fe Жыл бұрын
@@shaileshdwivedi7171 bhai sahib ji Guru Granth Sahib Ji ki rachna v 350 sal pehle hoe Os me to kuj galat nahi hai Os me hi agar bhraman ko kuj gian kahi os ko nahi pujna agar koe chandal Giani educated hai to os ki Puja karo Jeh hai asli ved Guru Granth Sahib Ji।।
@avadheshsingh80063 жыл бұрын
रामचरित मानस को समझने के लिए एक दोहा को स्मरण करते हुए विस्तृत सोच के साथ समझनी चाहिए। यह चरित्र जाने मुनि ज्ञानी। जिन्ह रघुवीर चरन रति मानी।। ये मानस सिर्फ मुनि और ज्ञानी ही जानते सत्य यही बाबा जी
@नयाभारत-ब3थ3 жыл бұрын
❤️
@a.r.p.daulatji4662 жыл бұрын
महोदय जब कोई कवि या लेखक किसी कहानी को अपने विचारों से जोड़ते हुए विस्तृत रूप देता है तो वह किसी पात्र द्वारा जो बातें कहलाता है वह उसके दिमाग की मान्यता होती है अतः तुलसीदास जी के दिमाग में जो बातें थी वह समुद्र के माध्यम से कही गई है उनकी नजर में यह सभी दंड देने से ही कार्य करते हैं ।
@avadheshsingh80062 жыл бұрын
जिस तरह भागवत गीता में अर्जुन से कृष्ण ने जो संवाद किया वो संस्कृत में था महर्षि वेद व्यास ने श्रुत परंपरा को लेख बद्ध किया ।लेकिन कृष्ण ने जो उपदेश अर्जुन को दिए उस समय उनके मनोगत भाव क्या थे क्रमशः कोई पथिक चलकर ही उसी अवस्था को प्राप्त कर वही बता सकता है उसी प्रकार तुलसी दास न तो लेखक थे न ही कवि ,रामायण भगवान की प्रेरणा से और अपने गुरु की कृपा से लिखा ।तुलसी दास ने जो लिखा था उस समय की क्षेत्रीय भाषा में लिखा था न की उसका अर्थ ।इसलिए जो कोई तत्वदर्शी महापुरुष ही उसके वास्तविक अर्थ को जानता और समझता है।रही बात जीने खाने के लिए तो खाओ पियो मौज करो यही जीवन नही है।जीवन मिला है तो सत्य को जानो नही अनंत जन्मों तक अनंत इच्छाएं और अनंत वासनाएं कभी न पूरी होगी
@sunitapushkar53292 жыл бұрын
Shudr ka hi jikar qu aya,, dusare barn ka qu nhi
@nareshkumari22 жыл бұрын
जय श्री कृष्ण हर हर महादेव
@AnandDhara2 жыл бұрын
हर हर महादेव
@chetangroups2635 Жыл бұрын
गुरु जी मैं आप की बात से सहमत हूँ। पर आप की बात वी सत्य, जिसमे आप जो सम जा रहे है कि मूर्ख को जितना मर्ज़ी सम जा लो वो वैसा ही व्यवहार करेगा।
@ashokbankar55443 жыл бұрын
आप सब भारतीय नागरिक को अपनी राष्ट्र भाषा का अभिमान है ! अपने राष्ट्र भाषा के सन्मान के लिये देवनागरी (हिन्दी भाषा लिपी ) में लिपी अपने काॅमेंट लिखे तो हम जैसे सब सामान्य भारतीय नागरिक पढ सकेंगे ! सोचो सही लगे तो प्रयास जरुर करे !
@gyankeladdu3 жыл бұрын
एक दम सही।
@Brokergamingofficial3 жыл бұрын
ब्राह्मणों ने बहुत उल्टा सीधा लिख दिया कलयुग में बुद्धिमान लोग हो गए तो वह तो छानबीन करेंगे गीता में भगवान श्याम अपने मुख से कह रहा है कि ब्राह्मण योग ना हो तो उसे दान देना नहीं चाहिए किसी भी जाति का हो भगवान तो उसके हृदय में रहते जो अंदर से सच्चा हो
@rohitkrsinghrajput78653 жыл бұрын
Bhai bhasha to thik kar lijiye....
@adityaraj8803 жыл бұрын
भाई ब्राह्मण नहीं बोलिये वे कथाकथित (so called)ब्राह्मण है.
@mash65713 жыл бұрын
Kiya Valmiki bramhan the? Kiya Shri krishna ur Shri Ram bramhan the? Aaj ke yog guru kiya bramhan hey? Lekin kuch gadaar hindu netao ne hindu dharam mey jatibad ka jahar ghol diya ur aaj bhi jati ke naam par rajniti karate hey. Isi choti soch ke karan bahari hamalabar hame harane mey safal huye. Ye hindu, muslim, ur issai sabhi ki har thi kiyuki jab hare tab sabhi hindu the. Baad mey convert huye.
@prakashnagora61313 жыл бұрын
@@adityaraj880 प्प्त्त्त्त5त55तोò0 गफ्फ्ग्फģģğआआ
@SatyendraKumar-ud4hl2 жыл бұрын
Nice bhai
@नानुलालबुनकर-फ8ब2 жыл бұрын
सन्त कबीर साहेब ने पत्थर की पुजा का विरोध क्यों किया था बाबा जी आप ही बुद्धिमान है तो भारत में दलितों को आज भी शादी ब्याह में घोड़े पर बैठने से मजबूर किया जा रहा है यह कोन लोग कर रहे हैं
@lalulal7478 Жыл бұрын
Sab purani baate hai bhaisahab uper utho
@A.KSinghMaurya3 ай бұрын
गर्व से कहो जय सियाराम जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 जय श्री राम 🚩🚩🚩 जय श्री राम जय श्री राम 🚩
@babbanprasad9072 жыл бұрын
बाबा जी ये भगवा धारी है का भाषण सुनकर अन्ध भक्त बहुत खुश होगे
@ashokchoudhary45712 жыл бұрын
Bhim hi bhim ko kyu sune
@bableshnaruka1536 Жыл бұрын
अंध भक्तों का मतलब जानते हो क्या मदरसे से हिंदी सीखी है क्या जो सीधी बात समझ नही आ रही जो बिना दिमाग के अपने आका के हुकुम पर डंडा उठाके सर तन से जुदा कर दे वो अंधभक्त होता है यहां तो बाबाजी पूरे कर और सही अर्थ के साथ बता रहे है इसे भी जो सुन कर भी न समझ सके वो अक्ल का दुश्मन होता है और उस। पर तो योगी की नीति ही काम आती है
@AbhishekMishra-nm2gv2 жыл бұрын
🚩⚜‼️जय श्री सीताराम ‼️⚜🚩 🌿🌺🙏🌺🌿
@UmeshYadav-mw4dj2 жыл бұрын
इस चौपाई का सही अर्थ चाहे जो भी हो क्या यह सच्चाई नहीं है कि इस चौपाई की आड़ में सदियों से राजा महाराजा जमिंदार और मनुवादी सवर्ण शुद्र और नारी के साथ अमानवीय व्यवहार करता आ रहा है।
@himanshugurjar90022 жыл бұрын
Bilkul sahi hai. Yahi nahi bahut si kitabo or shloko ka aise istemal kiya gya hai. Lekin iska dosh kisko jaata hai? Kitabo ko ya jinhone ne galat istemal kiya unko? Mudda ye hai. Bahut se log dharm ko hi dosh dene lagte hai bina samjhe.
महाराज की जय हो जो आपने रामायण के प्रसंगों को अच्छे से समझा हैं ।⚘👍।लेकिन भाजपा के बिरोधियो में रामायण की समझदारी आ जाएगी तो राजनीति कैसे करेंगे ।।
@amarmeerwal54473 жыл бұрын
क्या तुम्हारे धर्म ग्रथों में शुद्रो को धन रखने का पढने का अधिकार था जिनकी छाया से ब्राह्मण अपवित्र हो जाये जिस आदमी के मदिर में प्रवेश करने से मदिर अपवित्र हो जाता है ये सब अब हम पढ लिखकर समझने लगे तो तुम्हारे दर्द होने लगा ज्ञान मत बाटो सच सच ही रहता है
@Jitendrakumar-ek3gb2 жыл бұрын
aapane sahi us samay e sab tha aur aaj bhi hai e log kuchh bhi kahe
@govindlal17772 жыл бұрын
तुलसीदास ने साफ 2 लिखा है कि मेरी चौपाई अर्थ मूर्ख से मूर्ख आदमी भी आसानी से समझ सकते हैं।और अब आप आये हैं कि आजतक इसका अर्थ लोगो ने गलत बताया है।मूर्ख मत बनाओ।
@bittusawariya94032 жыл бұрын
Ye bilkul murkh Bana raha hai
@ektaparasher98822 жыл бұрын
Sty sey Milan karvaya apny prbhu ji .. aise hi prakash krty rhiye .. Hare krishna 🙏
@AnandDhara2 жыл бұрын
हरिॐ हरे कृष्ण
@Chamar78_62 жыл бұрын
Guru ji आप सही कह रहे हो, लेकिन जातिवाद लोगो के दिल मे बस चुका है और ऊंची जाति के लोग ही जातिवाद क्यों करते है।
@zakhm17512 жыл бұрын
Guru Pagal hai
@एस्ट्रोलाजर2 жыл бұрын
जातिगत सोच एक दिन संसार को ही लै डूबेगी कुतर्क ना करो तो ठीक है ।।अल्प ज्ञानं भयंकरं ।।
@gauravkashyap8341 Жыл бұрын
Tum khud hi khud ko neecha maan re ho bhai fer dusre se kya expect kr re ho.. or recent time dikh rhaa h kon jatiwad kr rha h
@anupam4338 Жыл бұрын
Kaun unchi kaun nich bhai Sab hindu hain Please ek baniye Koi ek do log aise ho bhi to ignore kariye aur hindu ko sangathit karne ka bida aap uthaiye Jai shree ram 🚩🚩🚩🚩🙏
@kks8408 Жыл бұрын
खुद अपने आप को नीचा समझते हैं तो इसका इलाज नहीं है भाई राम तो केवट को गले लगाता था शबरी के घर खाता था सु्ग्रीव वालीं मित्र थे मोदी आज पांव धोकर पिते है हम-सब हिन्दू है जय भीम जय मीम से बहार निकलो ,
@dharampalnastik60693 жыл бұрын
"पूजिए विप्र शील गुण हीना शुद्र न पूज्य सर्वगुण ज्ञान प्रवीणा" इसका मतलब और बता
@chenshuksomani46153 жыл бұрын
तेरे को समझ पड़ती है तो तुम बताओ , ज्ञान तो बांटेगा तो बढ़ेगा ही
@imratlalsahu77463 жыл бұрын
ये पंक्ति किस ग्रंथ में है
@dharampalnastik60693 жыл бұрын
@@imratlalsahu7746 राम चरित्र मानस
@chenshuksomani46153 жыл бұрын
@@dharampalnastik6069 कोनसा कान्ड ओर कितने नम्बर कि चोपाई है
@Birendrasingh-gt1id3 жыл бұрын
शुद्र का मतलब दुष्ट व्यक्ति और विप्र का विद्वान न कि वर्ण व्यवस्था की जाति क्योंकि त्रेतायुग में जाति कि नहीं कुल की प्रधानता थी।
@jaat_stend473 жыл бұрын
Jai siya Ram Jai shri krishna
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@3pratibhasin4gh123 жыл бұрын
Baba is wrong.
@madanlalmalhotra8747 Жыл бұрын
Guru G namskar aap ka bhut 2 dhanyvad aap ne bhut hi best trike se smjhaya ab hum sab anarth karne valo ko smjha ske ge 👌🕺🙏
@Parmanandsahu19852 жыл бұрын
आपका विचार बहुत ज्यादा सटिक है क्योंकि आपने जो कहा वही मैंने भी सोचा था जय सनातन 🙏🙏🙏🙏🙏
@nirmaljoshi618 Жыл бұрын
Fantastic interpretation. Jai Shri Ram .
@ajaymaurya6552 жыл бұрын
बहुत सुंदर और सटीक अर्थपूर्ण ज्ञान प्रदान हेतु सत-सत नमन।
@wakkudon10922 жыл бұрын
ना काम कोशिश झुट का पुलिंदा, आज भी जिन्हें शुद्र कहा जाता है उनकी अलग बस्तियां होती हैं, पुरी एक कौम शुद्ररों की, शर्मनाक जिंदगी जिने पर मजबूर कर दि गई है और तुम झुट फैला कर उन्हें और लाचारी की खाई मे ढकेलने की नाकाम कोशिश कर रहे हो, धिक्कार है
@babitawadhawan59982 жыл бұрын
धन्यवाद आपने बहुत ही सुन्दर व्याख्या की है🙏🙏
@AnandDhara Жыл бұрын
पूजिअ विप्र सील गुण हीना, सूद्र न गुन गन ग्यान प्रवीना ॥ यदि इस चौपाई को भी समझना है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇👇 kzbin.info/www/bejne/h3nSlH6pj5qqgbc
@alokkumar-bd7yo Жыл бұрын
Very nice Sir ji. This is right interpretation.
@bishnuprakashbanerjee34553 жыл бұрын
जिस सनातन धर्म के प्रत्यक्ष भगवान श्रीकृष्ण अपनी श्रीमुख से कहा - " किसी भी दुराचारी (पुरुष या स्त्री) मेरा (भगवान या आत्मा) के शरण आये तो मै (भगवान या आत्मा (तुम्हारे उद्धार कर दुंगा।। इसी तरह तुलसी जी ने भगवान के कथा को दौराया - " ढोल गवाढ शूद्र पशु नारी। यह सब तारण (मुक्ति) अधिकारी।।
@firozahmad2362 жыл бұрын
Anand dhara see achchhi aur sachchi vyakhya aap samne aaiye na in sabki lagane
@GuruPrasad-co4xr2 жыл бұрын
यह सब ताड़न के अधिकारी। या यह सब तारण के अधिकारी।। इनमे से तुलसीदास ने ताड़न लिखा है या तारण लिखा है। सही कौन सा है ?
@ramsinghmeena67703 жыл бұрын
जिसकी पत्नी को रावण अपहरण कर ले गया उसको राम नीच क्यों नहीं कह सके
@pankajnegi67482 жыл бұрын
Sambhidhan ambedkar ne nahi likha yr puri committe ne likha
@firozahmad2362 жыл бұрын
Himmat nahi thi
@pankajnegi67482 жыл бұрын
@@firozahmad236 bhn ke lwade gali mat kha lena
@shyamsundr2962 Жыл бұрын
Is gyan ke liye Guru ji बहुत-बहुत mayabhar vyakt karta hun aapka aap Dhanya Hai Jis Tarah Se samjhaen hain aur sab Kuchh Samajh Mein Aana chahie Kyunki Ham Sab Sahi Arth ka Nahin Laga sakte hain Jay Shri Ram
@AnandDhara Жыл бұрын
जय श्री राम
@75094803913 жыл бұрын
Nice explanation.Today Dought is clear. First time ,I know that this the statement of See.
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@NarendraKumar-st6lt3 жыл бұрын
ताड़न का अर्थ : हिंदी संस्कृत शब्दकोश में ताड़ना के अनेक अर्थ हैं। जैसे- देखना, कसना, निगाह रखना, सुरक्षा करना देखभाल करना आदि। तुलसीदास रचित इस दोहे का हर जगह अर्थ बदल जाता है। ताड़ना के अधिकारी का सब जगह अलग अलग मतलब हैं।
@abcxyz11043 жыл бұрын
Tadana .....ka mtlb ..sirf...... nigrani ...hai
@abcxyz11043 жыл бұрын
En sabhi ko aasani se path bhrasta( derailed) kiya ja sakta hai.esliye in sabhi ko nigrani ki jarurat hoti hai.
@hiralalmukhot7022 жыл бұрын
आप चाहे जितना भी बातें बनाओं लेकिन सत्य को कोई झुठला नहीं सकता जी
@kanhiyalalmishra69942 жыл бұрын
बिलकुल सही बात भाई जब तक लात घूंस नहीं पड़ेगा समझ में आही नहीं सकता
@kamleshpandey60552 жыл бұрын
आप इतने ही विश्लेषण से खण्डन कीजिए।किसी को पूर्वधारणा से सही या गलत कहना धूर्ततापूर्ण है।
@mishraindramohan70 Жыл бұрын
Guru ji app ne bahut hi acchi bibechana ki hai jo purnetha Satya hai.app ki jai ho.jai Shri Ram.
@OMPRAKASH-ng3ep3 жыл бұрын
सीधा सीधा बोला गया है कि ढोल गंवार शूद्र पशु और नारी ताड़ना के अधिकारी हैं फिर इसका अनर्थ कौन करे रहा है
@nihalsingh25413 жыл бұрын
You people's are very claver, Jai Bheem.
@AnandDhara3 жыл бұрын
भारत मे जातीय व्यवस्था और दलितों पर अत्याचार। जानिए.... एक तथ्यात्मक सत्य..... आईये पहले हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं। सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से। उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा? महाभारत लिखने वाले वेद व्यास भी मछवारे थे, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो। विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है। भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया। श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे। उनके भाई बलराम खेती करते थे, हमेशा हल साथ रखते थे। यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया। राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे। उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो वनवासी थे तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार। वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही। प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे । नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये। उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा। फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा। केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर 92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है। फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा। अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया। अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये। मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|। यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है। मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं। 1800 -1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया। अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया। इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान, ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था। योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी। इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्रों से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं।
@ASHOK2510583 жыл бұрын
पूजहिं विप्र सकल गुण हीना। शुद्र न गुण ज्ञान प्रवीणा।। इस का भी व्याख्या करें।🙏🙏
@tubsingh2 жыл бұрын
विप्र मतलब ब्राहमण भी होता है तो बनिया व्यापारी भी होता है
@Indian165582 жыл бұрын
@@tubsinghबनिया को कौन पूजता है।
@tubsingh2 жыл бұрын
शायद मांस खाने वालों के शरीर बदबू करता हो और ब्राहमण लहसुन प्याज नही खाता हो, इसलिए संभावना हो सकती है
@Indian165582 жыл бұрын
@@tubsingh शायद आंख - कान की अपेक्षा उनकी दोनों नाक बहुत ही सेंसटिव है।
@mstomar1682 жыл бұрын
ऐसी बातें ब्राह्मण केवल अपनी पूजा कराने के लिए ही लिखते हैं
@b.s.tripathi7799 Жыл бұрын
उत्तम अति उत्तम साधूवाद प्रणाम
@sigmapradip182 жыл бұрын
तारणहारे तारणा का अर्थ मोक्ष मुक्ति , जुल्म से मुक्ति और साज संभाल है। तुलसीदास सत्य ज्ञान अहिंसा और प्रभु राम के उपासक थे।
@JitendraSingh-vi3sw3 жыл бұрын
तुलसी दास की चौपाई सही है परन्तु जैसी होगी आहार वैसे होगा विचार
@Yogiraj73573 жыл бұрын
Right ser ji
@mks369n3 жыл бұрын
🙏🙏🕉🕉 हे श्रीमान जी, आप इसी तरह से हमारे पवित्र ग्रंथ रामायण के संदर्भ में प्रचलित त्रुटियों दूर करें, 🙏🙏🕉🕉जय श्री राम 🌹🌹🕉🕉🙏🙏
@AnandDhara3 жыл бұрын
जय श्री राम
@jaishankarkuber47233 жыл бұрын
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@jaishankarkuber47233 жыл бұрын
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@jaishankarkuber47233 жыл бұрын
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@ramsajiwandubey5355 Жыл бұрын
Aapne Vistar Se Samajhaya Hai Our Pratuttar Me Bhi Sahi Byakhya Kiya Hai
@vijaydawri6463 жыл бұрын
ताडण है ताडना नही है । अब जब टीका हो रही है शब्द बदल रहे हैं । ये सच्चा ब्राह्मण है । झूठ बोलना, दोगलापण करना उनका धर्म है ।
@yogendramohan28093 жыл бұрын
बाबा जी कुछ मूढ/मूर्ख लोग हैं जो उसे समझना और मानना ही नहीं चाहते,जिसका मन पहले ही काला/कलुषित हो गया है उसे तो बस अर्थ का अनर्थ करना और दूसरे लोगों पर बिष बमन करने से ही आनन्द आता है,वो अज्ञानी किसी के जबरदस्त बहकावे में आये हैं भगवान उनको सद्बुद्धि दें
@AnandDhara3 жыл бұрын
बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।। वास्तव में प्रियवर विवेक के बगैर तो अच्छी बात भी समझ में नहीं आती और विवेक उसे प्राप्त होगा जिस पर प्रभु की कृपा होगी सामने दृश्य चाहे जितना भी सुंदर हो यदि आपके पास आँख नहीं है तो आप ना उसे देख सकते हैं ना ही उस का आनंद ले सकते हैं
@rvsmediahub91783 жыл бұрын
स्वामी जी क्षमा,,आपका तर्क स्पष्ट नहीं,,, एक संत के अनुसार "ताड़न" के दो अर्थ होते हैं,- प्रथम-: "पीटना",,,,द्वितीय-: "देखना,निगरानी करना या संरक्षित रखना" चौपाई में ढोल के लिए "पीटना" कहा गया और गंवार,शुद्र,पशु,नारी के लिए निगरानी व संरक्षण जैसे तात्पर्य हैं,,, एक शब्द को दोहरे अर्थों के लिए इस्तेमाल करना स्वामी तुलसीदास जी की खासियत रही है,,, Rakesh Verma,Deoghar, jharkhand
@puranbanjare7442 жыл бұрын
उपरोक्त शब्द सीता के लिए भी लागू किया जाना चाहिए क्योंकि उसके साथ भी बहुत अन्याय हुआ था