आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@DayaramSuryvanshi7 күн бұрын
बिल्कुल सही बात है जी आप बहुत बहुत धन्यवाद जी जय भीम जय भारत जय संविधान जय बाबा साहेब नमो बुधाय
@sureshmaurya38566 күн бұрын
नमो बुद्धाय चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य महान क्रांतिकारी जय भीम जय संविधान जय मूल निवासी जय भारत
@KabirKhobragade-j6i6 күн бұрын
राजेन्द्र पाल गौतम जी को सैल्यूट जय भीम वंदन अभिनंदन 🌹🙏
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@Ashokkumarambedkar-gl9je6 күн бұрын
परम पूज्य बाबासाहेब अम्बेडकर जी के सच्चे सिपाही और विधायक मा राजेन्द्र पाल गौतम जी को हार्दिक जय भीम जय भारत जय संविधान
@vinodvihari91847 күн бұрын
बुद्धम् शरणम् गच्छामि।
@JoraramChouhan7 күн бұрын
जय भीम जय संविधान जय भारत जय जवान जय किसान जय सावित्रीबाई फुले और कांसी राम दोस्तों 💙💙🙏🙏
@balaji33k5 күн бұрын
Caste Census is ideology of Buddha and Ambedkar as they told everyone should be treated equal and everyone should get equal opportunity.
@ravindrashakya37056 күн бұрын
सम्राट असोक धम्म विजय दिवस एवं बाबासाहब धम्म दीक्षा दिवस की सभी राष्ट्रप्रेमियों को हार्दिक बधाई बहुत बहुत मंगलकामनाएं। भगवान बुद्ध की लोककल्याणकारी शिक्षाओं को देश और दुनिया के लोगों तक पहुंचाने वाले सम्राट असोक महान की जय हो। जय विज्ञान जय संविधान जय भारत।
@girajasankarmaurya97466 күн бұрын
जय भीम नमो बुद्धाय जय चक्रवर्ती सम्राट जय मूलनिवासी जय आदिवासी जय जोहार🎉🎉❤🎉🎉❤🎉
@dkyadav9936-n1v7 күн бұрын
जय भीम नमो बुद्धाय 🎤🎤
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@balaji33k5 күн бұрын
Caste Census is ideology of Buddha and Ambedkar as they told everyone should be treated equal and everyone should get equal opportunity.
@manjumanjunatha80926 күн бұрын
जय भीम। नमो बुद्धाय।
@PermsukhYadav-kk8tq7 күн бұрын
आम जन केलिए सच केलिए साथ दो जनहित मे जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय........
@sangeetcerma3122 күн бұрын
Bilkul hame budh dharm swikar hai budh dharm aaje to bzed bhav hi khtm hojega ye des ki unati ne bahut badi bhumika rhegi
@hirveinsuranceagency7 күн бұрын
नमो बुद्धाय
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@balaji33k5 күн бұрын
Caste Census is ideology of Buddha and Ambedkar as they told everyone should be treated equal and everyone should get equal opportunity.
@अल्ट्राविजन-12717 күн бұрын
जय भीम जय संविधान
@rajkumarshan29087 күн бұрын
आप बहुत ही बड़ा सच बोलकर , अनेकों अन्याय सहते हुए जिन्दा बचे हुए इन्सानों को इन्सानियत धर्म की याद दिला कर , बाबा साहब के जय भीम को साकार कर रहे हैं , जिसका भावार्थ ही समानता सम्मान के साथ
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@balaji33k5 күн бұрын
Caste Census is ideology of Buddha and Ambedkar as they told everyone should be treated equal and everyone should get equal opportunity.
@surjaram52706 күн бұрын
जय भीम नमो बूधाऐ साथीयो ऐक हो जाहो जय किसान जय सवीधान जय भारत जय
@pkujjwal76737 күн бұрын
जय भीम✊ नमो बुद्धाय🙏☸️
@pcgupta66586 күн бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद अंधविश्वास और पाखंड दूर करने के लिए 🙏🌹
@shwetarollno56506 күн бұрын
शरण बुद्धम गच्छामि...... जय भीम
@dr.shukdevprashadmaurya85766 күн бұрын
बहुत बहुत साधुवाद।
@mukundshiikhare33577 күн бұрын
Namo Buddhay .
@ramdevmurmu54386 күн бұрын
Jai bhim ❤. Buddham sarnam gachami.
@umeshkumarpashwan73777 күн бұрын
Namo buddhay Jay bhim
@SantrajKumar-r5w7 күн бұрын
नमो बुधाय🙏💕
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@AshokKumar-cg6vv7 күн бұрын
Namo buddhaya 🙏💙 Jai bheem jai samvidhan 💙🙏
@hirveinsuranceagency7 күн бұрын
जय भीम जय भारत
@dkyadav9936-n1v7 күн бұрын
जियो मेरे शेर ❤❤❤
@PRSINGH25726 күн бұрын
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और श्री @Kiren Rijiju जी आपका आभार कि आपने बुद्ध और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की और पाली-प्राकृत को सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इससे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। कुछ महत्वपूर्ण माँगें हैं, जिन पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है: 1. पाली-प्राकृत को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। 2. पाली-प्राकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए, जिनमें से एक विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में खोला जाए। 3. महाबोधि विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपा जाए, और वहाँ २ 3/4 से अन्य समुदायों का हस्तक्षेप समाप्त किया जाए। 4. महाराष्ट्र की बौद्ध लेणियों (गुफाओं) पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए और उन्हें बौद्धों के संरक्षण में सौंपा जाए। 5. तथागत गौतम बुद्ध की जन्म तिथि को नवीनतम पुरातात्विक तथ्यों के अनुसार संशोधित किया जाए, क्योंकि नए प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म वर्तमान तिथि से पहले हुआ था। 6. तथागत से पूर्व के बौद्धों को बौद्ध इतिहास में उचित स्थान दिया जाए, विशेषकर उन लोगों को जिनके पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं। 7. भारतीय पुरातत्व विभाग में बौद्धों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, जहाँ वर्तमान में ब्राह्मण समुदाय का प्रभुत्व है। 8. सभी बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को विश्व पर्यटन के लिए विकसित किया जाए, जिससे बौद्ध धरोहर की जानकारी पूरी दुनिया तक पहुँचे और भारत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। ये माँगें समय की आवश्यकता हैं, और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। केवल भाषणों से बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि मेरे साथ अन्य लोग भी इन माँगों का समर्थन करेंगे। यह बुद्ध की धरती है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन RSS BJP इसे विष्णु का अवतार मानकर पूजते है....यह लोग वास्तविक history को बदलकर परोसना चाहते हैं
@munnapaswan72427 күн бұрын
Namo buddhay 🙏 Jay bheem
@hiralaldas35107 күн бұрын
Namo Buddhayay, Jai Bhim
@mukundshiikhare33577 күн бұрын
Namo Buddhay Jai Bharat
@v2collection-n7c6 күн бұрын
❤❤Namo Budhay ❤❤
@rajeshgautam91506 күн бұрын
नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय भारत
@buddha_education.017 күн бұрын
johar jharkhand jai bhim namoh buddha
@kushinagar5847 күн бұрын
नमो बुध्दाय जय भीम जय भारत जय संविधान
@keshawchandra38397 күн бұрын
Jay Bhim namo budhay
@shilpikumari12327 күн бұрын
Jay ashoka
@Im_Indian11676 күн бұрын
सनातनी पाखंडवाद, शोषण, और अंधविश्वास से छूटकारा पाना चाहते है तो, बौद्ध धम्म अपनाना होगा। जयभीम, नमो बुद्धाय !!!👍👍👌💐🎂
@omprakashshaw47767 күн бұрын
Bharat Buddha bhumi tha, hai aur rahega, Namo Buddhaya
@kishankokate64197 күн бұрын
Jaybhim namobuddhy jay savidan🙏🙏🙏🙏🙏💙💙💙💙💙💙👌👌👌👌👌👌
@parshurammanjhi10847 күн бұрын
Namo Buddhay Jai Bhim Jai Mulniwashi Jai Bharat Jai Savidhan.
@namitaganvir40186 күн бұрын
चलो बुद्ध की ओर 🚴♂️🚴♀️🚴🚴♂️🚴♀️🚴🫡🫡🙏🏻🙏🏻🙏🏻जयभीम🎉 नमोबुद्धाय🎉 जयसंविधान🎉 🇪🇺🇮🇳☸️🇮🇳🇪🇺📚📚📚📙📘📗📕📔जय विज्ञान
@arjunyadav86786 күн бұрын
Namo buddhay bahut sahi preyash hai hum sabhi obc sc st bouddest hai aur rahengey
@Deepakkumarjaibheem7 күн бұрын
Namo budhdhay 💙 to
@abcdef.ambedkarbuddhabhimc21257 күн бұрын
Jai Bhim constitution Jai Lord Buddha Patna civil court बहुजन वकील चाहिए
@sundeutsch6 күн бұрын
@@abcdef.ambedkarbuddhabhimc2125 National Janmat वाले नीरज पटेल कहते हैं अपने इलाके में बहुजनों, एक्टिविस्ट और पत्रकारों की टोली खड़ी करो। किसी की हिम्मत नहीं है शिश्न करने की।
@Mnj-s5d7 күн бұрын
Jai bhim namo budhay 👏
@pratapjadhao3887 күн бұрын
JAIBHIM JAIBUDDHA Equality for everyone and becoming one Ranks
@dmkhadse64946 күн бұрын
नमो बुद्धाय.. जय भीम..🌹🌹
@BharatLal-s1w7 күн бұрын
Absolutely right sir Joybhim namo Buddha 🌺🏵️🌲
@ravindrashakya37056 күн бұрын
नालंदा बौद्ध विश्वविद्यालय में देश और विदेश के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती थी।
@Themaplandworld7 күн бұрын
Namo biddhay jay bhim 💙
@shankarnsangeet15886 күн бұрын
Excellent speech by Rajendra pal Gautam. It's burning fire.
@DineshPal-j7g6 күн бұрын
Nmobudhdhay Jay manavata Jay vijyan Jay bhim jay bharat
@mukeshkalotra31807 күн бұрын
Good works sir 🙏🙏🙏
@prabhakargautam97957 күн бұрын
Jay Bheem aapko
@amarchandmaurya76536 күн бұрын
Ambedkar amar rahege
@Mulnivashi_bharat7 күн бұрын
Jay sanvidan Jay phule shahoo Ambedkar Jannayak Rahul ji ❤
@sunitaawasarmol6 күн бұрын
Jay bhim jay savidhan namo budhay 💙💙💙💙💙
@Nikita-s9l7 күн бұрын
जय भीम नमो बुद्ध
@DipselLhamo-sv2zi7 күн бұрын
Rajinder Gautam is a very purity and genuine person so like him should be a leadership for the benefit of public❤
@ishvarpadhiyar7 күн бұрын
Good 👍👍💙👍👍💙
@roshanmeena32097 күн бұрын
Jay bheem
@sundeutsch7 күн бұрын
सनातनी पाखंड और शोषण से मुक्ति का एक ही साधन है और वह है बौद्ध धर्म। इसलिए सभी बहुजनों से आग्रह है कि बौद्ध धर्म स्वीकार करें और संगठित रहें।
@jesangpadhiyar43196 күн бұрын
Ager Sanatani pakhand he to chale jao apne dhamma he vanha pat.pahandi aur dhurt to aap dabhi he hindudtani boddho... Jao janha aapke dhamma je vanha. Dapna mat fekho ynha bodhha dhamma ka.
@SachinChauhan-b3l6 күн бұрын
😂😂 सनातन को खत्म करने की कोशिश करने वाले चले गये तुम भी कोशिश कर लो
@rajeshsahni78166 күн бұрын
मेरे भाई बौद्ध धर्म नही कहते हैं बुध धम कहा जाता है।जय भीम नमो नमो बुध ❤
@sundeutsch6 күн бұрын
@@rajeshsahni7816 बुध या बुद्ध? धम या धम्म?
@ganpatkadam-ju4kr6 күн бұрын
@@sundeutsch ऊसी धम्म को सम्राट अशोक,सम्राट हर्षवर्धन , सम्राट कुमार गुप्त आदी राजा महाराजा ने धम्म को धर्म बनाया. आखिर मतलब एक ही हैं.
@amarchandmaurya76536 күн бұрын
Bolo all person equality, bolo buddham saranam gacchmi.🧘🛞🛞🛞🛞🛞🛞🛞🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁🦁our constitution.
@harijapnoor14016 күн бұрын
🙏☸️Namo buddhy☸️🙏
@artwithshreee89982 күн бұрын
Thanks mananiy Gautam ji. Jai Bhim.
@mr.yuvraajdhanvijay65667 күн бұрын
Jay bhim bhaiya yawaatmall you are great
@mohammadsartaj36727 күн бұрын
❤
@SkChaudhary-n2h7 күн бұрын
पूरी कांग्रेस को बौद्ध बनाइये
@dsrahultiwari61856 күн бұрын
😂😂
@Lalubaba32116 күн бұрын
Tension mat le sab hoga tu bhi hoga😅
@Lalubaba32116 күн бұрын
@@dsrahultiwari6185kuch year bad sari Hansi peeche ghus jayegi.
@SkChaudhary-n2h6 күн бұрын
@@Lalubaba3211 तू भाई सनातन को बचा ले क्यों कि बहुत तेजी से पतन हो रहा है
@balaji33k5 күн бұрын
Caste Census is ideology of Buddha and Ambedkar as they told everyone should be treated equal and everyone should get equal opportunity.
@rejiminj42417 күн бұрын
नमो बुध्दाय जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी जिंदाबाद जिंदाबाद
@satyveerkaroriya35496 күн бұрын
Rajedrapal gotam jindabad jay bhim namo budhay
@ShivKumar-h7d1t6 күн бұрын
Sahi baat JAY BHIM
@PradipGote-q8s6 күн бұрын
नमोबुध्दाय
@umeshprasad82307 күн бұрын
जय भीम नमो बुद्धाय वंचित शोषित अति पिछड़े पिछले को कड़ी कर समाप्त करने में कांग्रेस का बहुत बड़ाहाथ है क्योंकि कांग्रेस ने 60 साल राज किया फिर भी शेड्यूल का ओबीसी के आरक्षण को नवमी सूची में नहींडाला इसी दिन का साथ कांग्रेस इंतजार कर रही थी