शीतलजी एक शब्द है विवेक जो है तब तक कोई आपको मैनिपुलेट नहीं कर सकता।
@CHANDSHABAD2 күн бұрын
क्रेडिबिलिटी : जोकि निजी होनी चाहिए,जबकि समाज सामने वालों में ढूंढता है, विचित्र है ना शीतलजी।
@kokilapatel55532 күн бұрын
Desh ki aarthik rajdhani ko jitneke liye yeh amount bahot kam nahi hai ? Log apne vote ki kimat lagane me bahot poor hai
@CHANDSHABAD2 күн бұрын
याद आया शम्स का कथन ; जो मुझे कहना है वो मैं कह के रहूंगा , चाए मेरी ज़बान काट दो या मार दो ,लेकिन मेरी बात उस तक जरूर जाएगी ,इसमें भले ही लग जाए हजार साल ।
@nawalmundra28862 күн бұрын
Aisa gaddha bhi vishlesak apna aap ko bolta hai daru or paisa sa voter bikta hai yah isko pehlibaar maloom hua hai