Sangat Ep.73 | Rohini Aggarwal on Feminist Literature, Language, Criticism & Society | Anjum Sharma

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Hindwi

Hindwi

Күн бұрын

Пікірлер: 61
@kamleshpatni4548
@kamleshpatni4548 18 күн бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार।रोहिणी जी ने उन दिनों की याद ताज़ा कर दी जब हिंदी साहित्य प्रेमी धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी बहुत चाव से पढ़ा करते थे।चंपक ,पराग, नंदन, चंदामामा बच्चों की चहेती पत्रिकाएं हुआ करती थी।🎉🎉🎉🎉🎉
@rupindersoz3781
@rupindersoz3781 7 ай бұрын
एक स्त्री लेखिका से पहली वार इतना जानने को मिला । वैसे साक्षात्कार में बहुत से क्षण है जहां मै कुछ कहना चाहता था । फिर आख़री पलों जहां रोहिणी जी ने कहा जब स्वस्थ सही नहीं था तो कविता आ गई - ये बात दिल को छू गयी वाक्य ऐसा होता शायरी परेशानी में ही आती है बाक़ी तो सभ सोच समझ को शायरी में लिखनी होता है । - अंजुम जी आपके अध्ययन से दंग हूँ कितने सटीक सवाल पूछते है । बहुत ही अच्छी लगी बातचीत ।❤
@bhartivats7977
@bhartivats7977 8 ай бұрын
अंजुम आप किसी किसी साक्षात्कार में चुप रहते हैं पर रोहिणी जी की जैसे परीक्षा ले रहे हैं।वो बहुत समृद्ध महिला हैं ज्ञान में।
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ 8 ай бұрын
अंजुम जी के सवालों से ही तो रोहिणी के अनुभव और ज्ञान को बाहर लाने में सहायक हैं।
@akanksha4475
@akanksha4475 8 ай бұрын
अंजुम जी !कभी कभी आपकी बातचीत में भी पुरुषों को बचाने का स्वर दिखने लगता है! खैर,साक्षात्कार बढ़िया रहा।🌻
@akchakarvarti7233
@akchakarvarti7233 8 ай бұрын
भारत के पुरुषो 100% दिखाई देता है।
@AvneeshKumar-ls5kd
@AvneeshKumar-ls5kd 8 ай бұрын
मुझे लगता है शायद लेखिका की दृष्टि जानने के लिए ये प्रश्न हैं.
@aloksrivastava2797
@aloksrivastava2797 6 ай бұрын
हो सकता है कि वो अन्य पक्ष का संभावित मत रख रहे हों ताकि लेखिका द्वारा उस मत का जवाब दिया जा सके??
@aradhnatyagi4833
@aradhnatyagi4833 Ай бұрын
Brutally honest analysis of patriarchy by Rohini ji,so touching to see her narrate The Chunni incident❤
@anupampatel5218
@anupampatel5218 8 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार, रोहिणी जी को सुनना हमेशा ही सुखद और वैचारिक सम्पन्नता प्रदान करता है।
@ashapandey9233
@ashapandey9233 8 ай бұрын
इतना वैचारिक साक्षात्कार ,एकदम शानदार।
@kamleshchourasia5566
@kamleshchourasia5566 8 ай бұрын
अनुभव से बहुत समृद्ध साक्षात्कार बहुत बधाई
@bhawanajha6923
@bhawanajha6923 8 ай бұрын
बहुत ही महत्वपूर्ण साक्षात्कार। इतने संतुलन के साथ विस्तृत जानकारी रोहिणी जी दे रही हैं, बहुत कुछ जानने समझने को मिला। स्त्री लेखन , विमर्श और साहित्य को समझने की एक अलग दृष्टि विस्तृत हुई। बहुत आभार
@priyambdapandey5880
@priyambdapandey5880 8 ай бұрын
जबरदस्त!शानदार साक्षात्कार
@AvneeshKumar-ls5kd
@AvneeshKumar-ls5kd 8 ай бұрын
बहुत सुंदर बातचीत। रोहिणी जी एक समृद्ध और विचारशील लेखिका हैं। अंजुम जी के प्रश्न व्यापक वैचारिकी को बातचीत में लाते हैं।
@krishanachandrashukla4258
@krishanachandrashukla4258 3 ай бұрын
अंजुम जी के सवाल हर विमर्श में अलग तरह से प्रस्तुत करते हैं इसलिए प्रवाह बना रहता है, अत्यन्त ही सराहनीय एवं आभार
@ankitachauhanyt
@ankitachauhanyt 8 ай бұрын
Such clarity in her thoughts. Thank You, Hindwi. This conversation nourishes the perspective.
@saurabhbhai6797
@saurabhbhai6797 7 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति, इस साक्षात्कार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
@govindsen2693
@govindsen2693 8 ай бұрын
विचारों से परिपूर्ण बातचीत। अलग ढंग से सोचने के लिए उकसाती है। बहुत सार्थक सवाल और जवाब भी सधे हुए। बढ़िया साक्षात्कार।🎉🎉
@drgarima1
@drgarima1 8 ай бұрын
बहुत अच्छा साक्षात्कार
@paarijataggarwal5273
@paarijataggarwal5273 8 ай бұрын
Amazing interview. So much knowledge and such a clear thought with a command on language. Simply amazing 🎉🎉
@shreesandeepji
@shreesandeepji 8 ай бұрын
धन्यवाद🙏🙏🙏
@neenaandotra1886
@neenaandotra1886 8 ай бұрын
बहुत शानदार
@radheshyamsharma2026
@radheshyamsharma2026 8 ай бұрын
बहुत सुंदर साक्षात्कार।
@chandrashekharsakalley4093
@chandrashekharsakalley4093 8 ай бұрын
ज्ञानवर्धक संवाद
@bhartivats7977
@bhartivats7977 8 ай бұрын
शानदार रोहिणी जी❤
@AbbanAlam
@AbbanAlam 8 ай бұрын
ज्ञानवर्धक साक्षात्कार
@profsudhasingh7761
@profsudhasingh7761 8 ай бұрын
अच्छी और सार्थक बातचीत
@therealgirl8030
@therealgirl8030 8 ай бұрын
Woooowwwww! Thank you अंजुम जी 🙏
@vikramadityajha8924
@vikramadityajha8924 Күн бұрын
मैं भी चंपक, सरिता, मनोहर कहानियों की पीढ़ी से हूँ और एक उत्साही पाठक हूँ, स्टेडियम के सामने सहारनपुर लाइब्रेरी में जाता हूँ। लेकिन मैं एक आदमी हूँ। इसलिए
@bhartivats7977
@bhartivats7977 8 ай бұрын
बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी अभी सुना नहीं इत्मीनान से सुनूंगी❤
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ 8 ай бұрын
अंजुम जी आपके प्रश्न हमेशा एक नया झरोखा खोलते हैं।
@narayanmishra1329
@narayanmishra1329 8 ай бұрын
आलोचना और रचना की बहुत अच्छी संगत
@divyasuhag5164
@divyasuhag5164 8 ай бұрын
विचारों मे दावेदारी सही नहीं। अपना तर्क रखिये किंतु फैसला न सुनाइये। यह सोच चर्चा को रोकती है। अंजुम जी बधाई के पात्र हैं
@vikramadityajha8924
@vikramadityajha8924 Күн бұрын
Not taking chunri while going to school is very touching incident. Which kind of experience she felt and probably that might be a turning point of the life.
@sushmamunindra8481
@sushmamunindra8481 8 ай бұрын
बहुत बढ़िया चर्चा है
@RanjeetaKulmi
@RanjeetaKulmi 4 ай бұрын
Medam wel don
@surajpbpg-iz3gl
@surajpbpg-iz3gl 8 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल शानदार आलोचक हैं।
@lovkeshjangra674
@lovkeshjangra674 2 ай бұрын
27:28 ramabai kon thi koe please pura naam bataye
@PraveenKumar-pg2wx
@PraveenKumar-pg2wx 8 ай бұрын
सार्थक संवाद
@swapnalinyayanirgune7322
@swapnalinyayanirgune7322 3 ай бұрын
@kamleshkumardiwan
@kamleshkumardiwan 8 ай бұрын
मां(औरत) को अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा, परवरिश और भविष्य का भय अभी तक भी क्यों बना हुआ है
@ashokseth2426
@ashokseth2426 8 ай бұрын
अंजुम जी स्त्री मुक्ति को लेकर आप confused रहते हैं आप। आप का दिल और दिमाग पुरुषवादी है।
@drchanderkalasingh8711
@drchanderkalasingh8711 8 ай бұрын
मुझे भी यही लगता है कि घर के लोग मेरी रचनाएँ नहीं पढें। यह संकोच नहीं खत्म होता हैं
@saumyasrivastava3064
@saumyasrivastava3064 8 ай бұрын
अंजुम जबरदस्ती का खलल उत्पन्न करते हुए लग रहे, पहले रोहिणी जी को अपनी बात पूर्ण तो करने दीजिए, ऐसा लग रहा जबरदस्ती का मन बना के बैठे हैं नहीं सुनने और सही से बोलने देने का जैसा अक्सर ही समाज में स्त्रियों के साथ होता है , यहां भी इतनी बड़ी लेखिका के साथ भी वही होता प्रतीत हो रहा।
@lovkeshjangra674
@lovkeshjangra674 2 ай бұрын
Esa nahi hai, analytical hai
@ajeyklg
@ajeyklg 8 ай бұрын
सामान्य पाठक तो अपने समकाल में रह कर ही पाठ करेगा। शोधार्थी और आलोचक को रचनाकार और रचना के युग को ध्यान में रख कर पढ़ना पड़ता है। सिंपल, अंजु 5:25 म!
@kamleshkumardiwan
@kamleshkumardiwan 8 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल जी पितृ सत्ता की प्रासंगिकता और इससे इतर पर ठीक बात कह रही है हमारे विचार से साहित्यिक विमर्श को समूचे आयाम में देखा जाना चाहिए। अंजुम जी रचनाओं और साहित्य को किसी टूल्स से नहीं पढ़ना चाहिए उचित होगा रचनाएं भाव होती है यह सबाल दूसरे तरह से पूछना चाहिए
@dr.balgovindsingh9268
@dr.balgovindsingh9268 8 ай бұрын
साहित्य को बड़े फलक के साथ आगे बढ़ने देना चाहिए।उसे टुकड़े - टुकड़े में बांटना ही अनुचित ही लगता है। एकांगी साहित्य साहित्य कैसे हो सकता है?यह तो साहित्य में बवाल ज्यादा लग रहा है।...
@ashokseth2426
@ashokseth2426 8 ай бұрын
रोहिणी जी ने उसने कहा था कि बिल्कुल गलत व्याख्या की है जो पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य है।
@AJITKUMAR-yu1nw
@AJITKUMAR-yu1nw 8 ай бұрын
कभी कवि, कथाकार, आलोचक भरत प्रसाद जी को भी इस मंच पर लाया जाए तो अच्छा होगा।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 8 ай бұрын
कंजक की भी बहुत गलत व्याख्या रोहिणी जी ने की है।
@ramesh_sharma1966
@ramesh_sharma1966 8 ай бұрын
अंजुम शर्मा कुछ चीजों को लेकर अनमेच्योर लगते हैं। सुभद्रा कुमारी चौहान के संदर्भ में मर्दवादी शब्द को कोट करना कुछ यही दर्शाता है।
@Sadhana499
@Sadhana499 8 ай бұрын
1:07:50 nahi Rohini ji… kanya pujan me ghar ki auraten hi fal aur dakshina aadi deti hain kanyaon ko
@ashokseth2426
@ashokseth2426 8 ай бұрын
रोहिणी अग्रवाल जी और अंजुम जी सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता की misreading नहीं कीजिए। अर्थ का अनर्थ मत कीजिए सुभद्रा जी की कविता की सुंदरता को नष्ट मत कीजिए।
@SGangopadhyay
@SGangopadhyay Ай бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi
@sarojperiwal5038
@sarojperiwal5038 2 ай бұрын
Mardangi ka arth pourash hai na ki gender se
@SGangopadhyay
@SGangopadhyay Ай бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi
@SGangopadhyay
@SGangopadhyay Ай бұрын
Anjum ji toh murkhtaa Purvak baat kar Rahe Hai ki Purusho mein stri ke prati empathy hona sambhav hi nahi
Self Confidence vs Narcissism । Dr. Vikas Divyakirti
1:57:02
Vikas Divyakirti
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