वैसे हिंदी वाले कुछ अधिक touchy हो गए हैं l वैसे शीला दीक्षित के हाथों 2002 में हिंदी अकादमी का पुरस्कार पाकर मुझे उल्लास का अनुभव तो नहीं हुआ था l मन में एक शंका बनी रही कि प्रकाशक ने कोई जोड़ तोड़ लगाया है l
@Anil-m8lСағат бұрын
रेणु ने भाषा को समृद्द किया है l
@Anil-m8lСағат бұрын
नाम बदलने से कहानी बदल जाती है l
@Anil-m8lСағат бұрын
चतुर्भुज स्थान कि शपथ l मैं मुजफ्फरपुर नहीं गया हूँ l पर दिल्ली में एक दोस्त ने इसका नाम एक दो बार लिया था, हल्का का सा इशारा करते हुए l इस जगह का नाम अवचेतन में था, अब स्मृति में ठहर गया l
@Anil-m8lСағат бұрын
आदर्श पाठक खुद ढूंढे या बनाये l कहानीकार का यह काम नहीं है l
@Anil-m8lСағат бұрын
क्या कमलेश्वर जी ने 'बदनाम बस्ती' या कुछ मिलते- जुलते शीर्षक का इस्तेमाल अपनी किसी कहानी/उपन्यास के लिए किया है l
@Anil-m8l2 сағат бұрын
मकेसर शहर दिलचस्प व्यक्ति लगते हैं l लेकिन जरा सोचें उस आदमी के सुख के बारे में ज़ब उसे यह यकीन हो गया कि वह भी अपना नाम लिख सकता है l हम स्कूलों में पढ़े लोग उस विरल सुख को समझ नहीं सकते हैं l
@Anil-m8l2 сағат бұрын
अगर पीठा खाने को मिले तो मोमो कौन खायेगा l
@याफूर7 сағат бұрын
अभिनंदन, भगवान जै पयदल। आदमी बचाओ, पैदल लाओ। PAYDAL is asylum to the Nation.
@anilbharatwasi927723 сағат бұрын
🙏 Jay hind 🙏 Bhart Mata Ki jai
@Devendra35-sw1pwКүн бұрын
बहोत सुन्दर
@dpar6573Күн бұрын
श्री मान अशोक कुमार पांडेय जी आज आपका अर्द्धशति जन्म दिवस पर आपको हृदय से साधु वाद,,, आपका मुबाइल नम्बर देख रहा था नही मिला आपकी पुस्तक, राहुल सांकृत्यायन अनात्म बेचैनी का यायावर,, नम्बर नही मिला और कश्मीरनामा भी पुस्तक अपने विषय की विशिष्ट पहचान है,,, हमारी आपको पुन: शुभ मंगल कामनाएं,,, कृपया अपनी पुस्तक मे सम्पर्क नम्बर अवश्य दें,,,, अब हम यहाँ से आपको ये संदेश भेज रहे हैं,,,, धन्यवाद।
@jitendraKumar-cw2yvКүн бұрын
अंजुम जी हार्दिक आभार आपको कि हमारे लिए आपने यह साक्षात्कार किया
@theartqueen715Күн бұрын
असल में माँ ने यह सिखाया होगा कि दुनिया में सबसे प्यार करना, बस अछूतों से दूर रहना।
@jitendraKumar-cw2yvКүн бұрын
गजब की जिंदादिली , इस उम्र तक भी कोई सधा हुआ रह सकता है।
@ramdularsingh1435Күн бұрын
बेहद अच्छा प्रयास है आपका !.....
@ramdularsingh1435Күн бұрын
Really really nice a job !!!.... I just loved it.
@BishnoiHansa29Күн бұрын
अंजुम जी कभी राजस्थान के साहित्यकार डॉ सत्यनारायण जी का भी इंटरव्यू ले
@4444pramodiniКүн бұрын
अस्थिरता!
@kamleshchourasia5566Күн бұрын
बहुत जानकारी और सार्थक वार्तालाप
@realmenarzo7720Күн бұрын
𝕋𝕙𝕒𝕟𝕜 𝕪𝕠𝕦 🙏
@mayankbajpai170Күн бұрын
मिशन मिशनरी के संगठित ku प्रयास भी जारी है
@ashutoshmishra5374Күн бұрын
तृतीय आवृत्ति में भी उतना ही समृद्ध हुआ।
@BhaskarodayaКүн бұрын
अद्वितीय❤❤ कृपा करके प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी का संपूर्ण वक्तव्य अपलोड कीजिए।
@ramdularsingh14352 күн бұрын
Very nice !......
@raghuvendrapratapsingh94882 күн бұрын
Bahut sundar❤
@Swaggy_0072 күн бұрын
I think it means 10 log kya sochenge ye sochta tha 20 hatose matlab shyad eak bari me sambkuch karna chata tha
@badriprasadupadhyay11452 күн бұрын
अंजुम जी कैमरे का फोकस कुछ ठीक नहीं पड़ रहा है। भविष्य में इस पर ध्यान दीजिए ।
@MDQURESHIMohddilshadQURESH-c5q2 күн бұрын
Hamara like Hai Hamara Nabi Ek Hai Hamare din ek Hai Hamara Rasta Ek Hai Hamari Jannat Ek Hai
@theartqueen7152 күн бұрын
सुधीश पचौरी ने अपनी अलग दुकान लगाई है। वह कहते हैं कि मैं हजारी प्रसाद द्विवेदी की दुकान पर बैठकर उनका सामान क्यों बेचूँ? उन्हें तो रामचंद्र शुक्ल की दुकान सजाकर राम कृष्ण और ब्राह्मणवाद को बेचना है, कोई ले या न ले। लेकिन सच में तो अब उन्हीं की दुकान चल रही है। वह बाबर के बारे में कहते हैं कि उसने इतना कत्लेआम किया कि पंजाब के गुरू रामदास ने लिखा कि कुत्तों ने भी खाना छोड़ दिया था। यह उनकी दुकान पर खूब बिक रहा है। पर उन्हें गुजरात में नरेन्द्र मोदी का कत्लेआम दिखाई नहीं दिया। मुसलमानों के खिलाफ आरएसएस की हिंसा दिखाई नहीं देती, क्योंकि उनके पास हिंदुत्व का चश्मा है, जिसने उनकी बुद्धि और दृष्टि दोनों को धूमिल कर दिया है। वह मिथ को इतिहास मानते हैं। यह मामूली बुद्धि के आदमी नहीं हैं, बल्कि प्रयोजित बुद्धि के आदमी हैं।
@SeemaMishra-z8h2 күн бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आपको🙏 जिनको पढ़ा उनको इतने नजदीक से जानने का मौका देने के लिए।😊
@parmachandyadav20662 күн бұрын
बीएनटी जी एक सफल बहुरूपिये है और अपने चेहरे के दम पर बहुत दिनों तक समाज को छलता रहा और फायदा उठाया..
@nirajsharma75142 күн бұрын
जब डैडलाईन पास आती है तो रुके हुए काम तेज़ी से होने लगते हैं।
@ashokkumartripathi68362 күн бұрын
अविस्मरणीय साक्षात्कार।
@kamleshchourasia55663 күн бұрын
बहुत उत्कृष्ट और ईमानदार साक्षात्कार । बहुत बहुत बधाई
@munniporwal3873 күн бұрын
Kya baat bahut khoobsurat ❤
@Anil-m8l3 күн бұрын
मुर्दाहिया तुलसीराम का सत्य था l काव्यात्मक था, सच था l मानिकर्निका न तो वह भाषा है न ही उसमें वह ईमानदारी है l यहां तुलसीराम मुझे भटकते हुए दिखाई दिए l
@Anil-m8l3 күн бұрын
अज्ञेय, in short, अज्ञेय थे l
@Anil-m8l3 күн бұрын
यक़ीनन रेणु के Reportage वाली शैली रही होगी अनिल यादव कि l
@Anil-m8l3 күн бұрын
अनिल ( मेरा नाम भी अनिल है ) राजेंद्र यादव कि तुलना में बहुत अधिक ईमानदार हैं l
@Anil-m8l3 күн бұрын
बहुत अच्छा शब्द गढ़ा है पोलिटिकल मज़दूरी l
@Anil-m8l3 күн бұрын
सेल फोन आदिवासियों के पास भी पहुँच चुका है l दूसरी बात शूद्रों और दलितों कि तरह ही, आदिवासी भी हिन्दू बनना चाहते हैं l
@Anil-m8l3 күн бұрын
मार डालना नहीं चाहता है l हमला करता हुआ दिखाई देना चाहता है l
@Anil-m8l3 күн бұрын
इनके लिए तो बस एक शेर का एक टुकड़ा - आवारगी में हद से गुज़र जाना....
@Anil-m8l3 күн бұрын
कोई भी चीज Trivial नहीं होती l
@Anil-m8l3 күн бұрын
यह भी कोई देश है महाराज l इस शीर्षक से परिचित हूँ l ढूंढ कर पढ़ूंगा l
@Anil-m8l3 күн бұрын
इन्हें पढ़ा नहीं है l ढूंढ कर पढ़ूंगा l
@Anil-m8l3 күн бұрын
कोई चीज जो परेशान करती हो l सिर्फ लिखने के लिए लिखते रहना बेमानी है l
@SeemaMishra-z8h3 күн бұрын
मुग्ध कर दिया अपने मृणालिनी जी🙏🥹 हिंदी साहित्य की मेरी सबसे प्रिय लेखिका शिवानी जी की पुत्री हैं आप ये मुझे आज पता चला...... बचपन से देखा है ,आपकी बेबाकी और सादगी को शत शत नमन 🙏🙏