سورہ بقرہ کی آیت نمبر 285 آمن الرسول والی آیت میں موجود ہے نبی پاک صلى الله عليه وآله وسلم قرآن مجید پر ایمان لائے ہیں اور ایمان لانے والے کو مومن کہتے ہیں اور مومن کی صفت ہے وہ غیب پر ایمان لاتا ہے اس کا حوالہ سورہ بقرہ کی آیت نمبر 3 الذین یومنون بالغیب میں موجود ہے اگر نبی پاک صلى الله عليه وآله وسلم عالم الغيب ہیں غیب کو جانتے ہیں تو پھر غیب پر ایمان کیوں جو کوئی بھی نبی پاک صلى الله عليه وآله وسلم کو عالم الغيب کہتا ہے تو پھر اس کو نبی پاک صلى الله عليه وآله وسلم کے مومن ہونے کا انکار کرنا پڑے گا کیونکہ اللہ تعالیٰ فرماتے ہیں مومن غیب پر ایمان لاتا ہے
@mohamedarief492 ай бұрын
Allah hafiz Baqqi sabur Shakur Baqqi ghani Baqqi wadud mumin muhaymin Baqqi
@nawabparvezansari.20m163 жыл бұрын
Maslak e ala hazrat zindabad
@Yunus-h1b2 ай бұрын
. वही का इंतजार क्यूं ? गजवए बनू मुस्तलक में जाने के वक्त हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के नाम का कुरआ ( चिठ्ठी ) निकला ! इसलीये हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की बीवियों में से हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा इस गजवए मे साथ गयी ! लडाई से वापसी के वक्त एक पडाव पर मुक्काम के बाद रात को निकलने का ऐलान हुआ ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उठी और अपनी हाजत पुरी करने के लिए फौज से दूर जाकर पडाव के जगह वापस आ गयी ! इसी दौरान हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा का गले का हार टूट कर कहीं गिर गया ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसे ढूंढने के लिए देर तक निकल पडी ! इधर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जिस हौदज में सफर कर रही थी , उस हौदज के उठाने वाले ये समझ कर के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसमें बैठी हैं, ऐसा समझ कर हौदज उंट पर बांध दिया और फौज के साथ रवाना हो गये ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम और फौज के साथीयों में से "किसी" को भी खबर नहीं हुआऀ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पिछे रह गयी ! यह इसलीए हुआ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा एक नवउम्र , हल्की-फुल्की लडकी थी और उनका वजन भी बहुत कम था ! .हौदज उठाने वालों को इसका अंदाजा न हो सका के हौदज में हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा नहीं है ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा हार मिलने के बाद लौटी तो पाया के काफीला जा चुका था ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसी जगह बैठी रही यह सोचकर के हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के साथी यहां ढूंढने आ जायेंगे ! और उसी जगह निंद का गलबा हुआ तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा सो गयी ! सफवान बिन मुअत्तल फौज का एक साथी सुबह को पिछे से आ रहा था ! उसकी नजर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पर पडी, जो बुर्के में थी; तो उसने पहचान लिया और "इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलयही राजीऊन" पढा ! जिससे हदरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जाग गयी ! और दुपट्टे में मुंह छिपा लिया ! उसके बाद न हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने एक भी लफ्ज कहा और ना सफवान रजि.अन्हु ने ! सफवान रजि.अन्हु ने अपने उंटनी को बिठा दिया, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठ गयी ! उसके बाद सफवान रजि.अन्हु उंटनी की नकेल पकडकर, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठी हुआऀ थी; फौज के पास पहुंच गये ! इस वाकीए की खबर पुरे फौज को हो गयी और अब्दुल्लाह बिन उबई जो मुनाफीक था उसने पुरे मदीने मे तोहमत लगाकर बुरी खबर फैला दी ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बिमार हुआऀ और "एक माह" तक बिमार रही ! उन दिनों रसुलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का वह प्यार और मुहब्बत नहीं देखी, जो पिछली बिमारीयों मे देख चुकी थी ! उम्मे मिस्तह जो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की सहेली थी, उसने तोहमत लगाने वालों की सारी बातें हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को सुनाई ! इसके बाद हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा अपने मां-बाप के यहां जाने की इजाजत हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम से लेकर मायके चली गयी ! घर जाकर अपनी अम्मीजान हजरत उम्मे रुमान से पुछा के, "बाहर लोग क्या कह रहें हैं" ? हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा रातभर और दिनतक रोती रहीं ! इस मामले में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने अपने साथीयों से मश्वरा लिया ! हजरत अली रजि. अन्हु , उसामा बिन जैद रजि. अन्हु से मश्वरा लिया ! और अपनी बीवियों से भी मश्वरा लिया ! और हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की खादीमा लौंडी बरीरा रजि.अन्हा से भी मश्वरा लिया ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के पास गये तो फरमाया, सच सच बताओ ! अगर बेगुनाह है तो अल्लाह बता देगा और अगर गुनाह हुआ है तो तौबा करो, अल्लाह तआला माफ फरमाने वाला है ! उसी वक्त बिस्तर पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने अपना रुख दुसरे जानीब कर लिया ! उसी वक्त आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर वही नाजील हुआऀ और आप पसीना पसीना हो गये ! हालांकि सर्दीयों का मौसम था ! अब "एक माह" तक किया हुआ वही का इंतजार खत्म हो चुका था ! अल्लाह तआला ने हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को बेगुनाह ठहराया और सूर: "नुर" की दस आयतें ( आयत नं.11 से 21 तक ) आपके हक में उतारी ! इस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने पहले अल्लाह का शुक्रीया अता किया ! यह सारा किस्सा हदीस बुखारी नं. 2661 और हदीस मुस्लीम शरीफ नं. 7020 में दर्ज है !
@nargisqadri66526 жыл бұрын
Mufti sahab ne haq farmaya.
@islamicknowledge88125 жыл бұрын
Assalam o alikum mufti sahib ap Ala Hazrat(رحمتہ اللہ تعا لی )ka mananay valy han??
@mustafaraza15565 жыл бұрын
ha
@MohiuddinR12 Жыл бұрын
Admin sahab Yeh video kisi aalim sahib ko dikhaye is bande ka radd horaha hain
@khan87054 жыл бұрын
Or sahi Muslim,, hadis no,439,,Suno ye hamare sunni bhai log pata nai kis paab par amal kar rahe hai or bi bhejta hu sirf aap apne mo,me sarch kar k khud suno bhai log
@AasimKing Жыл бұрын
Surah ayat 26-27
@mohdasif64136 жыл бұрын
Ma sha Allah
@khan87054 жыл бұрын
Surah hud ayat no,49,suno
@AasimKing Жыл бұрын
Surah jinn ayat 26-27
@khan87054 жыл бұрын
Allah nabi ko gaib ki baat vahi k jariye bata dete the mere bhai
@AasimKing Жыл бұрын
Surah jinn ayat 26-27
@khan87054 жыл бұрын
ilme gaib ka pure kuraan or puri bukhari me batao sirf gol gol mat ghumao