Ravish ji bihar election khatam ho gayee hai aab to dalaali baand kaar do :):)
@AbhishekKumar-rt8xp4 жыл бұрын
Abhi bhi wahi ho ya badle ho?
@simplesimon5344 жыл бұрын
3:25
@dipakshelke70185 жыл бұрын
I love you ravishji
@rahuljharhwade84454 жыл бұрын
Is any people watching it in 2020 or after, while looking current scenario...
@imaginative20392 жыл бұрын
Jai bhim
@BobbyChauhan-drifter9 жыл бұрын
ha ha ha ha purushottamji ney dhajjiya uda di is rss key tapanchoo ki ! sahi kaha purushottamji ney ki inka (rss ) lakshya hai is secular shabd ko apney hisaab sey todney marodney ka ! and that is just hindu ideology and hindu rashtra banaaney mai iska isteymaal karna !
@javedajmal78769 жыл бұрын
nice
@rchauhan63294 жыл бұрын
muslim league win 425 among 475 seats how and why??, , though that election was very important and decisive for partition,
@thuglifeindia62559 жыл бұрын
ravish bhai yaar I dunnoe but I love you sir 😯😄
@jingbangkaro56389 жыл бұрын
sarv dharm sambhav was invented during independence is one of the guy in the debate says, so we can say what is his knowledge. Sarv Dharm sambhav has been part of thousands of years of Bharat culture.
@bhaveshsolanki19394 жыл бұрын
So he is my favourite ~ Ravish Kumar
@vasimkhan72869 жыл бұрын
ेष रिहत मन मेरे यारे िम ो, मन केहता है या ह आ है आज मेरे यारे देश को ? समज मे नई आ रहा या कह , कैसे कह ? कैसे समजाऊ मेरेदेश केलोगो को ? भलेब दूक क गोली सेनही, भलेतोपो सेनही लेिकन रोज लड़तेहै रोज जगड़ते है कही फेसबुक पे तो कही वाट्सॅप पे कही यूज़ पे तो कही लॉग पे तो कही कॉम ट पे, मानता ह क तकनीक केइस दौर मेऔर पीच डम केबहानेही सही लेिकन लड़तेऔर जगडतेतो ऱोज है, और भले उस लड़ाई मे खून ना िनकलता हो लेिकन कही ना कही मेरे जैसे इंसान को दद तो िमलता ही है, आज का यह दौर बहोत तकनीक दौर हैऔर ए क सवी सदी का दौर हैआज दुिनया के लोग, तकनीक केइि तमाल मेऔर एजुकेशन केलेवेल मेना जानेकहा सेकहा तक सफर कर चुकेहै लेिकन मेरेदेश केलोगो को ना जानेआज या हो गया हैिजतनेआगेबढ रहेहैउतनेही पीछेजा रहे है, हमारा देश दुिनया केतमाम देशो मेएक ऐसा देश हैिजसमेसभी धम केलोग एकसाथ रे तेहै, बह त करीब सेदेखा और जाना हैमैनेिह दूलोगो को, बह त नजदीक सेसोचा हैमेरेमु क केमुसलमानो को, मेरेिहसाब सेसब केघर मेरोटी एक जैसी ही बनती देखी है, मेरेिहसाब सेसब को वही न द आती है जो औरो को आती है, वैसा ही जीवन अनुभव करते है जैसा सबका अनुभव होता है, तो िफर धम के नाम पे यह धतीग यो ?? हर यि मन से यही चाहता है के वो अपनी एक खुशाल िजंदगी िजये अ छा जीवन यतीत करेअपनेघर प रवार को आगेबढाये, िफर यह नाटक यो ?? हम सब जानतेहै क कुछ मसलेऐसेहैक िजनका अपनी िनजी जीवन सेदूर दूर तक कोई ता लुक नही हैिफर भी हम पूरेसमाज केठेकेदार बनकेबेठेह येहै, कुछ चीजेऐसी हैिजस्सेमन आहत होता है, जीवन मेइन सब चीजो का मह व ना देकर हमारा हमारेप रवार का आज केइस युग मेकैसेआगेबड़ायेइस िवषय मे सोचना ज री है, िह दू हो या मुि लम हम सब को ेमभव से िमलकर रेहना चािहये िजस से उ नत समाज का गठन हो सके, दुिनया केकई देशो मेअराजकता फैली ह ई है, और उस क असर हम पे, हमारेआपनो पेऔर हमारेसमाज और देश केलोगो तक ना पड़ेइस िदशा मेसोचना चािहये, हमारेदेश के रा िपता महा मा गाँधी जी केिवचारो सेमुजेबह त ेरणा िमली मेने उनके हर पु तक का बह त ही गहराई से अ यन िकया, ेष रिहत मन ही मानवता और इंसािनयत के अ छा है...
@rchauhan63294 жыл бұрын
religion: rilijan भारतीय धर्म के परिप्रेक्ष्य में सही नहीं है , रिलिजन सीधा सपाट एक पद्धति जिसमे आप एक बने बनाये आयाम या पैटर्न पर ही चलते हैं, मूल दर्शन पर आप ज्यादा तर्क वितर्क नहीं कर सकते! इस मामले में भारत का सनातन धर्म थोड़ा अलग तरह का है , इसमें जो अलग अलग दर्शन हैं उनमे बहुत सारे आयाम हैं, जैसे बहु देववाद , तो परम ब्रह्म , या अहम् ब्रह्मास्मि , या भारतीय बौद्ध दर्शन नास्तिकता को मानता है, चार्वाक दर्शन तो पूरी स्थापित परम्परा को ही खंडित करता है, मूल दर्शन में बहुत वाद विवाद तर्क वितर्क है जो बौद्धिक रूप से बांधता नहीं है ,
@lakhyajeet30713 жыл бұрын
Yeh agrawal buddhe ko pata hi nehi constitution me secular word kob aaye.
@jingbangkaro56389 жыл бұрын
an anchor has no clue about what he is talking about do we need debate? about panth nirpeksh, dharm nirpeksh.
@vasimkhan72869 жыл бұрын
ेष रिहत मन मेरे यारे िम ो, मन केहता है या ह आ है आज मेरे यारे देश को ? समज मे नई आ रहा या कह , कैसे कह ? कैसे समजाऊ मेरेदेश केलोगो को ? भलेब दूक क गोली सेनही, भलेतोपो सेनही लेिकन रोज लड़तेहै रोज जगड़ते है कही फेसबुक पे तो कही वाट्सॅप पे कही यूज़ पे तो कही लॉग पे तो कही कॉम ट पे, मानता ह क तकनीक केइस दौर मेऔर पीच डम केबहानेही सही लेिकन लड़तेऔर जगडतेतो ऱोज है, और भले उस लड़ाई मे खून ना िनकलता हो लेिकन कही ना कही मेरे जैसे इंसान को दद तो िमलता ही है, आज का यह दौर बहोत तकनीक दौर हैऔर ए क सवी सदी का दौर हैआज दुिनया के लोग, तकनीक केइि तमाल मेऔर एजुकेशन केलेवेल मेना जानेकहा सेकहा तक सफर कर चुकेहै लेिकन मेरेदेश केलोगो को ना जानेआज या हो गया हैिजतनेआगेबढ रहेहैउतनेही पीछेजा रहे है, हमारा देश दुिनया केतमाम देशो मेएक ऐसा देश हैिजसमेसभी धम केलोग एकसाथ रे तेहै, बह त करीब सेदेखा और जाना हैमैनेिह दूलोगो को, बह त नजदीक सेसोचा हैमेरेमु क केमुसलमानो को, मेरेिहसाब सेसब केघर मेरोटी एक जैसी ही बनती देखी है, मेरेिहसाब सेसब को वही न द आती है जो औरो को आती है, वैसा ही जीवन अनुभव करते है जैसा सबका अनुभव होता है, तो िफर धम के नाम पे यह धतीग यो ?? हर यि मन से यही चाहता है के वो अपनी एक खुशाल िजंदगी िजये अ छा जीवन यतीत करेअपनेघर प रवार को आगेबढाये, िफर यह नाटक यो ?? हम सब जानतेहै क कुछ मसलेऐसेहैक िजनका अपनी िनजी जीवन सेदूर दूर तक कोई ता लुक नही हैिफर भी हम पूरेसमाज केठेकेदार बनकेबेठेह येहै, कुछ चीजेऐसी हैिजस्सेमन आहत होता है, जीवन मेइन सब चीजो का मह व ना देकर हमारा हमारेप रवार का आज केइस युग मेकैसेआगेबड़ायेइस िवषय मे सोचना ज री है, िह दू हो या मुि लम हम सब को ेमभव से िमलकर रेहना चािहये िजस से उ नत समाज का गठन हो सके, दुिनया केकई देशो मेअराजकता फैली ह ई है, और उस क असर हम पे, हमारेआपनो पेऔर हमारेसमाज और देश केलोगो तक ना पड़ेइस िदशा मेसोचना चािहये, हमारेदेश के रा िपता महा मा गाँधी जी केिवचारो सेमुजेबह त ेरणा िमली मेने उनके हर पु तक का बह त ही गहराई से अ यन िकया, ेष रिहत मन ही मानवता और इंसािनयत के अ छा है...