Рет қаралды 662,026
बाहर जहा नेटवेस्ट के जीत पर इंडियन fans और प्लेयर्स जश्न मना रहे थे
वहा अंदर
बेहाल बेठे हुए इंग्लिश कप्तान के के दिमाग में एक ही बात चल रही थी
उनकी कपटाइनी काम पद गई थी।
एक बार होगया
फिर नही होगा
हरगिज नहीं
और यही ख्याल शायद उनके टीम के भी दिमाग में था
टीम के ४ मेम्बर्स इन्जर्ड थे, उनके साथ Flintoff को ग्रॉइन इंजूरी
और इसके बावजूद
दो दिन में टीम प्रैक्टिस के लिएपे ग्राउंड पर लौट गई।
अलगी सीरीज, मैच नहीं
एक जंग थी।
जिसका पेहला निशाना बने सचिन तेंडुलकर
पिछले साल सचिन के खिलाफ रची गई स्ट्रैटिजी फिर एक बार इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया
पिछले साल
एशली जाइल्स से ओवर द विकेट बोलिंग करने कहा गया और बॉल को लेग स्टम्प से एकदम दूर पिच करवाया गया
सचिन
रिस्क लिए बगेर कोई शॉट नहीं खेल पाते
प्लान था सचिन को बोर करके
फ्रस्ट्रैट करके
उनकी विकेट निकाल ना
फिर भी सचिन उस टूर के प्लेयर ऑफ थे सीरीज बने थे
इसके बावजूद
ये स्ट्रैटिजी वापस लाने का निर्णय लिया गया
और इसी तरह से
हर एक इंडियन बैट्स्मन के लिए रणनीति आखि गई
सेहवाग को फुसला कर
दादा को गुस्सा दिला कर
कुछ भी करके इंडियन प्लायर्स को बैक फुट पे डालो
गुस्सा दिला कर
आराम से उनकी विकेट निकलो
नतवेस्ट के जीत ने इंडियन फंस में नई आस जगाई थी।
१६ साल बाद इंग्लैंड में टेस्ट जीती थी
हर कोई ये बात नज़रअंदाज़ कर रहा था की
इंग्लैंड मेंअपना टेस्ट रिकार्ड
ऑस्ट्रेलिया से भी बत्तर था
और ये कम था तो
इंग्लैंड के खिलाफ एक प्रकटीसे टेस्ट मैच में पिच इतनी खबर बनाई गई थी की
इंजूरी के डर से
इंडिया सेकंड हाफ खेलने ही नहीं वाला था
याने इंडियन टीम को जरासी भी प्रैक्टिस मिली नहीं थी
इंग्लैंड जीत की इतनी भूकी थी
टॉस से लेकर
हर एक इंडियन बैट्स्मन के लिए personalized बोलिंग प्लान बनाए गए थे
और
नतीजा ?
नसीर हुसैन का टॉस जीतना
क्रीस पर आना
प्लान की तरह
पिच डल होने की राह देखना
और फिर cramps आने की वजह से
अपनी विकेट की पर्व ना करते हुए
जल्द से जल्द रन्स बनाने लगना
जहा पेहले ५० रन्स के लिए १२८ बॉलस लगाए थे
वाहा अगले ५० केवल ६४ बॉलस में आए
और फिर
पूरी टीम कप्तान की नकल उतारने लगी।
हुसैन १५५
क्रॉली ६४
फ्लिंटॉफ ५९
व्हाइट ५३
जॉनेस ४४
इंग्लैंड ४८७ पर
इंग्लैंड अपने प्लान में कमियाब हो गई थी
इंडिया अर्ली प्रेशर में था
पर ये पिच इतनी फ्लैट थी
की उस पर आउट होने के दो ही तरीके थे
या तो बोलर कुछ करिश्मा देखा दे
या तो बैट्स्मन कोई लापरवाही
तो इंग्लिश बोलर्स काम पे लग गए
सटीक लाइन और length से हर बॉल अचूक निशाने पर।
इतनी फ़्रेंडली बटतींग पिच पर भी स्कोर ना कर पाना
इंडियन बैट्स्मन का फ्रस्ट्रैशन बढ़ा रहा था
और उसके साथ sledging का प्रेशर।
और फाइनली ये प्रेशर काम कर गया
सेहवाग बदनसीबी से आउट
द्रविड एक uneven बाउन्स वाले गेंद पर उट
और फिर सचिन
जो लेग ट्रैप से टारगेट हुए जा रहे थे
और फिर उसका शिकार हो गए
पूरी इंडियन टीम
२२१ पे ऑल आउट हो गई
नसीर हुसैन ने अपने प्लान के मुताबिक
फिर एक बार बैटिंग करने का निर्णय लिया
और जल्द ही
इंग्लैंड ने सिर्फ ६५ ओवरस में ३०० रन्स बना दिए
जवाब में भारत
झट से ६ विकेट गवा बैठा
टारगेट ३९७ दूर
लक्ष्मण के साथ ३ बोलर्स
याने
हम वो मैच हार चुके थे
अब सवाल था तो बस
की हम कितनी बुरी तरह से हरेगे
इसका
पर अब तक
जहा पे इंडियन बोलर्स ही करिश्मा कर रहे थे
अब एक इंडियन बोलर करिश्मा करने वाला था
बॅट के साथ
अब तक
जिसने ७.८ के ऐव्रिज से बटटिंग की थी
जो सिर्फ डकस के लिए मशहूर था
ऐसा वो अजित आगरकर
और फिर
वाहा से शुरू हुई
वो पारी
जिसने क्रिकेट में इतिहास बना के रख दिया
एक एसी पारी
जिसने भारत की इज्जत बचा दी
#cricket #pride #angry