अज्ञानी मनुष्य परमपिता को अपने से अलग मानता है गुरुदेव नमस्कार🙏🙏
@omkataria226221 күн бұрын
जीव ही हमारी आत्मा है जिसे अज्ञानी लोग जीव कहते है और ज्ञानी लोग आत्मा कहते हैं ।
@ParmanandTyagi-y5u17 күн бұрын
Namaskar guruji
@subhashtyagi828122 күн бұрын
Atma hi Braham
@sandeeptyagi3354Ай бұрын
आप मेरे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत हैं।🙏🙏
@jaminidas835724 күн бұрын
प्रणाम गुरू जी🙏🙏🙏
@jaminidas835724 күн бұрын
Guru G apka Ashram kha pr h?
@VipinKumar-kx4sn24 күн бұрын
गुरुदेव नमस्कार मनुष्य अज्ञानता के कारण परमपिता बाबा को भोला रहता है
@VipinKumar-kx4snАй бұрын
गुरुदेव नमस्कार प्राणों के प्राण परमपिता बाबा की जय हो
@kritika0711Ай бұрын
तुम वही हो जिसको तुम ढूंढ रहे हो। तत् त्वम् असि । नमस्कार गुरु जी। 🙏🏻
@subhashtyagi828129 күн бұрын
Guruji parnam
@VinayKumar-xz4dz2 күн бұрын
जीव ब्रहा का ही अंश है नमस्कार गुरु जी
@ParmanandTyagi-y5u29 күн бұрын
Yes
@VipinKumar-kx4sn23 күн бұрын
गुरुदेव नमस्कार अपने को जानो
@ParmanandTyagi-y5u29 күн бұрын
Namaskar Guruji
@AmarjeetKumar-b2r5kАй бұрын
Guruji namaskar 🙏🙏
@VipinKumar-kx4sn29 күн бұрын
गुरुदेव नमस्कार मैं ही ब्रह्म हूं
@VarnikaTyagi-io6ulАй бұрын
Guruji namaskar
@swamishivanandbaba6678Ай бұрын
😅😅 जीव का स्वरूप क्या है,अब समझ में आया।😅😅😅
@ParmanandTyagi-y5uАй бұрын
Namaskar guruji
@punarutthan2327 күн бұрын
Kahe coment delete kar diya, sawal ka jawab nahi he kya, me ne to koi gali nahi diya, srif tumhara bato ko hi dohraya he, ki ghara ko mitti kah ne se ghara ko bura lagta he, yeh gyan kaha se ayat karte ho.
@swamishivanandbaba667827 күн бұрын
भजन करो तब बात समझ में आयेगी। घड़े और मिट्टी का जो यहां दृष्टांत दिया गया है,उसका अर्थ यह है कि मिट्टी और घड़ा दोनों एक ही है। अलग-अलग नहीं है। उसी प्रकार अज्ञानी मनुष्य अपने को ईश्वर से अलग मानता है और अपने को हिन्दू, मुस्लिम सिख ईसाई और इस जात का उस जात का मानता है।
@swamishivanandbaba667827 күн бұрын
ज्ञान देवी -देवता लोग नहीं देते है। ज्ञान ऋषि,मुनि और संत, महात्मा और शास्त्र से मिलता है।यह भी समझ लो और अपने ज्ञान को बढ़ाओ। चन्दन टिका लगाने से और चोटी रखने से ज्ञान नहीं होता है।
@punarutthan2327 күн бұрын
@@swamishivanandbaba6678👉 aplogo ka dristant haisaspad he, rijeev jad padaarth ko bura bhala kidhar se lagta he, aisa agyani dristant isliye dete ho, kiyu aplogo ka sastra me, sacha srishti karta Iswar hi nahi he, iswar ka srif kalpana he, Iswar nahi he, na hi Iswar ka koi agya he. Sacha srishti karta Iswar Srif Bible me he, insaan se bate kiya he, agya diya he, apna nam bataya he
@swamishivanandbaba667827 күн бұрын
यह शरीर पांच तत्वों से बना है।जो जड़ है। लेकिन इसे हिन्दु, मुस्लिम मान कर लड़ रहे हो।उस समय आप लोगों का ज्ञान कहां चला जाता है।
@punarutthan2326 күн бұрын
@@swamishivanandbaba6678👉insan jad padarth nahi, insan bhala bura sab kar sakta he, jo sacha srishti karta Iswar ko janta he, jinke sastra me sacha Iswar he, woh Yeshu Masih ki tarha logo ke liye apna balidan deta he. Sanataniyo ka, muslim ka ya koi sastra me sacha Iswar hi nahi he, ishliye, yeh log sacha Iswar ko nahi janta he.
@Brg36926 күн бұрын
Mahatma ji, atma kaisi hoti hai. Dekhi nhi jaati, lekin atma khud ko dekh sakti hai. Isliye agar aap ne apni atma dekhi hai to kripya btaye ki kaisi hoti hai
@swamishivanandbaba667826 күн бұрын
अन्दर की यात्रा करो। स्वयं जान जाओगे।यह कोई बाजार की वस्तु नहीं है।
@punarutthan2326 күн бұрын
@swamishivanandbaba6678 👉 atma ko janne wala, Iswar kovi janta he, jo Iswar ko janta he, won Iswar ka icha ko vi janta he, Iswar ka icha yeh he, क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।(Bible यूहन्ना 3:16).