HINDI MEIN BOL: ख़ुद ज़मी रोयी आसमां रोया बादे शब्बीर कुल जहाँ रोया लेके असगर की लाश हाथों पर कर्बला तेरा मेहमा रोया करके क़ुर्बान अपने फूलो को दीने हक़ तेरा बागबा रोया ज़द पा नावक की मुस्कुराता रहा रन में कब शह का बे ज़बा रोया खुश्क़ थी इस क़दर ज़बा शह की बाप की प्यास पर जवा रोया ज़ुल्म पर अपने क़ातिले असगर खैच कर चिल्लए कमा रोया याद करके हुसैन आप की प्यास हर क़दम मीर ए कारवां रोया शाम ओ कूफ़ा के रास्ते में ना पूछ किस क़दर एक नातवा रोया दश्त में कर्बला के ऐ जावेद क्या बताऊ कहा कहा रोया प्यास को याद करके बाबा की उम्र भर एक नातवा रोया हाये बीमारे नातवा आबिद ये ना पूछो कहाँ कहाँ रोया शह सा साबिर ज़मीने मक़तल में करके बेशीर को नेहा रोया जब लिखा कर्बला के बारे में एक एक हर्फ़ ए दास्ताँ रोया