🕉️🌺 गुरु सी सीख,भाई सा प्यार। पिता सी चिंता, मां सा दुलार। जैसे मटके को गढ़ते दो हाथ। दृष्टा को तैयार करते ,होने को आकाश। नारायण ही ,जैसे नारायण के साथ। सब है,सब है, सब है, अस्तित्व की करामात।। 🌺🌺🙏🏻 प्रणाम भईयाजी🌺🌺🙇🏻♀️ धन्यवाद🙏🏻
@Chidakashgyanam14 күн бұрын
आपको तो कविता लिखते भी आता है ..साधुवाद सुंदर ज्ञान पूर्ण भावों की अभिव्यक्ति के लिए
@rajani0014 күн бұрын
भईयाजी आपको अच्छा लगा यही बहुत है।🙏🏻 मुझे तो नहीं आता।बस हो गया🙂धन्यवाद! गुरुकृपा 🌺🌺🙇🏻♀️