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बस्ती के इंडो इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मृदा रहित तरीके से कोकोपिट में सब्जियों की नर्सरी तैयार, होने लगी बिक्री। इस केंद्र के प्रभारी अधिकारी पंकज मोहन जी के मोबाइल नंबर 91407 37438 पर पौधे खरीदने से जुड़ी जानकारी ली जा सकती है।
आम के रंगीन और उन्नत किस्मों को तैयार करने वाला देश का सबसे बड़ा केंद्र। जल्द ही बिकने लगेंगे पौधे।
बागवानों को उन्नति की राह दिखा रहा फल उत्कृष्टता केंद्र
इजरायल सरकार ने अपने इसी अत्याधुनिक कृषि तकनीकियों को तहत भारत सरकार से हुए एक समझौते के तहत खेती और बागवानी में सहयोग करने पर समझौता किया है। भारत सरकार के साथ हुए इस समझौते के तहत उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में फल सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने हेतु औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र बस्ती में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार फ्रूट यानी फल उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है। जिसके जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को बागवानी में तकनीकी का उपयोग कर इस्तेमाल कर सस्ती खेती में ज्यादा उत्पादन किए जाने की जानकारियां प्रशिक्षण व तकनीकी उपलब्ध कराई जा रही है। इसी के साथ यहां पर उन्नत किस्म के पौधों की नर्सरी तैयार कर बागवानी के जरिये किसानों और युवाओं को बागवानी से जोड़ कर रोजगार मुहैया कराए जाने का काम भी किया जा रहा है। इस केंद्र के जरिये किसानों को मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की जानकारियां भी दिए जाने का काम किया जा रहा है।
राज्य सरकार के सहयोग से स्थापित फल उत्कृष्टता केंद्र में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आधुनिकतम तरीकों से कार्य किया जा रहा है। जिससे दूसरे रोजगार की तरफ मुड़ चुके युवाओं को भी बागवानी से जोड़कर उन्हें रोजगार मुहैया कराये जाने पर कार्य किया जा रहा है। यहां की विशेषताएं जो इस केंद्र को किसानों के लिए मुफीद जानी जा सकती हैं व निश्चित ही बागवानी के दिशा में एक अनूठा कदम होगी साबित होंगी।
हाईटेक नर्सरी में पौधों को तैयार करने पर किसान लेते है जानकारी - सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट के इस क्षेत्र में लगभग 1152 वर्ग मीटर में आधुनिक व उच्च तकनीकी से युक्त पौधशाला स्थापित की गई है। जिसमें किसानों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1000000 पौधे तैयार किए जा रहें है इसका उद्देश्य किसानों को फल सब्जियों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु अथवा बीमारियों से मुक्त पौधे उपलब्ध कराना है। इस पौधशाला को इस टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है जिससे पूरे वर्ष यहां पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसमें पौधों के आवश्यकता के अनुसार तापक्रम व अधिक के जाने की सुविधा है। इस हाईटेक नर्सरी को पूरी तरीके से मजबूत पॉलीथिन शीट से तैयार किया गया है इसके चलते पौधों के ऊपर कीट व बीमारियों का प्रकोप शून्य है, और पौधशाला में पौध उत्पादन के लिए मिट्टी की जगह पर कोको पीट और वर्मीकुलाईट, एवं परलाइट का प्रयोग किया जाता है जिससे बीजों का जमाव अच्छा होने के साथ ही पौधों की बढ़वार बड़ी तेजी से होती है। इस पौधशाला में टमाटर, मिर्च, शिमला, मिर्च,गोभी, बैगन,पपीता,तोरई,लौकी,भिन्डी,कद्दू व करेला आदि के सब्जी पौध तैयार कर लागत मूल्य पर ही किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
नेचुरली वेंटिलेटेड पाली हाउस - इस पाली हाउस को 2016 वर्ग मीटर में स्थापित किया गया है इसमें पौधों को नियंत्रण दशा में रखने पर बड़ी तेजी से पौधो की वृद्धि होती है । इसमे आम की विभिन्न प्रजातियों के कलमी पौधे तैयार किये जाते है। यहाँ से कलम बांधे गए पौधों को परिपक्वता के लिए शेड नेट हाउस में हस्तांतरित किया जाता है। इन पौधों को ऑटोमेटिक टेक्नोलॉजी के जरिए पोषक तत्व व पानी उपलब्ध कराया जाता है इसमें एक साथ एक साथ 25000 कलमी आम के पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
शेड नेट हाउस - फल उत्कृष्टता केंद्र में शेड नेट हाउस की भी स्थापना की गई है। यह 2016 वर्ग मीटर के क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसमें भी एक साथ 25000 कलमी पौधे तैयार कर परिपक्वता हेतु रखे जा सकते हैं। शेड नेट हाउस में नेचुरली वेंटिलेटेड पाली हाउस में तैयार किए गए कलमी पौधों को हस्तांतरित किया जाता है। यहां इन पौधों को ऑटोमेटिक विधि द्वारा निर्धारित मात्रा में उर्वरक व पानी उपलब्ध कराया जाता है साथ ही समय-समय पर पेस्टीसाइड का छिड़कांव कर रोग व कीट से मुक्त रख जाता है। यहां से तैयार किए गए स्वस्थ पौधें किसानों को बिक्री के लिए उपलब्ध कराये जाते है।
इन्सेक्ट प्रूफ नेट हाउस- इस केंद्र में तैयार होने वाले आम के कलमी पौधों के लिए 2016 वर्ग मीटर में इन्सेक्ट प्रूफ नेट हाउस में आम के 290 मातृवृक्ष तैयार करने हेतु बड़े-बड़े सीमेन्ट के गमलों में रोपित किया गया है।
आम की रंगीन प्रजातियों से बढ़ेगी किसानों की आय- किसानों, महिलाओं और युवाओं को बागवानी के जरिए रोजगार से जोड़ने के लिए केन्द्र पर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों व भारतीय अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित की गई आम की रंगीन प्रजातियों के पौधों को संकलित कर उनका मदर ब्लाक लगाया गया है जिससे क्षेत्र के किसानों को आम की रंगीन प्रजाति के पौधे तैयार कर उपलब्ध कराये जा सके ताकि किसान आम की बागवानी से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सके।