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महाभारत में पांडवों की मृत्यु कैसे हुई?कौरवों को स्वर्ग और पांडवों को नरक क्यों? महाभारत 💥
महाभारत में पांडवों की मृत्यु कैसे हुई पांडव को कैसे मरे #mahabharat #video
महाभारत की कथा मे बताया जाता है,की पांडवों की मृत्यु महाभारत के युद्ध के बाद हुआ थी। जब पांडवों ने अपना राज्य छोड़ने का फैसला लिया, तब उन्होंने हिमालय की ओर एक तीर्थयात्रा शुरू की। इस यात्रा में उनके साथ द्रौपदी भी थीं। इस यात्रा के दौरान, एक-एक करके सभी पांडव और द्रौपदीकी मृत्यु हो जाती हैं।
इस यात्रा के दौरान, सबसे पहले द्रौपदी गिर पड़ीं और उनकी मृत्यु हो गई।
युधिष्ठिर ने बताया की द्रौपदी का मृत्यु उनके अर्जुन के प्रति विशेष प्रेम के कारण हुई। युधिष्ठिर ने कहा कि द्रौपदी अपने पाँच पतियों में से अर्जुन को सबसे अधिक प्रेम करती थीं और इस लिए द्रौपदी की सबसे पहले मृत्यु हुआ
इसके बाद सहदेव भी इस यात्रा के दौरान गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई।
युधिष्ठिर ने सहदेव की मृत्यु का कारण बताया कि सहदेव को अपने ज्ञान पर बहुत गर्व था। उनका अहंकार उनके मृत्यु का कारण बना। युधिष्ठिर ने कहा कि सहदेव ने कभी अपने ज्ञान को गुप्त नहीं रखा और इस पर उन्हें गर्व था, इसलिए वे पांडव मे सबसे पहले गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई।
इस प्रकार, महाभारत के अनुसार, सहदेव की मृत्यु उनके ज्ञान और अहंकार के कारण हुई।
नकुल का मृत्यु सहदेव के बाद हुआ। युधिष्ठिर ने नकुल की मृत्यु का कारण बताया कि नकुल को अपनी सुंदरता पर बहुत गर्व था। युधिष्ठिर ने कहा कि नकुल को अपनी रूप-रंग और आकर्षण पर अत्यधिक अभिमान था, और यह अहंकार उनके मृत्यु का कारण बना।
महाभारत के अनुसार, नकुल की मृत्यु उनके सुंदरता पर गर्व के कारण हुई।
अर्जुन का मृत्यु नकुल के बाद हुआ। युधिष्ठिर ने अर्जुन की मृत्यु का कारण बताते हुए कहा कि अर्जुन को अपनी धनुर्विद्या (तीरंदाजी) पर अत्यधिक गर्व था और वह अपने वचन को पूरी तरह से नहीं निभा पाए थे। अर्जुन ने युद्ध में यह प्रतिज्ञा ली थी कि वह सभी कौरवों को मार देंगे, लेकिन वह इस वचन को पूरी तरह से नहीं निभा पाए। इसके अलावा, अर्जुन को अपनी क्षमताओं और कौशल पर बहुत गर्व था, जो उनके मृत्यु का कारण बना।
इस प्रकार, महाभारत के अनुसार, अर्जुन की मृत्यु उनके अत्यधिक गर्व और अपने वचनों को पूरी तरह से न निभा पाने के कारण हुई।
भीम का मृत्यु अर्जुन के बाद हुआ। युधिष्ठिर ने भीम की मृत्यु का कारण बताते हुए कहा कि भीम को अपने बल और अत्यधिक भोग-लालसा (भोजन और अन्य सांसारिक सुखों की लालसा) पर बहुत गर्व था। भीम का अत्यधिक भोजन और भोग-लालसा उनकी कमजोरी थी, और यह अहंकार और लालसा उनके मृत्यु का कारण बने।
इस प्रकार, महाभारत के अनुसार, भीम की मृत्यु उनके अत्यधिक भोजन और भोग की इच्छा के कारण हुई।
महाप्रस्थान के दौरान, सभी पांडव और द्रौपदी एक-एक करके गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है, लेकिन युधिष्ठिर अंत तक चलते रहते हैं।
जब युधिष्ठिर अकेले रह जाते हैं, तो वे अपनी अंतिम यात्रा पूरी कर लेते हैं। उनके साथ एक कुत्ता भी यात्रा कर रहा था जो वास्तव मैं यमराज था । युधिष्ठिर का सत्य और धर्म के प्रति निष्ठा के कारण उन्हें स्वर्ग प्राप्त हुआ
इस लिए युधिष्ठिर की मृत्यु का विवरण महाभारत में नहीं है, क्योंकि वे एकमात्र ऐसे पात्र हैं जो जीवित रहते हुए अपने धर्मऔर सत्य के कारण स्वर्ग में प्रवेश करते हैं।
Other Queries
द्रौपदी और पांडवों की मृत्यु कैसे हुई?
द्रौपदी की मृत्यु का क्या कारण था?
कौरवों को स्वर्ग और पांडवों को नरक क्यों मेला
पांडव नरक में क्यों गए थे?
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