सभी साधर्मी मुमुक्षु जीवों को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर
@jinendrajain182310 күн бұрын
लेकिन अभी तो songadh में भी बोलियों में खूब समय दिया जाता है l और तो और बहुत ही छोटी राशियों की भी घोषणा की जाती है l
@swatidoshi811710 күн бұрын
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@rajeshjain75010 күн бұрын
वास्तव में पंचम काल में चौथे काल की तैयार हो रही हो,यह सब गुरुदेव श्री के प्रभाव से होता रहा
@pragyajain414710 күн бұрын
Jai jinendra dev ki
@hndd259910 күн бұрын
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@vinayjain29976 күн бұрын
इसी को मुनि निंदा कहते है।मुनि त्रष्टि को एक साथ उच्चारण किया है
@sadhanajain75279 күн бұрын
Swamiji के सामने तो yesa नहीं होता था
@rkj021110 күн бұрын
आपको तो गुरुदेव का प्रवचन समय की बर्बादी लगती है ? आप केवल मुमुक्षुओं को बरगलाने के लिए गुरुदेव का नाम लेते हो, लेकिन आपकी धारा/विचारधारा गुरुदेव से विरुद्ध है। ललितपुर की घटना की क्षतिपूर्ति के लिए चुन-चुन कर इस तरह की क्लिपिंग्स प्रसारित कर रहे हो।