फुलचंदजी शास्त्री का पत्र आया आप को जन्म जयंती नहीं बनाना चाहिए। तीर्थंकरों के जन्म कल्याणक होते है।

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जिन धर्म जयवंत वर्तो सदा

जिन धर्म जयवंत वर्तो सदा

12 күн бұрын

Пікірлер: 15
@IconicAnime352
@IconicAnime352 8 күн бұрын
सभी साधर्मी मुमुक्षु जीवों को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
@DevendrakumarJainBijoliya
@DevendrakumarJainBijoliya 10 күн бұрын
तीर्थंकरों की जयंती नही होती ,जन्मकल्याणक होता है
@rkj0211
@rkj0211 10 күн бұрын
डैमेज कंट्रोल, ललितपुर का, रोज कुछ क्लीपिंग्स। जो पहले मुमुक्षुओं के बीच अपने आप को गुरुदेव के अनुयाई के रूप में स्थापित करने के लिए कहा गया था।
@sharmisthabenketankumarsha113
@sharmisthabenketankumarsha113 9 күн бұрын
🙏🙏🙏
@vrishalimehta5118
@vrishalimehta5118 10 күн бұрын
जन्म जयंती क्यूँ कहते है ? जब की जन्म दिन को ही जयंती कहते है l
@rajkumarsinghai9796
@rajkumarsinghai9796 10 күн бұрын
आध्यात्मिक सत्पुरुष कानजी स्वामी स्वयं को अव्रती श्रा‌वक मानते थे । क्या यह उचित है कि एक अव्रती श्रा‌वक का इतना महिमा मंडन उचित है ?
@globaljainonenessinitiative
@globaljainonenessinitiative 8 күн бұрын
आपको अव्रती दिखते हैं और हमको तारणहार। नज़र नज़र का फेर है।
@rajkumarsinghai9796
@rajkumarsinghai9796 8 күн бұрын
आगम अनुसार सच्चे देव शास्त्र और निर्ग्रन्थ दिगम्बर मुनिराज गुरु ही व्यवहार से जीव को तारणहार है । शेष अपनी अपनी नज़र है । कौन किसको गुरु मानता है अपनी अपनी मान्यता है कुन्दकुन्दादि आचार्य भगवंतों की महिमा से अधिक आप उन्हें महिमावंत मानते हैं तो मानें ।
@globaljainonenessinitiative
@globaljainonenessinitiative 8 күн бұрын
@@rajkumarsinghai9796 अव्रती तारणहार (कल्याण में निमित्त) नहीं हो सकता यह कहां लिखा है??
@rajkumarsinghai9796
@rajkumarsinghai9796 8 күн бұрын
@@globaljainonenessinitiative आगम में सम्यक दर्शन में निमित्त सच्चे देव और निर्ग्रन्थ दिगम्बर जैन मुनिराज गुरु का उपदेश का ही उल्लेख है यदि अव्रती श्रा‌वक भी सम्यक दर्शन में निमित्त का कहीं भी उल्लेख नहीं है सम्यक दर्शन के बिना कोई भी संसार से तिर नहीं सकता सो तारणहार तो सच्चे देव शास्त्र और निर्ग्रन्थ दिगम्बर मुनिराज गुरु ही हैं बाकी अपनी अपनी मान्यता अपनी अपनी नज़र ।
@globaljainonenessinitiative
@globaljainonenessinitiative 7 күн бұрын
@@rajkumarsinghai9796 देवऋद्धि दर्शन और वेदना को तक सम्यग्दर्शन में निमित्त माना गया है। धन्य है आपको, कौनसे आगम पढ़ रहे हैं आप?? अपने मन की कहना सो खूब कहो, आगम का अवर्णवाद क्यों कर रहे हैं।
THEY WANTED TO TAKE ALL HIS GOODIES 🍫🥤🍟😂
00:17
OKUNJATA
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Получилось у Вики?😂 #хабибка
00:14
ХАБИБ
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Final muy increíble 😱
00:46
Juan De Dios Pantoja 2
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छ: ढाला क्लास 25-5-2024 part 1
32:29
Shri kundkund mahila sabha
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00:17
OKUNJATA
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