Рет қаралды 7,994
क्या सच में देश को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को 70-90 घंटे काम करना चाहिए? L&T के चेयरमैन S.N. Subrahmanyan, Infosys के फाउंडर नारायण मूर्ति, और Ola के फाउंडर Bhavish Aggarwal जैसे बड़े नामों ने लंबे घंटे काम करने को बढ़ावा दिया है।
लेकिन इन बयानों की सच्चाई क्या है? क्या सिर्फ ज्यादा काम करने से देश का विकास होगा, या इसके पीछे कोई और छिपा सच है?
इस वीडियो में हम चर्चा करेंगे:
1. काम के घंटों का सच - क्या 70-90 घंटे काम करना संभव और जरूरी है?
2. भारत में छुट्टी का इतिहास - कैसे प्राचीन भारत में छुट्टी एक परंपरा थी?
3. MNC कंपनियों का Work Culture - क्यों कर्मचारी डिप्रेशन और असंतुलन का सामना कर रहे हैं?
4. सपनों का जाल - कैसे कंपनियां अपने कर्मचारियों को लंबे समय तक फंसा कर रखती हैं?
5. देश में नौकरी और उद्योग की स्थिति - क्या भारत के युवाओं के पास नौकरी के बेहतर विकल्प हैं?
यह वीडियो आपको बताएगा कि कैसे प्राचीन भारत में उद्योग, काम के घंटों और छुट्टी का संतुलन था, और आज MNC कंपनियों के असंतुलित वर्क कल्चर के प्रभाव से क्या नुकसान है?
Sources:
current news
सुंदर लाल की किताब "भारत में अंग्रेजी राज"
KITU रिपोर्ट - IT सेक्टर में डिप्रेशन और स्वास्थ्य का प्रभाव
Watch Now और जानिए भारत में छुट्टियों का छिपा इतिहास।
#WorkLifeBalance #IndiaDevelopment #IndianCulture