लाखा मण्डल तो हमने देखा और सुना जो कि हमारे उत्तराखंड में है | तो क्या महाभारत काल में दो लाक्षागृह बने थे, कृपया देखें
@pradumantyagi92242 жыл бұрын
Achhi place. H ghumne k lia
@eaglespower262 жыл бұрын
Ye ghumne ki place nai he ye ek gathaa he aise logo ki jo ati khatarnak yoddha thee or 11 foot lambe thee
@yadavshaili2 жыл бұрын
सुनील शास्त्री जी का नम्बर मिल सकता है क्या भाई? आपकी वीडियो बहुत अच्छी लगी। वीडियो देखने के बाद जाने का प्लान कर रहे हैं ।
@kumkumkasana24039 ай бұрын
*मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*
@roshanpandet93402 жыл бұрын
क्या बरनावा के लाक्षागृह में महानंद नाम का कोई स्कूल या पाठशाला चलती है जो जानते हैं वह बताएंगे भाई
@Kanhavlog194711 ай бұрын
गुरुकुल है भाई वहां एक संस्कृत पढ़ते हैं बच्चे वहां, बागपत से 40 किलोमीटर दूर है ये, थोड़ा खंडित हो गया है क्योंकि कांग्रेस सरकार में इसका धयान नहीं दिया गया और मुस्लिम लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है अब यहाँ
@roshanpandet934011 ай бұрын
@@Kanhavlog1947 Maharishi shringi Rishi ki Atma ne Uttar Pradesh ke Muradabad Jile cake Puranpur Gaon Mein Julahe ke ghar Krishna Dutt Naam Se Janm liya tha Mahanand ki Atma Unka shishya hai Mahananda Naam Se yah Hai Sanskrit Pathshala Hogi Aap Iske aaspaas se hai ya Nahin kripya bataenge
@pradumantyagi92242 жыл бұрын
Ma barnawa ka hu
@SalimAnsari-ni5vd3 жыл бұрын
Or pandw ke raxha musalmano ne Ke the is laxy garha me pandaw ko Muslalmano ne bachaya tha
@BhanuPratapSingh-qh3pl Жыл бұрын
तब तो पूरी दुनिया मे इस्लाम का नाम तक नही था तो मुसलमान कहा से पैदा हो गए 🤣 मोहम्मद पैंगबर का जन्म 622 ईसा पूर्व हुआ जो महाभारत काल से काफी बाद का समय है तो महाभारत मे मुस्लिम कहा से आ गए 🤔 मतलब कुछ भी बकचोदी कर देते है तुम लोग🤣
@WanderMohit Жыл бұрын
Bhag bhos dike tab Tera Allah bhi paida nahi hua th laudu
@surendrasinghnegi885 Жыл бұрын
Katu baskar
@MukulKumar-l7l18 күн бұрын
Hota h pura veda ka yajya hmare yha.. aisa mt khiye ki khin ni hota 12:36