।। सत्यमेव जयते।। अहंकार से मुक्त होने का कोई उपाय नहीं है केवल विधिसम्मत न्यायोचित रूप से मर्यादित किया जा सकता है।। सत्यमेव जयते।।
@antar_yatra8 күн бұрын
जी बिलकुल। एक बड़ा मैं जो दुनिया पर विजय चाहता है, अथाह धन चाहता है, कुछ बनना चाहता है अगर आपको यह समझ आ जाए कि ये इन मांगों के साथ साथ दुः ख, संघर्ष, चिंता इत्यादि लाता है। जितना बड़ा मैं उतना ज्यादा संघर्ष तो आप इन सभी की मांग और इनके लगाव से मुक्त हो जाते हो लेकिन ये फिर संकुचित हो जाता है केवल शरीर की मांगों के लिए काम करता है और जब शरीर को कोई मांग नहीं होती तब ये अपने मूल में लौट जाता है और तुम एक मौन, शून्य में रहने लग जाते हो।