Almighty Allah bless that all Muslims must perform the sacred duty of Hajj including myself and mine family members. ameen
@sohailbutt23923 жыл бұрын
💕❤️💕 ماشاءاللّٰه ماشاءاللّٰه ماشاءاللّٰه 💕❤️💕
@AliNawaz-fu5el3 жыл бұрын
Mashallha vari nice
@sohailbutt23923 жыл бұрын
💕❤️💕 میں صدقےیا رسولُ اللّٰهﷺ 💕❤️💕
@ibaadmalik43273 жыл бұрын
ماشااللہ اللہ آپ کو لمبی زندگی عطا فرماے
@shaikmohammed27503 жыл бұрын
Qutub Uz Zama Zindaabad
@badiuzzaman66053 жыл бұрын
Masha-Allah
@fayazcheema73603 жыл бұрын
Allah o Akbar.
@mohdazeem81453 жыл бұрын
Mashaallah
@fayazcheema73603 жыл бұрын
Subhan Allah.
@muftitanveerqureshiofficia2519 Жыл бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@irabest4eradrsaleemahmad2073 жыл бұрын
عشق رازِ کاٸِنات ھے۔۔عبادت الہیہ کی روح دل اور مرکز و محور محبت ہے۔۔محبت کی انتہا عشق اور عشق کی انتہا ادب تعظیم و تکریم ہے۔۔اور ادب کی انتہا محبوب کے رحمانی نظام کے قیام کیلیے جان مال وقت اور تن من دھن کی قربانی کیلیے ہمہ وقت تیار رہنا ہے۔۔۔ دور حاضرہ میں جملہ عبادات کی روح محبت کا تقاضا نکاح وتعدد ازواج اور اتحاد وانقلاب کے رحمانی مشن کیلیے امر بالمعروف ونھی عن المنکر کا فریضہ سرانجام دیتے ہوۓ تمام مکاتب فکر کے نماٸندہ فورم ایرا کی فکر کو سمجھنا سمجھانا اور پسند کرتے ہوۓ اپنانا۔۔۔اور دوسروں تک پہنچانا۔
@AlHidayaSVCMQII3 жыл бұрын
Subhan allah 💕❤💕💞🌹
@zafarmaniyar20923 жыл бұрын
Dr tahirul qadary dua kare zafr
@zafarmaniyar20923 жыл бұрын
Zafarmaniyar
@अब्दुलगनीइब्राहिमशेख3 жыл бұрын
"कुरआनी-इस्लाम " का महत्व ************************* ■ दुनिया के हम इन्सानो के बीच में "कुरआनी-इस्लाम" एक अन्तिम स्थान का धर्म-दीन-मजहब-रिलीज़न है ---- ¤ अल्लाह यानी श्रृष्टि के रचयिता ; स्वामी एवं परम-सत्ताधारी ने दुनिया के समस्त इन्सानो के लिए कुरआनी-इस्लाम का महत्व इस तरह रखा है की ------ > दुनिया का कोई भी इन्सान चाहे वह मुसलमान हो या अन्य कोई भी इन्सान हो ----- > " कुरआन " को आंशिक या पुरा -- नकारकर ; झुटलाकर --- > हज़रत मुहम्मद (सल्ल--) को यानी अन्तिम महापुरुष ( नबी ; भगवान ; प्राफेट ) को नकारकर ; झुटलाकर एवं उनके प्रति अपमानजनक द्रष्टिकोण रखते हुए --- एवं-- > कुरआनी-इस्लाम की व्यवस्था में विध्न डालकर ---- ¤ कोई भी इन्सान इस जिन्दगी ( जीवन) के बाद की जिन्दगी की "सुख-शान्ति" नहीं पायेगा । > और इस प्रकार के कामों के कारण प्राकृतिक-प्रकोपों( कुदरती-अजाबो ) का आना भी निश्चित है । ( पढ़ें कुरआन) ■ दुनिया के हम समस्त धर्म--दीन-मज़हब-रिलिजन के लोगों के मध्य में "धर्मनिरपेक्षता" की व्यवस्था वह वयवस्था है जो -- > कुरआनी-इस्लाम के "विरोध" से दूर रखते हुए --- मानवीय एवं निष्पक्ष न्याय के आधार पर दुनिया के सभी धर्म-दीन-मजहब-रिलीज़न के लोगों को अच्छे से रेहने का मार्ग देती है ।