मनुष्य शरीर में आत्मा कहां पर रहती है। 👇Also watch this amazing video🤩: • मरने वाले की आत्मा कहा...
Пікірлер: 138
@shivkumarmishra27722 ай бұрын
Har har mahadev har har mahadev har har mahadev har har mahadev ❤❤
@pankajsutradhar64183 ай бұрын
Joy goru har har mahadsve I love you so much 🙏🙏🙏🙏🙏
@tarakathayat83902 ай бұрын
ॐ😍💐🙏💐😍
@DhanoliDevi-z3lАй бұрын
Om Shanti 🙏🙏
@prakashboriwal55213 ай бұрын
radhe radhe ❤️💙
@BalkrishnaAmgain-dp8rbАй бұрын
जब किसिभि ब्यक्तिके भाब जागेगे तबउ शान्ति निरन्तर चल्तारहता है बस उहाँ नबुद्दि न मन काम करेगा उसको केबल आनेदो बस उस धुनको सुन्नेके लिए शान्त यानि एकान्त जगह चुने
@RamLal-v1p4xАй бұрын
Om om om
@SantaRai-j9k3 ай бұрын
Jai Shree Ram
@baluzala46127 күн бұрын
Jay yogrshvar
@JagdishBk-v4l2 ай бұрын
Ak,danm,sahi,bataya,
@Bhagwansingh-m1b3 ай бұрын
Jay malik ❤
@sajanjhunjhunwala13562 ай бұрын
Om Namah Shivay Jai Shree Radhe Krishna Radhe Radhe 🙏👋🌹🩸💯♥️🙏
@khakhsaab3445Ай бұрын
Wahigur Ji
@bandananeupanae55182 ай бұрын
thanks गुरु जि
@SURINDERKUMAR-t7vАй бұрын
इस शरीर में आतमा का ठिकाना दो आखों के बीच में है लेकिन यह यहाँ से नीचे नौ द्वार में पूरे शरीर में फैल जाती है जब आप को चोट लगती है तो दर्द कौन महशुस करता है आप की सूरत करती है अब सत कहते हैं अपनी सुरत को उलटाओ और अपने ठिकाने पर लाओ जो कोई इस काम में काम जाब हो गया वह अदर की दुनिया में जाऐगा और परमात्मा से मिल पाऐगा बातो से क् नहीं करनी मेहनत से होगा
@ArunNagar-b2n3 ай бұрын
Jai Bharat mata ki jai
@AmerghuntiАй бұрын
राधा स्वामी जी🙏🙏
@bherulalregar-g9l2 ай бұрын
बहुत अच्छा सच्चा ज्ञान बताया आपको कोटि कोटि प्रणाम
@ChhankJanghel2 ай бұрын
Aap yog kaa jaankare deeya
@SantaRai-j9k2 ай бұрын
Om Hari Jai Shree Ram Jai Shree Ram Jai Shree Ram
@ganilalvasave18583 ай бұрын
Jay guru dev
@SanjayKumar-l2r4n2 ай бұрын
Jay Hanuman
@RekhaSinha-d6q3 ай бұрын
❤jai guru dev ñaam prabhu ka❤❤
@Akashdass42 ай бұрын
Santrampalji maharaj ki jay 🙏🙏
@babulalsharm01998Ram3 ай бұрын
Saheb bandagi ❤❤❤
@BabulalBalai-dc5wsАй бұрын
Jaygurdev
@parmeshwarmukhiya31793 ай бұрын
har har har mahadev 🕉️🙏🏾🕉️🕉️
@DRASHOKCHAUDHARY3 ай бұрын
❤️🙏❤️
@munnabhai-mb4wz2 ай бұрын
Jay shree ram 🚩🚩🚩
@chandrahasrautvideos69162 ай бұрын
अनुभव सहीत सत्य कहा आपने लेकिन आपको एक विनंती है कि सबकुछ मत खोलके बताओ ...गुप्तता रखो .कुछ ऐसी भी बाते है कि वो गुप्त रखी जाय l धन्यवाद ॐ
@rajeshravajka50203 ай бұрын
સત સાહેબ
@magilalanjane74523 ай бұрын
आत्म ज्ञानी ही आत्मा का ज्ञान दे सकते,,,आत्मा का स्थान दोनो आंखो के मध्य हे,,वहा मन बुद्धी ओर चित्त से नही जान पायेगे,,दोनो भौवो के मध्य हे,,
@Ravi_Ranjan1082 ай бұрын
कृपया गुरु जी बताने की कृपा करे कि क्या आत्मा का सूक्ष्म शरीर होता है या वो ज्योति के रूप में दोनों भौंवो के मध्य हैं।
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
साधना की स्थितियों एवं अवस्थाओं की स्थिति पर आत्मा के 6 सूक्ष्म शरीर होते हैं जो आगे किसी वीडियो में पूर्ण जानकारी पॉइंट मेडिटेशन तहत के अनुसार सुनेंगे।
@Ravi_Ranjan1082 ай бұрын
ठीक हैं गुरु जी 🙏🙏🙏
@bharamgyaan89352 ай бұрын
Brahma Gyaan Dhyaan omkarom kar OM 🕉
@shaileshnishad33 ай бұрын
धन्य हो गुरदेव
@Harshkumar77.72 ай бұрын
Om namah shivaya
@BholanathSharma-i9c2 ай бұрын
आत्मा दोनों आंखों के सेंटर में यानी की दिनों के बीच में जहां पर तिलक लगती है परमात्मा ने मनुष्य शरीर में आत्मा रूपी तिलक दिया है
@KanhaiyaSharma-p4k2 ай бұрын
@@BholanathSharma-i9c शर्मा जी सही कहा अपने यही अमृत कुंड होता है त्रिवेड़ी सीमृत बनता इसलिए आत्मा मर्तईनहीं अमृत कुंड मै वास रहताह उस स्थान को गोलोक कहा जाताहै यहीं लक्ष्मीनारायण काभी wash
@ranvirsinghaarya34762 ай бұрын
योगेश्वर श्री कृष्ण ने परमात्मा को हृदय में निवास माना है वही आत्मा के भीतर परमात्मा व्यापक रूप में विराजमान है आत्मा मस्तिष्क में ऊर्जा को केंद्रित करके समस्त ब्रह्मांड की जानकारी भी ले लेता है। इसलिए लोग भ्रम वशआत्मा को मस्तक में निवास स्थान मानते वैसे ही सुख और दुख की अनुभूति हृदय से ही होती है अतः आत्मा का निवास हृदय में ही है।
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
नहीं, ऐसे भ्रम में ना रहे रहस्य कुछ और ही है अगर वह बताया जाए तो कोई मानने को तैयार नहीं होगा सिर्फ संकेत कर रहा क्या परमात्मा शरीर के अंदर रह सकता है भावनाओं में कहां जाए तो उचित हो सकता है क्योंकि भावनाएं हदय में होती है ना कि हृदय मे, परमात्मा। यह वही जान सकता है जो साधना की पराकाष्ठा को करता है ना कि पढ़ कर।
@ranvirsinghaarya34762 ай бұрын
योगेश्वर श्री कृष्ण ने और कई प्राचीन ऋषियों ने और महर्षि दयानंद ने मनुष्य के हृदय में ईश्वर का निवास स्थान माना है आप इतना हठ मत कीजिए आप योगेश्वर श्री कृष्ण और महर्षि दयानंद से महान नहीं हो। वेद भी यही प्रमाणित करता है कि जीवात्मा मनुष्य के हृदय में निवास करती है वही जीवात्मा को परमात्मा का साक्षात्कार होता है मस्तिक तो ध्यान का केंद्र है।
@ArunNagar-b2n3 ай бұрын
Jai mahakal
@ArunNagar-b2n3 ай бұрын
Jai shree ram
@parmeshwarmukhiya31793 ай бұрын
jai shree ram 🚩🚩🚩🚩
@Ghanshyam-o4lАй бұрын
Sat saheb
@IndraChouhan-yc6iv2 ай бұрын
जय श्री कृष्णा आत्मा ह्रदय में रहती है
@GurupratapsinghChauhanАй бұрын
ह्रदय में आत्मा की अस्थाई सीट हे
@basantbahadur1033Ай бұрын
rights
@IndraChouhan-yc6iv2 ай бұрын
भृकुटि के बीच ध्यान साधना से चित्र प्रफुल्लित होता है ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
Shukriya Baba shukriya yah sab batane Ke liye Tera lakh lakh dhanyvad mera naam Sunita hai main Brahma Kumari mein jaati hun Baba main sab kuchh Karti hun Baba per pura Vishwas hai lekin Anubhav Mera kam hota hai iske liye aapko dhanyvad dhanyvad shukriya batane ke liye
@monikavijay3076Ай бұрын
Nice
@RohitAshvani-dg1rhАй бұрын
आत्मा, शरीर के हर अँगो पर उपलब्ध होता है।
@ArunNagar-b2n3 ай бұрын
Jai mata di
@VishwanathaAlva-mk2pvlАй бұрын
@Atma yog sa....
@IndersinghBhati-h9b2 ай бұрын
गुरुजी प्रणाम स्वीकार करे, 7साल से लगातार मैं खुद महसूस कर रहा हूं ❤
@bharamgyaan89352 ай бұрын
Brahma Gyaan Dhyaan omkarom kar OM 🕉
@gunanandjha57392 ай бұрын
कण कण में अणु परमाणु में ज्ञान है कि वह क्या करे और बह एक बनावट तैयार करता है।निरन्तर वर्धमान है।इसी को ब्रह्म समझा गया है।फिर उस स्ट्रक्चर में भौतिक कारणों से अवरोध पैदा होता है तो उसके अणु सट्रक्चर छोड़ कर अपनी चेतना से कार्य की दिशा बदल बदल देता है।यही चेतना आत्मा के रूप में है।
युटुब पर बहुत वीडियो देखा है अभी तक कोई सफल वीडियो नहीं देखा जिसे सफल हो सके🙏🙏🙏
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
श्रीमान सिर्फ यूट्यूब पर वीडियो देखने से कुछ नहीं होगा अपने अंदर एकाग्र होकर विचार करें चिंतन करें उसके बाद साधना करें क्योंकि सब कुछ साधना करने से ही होगा सिर्फ देखने से कुछ नहीं कौन सी साधना करना है क्या लक्ष्य है उसे हिसाब से अपनी ध्यान साधना को प्रारंभ करें। साधक जब साधना प्रारंभ करता है उसके बाद और भी बहुत सारी समस्याएं आती हैं उनसे भी जूझना पड़ता है।
@RajjanRajpoot-eu9giАй бұрын
आत्मा का निवास स्थान है ह्रदय कमल में तिरकुटी में मन जोती का निवास है
@Rana-lu6rrАй бұрын
Please parho pustak Geeta Tera gian amrit ram ram ji
@ManojGupta-hm1gc2 ай бұрын
आत्मा सर से लेकर पांव तक होती है हर एक एक नस और एक एक इंद्री में प्रवाहित करती रहती है शरीर का संपूर्ण ऊर्जा मस्तिष्क के चंद्र बिंदु पर एकत्र होती रहती है जिसे पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान का अनुभव महसूस होने लगता है दूर दृष्टि का मन से संपर्क हो जाता रहा प्राण का रहस्य समझे किसी भी जीव का अंग से टुकड़ा अलग हो जाता है तो आप देखेंगे उसमें ऊर्जा प्रवाहित होती रहती है मृत्यु को समझे प्राण निकलने से पहले ही शरीर का ऊर्जा संपूर्ण एक स्थाई होने लगता है और शरीर के नव छिद्रों में से कर्म के अधीन अनुसार निकलता है और हवा मे विलय हो जाता है आत्माध्यात्मिक विषय गलत लगे तो छमा करे हनुमान चालीसा का संदर्भ पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप इस शब्द को पर्यायवाची करे
@TarsemSingh-ui4wm2 ай бұрын
Your very very wrong
@ThoruRam-b6m2 ай бұрын
Bilkul sahi baat hai ji
@bhimsen69013 ай бұрын
राधे राधे जी
@parmeshwarmukhiya31793 ай бұрын
jai shree Krishna 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
@hemaanand78083 ай бұрын
Aapko karodo baar namaskar
@SandipSodhaparmar-n5n2 ай бұрын
Gyan vahi hai jo bataya jaye baanta jaaye
@JaybeerYadav-pp4cfАй бұрын
गलत जानकारी देने के लिए महोदय धन्यवाद
@singh562 ай бұрын
Anubhaw kare Pata chal jayai ga
@SandipSodhaparmar-n5n2 ай бұрын
Atma chalayman hai
@narendrakharode4193 ай бұрын
कहने मे ये बाते सब सही है लेकिन करने में बहुत
@JhandaJakmidill2 ай бұрын
💐🌺🌹❤️♣️
@rishimeena5692 ай бұрын
Atma chalai man nahin hai manchala imarat mein sthit hai Ajay Amar Avinash
@BrajeshKumar-q7q2 ай бұрын
Hava poore sharir me jisdin sharir se hava nikalti usdin Charo tatwo bekar hojate hai Hava ka hi pavar hai hava ak jagah nahi rahti poore sharir me har jagah hai
@maheshdeshmukh8789Ай бұрын
आत्मा को जाणणे के लिए कुंडलिनी जागृती करके ही जान सकते है
@shivamkushwaha63212 ай бұрын
आत्मा हृदय चक्र में स्थित है तिरकुटी एक एअरपोर्ट समझो यहां से साधक अपनी भक्ति के अनुसार अपने इष्ट देव के पास जाता है
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
सुनने पढ़ने से कुछ नहीं साधना करके देखें तभी सत्यता समझ में आएगी भ्रम में ना रहे ।
@TarsemSingh-ui4wm2 ай бұрын
Hirde chakkar se thoda aur upper
@shivamkushwaha6321Ай бұрын
@@aatmyogSadhanaसाधना से जो कुछ दिखाई देता है तो उसको टेलीविजन कि तरह समझे जैसे फ़िल्म इस्टिडियो में चलती है दिखाई टेलीविजन में देती
@vipinbhati2Ай бұрын
Aatma pure body me faili hui h dhyan kriya dwara dusve dwar me ekatr kerne ko hi yog kehte h
@vipinbhati2Ай бұрын
Yog matlab permatma se aatma ka milan
@vasantkadam75262 ай бұрын
आत्मा जाते वेळेस मी बघितला करंट लागत असते
@aniljadva31153 ай бұрын
प्रणाम गुरुजी आपका कोई जवाब नही मिला कृपया करके मुजे बताइए धन्यवाद गुरुजी जय मां मेलडी
@sanjivaprabhu232Ай бұрын
Atma is in a small cavity of Heart ! Brain is the work shop , it's resting place is heart according to upanishats ! But Atma is nitya sarvagatha stanurachaloyam sanatana !Atma is Brahman , Almighty connected to every living being as jeevatma , when jeevatma which is Paramatma is disconnected the body will is dead , and mind intellect ego leaves the body along with indriyas , and load of past good and bad deeds, that is load of karma leaves the body and that will take birth in the next birth! About atma githa part 2 verses 23 and 24 gives details and also part 7 verses from 2 to 6 !
@RajuYadavup-sm2skАй бұрын
Eshe guru ko kaha dhundenge
@aatmyogSadhanaАй бұрын
Han Sahi kaha is sansar mein chhal Dhokha bahut hai fir bhi prayas Karen
@debabratamarjit49613 ай бұрын
नमस्कार, आप लोग की आत्म ज्ञान हुआ।
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
श्रीमान यदि आप स्वयं अनुभव करना चाहते हैं वही सच्चा ज्ञान होता है इसके लिए आपको स्वयं तैयार होना होगा स्वयं अनुभव करें तभी आनंद आएगा तभी दूसरों को बता पाएंगे।
@RatannathNath-db2wk2 ай бұрын
आत्मा शिखर यानी त्रिकुटी पर स्थापित हैं
@MoviesMusicStudio-h5jАй бұрын
आपको आत्मा के स्थान के बारे में नहीं पता है। श्रीमद् भागवत गीता में स्पष्ट श्लोक है कि- ईश्वर: सर्वभूतानां हृदयदेशेअर्जुन: तिष्ठति !! भ्रामयन्सर्वभूतानी यंत्रारूढानी मायया !! हिंदी में लिखने में ढंग से नहीं लिख पा रहा हूं- लेकिन आप इतना जान ले कि श्रीमद् भागवत गीता के 18वें अध्याय का 61वां श्लोक है।
@aatmyogSadhanaАй бұрын
जो गीता में लिखा है उसको कभी प्रत्यक्ष अनुभव किया है या फिर सिर्फ पढ़कर के ज्ञानी बन रहे जो पढ़कर के दूसरों को ज्ञान बघारता है क्या वह सत्य है उसको स्वयं पहले प्रमाणित कर लेना चाहिए।
@tamalkrishnadas64482 ай бұрын
देवी भागवत में वर्णन है कि जीव सूक्ष्म शरीर में निवास करते हैं। उपनिषद कहते हैं शरीर के अंदर जीवात्मा और आत्मा दोनों निवास करते हैं। शिव संहिता में स्वयं शिव जी कहते हैं कि जीवात्मा हृदय में और आत्मा मस्तिष्क में रहते हैं। जीवात्मा ही सबकुछ भोगते है आत्मा नहीं। वह तो साक्षी के रूप में निवास करते हैं।
@ranvirsinghaarya34762 ай бұрын
@@tamalkrishnadas6448 जीवात्मा और आत्मा में कोई फर्क नहीं है जैसे जल और बर्फ जब तक आत्मा शरीर में है तब तक जीवन होने के कारण जीव आत्मा कहलाती है जब शरीर से अलग हो जाती है तब केवल आत्मा के रूप में रह जाती है ठीक जैसे बर्फ पिघल कर जल हो जाता है फिर वह जल ही कहलाता है बर्फ नहीं।
@narendrakharode4193 ай бұрын
आपका ठिकाना कामा है
@bijalbhairathod52722 ай бұрын
મેઆપકોયેકેહનાચાહતાહુકીઆતમાકીસજગાપરનહીહૈ
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
நீங்கள் எது சரி என்று நினைக்கிறீர்களோ, அது சரி என்று நினைக்கிறீர்கள்.
@TaraChand-v7d3 ай бұрын
हम आपसे एक निवेदन करते हैं की क्या इस महान विज्ञान के बारे में यानी शरीर शोधन के विषय में या अंतःकरण की यात्रा के बारे में जहां से योग मार्ग का प्रथम चरण शुरू होता है उससे लेकर ब्रह्मत्व की प्राप्ति तक का मार्ग सविस्तार ज्ञात है आपसे करबद्ध सवाल है
@TaraChand-v7d3 ай бұрын
क्योंकि हम इस मार्ग पर करीब करीब बचपन की अवस्था से हैं। आप जैसे कोई महानुभाव से हमारा मिलन होगा तो हो सकता है शायद आगे के मार्ग में हमें सरलता और सुगमता हो
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
हे श्रीमान, मैं इतना ज्ञानी विज्ञान नहीं हूं न तो मैंने अधिक शास्त्रों का अध्यन किया है, मै सिर्फ इतना कह सकता हूं कि एक को जो जान लेता है ( यानी परमात्मा को ) फिर सब कुछ जान लेता है। मैं आपसे एक बात कहना चाहता हूं अपने विवेक से बहुत बारीकी से सच्चे गुरु की तलाश करें फिर जो गुरु कहे वही करे सब सफल हो जाएगा पुरा जीवन व्यर्थ गवाने की क्या जरूरत है । सच्चे गुरु को खोजने के लिए मैंने गुरु कैसा हो बताया हुआ है वीडियो ध्यान से देख सकते हैं और नियमो के बारे में बताया है । अधिक जानकारी के लिए आने वाले किसी वीडियो में पूरी जानकारी और मिलेगी।
@vasantkadam75262 ай бұрын
आत्मा डोक्यातून करंट लागत असते
@RMpanth2 ай бұрын
ॐ नमः शिवाय। आत्मा को सुषम ज्योति बिंदु रुप में भृकुटि के मध्य देखने का अभ्यास ही योग है।
@RaghvKangotra-ed9tl2 ай бұрын
Sr apne Kiya hai kya
@RajputShankraji2 ай бұрын
Aatma koi bkrika bchhav nhi jo aese pakad liya Jay maf kro
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
Bakri charane walon Ko maaf to karna hi padta hai
@RajuKeot-mc4we2 ай бұрын
Rajukeot
@jantasevasadan19802 ай бұрын
भाई नकली गुरु से कोई लाभ नहींहोता दोनों आंखों के बीच में आत्मा का स्थान नहींहै , मूर्ख लोग सुनी सुनाई बातकरते हैं। संत जान केवल संकेतकरते हैं
@DineshKumar-n5x6l2 ай бұрын
Nobbbbbbb
@shaktibhushanswami8415Ай бұрын
फीर आपको पता है तो आप बताइए ना भाईसाहबजी@@DineshKumar-n5x6l
@aniljadva31153 ай бұрын
प्रणाम गुरुजी मेरा ऐक प्रश्न है क्या आप गुरु देव और भगवान को साक्षी मानकर सत्य सत्य मार्गदर्शन देंगे तो वटसप पे बात कर सकता हु नंबर दिजिए धन्यवाद गुरुजी जय मां मेलडी
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
आवश्य परमपिता परमात्मा का साक्षात्कार करने के लिए मार्गदर्शन करूंगा , कुछ समय बाद नंबर देंगे अभी कुछ व्यस्तता के कारण समय का अभाव है तब तक सत्संग वीडियो देखकर ज्ञान को अर्जित करें और जो नियम बताए हैं उन नियमों पर चलने का प्रयास करें।
@HariSankar-c6mАй бұрын
Kisi Puran mein likha hai
@JugendraChaudhary-i4s3 ай бұрын
आपको आत्मा के बारे में जानकारी नहीं है तभी ऐसी गलत बातें कह रहे हैं आप जो कह रहे हैं इसमें आत्मा का एक अंश भी नहीं है
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
श्रीमान जी,बताने के लिए आपको धन्यवाद आप अपने ज्ञान में परम कट्ठा को प्राप्त करें यह परमात्मा से हमारी प्रार्थना है, एक प्रार्थना आपसे है यही सच्चा ज्ञान समाज को दें और एक मार्गदर्शन करें, समाज का बहुत कल्याण होगा एक नए समाज का सृजन होगा यदि हमारा ज्ञान गलत है तो इसकी तरफ कोई भी ध्यान ना दें उसके आगे बढ़े। लेकिन विचार जरूर करें शायद आपकी समझ से बात पार हो धरती में ज्ञानी और वीरों एवं साधकों की कमी नहीं है । चौधरी जी भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है सज्जन पुरुष वही है जो किसी की गलती नहीं ढूंढता है गुणों को ढूंढता है और उसको ग्रहण कर लेता है वही महान है सभी संत भी यही कहते हैं।
@Darsh-y2v3 ай бұрын
Dimag me agni ka khostra impossible
@JugendraChaudhary-i4s3 ай бұрын
आत्मा बड़ी है की हृदय बड़ा है बड़ी चीज छोटे में कैसे आ सकती है
@TarsemSingh-ui4wm2 ай бұрын
Your very very wrong 100%√
@annucreation61052 ай бұрын
Galat bat he,,aatma 1 jagah par shthir nahi he,,ye chalayman he,,jiski jesi dristy,,,,pitu ke jay🌾🌽
@kunj92163 ай бұрын
आप का ज्ञान सत्य है मान्यवर लेकिन इतना कैसे जाने आप क्या practical अनुभव किया है क्या आप की आत्मा निकल ब्रह्मांड में भ्रमण कर सकी है
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
हां बिल्कुल, मैं ही नहीं आप भी कर सकते हैं मैंने कई वर्षों तक 15 -16 घंटे प्रतिदिन साधना की है तभी संभव हो सकता है
@NukamDas2 ай бұрын
योगी बोलते नहीं
@mahantparkashsahebАй бұрын
Logo ko bhrmit na kare.ye aatma ka sathan nahi hota.
@shripalchauhan8562Ай бұрын
मानव शरीरी में आत्मा कहां रहती है?यह आपका बिल्कुल महा मूर्खतापूर्ण प्रश्न है। आप बताये कि मानव शरीर में वह और कौन सी सत्य चेतन सत्ता है जो मानव शरीर में आत्मा की खोज करेगी?आप ऐसे फिजूल के विडियो बनाकर अपनी मूर्खता का परिचय दे रहे है।आपके शरीर में आत्मा को जानने वाली कौन सी शक्ति है ?आप बताइए?आपकी सभी बाते कपोल-कल्पित बाते है।जब शरीर में आत्मा ही सब कुछ जानने वाली है फिर आत्मा को इस शरीर में कौन जाने जानेगा? आप यह बताये कि आपके शरीर में रहने वाली आप की आत्मा इस शरीर को छोडकर कहां जायेगी? जिससे भवसागर में आवागमन से बंध छूट सके।आपकी सभी बाते बिल्कुल बकवास है। सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है। गुरु किया है देह का, सदगुरु चिन्हा नाहि। भवसागर के बीच में, फिर फिर गोते खाहि।। आत्मा के निवास को जानने से कुछ प्राप्त नही होगा। साधना वह करो जिस साधना से आपके शरीर में रहने वाली आत्मा पुनः पुनः शरीरों के जन्म मरण में नही आये। इसलिए आपका यह विडियो बिल्कुल बकवास है। बेकार है।आप जैसे लोग सीधे-सीधे भक्त जनों को भ्रमित कर रहे है।पहले सत्पुरूषो के संग सत्संग करों झूठी विडियो बनाकर अनर्गल बाते मत बताओ। आज्ञा चक्र पर त्रिकुटि में निरंजन की ज्योति है और मन इसका गवाह है।यह आत्मा नही है आत्मा तो इस मन रुप निरंजन की दृष्टा है। फिर आत्मा का यहां निवास कैसे हो सकता है?आपकी सब बाते बिल्कुल झूठ और कपोल कल्पित है
@aatmyogSadhanaАй бұрын
पहले आप अपनी सोच को बदलें और चिंतन करें अधिक से अधिक साधना करें उसके बाद स्वयं पता चल जाएगा जो आप निरंजन के बारे में कह रहे हैं आपको पता ही नहीं है सिर्फ आपने पढ़ा होगा साधना नहीं की होगी अगर साधना करते तो समझते आप बकवास अपने जीवन को बना रहे हैं घनघोर ध्यान साधना करें तभी अंदर के खेल सभी समझ में आएंगे दूसरे के बताने से पढ़ने से कुछ नहीं होता और दूसरे को बकवास बताने से खुद ऐसे पद को नहीं प्राप्त कर लेंगे जो आपको श्रेष्ठ बना दे अपने अंदर की श्रेष्ठ को निखरे। दूसरी बात निरंजन का मॉडल आज्ञा चक्र नहीं सहस्त्रासार है किस भूल में पड़े हैं कहां पर पढ़ लिया है। यदि इतने बड़े ज्ञानी हो तो दूसरे को वही ज्ञान दो जो अभ्यास कर लिया करो यह जो मैंने बताया कबीर सागर में ही है और पूर्ण अभ्यास करने के बाद में अनुभव करने के बाद में पता चलता है वही मैंने बताया है हवा हवाई नहीं।
@Darsh-y2v3 ай бұрын
Aapko kuch nahi aata
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
मुझे बताने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद अंतर्यामी महापुरुष महाराज आपकी जय हो, सारे संसार में आपकी जय हो जन-जन आपकी जय जयकार करें।
@KanhaiyaSharma-p4k3 ай бұрын
@@aatmyogSadhanaबढ़िया जवाब मीठे शहद से दिया
@parkashchand8826Ай бұрын
Bakbas kar rha hai om is kal
@jantasevasadan19802 ай бұрын
ओम तत्त सत का अर्थ कोई बात दे, पूरे विश्वमें संत रामपाल जीके शिवाय किसी के पासज्ञान नहीं है, केवल तत्वदर्शीसंत ही बता सकते हैं, गीता का ज्ञान देने वाला खुद नहीं बता पाया,