आत्माऐ नर, मादा कैसे बनी।How did souls become male and female? Disclaimer: All images and video clips are stock video clips or royalty free video clips
Пікірлер: 68
@rajeshchaudhary4020Ай бұрын
अति सुन्दर 🌸🙏🌸
@JitendraThakur-j7vАй бұрын
संत जी बहुत अच्छा अच्छा बताया शक्ति ही भक्ति है शक्ति के बिना भक्ति नहीं होती
@mahaveerprasadrussia89553 ай бұрын
आत्मा एक चेतन ऊर्जा है जो ईश्वर का अजर अमर अजन्मा अविनाशी और अविकारी अंश है ❤❤❤❤❤
@ArvindRathava-ev1tdАй бұрын
❤❤❤, sahi bat aapki100%
@nagarajakm6374Ай бұрын
Satyameva jayathe Excellent inspiration 🙏
@ChandraMamba-r2jАй бұрын
thank u very much
@urmila.jayhindjaymodijiraj2168Ай бұрын
Satya ki Jay ho 🎉Jay ho shresth vichar ki ho 🎉Jay maa durge🎉
@Joharekeraba19853 ай бұрын
❤ओम नमः शिवाय ❤
@dilipghate691125 күн бұрын
हर हर महादेव
@KrishnaYadav-x9h7f2 ай бұрын
बहुत सुंदर गुरु जी
@sajanjhunjhunwala13562 ай бұрын
Om Namah Shivay Jai Shree Radhe Krishna Radhe Radhe 🙏♥️🩸💯🌹👋🙏
@mahaveerprasadrussia89553 ай бұрын
आत्मा का कोई नर या मादा जैसा लिंग नहीं होता है बल्कि शरीर का नर और मादा जैसा लिंग होता है ❤❤❤❤❤
@devrajsingh99923 ай бұрын
❤ कृपा करके नारी रहस्य अवश्य बताएं जिससे अद्भुत ज्ञान हासिल कर सके।
@DineshWadekar-t5v3 ай бұрын
आत्मा. बनती बिगडती नहीं है, क्योंकि वो परिवर्तन शील नहीं है, बन्ना बिगडना प्रकृति में यानि शरीर में होता है,नर,मादा भाव से बनती है
@gauravl5457Ай бұрын
अगर नर या मादा होना पूर्वजन्म पर निर्भर करता है तो सबसे पहला जन्म किस आधार पर होता है, जब कोई पूर्व जन्म नहीं होता?
@pallavipandya85683 ай бұрын
आत्मा कभी न जन्म लेती है नही मरती है और आपलोग आत्मा को ही जन्म मरण कराते रेहते हो ! जीव जन्म मरण में आता है आत्मा तो मात्र ओर मात्र द्रष्टा है । कभी आत्मा जीव शरीर को समझने का प्रयास करोगे तभी सत्य पाओगे । दुनिया मे किसीकी ओकात नही की आत्मा को प्रताड़ित कर सकते ।
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
मैं आत्मा का जन्म मरण नहीं कर रहा हूं सभी आत्माएं जन्म मरण के चक्र में फंसी हैं जन्म मरण का कष्ट आत्मा को ही सहन करना पड़ता है रही बात प्रताड़ित करने की यदि इंसान के भला भोंका जाता है तो शरीर को पीड़ा नहीं होती है क्योंकि शरीर पांच तत्व से बना है वह तो मिट्टी है पीड़ा तो आत्मा को महसूस होती है क्योंकि आत्मा शरीर में प्राण रूप में बसी है।तो आप कैसे कहते हैं कि किसी की औकात नहीं आत्मा को प्रताड़ित कर सके। मैं एक और उदाहरण देता हूं यदि कोई मृत शरीर पड़ा है उसको मारो पीटो तो क्या उसको कष्ट होगा जरा विचार करो ।
@bimlamutneja69672 ай бұрын
Kaya ye sach h
@Laxmangoswamiofficial2 ай бұрын
आत्मा को कभी कोई कष्ट नही होता है अभी तुम्हरा ज्ञान अधूरा है@@aatmyogSadhana
@RajendraPurohit-k9cАй бұрын
नैव स्त्री न पुमानेषु न चैवायं नपुंसक:।
@ManojGupta-hm1gc2 ай бұрын
जिसे भी नारायण , रामायण , कृष्ण लीला स्वरूप को समझ गया वह प्रभू यानि प्रकृति भूमंडल के मिलन से ब्रह्मांड बनने लगता और हर जगह आकृति बना हुआ दिखाई देता है रहा नर नारी की रचना जो भी किन्नर रूप को देख कर के समझना पड़ेगा
@AmarSinghKc3 ай бұрын
Jai sivh baba om santi yes
@Kishori1982 ай бұрын
Thanku prabhu, I love you prabhu, om namah shivay, har har mahadev❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@ChandramaniKadabe-f5l3 ай бұрын
Goodadvicetopeople
@upendrashanbhag6003 ай бұрын
SAHI BAT HAI.
@gauravl5457Ай бұрын
बिना नारी के संसार संभव नहीं, तो क्या पुरुष के बिना संभव है?
@devrajsingh99923 ай бұрын
❤ super jankari aisi hi jankari dete rahen guruji jisse hamen bahut Gyan milta hai
@sureshbhatt31833 ай бұрын
Senceless heading.
@aatmyogSadhana3 ай бұрын
पुरातन समय में राजा और महाराजाओं को जो हंसते और मनोरंजन का कार्य करता था वह भी senseless tha
@vikrum.555behl43 ай бұрын
Sureshbhatt ji , aap sahi bol rahe ho , jo topic per bolna tha , ki atma nar aur madda kaise banti hai voh toh bata nhi paya ,, aur idhar udhar ki faltu bakwas suna Raha hai ,, aise bakwas se jo subscribe honge be , voh be bhag jayenge
@vikrum.555behl43 ай бұрын
Jo topic hai , uss per bolo , itni bakwas karne ki kya jarurat hai
@teach4u3102 ай бұрын
App mere past life k bare me btaye mujhe jann ne h
@sandeepkhot42432 ай бұрын
जो चिंतन करता स्त्री का ऊस स्त्री जनम milta है
@mahaveerprasadrussia89553 ай бұрын
योनि परिवर्तन रंग रूप परिवर्तन और लिंग परिवर्तन शरीर से संबंधित होता है ना कि आत्मा से ❤❤❤❤❤
@sachinkumarpandeyaudition7370Ай бұрын
My name is Sachin Kumar Pandey D.O.B. 1977 Birth place Allahabad Can u tell in which janma I was female
@natvarlalparmar9528Ай бұрын
Nar aur naari donohi maayahe unse pare aatma hotihe aatma na to koi iccha kartihe na to koi maayame fastihe jo bhi ham dekhtehe jaantehe mehsus kartehe voh sab maayahe
@AmitKumar-og3mcАй бұрын
Vastu sthiti par koi bat nahi bata paye hai
@gavariya60432 ай бұрын
सब अपने अपने पंथ की बड़ाई करते है आप किसी अच्छे गुरु से ज्ञान ले ताकि आपके सारी बातों का जवाब मिल जाएगा
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
दुनिया में है ऐसा कोई गुरु जो अपना भला न चाहत हो सिर्फ दूसरे का ही कल्याण करना चाहता हो और जो मैंने सात नियम बताए हैं उन नियमों पर चलता हो कम से कम प्रतिदिन 15- 16 घंटे साधना करता हो किसी से कोई मतलब ना रखता हो खोज कर हमें बताना। नहीं बताया तो तुम्हारा घमंड परमात्मा जाने
@aatmyogSadhana2 ай бұрын
मेरा कोई पंथ नहीं ना मैं किसी से मिलता हूं ना किसी मिलने के लिए प्रेरित करता हूं मेरा उद्देश्य सिर्फ समाज को सच्चा ज्ञान और समाज का उत्थान करना है।
@GurcharanSingh-f2k2 ай бұрын
Asthma and body is different
@vinodsharma-id7hyАй бұрын
No answer to the point raised ?
@krishnapal33813 күн бұрын
सबसे पहले आप को एक सच्चे ज्ञानी महापुरुष जैसे स्वामी परमानन्द जी महाराज या फिर गुरु माँ आनंद मूर्ती जैसे सद्गुरुओं से आत्मा का ज्ञान प्राप्त करिये फिर आत्मा का यथार्थ ज्ञान प्राप्त कर पाएंगे।
@aatmyogSadhana12 күн бұрын
यह सब जिनको बताया क्या 15 से 20 घंटे प्रतिदिन परमात्मा का गहन ध्यान साधना करते हैं क्योंकि मैं तो 16 घंटे तक प्रतिदिन का साधना हो पाता है जिनको बता रहे हैं उनसे पूछ कर बताओ की कितनी देर साधना करते हैं बताना जरूर तभी संपर्क करूंगा उनसे शायद वह अधिक परमात्मा चिंतन में व्यस्त हो क्योंकि मैं तो कभी उनका नाम सुना नहीं और ना ऐसे आत्म ध्यान में उनका नामो निशान नहीं है कहीं । मैंने अपनी दृष्टि से भी देखा,यदि किसी को राय दें तो वह कार्य आवश्यक पूर्ण करें बताना जरूर उनसे पूछ कर।
@aatmyogSadhana12 күн бұрын
और यह भी उनसे पूछ लेना कौन-कौन से नियम पालन करते हैं जो मैं साथ नियम बहुत ही कठिनता से पालन करता हूं जिसमें किसी प्रकार की कोई छूट नहीं है जो यह साथ नियम नहीं पालन करता है वह फिर नरक का वास होता है ।या फिर यूं ही फालतू के कार्यों में समय व्यतीतकरते हैं
@sachinkumarpandeyaudition7370Ай бұрын
Pls reply
@PadmakarChaudhary-w4iАй бұрын
Karm ki antar hoti h neer or Madaki Aatma neermadanhi hoti h
@shailendravishwakarma86112 ай бұрын
ab kiya huva
@yogibalrajsharma6210Ай бұрын
सवाल किया गया है कि , आत्मा नर और मादा कैसे बनी ,,,? लेकिन आपने इस वीडियो में इस विषय में कुछ नहीं बताया ,,? जो बताया इसमें भी कोई लोजिक नहीं है । इसके बावजूद भी आप विषय से बाहर चले गये हैं ,,,? क्या आप जानते हैं कि , महिला और पुरुष के शरीर में X CHROMOSOME or y CHROMOSOME शरीर में कहाँ से आ रहे हैं ,,,? जो कि पुत्र और पुत्री को जन्म देते हैं ,,,? मनुष्य की नासिका पर 2 छिद्र बनें हैं , जिनमें नाक का दाहिना छिद्र " सूर्य स्वर " कहलाता है और नाक के बाँए छिद्र से ली जाने वाली स्वांस को " चन्द्र स्वर " कहते हैं । सूर्य स्वर में x CHROMOSOME होते हैं और चन्द्र स्वर में y CHROMOSOME विद्यमान रहते हैं । यानी कि पुत्री को पैदा करने वाले x CHROMOSOME सूर्य से आते हैं और पुत्र को पैदा करने वाले y CHROMOSOME चन्द्रमाँ से आते हैं स्त्री व पुरुष , रात्रि में सोते समय ऊर्जावान कैसे बनते हैं । रात को सोते समय चन्द्र स्वर स्त्रियों को ऊर्जावान बनाता है और रात में सोते समय सूर्य स्वर पुरुषों को उर्जावान बनाता है । लेकिन दिन के समय स्त्री व पुरुष ,, दोनों की स्वर क्रियाओं में बदलाव आ जाता है , दिन में पुरुषों का अधिक समय तक चन्द्र स्वर और स्त्रियों का अधिक समय तक सूर्य स्वर ही चलता रहता है । जिससे दोनों शारीरिक और मानसिक रूप में पूर्णतय स्वस्थ रहने हैं । लेकिन यहाँ पर याद रखने वाली बात यह है कि , रात में जो ऊर्जा स्कारात्क लाभ प्रदान करा रही थीं , वही ऊर्जा दिन के समय नकारात्मक ऊर्जा प्रदान कराती हैं । दिन के समय स्त्री को चन्द्र स्वर और पुरुष को सूर्य स्वर नकारात्मक ऊर्जा प्रदान करा रहा होता है । अब आप ही बताइयेगा कि ऊर्जाएँ नर और मादा कैसे साबित की जा सकती है मैनेँ वहाँ पर लोजिक के साथ बतलाया है। नई दिल्ली से
@aatmyogSadhanaАй бұрын
श्रीमान जी सबसे पहले बताने के लिए आपको धन्यवाद स्वर विज्ञान बहुत बड़ा विशाल ज्ञान है यह कबीर सागर में इसका पूरा वर्णन है इसके बारे में काफी कुछ मालूम है और उसका अभ्यास भी,लेकिन मैं स्वर विज्ञान की बात नहीं कर रहा हूं ना ही शरीर में जो हारमोंस पाए जाते हैं उनके बारे में बताया है मैं कुछ और ही कह रहा हूं इसलिए आपको लॉजिक समझ में नहीं आया है। जैसे कोई विद्यार्थी वैज्ञानिक बनना चाहता है तो उसके मस्तिष्क में वैसी ही भावनाएं वैसे ही विचार आते रहेंगे ना कि वह मेहनत मजदूरी के बारे में सोचेगा और हां एक ही क्लास में बहुत सारे विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं वह सभी एक ही पद को नहीं प्राप्त होते हैं, बल्कि सबको ठीक उसी प्रकार से पढ़ाया जाता है। मैने उसे मनोवृति साधना की बात बताई है जो मृत्यु के समय भावना रहती है जैसे हर इंसान अपने-अपने ईष्ट की पूजा करता है साधना करता है वह उन्हीं को प्राप्त होता है ना की सभी एक मंडल में (लोक) जाते हैं। सभी विषय स्वर विज्ञान से नहीं जुड़े हैं। तुरीया अवस्था, तुरियातीत अवस्था और इसके ऊपर की जो अवस्थाएं हैं वहां पर स्वर विज्ञान की छाया तक नहीं पहुंचती है जैसे एक मजदूर का लेवल और एक वैज्ञानिक का स्तर, मस्तिष्क की कार्य करने की क्षमता ठीक उसी प्रकार स्वर विज्ञान की है इसका एक दायरा है शायद आप लॉजिक समझने का प्रयास करेंगे।
@dalusarware1569Ай бұрын
डाक्टरों से पूछो।
@ashokramani7337Ай бұрын
नारी प्रकृति का रहस्य क्या हे ?? जनावो
@aatmyogSadhanaАй бұрын
आगे आने वाली वीडियो नारी शक्ति पर प्राप्त होगी, जिसे सुनकर बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
@rupalmehta2672Ай бұрын
कोई नई बातें करो महाराज इसमे नया कुछ भी नहीं है! एक बात है की सही में कोई सिद्ध वयक्ति जिसनें किसी देवी देवता को प्रसन्न किया हो वे लोग क्यू इस पृथ्वी पर बनी सभी बातें साहित्यिक नही करते?!!! ( सनातन धर्म में कइ लोगों ने देवी देवता को प्रसन्न किया है ऐसे कई प्रमाण है!)
@RajputShankrajiАй бұрын
ભાઈ પહેલાં તમે જાણો પછી સમજવો
@vishvaskale-hz7sxАй бұрын
आत्मा नामकी कोई चीज नही है जैसे समुद्रमे एक बूंद पानी निकाला कुछ समय बाद फीरसे समुद्रमे डाला तो उस बूंद का अस्तित्व खत्म हो गया फीर कभी भी वो दिखाई नही देगा वैसेही हमारे शरीरमे जो जन्मके पहले अपनी मातासे ऊर्जाका ज्योत हमारे दिल और दिमागको स्पर्श से शरीरमे जान आ जाती है तब हम तीन या चार महिनेके माताके कोखमे होते है हमारा दिल धडकने लगता है और दिमाग शरीर सब जरुरी अंग हातपाव जैसे बनाना शुरू करके नौवे महिनेमे पुर्ण शरीर बनाकर माताके शरीरको मेसेज भेजकर जन्मकी ईच्छा प्रकट करता है तब हमारी माताका दिमाग जन्म दरवाजेको खोलने प्रसव पीडा जन्म का रास्ता खोल देता है हम बाहरी दुनियामे आ जाते है और ये बात ध्यानमे जरुर रखनी चाहियेकी हमारी माताकी उर्जाकी लौसे हम जीवन प्राप्त हुआ है ईसलिये हमारी माता जी हमारी प्राणदाता है,और आत्माकी भ्रांती दिमागकी कल्पना शक्तीका उर्जा शक्ती खेल है शरीरकी उर्जा खत्म होनेसे हमारा खेल खत्म हजारो सालोसे पृथ्वीकी ईतिहासके सबुत हमको खुदाईसे मिलते है जो अनुभवसे प्रमाणीत है वैसे करोडो आत्माओंसे सिर्फ एक नमुना भी नही मीला तो क्या खाक ढूंढ रहे हो,
@aatmyogSadhanaАй бұрын
हमें बताने की क्या आवश्यकता अपने दिमाग में यह बात ठूस कर रखो
@shivsaini1818Ай бұрын
तुम कोई नई बात नही बता रहे हो वही घिसी पति पारम्परिक गाथा गा रहे हो यानी थूक बिलो रहे हो, बकवाद कर रहे हो,
@aatmyogSadhanaАй бұрын
तुम महा बेवकूफ हो तुम्हारे अंदर इतनी बारीक बात समझने की क्षमता नहीं है
Kya aaj bhi ase mhapurus hn . Jo hmara bhut bhvisy btabeyn or mujh ko mujh se hi mila den . Aap ji sey vinti h ki agr aap shi or scey hn to meyri mdd kren pure pte k sath jankare ben 🤚🤚🤚🤚🤚🤚🥹🥹🥹🥹