सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार। अध्यापक/ गुरूजन/ चिकित्सक/विप्रजन/ पुरोहित / धर्मगुरु / पन्थगुरु/ शिक्षक ( ब्रह्मण ) का आचरण कैसा होना चाहिए ? ब्रह्म वर्ण ( शिक्षण ज्ञान विभाग) में कार्यरत जन का आचरण कैसा हो वो जानें ? प्रथम सतयुग के विश्व राष्ट्र के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित नियम अनुसार - ब्रह्मण (विप्रजन/द्विजोत्तम/ विप्रजन/ अध्यापक/ गुरूजन/पन्थगुरु/ धर्मगुरु / चिकित्सक/ पुरोहित ) को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। चारवर्ण पांचजन = ऋषिजन जनसेवक दासजन नौकरजन × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन) । चार आश्रम = ब्रह्मचर्य + गृहस्थ + वानप्रस्थ + यतिआश्रम। संस्कृत भाषा विधि श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। (वैदिक दक्षस्मृति संहिता ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन समाज। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। मित्रो ! साम्प्रदायिक पन्थी गुरु के आचरण परिवार जीवन संबन्धित तथ्यों का तुलनात्मक अध्ययन कर कम से कम बीस पांइटो में विश्लेषण कर पोस्ट बना कर डालनी चाहिए ताकि पता चल सके कि साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने वैदिक सनातन दक्ष प्रजापत्य धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या बिगाङ किया है ?
@kripashankarpandey8294 Жыл бұрын
Namo budhhay
@amitrai85762 жыл бұрын
गुरुवर के चरणों में सादर प्रणाम आपके द्वारा दिए गए ज्ञान से बहुत ज्ञान वर्धन हुआ 🙏🙏
@AlakshanandaAvdhoot4 ай бұрын
नर्मदे हर... अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त.... 🙏🙏🙏
@kratikacarpenter58895 ай бұрын
Sanskrit sansar ka gyan Lena hi apne aap me ek aatam santushti lena h 😊😊
@amreshtiwaristudy35022 жыл бұрын
Bahit hi sundqr prastuti evam varnan shloko ke shabdon ke arth sahit samjhaya apne iske liye aapka kotisha dhanyavad . Jis prakar apne shlok pathan kar uske shabdo sahit arth ka saralikaran kiya aaj laga ki mai swayam kaksha me baitha hua hun dhanyavad.
@acharyaramchandrashastri96724 жыл бұрын
मनुस्मृति के प्रथम अध्याय के प्रसंग में आपके प्रवचन को सुनकर कृतार्थ हुआ हूं आपके जैसे मनीष जी महानुभाव जिनका चिंतन जिनकी व्याख्या बहुत ही सरल सुखद और हितकर है सुनकर बहुत अच्छा लगा आपके लिए सादर अभिवादन रामचंद्र शास्त्री
@RCKBros.2 жыл бұрын
शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम्। न शोचन्ति तु यत्रस्ता वर्द्धते तद्धि सर्वदा।। अर्थ: जिस परिवार में स्त्रियाँ दुःखी रहती हैं, उसका विनाश होता है तथा जहाँ वे दुःखी नहीं रहतीं, वहाँ परिवार उन्नति करता है। - मनुस्मृति
@Hariniwas2 жыл бұрын
क्रमशः विडियो देखिए आपको अत्यधिक आनंद प्राप्त होगा। धन्यवाद
@RCKBros.2 жыл бұрын
@@Hariniwas 🙏🙏🙏
@bhauraosonawane3367 Жыл бұрын
It seems very illogical, irrational, unscientific. This speech/video is getting shared on the platform which is developed on scientific thinking. This story and caste creed system is applicable only for the Indian Subcontinent. Why not for the rest of the world. Useless in today's context.. People with blind and weak in wisdom believes in it
@Hariniwas Жыл бұрын
@bhauraosonawane3367 वैसे नियम ऐसे होने चाहिए जो हर समय और हर व्यक्ति और काल को योग्य मार्ग दिखा सकें। लेकिन फिर भी हमें यह स्वीकार करना चाहिए की मनुस्मृति आज से कम से कम 5000 वर्ष पूर्व का संकलन है। स्मृति रूप में यह उससे कहीं बहुत पहले से विद्यमान है। इसलिए आज इसका मूल्यांकन करने से पहले बहुत सी चीजें विचारणीय हैं
@RCKBros.2 жыл бұрын
इन्द्रियाणां विचरतां विषयेष्वपहारिषु। संयमे यत्नमातिष्ठद्विद्वान्यन्तेव वाजिनाम॥ अर्थ: जैसे सारथी यत्न पूर्वक घोड़ों को वश में रखता है, उसी तरह विद्वान् पुरुष का कर्त्तव्य है कि वह विषयों की ओर भागती चंचल इन्द्रियों को अपने वश में रखे। - मनुस्मृति विशेष: इस प्रकार का कथन कठोपनिषद् तथा श्रीमद्भगवद्गीता में भी उपलब्ध है।
@PinkyJena-gj4ff Жыл бұрын
गुरुदेव नमोनमः ❤🙏🙏
@RaniGond-h8p3 ай бұрын
Radhe radhe
@DEEPHAIRDRESSINGSILIGURI9 ай бұрын
Thank you guruji RADHE RADHE🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@tikeshwarisahu2618Ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@naginaprasad76282 жыл бұрын
श्रृष्टी नहीं था मनूं महाराज कहा से आयए
@prahaladmeena260510 ай бұрын
ब्राह्मणों ने स्वयंभू उत्पन्न किया है।
@anil166crpfАй бұрын
Useful information
@kripashankarpandey8294 Жыл бұрын
Jay bhim
@neelamvishwakarma65093 жыл бұрын
प्रणाम गुरु देव आप के प्रवचन से हम कृतार्थ हुए ऐसे ही आप अपने शिष्यो का मार्गदर्शन करते रहें
@siddhartha5533 жыл бұрын
Pranam guruji me west Bengal se hu. Apka a bachan bahat accha tarikase nirman huya jeyse bhagban manu jagat nirman kiya. Bahat bahat dhanyabat guruji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@ronakkapadiya16622 жыл бұрын
dr.ambedkar ne kyu jalaya fir?
@Hariniwas2 жыл бұрын
अपनी-अपनी समझ है
@minaxiswaminarayan8002 ай бұрын
आंबेडकर दलित थे और उनके ज़माने में दलितो की क्या दशा थी यह कौन नहीं जानता है???मनुस्मृति ग्रंथ को साईड में रखते है। क्योकी ग्रंथ की घटिया बाते मिलावटी हो सकती है पर घटिया सोच क्या??उनके ज़माने में दलितो और महिलाओ की जो दुदशाॅ थी उसके लिए जिम्मेदार सिफॅ मुगल और अंग्रेज़ थे क्या???हमारे याहा के ब्राह्मण क्या पिछे रहे है दलितो और औरतो का शोषण करने में??? मनुस्मृति में घटिया बाते मिलाई गई है तो उसका पालन भी तो हुआ है न! वरना वैदिक भारत में जहा महिला सभाओ में होने वाली चचाॅओ में भाग ले सकती थी वही अंग्रेज़ो के ज़माने में एक स्त्री शिक्षिका(सावित्री बाई) अपनी पाठशाला में जाती है तब उस पर गोबर,कीचड और पथ्थर फेंके जाते है।और सावित्री बाई पर कीचड फेंकने वाले कौन होते थे??मुघलो के?अंग्रेज़ो के? या ब्राह्मणो के??मनुस्मृति पढने से पहेले बहुत कुछ सहा होगा आंबेडकर ने।
@minaxiswaminarayan8002 ай бұрын
और धमॅ के ठेकेदार तो आज भी घटिया प्रथाओ का ही प्रचार-प्रसार कर रहे है। आप के अनुसार वैसी घटिया बाते कीसी भी ग्रंथ में नहीं तो एसे लोग उनसे प्रश्न क्यो नहीं पूछते ???बाकी आजकल के दलित भी कम नहीं है। पहले उन्हे पढने का अधिकार न था इसिलिए ब्राह्मण शास्त्रो के नाम पर उनको बेवकूफ बनाकर शोषण करते रहे। पर अब उन्हे अधिकार है पुराने ग्रंथो को पढने का पर पढना चाहते नहीं है क्योकी उन्हे पूरा सच जानने की पडी नहीं है बस अपनी नफरत की पडी है। पर सभी ब्राह्मण भी सुधरे थोडी न है??
@RCKBros.2 жыл бұрын
श्रद्धानः शुभां विद्यामाददीतावरादपि। अंत्यादपि परं धर्मं स्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि॥ अर्थ: अच्छी विद्या अपने छोटों से भी श्रद्धापूर्वक ग्रहण करनी चाहिए। धर्म की अच्छी बात अन्त्यज से तथा गुणवती स्त्री निम्नकुल से भी ग्राह्य है। - मनुस्मृति
@badrinarayan91 Жыл бұрын
Excellent effort. Best wishes
@SantoshPatil-dc1hp2 жыл бұрын
Jala di bole manusmruti sahi hai baba
@bittudwiwedi20642 жыл бұрын
isme milawat k bare m koi praman h?
@Hariniwas2 жыл бұрын
जवाब संस्कृत पढ़ते हैं तो अलग-अलग समय की भाषा का अंतर स्वयं ही मालूम पड़ता है
@shivanshusharma568 Жыл бұрын
Manusmrati की पुस्तक खरीद सकते है ... या पहले पूरी playlist देखे ??
@Hariniwas Жыл бұрын
पुस्तक तो खरीदनी ही चाहिए उससे जो मैं प्रस्तुत कर रहा हूं उसको भी समझने में आसानी होगी वैसे मैंने मनुस्मृति के 8 अध्याय तक के प्रायः सभी श्लोकों का समावेश किया है
@deepaknegi59182 жыл бұрын
Guru charno me sadar prnaam 🙏🙏🙏
@p.k.pratiksha40173 жыл бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏🙏 आप बहुत ही अच्छा पढ़ाते हैं,,,,,,,,,,,,, आपके पढ़ाने से बहुत सहायता मिलता है हम विद्यार्थियों को,,,,,,,
@paritoshjoshi26243 жыл бұрын
आप सभी मित्रों से मेरी प्रार्थना है कि गुरुजी के lecture को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।धन्यवाद
@RCKBros.2 жыл бұрын
उपाध्यायान्दशाचार्य आचार्याणां शती पिता। सहस्रं तू पितुन्माता गौरवेणातिरिच्यते॥ अर्थ: दस उपाध्यायों (शिक्षकों) से बढ़कर आचार्य का, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता का तथा हज़ार पिताओं (यहाँ शायद कहने का अभिप्राय कुछ और हो, शायद हज़ार गुना हो।) से बढ़कर माता का गौरव होता है। - मनुस्मृति
@sanskritaursanskriti87873 жыл бұрын
कितना सत्य है। आश्चर्य की बात है कि आधुनिक विज्ञान के प्रतिपादन में भी ब्रह्मांड के विषय मे यही सब कुछ है
@harshpawar16943 жыл бұрын
Ek doubt hai ki mai shastra padhna kaha se start kruuuuuuu
@Hariniwas3 жыл бұрын
कहीं से भी कर सकते हैं इसमें कोई प्रथम नहीं होता है और कोई अंतिम नहीं
@harshpawar16943 жыл бұрын
@@Hariniwas ओके सर जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
@umeshSable-nf6yr Жыл бұрын
Usake kayde kya the batao plz
@randhirbhede52042 жыл бұрын
गुरुजी मुझे संस्कृत भाषा सिखनी है तो कोई व्याकरण बूक हे तो मुझे पोस्ट द्वारा भेजिये.
@Hariniwas2 жыл бұрын
संस्कृत वाक्य संरचना पीडीएफ डाउनलोड करें
@randhirbhede52042 жыл бұрын
@@Hariniwas PDF kahase डाउनलोड करे
@Radhe_bhai8782 жыл бұрын
@@randhirbhede5204 Google se bhaiya ji
@bhakaryadav67273 жыл бұрын
Jay shri krisna
@kunalbansal14152 жыл бұрын
Guruji kripya apni upi id aurr bank account no. Description mee diya kariyee hamm aapki sahayta karna chahtee hee
@Hariniwas2 жыл бұрын
मुझे एक अध्यापक के तौर पर सरकार के पास से पर्याप्त धनराशि मिलती है और मैं सिर्फ अपने कर्तव्य का पालन कर रहा हूं इसलिए मुझे ऐसी किसी आर्थिक सहायता की जरूरत नहीं है। आपको अगर ऐसा लगता है कि गुरु दक्षिणा के बिना विद्या असफल है तो आप इस चैनल को और लोगों तक पहुंचाएं यही मेरी सहायता होगी धन्यवाद
@kunalbansal14152 жыл бұрын
@@Hariniwas Ji Guruji jaisa aap kahee
@budhprakash92003 ай бұрын
चार वर्ण कर्म विभाग का व्यर्थ अंधविरोध करने वकले बताओ चार वर्ण कर्म विभाग जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा?
@mahayodha_arjun Жыл бұрын
Sir I read shreemad Bhagavad Gita but I can't read shoka in Sanskrit.
@Hariniwas Жыл бұрын
अगर आप प्रयत्न करेंगे और संस्कृत का अध्ययन करेंगे तो अवश्य पढ़ पाएंगे अन्यथा किसी उत्तम व्याख्या को सुनें और श्रीमद्भगवद्गीता आपको क्या मार्ग दर्शन देती है उसको जाने
@mahayodha_arjun Жыл бұрын
@@Hariniwas Thank you sir for your advice.
@harishankarpandey17688 ай бұрын
Shreemannarayan
@randhirbhede52042 жыл бұрын
आपका कोटी कोटी धन्यवाद गुरुजी .
@opsule9273 Жыл бұрын
Jai shree Krishna 🙏.
@prahaladmeena260510 ай бұрын
पेरियार की रामायण को भी स्वीकार करना चाहिए।
@anamikasingh77234 жыл бұрын
Gurudev bhavtam ahaituki kripa Asti vidyarthinam upari
@Amittarar75 Жыл бұрын
राजन मनु द्वारा लिखित मनु स्मृति पर आधारित धारावाहिक बनाना चाहिए
@Arun-hq2if3 жыл бұрын
Hari om! bahut khub sir hum nepal se hai ........aur sunne me ye hai ki angrejo ne manusmriti ko apne hisab se kuch tod marod kiya hai jab wo british rule kiye the .......ap kis lekhak ki manu smriti pe video bana rahe hai.... kripaya hame batane ki kripa kare......app ke aur v video bohut acche hai .....Aap ka bohut bohut avhar hai......
@Jeeva22342 жыл бұрын
प्रणाम 🙏💫
@अलकाकुमारीजयपुर3 жыл бұрын
शोभनम् महोदयश्री 🙏🙏
@bhaklaniasuryakant16513 жыл бұрын
Bhut badiya thanks sir
@makhanmarskole28322 жыл бұрын
Aisi chutiyapanthi se kisi ka Bala nahi hone wala hai jalao manusmiriti ko🙏
@SAMSKRITACADEMYTEACHINGBYDRNIV3 жыл бұрын
Ati sundar
@RaniGond-h8p3 ай бұрын
गुरू जी मै आप से कुछ पूछना चाहती हूं
@Hariniwas3 ай бұрын
कम्युनिटी पर जाएं वहां पर नंबर उपलब्ध है
@rahulpaswan56242 жыл бұрын
जय श्री हरि
@subratachakraborty52507 ай бұрын
The only thing I dislike in our great religion is the caste system.😢
@Cxssays Жыл бұрын
🙏💚💚
@sureshpaudel28574 жыл бұрын
अहम् नेपालदेशत: अस्मि ।
@shortlistamazonproducts49552 жыл бұрын
Teen devta hi insaan ko karmo me bandhte hain, isliye Kabir saheb ne kaha teen Dev ki jo karte bghti unki kabhi na hove mukti,lekin hame teeno devta ki respect karni chahiye puja nahi, adhik jankari ke liye sadhna channel par 7.30par satsang suniye param pujya rampal ji mere guru ji ke sabhi sashtro ke paraàm ke sath jai ho Bandi chhor ki
@minaxiswaminarayan8006 ай бұрын
यह बात 100% सच है कि वैदिक काल में महिलाओकी स्थिति स्वोॅत्तम थी और उन्हे स्वतंत्रता पूरी थी वेदो में वणिॅत कुछ विदूषीओ के नाम भी पता है। पर मनुसमृति के बारे में बहुत से लोग यह कहते है कि उसमें औरतो और शूद्रो के बारे में घटिया बाते लीखी है उसका क्या जवाब है????
Pranam gurujee me odisha se hun.gurujee please +3 3rd yr. 6th semester ' jyotish shastra' ur ' bastu Ratnakar ' bisaya ki bare me kuch bataye 🙏🙏🙏
@Kleemkrom3 жыл бұрын
Excellent description and analysis.
@k.kpathak4093 жыл бұрын
Tulsi das ji ki sbhi rachna ka video banaiye 🙏 ramcharitmanas ko short me
@sureshpaudel28574 жыл бұрын
केवलं श्लोकमात्रम् न (संस्कृत टीका कुल्लूकभट्टकृत टीकायाम्) कक्षा भवेतश्चेत अति उत्तमम् ।।
@Ghana87000 Жыл бұрын
pranam
@BuaddhAkshay8 ай бұрын
जय भीम
@chandeshwaryadav88192 жыл бұрын
Ab bhi to bharat ko ajad hone dijie aur ah sab natak samapt Karen e men dea wasio ko Anya deso ki tulna men ane dijia
@balubhaikorat48622 жыл бұрын
Aap ko koti koti naman🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉❤❤❤❤❤❤❤ 🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@kck95423 жыл бұрын
जी प्रणाम । मैं खुद संस्कृत पढ के,खुद समझना चह्ता हुँ ,अभी तक में सिर्फ अनुबाद पर निर्भर हुँ ,कृप्या संस्कृत अध्यन के मर्ग बतायें 🙏🏻
@rajeshbhatm28574 жыл бұрын
Guruji Namaste. Good explanation and very helpful video. Thank you.
@imranaparveen49784 жыл бұрын
You have fulfilled my desire
@rajinderchopra44252 жыл бұрын
🕉🕉🕉🙏🙏🙏
@Tapas_Neogi3 жыл бұрын
Apne ek shlok miss kar diye sir, lekin koi baat nehi, bohot hi helpfull video hai... Aur ek request hai, video ke end me next part ko window karke de denge to bohot achha hoga, nehi to dhund nehi pata hun.... Pyar aur shraddha bhara pranaam 🙏
@SanataniDalit47167 ай бұрын
मनुस्मृति लाओ संविधान बचाओ
@naagraj9842 Жыл бұрын
Manusmriti Brahman Dharm ko sthapit karti hai, khoob gapode ho
@themusic2994 жыл бұрын
❤️❤️❤️
@S.S.Mishra93944 жыл бұрын
🙏
@beerbalkumar118 Жыл бұрын
Br Ambedkar virodh kyo karte hai
@minaxiswaminarayan8002 ай бұрын
उनके ज़माने में दलितो और महिलाओ की स्थिति कैसी थी और इसके लिए कौन जिम्मेदार था खास कर सतीप्रथा जैसी धामिॅक कुप्रथाओ के लिए कौन जिम्मेदार था यह जान लो।
@Hariniwas2 ай бұрын
@minaxiswaminarayan800 जातिवाद हो या ऐसी ही जो अन्य कुप्रथायें हैं उनके एक दो उदाहरण रामायण महाभारत या पुराणों में से दीजिए। किसी प्राचीन साहित्यिक ग्रंथ में से दीजिए। चर्चा करते हैं हम मनुस्मृति की और उदाहरण प्रस्तुत करते हैं मुगल काल अथवा अंग्रेजों के काल से इसको आप कितना योग्य मानते हैं
@minaxiswaminarayan8002 ай бұрын
क्षमा करिए सर, मेरी भूल हो गई कि मै जो कहना चाहती थी वह ठीक से नहीं लिखा और पूरी बात भी न लिखी। मैंने जो लिखा वह मनुस्मृति या कीसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने के लिए नहीं लिखा है। मै यह बताना चाहती हूँ कि वास्तव में आंबेकर का विरोध किसके लिए था।शायद वे उन कुप्रथाओ के विरूध्ध थे जो उनके समय में धमॅ के नाम पर चलती थी। वे भी दलित थे। उन्होने खुद भी बहुत कुछ सहा होगा। एसा कहकर मैं आंबेडकर का भी पक्ष नहीं ले रही क्योंकी मैं उनके बारे में पूरा नहीं जानती। और यह भी नहीं कहती कि उनका कोई दोष न था। दोष तो उनका भी था कि उन्होने धमॅग्रंथो का गलत अथॅघटन करके, आधी अधूरी जानकारी के आधार पर उनके प्रति गलत धारणाए बांधकर अपने अंदर नफरत पैदा कर ली थी। पर इसमें सिफॅ वे अकेले ही दोषी है?? शायद हर व्यक्ति अपनी -अपनी जगह सही होता है। और मैं जब 12वी में पढती थी तब हमारे संस्कृत विषय के सिलेबसॅ में ही स्मृतिग्रंथो के कुछ श्लोक आते थे। वे मुझे विवादस्पद नहीं लगे थे और तब तो मै यह जानती भी नहीं थी कि मनुस्मृति पर इतना विवाद हो रहा है। तब यह भी नहीं पता था कि आंबेडकर ने मनुस्मृति जला दी थी। कोलेज में आने के बाद ही मुझे पहली बार इस विवाद का पता चला। तब से ही मनुस्मृति को लेकर मन दुविधा में रहने लगा था। मैं समझ नहीं पा रही थी कि कौन सच्चा है और कौन झूठा। कोई कुछ कहता था थो कोई कुछ। परंतु आपके विडिरो देखकर मेरे संशय कुछ हद तक दूर हुए है। शायद अधिकतर लोग ग्रंथो की बातो गलत अथॅघटन कर लते है। धन्यवाद
@suryapandey59493 жыл бұрын
बहुत सुंदर सर नमो नमः
@pravinvekariya61544 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@imranaparveen49784 жыл бұрын
Thanks sir
@RahulkumarRahulkumar-vp4kg3 жыл бұрын
Jay ho sanatan dharm ki 🚩🚩🚩🚩🚩💪💪💪💪💪
@budhprakash92003 ай бұрын
पूर्वजो देवताओ ऋषिओ के चेहरो पर पशुओ के चेहरे लगाकर चित्र चलचित्र नहीं बनाने चाहिए । मानव रूपी पूर्वजो ऋषिओ देवताओ के चेहरे पर पशुओ के चेहरे लगाकर मूर्ती चित्र बनाकर देखना दिखाना लिखना प्रिंटिंग करना अनुचित कर्म करना होता है। जब सबजन खुद के परिवार के सदस्यो के चेहरे साफ सुंदर चेहरे देखना दिखाना पसंद करते हैं तो फिर अपने और अन्य सबजन के पूर्वजो बहुदेवो ऋषिओ के चेहरे चरित्र बिगाङ कर लिखकर प्रिंट क्यों करते हैं ? मूर्ति चेहरे सुधार कर क्यों नहीं बनाते हैं ? शिक्षित विद्वान द्विजनो( स्त्री-पुरुषो) को लोकतांत्रिक विधान युग में सुधार करना करवाना चाहिए। क्रोध में आंखे लाल होती हैं जीभ अंदर रहती है इसलिए जीभ अंदर रखकर मूर्ती चित्र बनाकर सुधार करना चाहिए।
@nehasingh48244 жыл бұрын
Dhanywaad sir
@imranaparveen49784 жыл бұрын
Sir 1,2,6,lesson zaroor teach kijiyega
@sureshpaudel28574 жыл бұрын
नमो नम:
@prakashpotdar23043 ай бұрын
सना तन धर्म बहुत ही पुराना है. ये कभी तुटने वाला नहीं ये जानकर अंग्रेजो ने पाखण्डी को साथ लेकर वर्ण जाती तेयार की. और सनात न धर्म ग्रंथओ मे बदलाब किया है.
@minaxiswaminarayan8002 ай бұрын
प्रकाश, तुम्हारी बात सच है तो भी अंग्रेज़ कीस के कारण एसा करने में सफल किस लिए हो पाए??और उस समय हमारे ब्राह्मण यदि महिलाओ का सम्मान करते थे तो एक महिला शिक्षिका जब पाठशाला जाती थी तब उस पर पथ्थर, गोबर और कीचड क्यो बरसाते थे??वैदिकभारत की नारी के चित्र से कितना विपरित है। तब तो नारी सभाओ में जाकर चचाॅओ में भाग लेती थी। पर उस ज़माने में और आज भी महिलाओ का घर से बहार निकलना भी कुछ लोगो से सहन नहीं होता।
@satyakedarshan3 жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/o5SzloOwlJeWrKs मनुस्मृति को समझिये जी
@anupamtandon1 Жыл бұрын
Speaks in very irritating way. Content is good. No need to be over dramatic while speaking.
@ChemistryMomentous72832 жыл бұрын
Om Namsty I'm Dr. O.P Kumar from Pakistan. Kindly, reply. If first verse or Shalook of Manusimiriti narrates division among Hinduism/Santana Dharma, resulted in creation of several countries such as Pakistan, Bangladesh, Afghanistan, Nepal, Barma etc. The current horror in India may also be attributed to Manusimiriti. Ala
@imranaparveen49784 жыл бұрын
Sir please apna contact number bhi available karaiye
@neelamvishwakarma65093 жыл бұрын
धन्यवाद गुरु जी
@vinit13662 жыл бұрын
Manusmriti Bda he Pavitra Granth H
@paritoshjoshi26243 жыл бұрын
🙏🙏नमस्ते गुरुजी। आशा करता हूं कि आप कुशल से होंगे । आपने बहुत अच्छी व्याख्या दी। भगवान् आपको ऐसे ही शक्तियाँ प्रदान करते रहें ।गुरु जी आपसे प्रार्थना है की आप कुच स्तोत्रम आदी की भी व्यखया दे।जैसे की श्री अदी गुरू शंकरा चर्या जी द्वारा रचित है पंचाक्षर स्तोत्र , निर्वाण षटकम,शिव तांडव आदि हैं। आपकी बहुत कृपा होगी।धन्यवाद