ज्ञानवर्धन सार्थक वार्ता के लिए डॉ. पुनियानी जी का हार्दिक धन्यवाद।
@kiteora3 жыл бұрын
@Stock 4me You can enjoy your free speech, because constitution has enshrined this on you, otherwise with Manu Smriti you would have been sacrificed to please the Gods. Your choice of words clearly shows your class and how irrelevant it is too engage with you in any future conversation.
@Nazi8174 ай бұрын
@@kiteorathat's why manusmriti is just Dirt that's oll because it only want rajput Brahmin to show their mentally and other are not
@gautammakwana18153 жыл бұрын
मुकेश जी और राम पुनियानी जी, आप दोनों को ढेर सारा अभिनंदन और बहुत बहुत धन्यवाद मनुस्मृति को अच्छी तरह समझाने के लिए। ब्राह्मणों ने बड़ी ख़ूबसूरती से मनुस्मृति को बनाया और लोगों को भयभीत कर के आज भी चला रहे हैं…! बुद्धिमान ब्राह्मण सत्ता में शीर्षस्थ भी रहे और सामान्य ब्राह्मण देवी देवता, भूत पिशाच और दूसरे जन्म का डर बता कर लोगों से पैसा, आभूषण आदि दान के रूप में लेते भी रहें…! बढ़ियाँ संयोजन…!!
@deekshadongre67143 жыл бұрын
सही है
@हमसाथसाथहैं-ङ3ष2 жыл бұрын
देश के हर नागरिक को मनुस्मृति के दुष्प्रभाव को उजागर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
@OMPRAKASH-zb1nb3 жыл бұрын
ऐसे विवादास्पद विषय पर ऐसा सही प्रकाश डालने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद। ऐसे ही सामाजिक कुरीतियों से पर्दा उठाते रहिए ताकि सभी समझदार लोग समाज में तथाकथित "समरसता" नामके ढौंगी शब्द का बहिष्कार करने केलिए तत्पर हो और समाज में बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर जी की विचारधारा के अनुरूप "समता "का माहौल बनाने में मदद मिले। धन्यवाद जी।
@त्रिशूल-न3ण Жыл бұрын
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
@ramsahai54212 жыл бұрын
प्रोफेसर श्री मुकेश कुमार जी एवं इतिहास के जानने वाले विद्वान श्री राम पुनियानी जी आपको तहेदिल से जय भीम नमो बुद्धाय, आप दोनों विद्वानों ने मिलकर इतिहास से अनजान लोगों को इतिहास के बारे में नयी दिशा और रोशनी💡🔦 देने का अनूठा प्रयास किया है जो सराहनीय एवं प्रशंसनीय है🙏💕
@kashiramsahu93583 жыл бұрын
जिस ग्रंथ में मानव कल्याण न हो, मानव में समानता न हो और मानव समाज में ऊर्जा न दें। ऐसा ग्रंथ अनुपयोगी हैं।
@NadeemKhan-bz8hb3 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA Kuch nhi hua woh samajhdaar aadmi hai use pata chal gaya ki tum kaun ho🤣🤣 Ab tu mujhe muslim hone ki wajah se gaali dega🤣🤣🤣
@dakshayjakhia62913 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb अत्याचार और असमानता को बढ़ावा देना ही एक उद्देश्य है । राम पुनियानी जी ने इनकी पोल उजागर कर दी है। डॉ अम्बेडकर ने अपनी कइ किताब द्वारा इनके षडयंत्र का पर्दाफाश किया है। छूतअछूत और क्या है, शोषण-दमन का झरिया है। किसी को शर्म भी नही आती है।
@badikhabarsp7403 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA bohot hi sarthak bhashya nikala hay aap ne, aap Marich or Shambhuk yah do logon k bare me kya kahana chaonge saksena ji.
@badikhabarsp7403 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA antar bhi hay or samanata bhi, samanta yah ki un ko Shri Raam ne mara or antar yah un me se pahale do ka koi kasur nahi tha, rahi baat aap ki to aap vishamta k puraskarta banana chahonge k samanata k yah aap par nirbhar hay. Aap ne jo bhashya aap k gantavya me diye ho or aap jis granth ka support karte ho wah aap k vichardhara k hisab se sahi ho sakate hay par kya sahi me yah naitik hay yah bhi bataiye. Kya aap aaj bhi warna vyavasta ko samaj par thopana chahate ho yah bhi 🙏
@tulsiram50693 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA ऐसे पोंगापंथी संस्कृत शब्दों को पढ़ने और बताने से क्या होगा? धरातल पर तो तुमलोग गैर बराबरी ही करोगे।
@deekshadongre67143 жыл бұрын
मुकेश जी और पुनियानी जी की सार्थक बहस मनुस्मृति तथा ब्रह्मणवादी मानसिकता की की है । भारत में बौद्ध और जैन धर्म का हिन्दु धर्म की आडम्बर अंधविश्वास पाखंड को जनता को समझाया । सार्थक चर्चा बहुत बढ़िया
@vkchadha74302 жыл бұрын
Bodh Dharam mein bhi do tareh ke hain aur Jain Dharam mein bhi digambar aur shwetambar Hain Jo apas mein sambandh nahi rakhte.Sirf Hinduon ko jation aur samudayon ke Karan doshi manna uchit nahi hai.
@prafullamishra56972 жыл бұрын
@@vkchadha7430 Absolutely right sir
@kaafir45792 жыл бұрын
ram puniyani baampanthi hai ek no ka dogla manusmriti me chhercchhar kia gya hai y log galat bolta hai
@SanjivYatri2 жыл бұрын
The program divides us . Buddhism/ Jainism/ Sikhism/ Lingayats are no different & which is why there is no dispute among them & with rest of Hindus.
@freepaytmcash9847 Жыл бұрын
Pehle pata kar le Manu ब्राह्मण tha ki nahi 😂😂
@ShrawanSaazOfficial3 жыл бұрын
ब्राह्मण वाद के सारे धर्म ग्रंथों की रचना छठी शताब्दी के बाद की है, संस्कृत भाषा भी बुद्ध के बाद की है, संस्कृत पाली और प्राकृत के बाद की भाषा है, क्योंकि किसी भी धर्म ग्रंथों का पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है
@mohindersingh14353 жыл бұрын
Many Smariti is a big blot on humanity
@ganeshbanerjee98413 жыл бұрын
बुद्ध स्वयं एक संस्कृत शब्द है
@dharmikrakshak83403 жыл бұрын
Taqqiyya
@sweetnidhi62883 жыл бұрын
@@ganeshbanerjee9841 अगर बुद्ध संस्कृत का शब्द है तो संस्कृत में बुद्ध का अर्थ क्या होता है।
@atulsingh44953 жыл бұрын
Bhasha ke baare me vivaad hai.humaara maanana isse alag hai bashaye samkaaleen hi rahi hongi ya kuch aage peeche par rajya prabhutva ghatne badhane ke karan samapt hui jaise ki sanskrit ka ant hindi ke roop me ya anya bhasao ka vilupt ho jana ye bhi rajya shashan se badalne ke karan hua.iske avshesh aap aaj bhi dekh sakte hain jaha rajyo me hindi ek tarah probitated language hai ya majboori ki bhasha hai.pakistan me to lipi ka sampoorna naash hi hai.
@mangalsain6789Ай бұрын
मुकेश जी और डा.राम पुण्यानी साहेब को सादर प्रणाम। आपने मनुस्मृति की सही व्याख्या की और हिंदू समाज की सही तस्वीर प्रस्तुत की। आपका साधुवाद।
@Praveensahu27003 жыл бұрын
छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में एक प्रथा प्रचलित थी जिसके अनुसार नवविवाहिता स्त्री को शादी की पहली रात राजा के घर रहना पड़ता था। इस विषय पर भी कुछ बोलना चाहिए
@divyanshkumar64532 жыл бұрын
इसे शुद्धिकरण कहते, जो तथाकथित सवर्ण मानने वाले लोग जो अपने आप को शुद्ध समझते थे वह मानते थे कि शूद्रों को विवाह से पूर्व उनके यहां शुद्धिकरण के लिए आना चाहिए जिससे स्त्री शुद्ध हो जाए।
@divyanshkumar64532 жыл бұрын
एक देवदासी प्रथा भी है भाई जिसके बारे में यदि आपने पढ़ लिया तो रूह कांप जाएगी आपकी, इस प्रथा के अनुसार स्त्रियों को मंदिर में देव दासी बना कर दान कर दिया जाता था जहां पर उसके साथ वहां एक प्रकार से भोग की वस्तु बन जाती थी
@hirdeshbhargava4 ай бұрын
अकबर ने चलाई थी ये प्रथा।
@Nazi8174 ай бұрын
@@hirdeshbhargavachal saboot de abhi
@ponimainwal763017 күн бұрын
@@Nazi817 Jab Brahman-Rajpoot ke Pas koi jawab nahi Banta to ve iska dosh Mughlon-Angrejo pe laga dete hai..
@RavindermuniJi3 жыл бұрын
मैने मनुस्मृति 2019 में पढ़ी थी वास्तव में ये ग्रन्थ घृणा ही फैलाने वाला है।मैने संकल्प किया कभी इसे पढ़ने की किसी को प्रेरणा भी नही दूँगा।
@rohitkhelwal92613 жыл бұрын
Right
@deekshadongre67143 жыл бұрын
सही है
@_0898yt_3 жыл бұрын
Sabhi ko ye dharmik granth padne ki prerna deni chahiye kyonki
@vishalideokar51763 жыл бұрын
👍👍
@vishalideokar51763 жыл бұрын
@@rohitkhelwal9261 Hi 👋😊
@HasanAli-iv2qo3 жыл бұрын
राम पुण्यानी जी और भाई को सच्ची बात बताने के लिए तहे दिल से लाखों लाख बार सलाम
@ravipchhokar37923 жыл бұрын
सही कहा आपने,,,,,,, सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए, चाहे वो कड़वी या मधुर हो।हम आपसे भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं कि आप भी इस्लाम धर्म की उन सामाजिक बुराइयों को समझकर, स्वीकार करें और उसपर चर्चा करें। जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है, फिर उनका समाधान निकालने पर समाज सुधारकों को वो समाधान समाज में लागू करने वाले आंदोलन चलाने चाहिए। हर धर्म,समुदाय में जो बुराइयां हैं,उन समाजों के पढ़े लिखे लोगों का फर्ज़ बनता है कि उन सामाजिक बुराइयों को दूर करने वाले असरदार उपाय करने चाहिए। धन्यवाद
@NadeemKhan-bz8hb3 жыл бұрын
@@ravipchhokar3792 Koran se Bharat me kisi ko fark nhi padta Kyuki bahusankhyak Hindu hai aur RSS ka ek hi lakshya hai Manusmriti ko as a samvidhan laagu karna 🤔🤔🤔 Jisse obc SC ST ki gulami pakki hai 🙄
@ravipchhokar37923 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb वो बात अलग है,लेकिन क़ुरान में जो कुरितियां और बुराइयों को तो बताना हर सच्चे मुस्लमान का फर्ज़ बनता है ना, मुस्लमान यानी जिसका ईमान मुकम्मल हो,,,,,, मुस्लिम समुदाय को कितने साल हो गए हैं रहते हुए, आज़ भी उनकी स्थिति बद। से भी बदतर हो गई है। मनु-स्मृति ने तो OBC, ST, SC को सक्षम नहीं होने दिया, लेकिन मुस्लिमों को किस वजह से शिक्षित और समृद्ध नहीं होने दिया। जबकि मुस्लिम समुदाय को सरकार की तरफ से भी बहुत अनुदान दिया जाता रहा है। इस बात को स्वीकार किया जाए या नहीं,,,,,आप खुद ही सोचिए और उस मुस्लिम समुदाय से न्याय कीजिए जो अशिक्षित, अपराधी और अतिपिछड़ा है। इस बात को स्वीकार कर गहराई और गंभीरता से समझना होगा,हर भारतीय मुसलमान को,,,,,,, जय फुले दम्पति, जय बाबा साहेब, जय छोटूराम, जय कांशीराम,,,,,,, #जय भीम जय भारत#
@razamojizraza3 жыл бұрын
@@ravipchhokar3792 PHULEY FAMILY WAS ABLE TO MAKE THEIR MARK IN HISTORY BECAUSE OF A GREAT MUSLIM LADY NAMED AS FATIMAH WHO PROVIDED THE LAND FOR THE TEACHING CLASSES.
@ravipchhokar37923 жыл бұрын
@@razamojizraza आपने जो लिखा है वह सही है लेकिन मैं आपसे पूरी तरह से सहमत नहीं हूं। क्योंकि आपने मेरे सवाल का जवाब वाजिब नहीं दिया है। मैंने जो सवाल किया था, आपने जवाब उससे एकदम अलग दिया है।आप यह जरूर सोचिएगा की फुले दम्पति को पाठशाला के लिए जमीन मुहैया कराने वाली फातिमा बी ने शोषितों और वंचितों के साथ साथ महिला व बालिकाओं को शिक्षा दिलाने में मदद की, जो उन दिनों के हालातों में एक महान क्रांतिकारी परिवर्तनों में से एक था। देश उन महिलाओं और महापुरुषों का क़यामत तक ऋणी रहेगा जिन्होंने देश व समाज को जागरूक किया। लेकिन बावजूद इसके मुस्लिम लड़की और महिलाओं की शिक्षा में सुधार क्यों नहीं आया। दुसरी बात यह है कि अगर फुले दम्पति को जमीन मुहैया मुस्लिम महिला ने नहीं की होती तो क्या फिर पाठशाला नहीं बनाया जाता। आप की सोच और जवाब पर तरस आता है। आपको अहसान मानना चाहिए उस महान फातिमा बी और फुले दम्पति का जिन्होंने आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया और अब इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए याद किया जाता है।इन बातों से धर्म बड़ा नहीं होता है बल्कि हर अच्छे लोगों के अच्छे कार्यों के कारण ही धर्म बड़ा कहलाता है ना कि धर्म से कोई व्यक्ति बड़ा कहला सकता है। @इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा........# आपसे एक निवेदन है कि आप अंग्रेजी में चर्चा ना करें क्योंकि मुझे अंग्रेजी कम आती है। आपको अंग्रेजी अच्छी आती है बहुत खुशी की बात है, लेकिन अगर चर्चा हिन्दी में हो तो काफ़ी लोगों को समझने में आसानी होगी। धन्यवाद।
@VarinderSingh-tq3xj3 жыл бұрын
Today is 79th foundation day of Azad Hind Fouz (INA) having 43000 soldiers.They had done matchless sacrifices to attain Freedom for this country. Mohan Singh ,Shah Nawaz ,Gurbax Singh Dhillon , Prem Sehgal & Mohammad Jama Kiyani were main Generals of INA.🙏
@hirensingharay21573 жыл бұрын
And they had one kitchen no bhed bav
@surajgadge74183 жыл бұрын
@Stock 4me 65 sall badh pahlli barr itna bhedbhav huaa hai kyear sangii angrejon mugalon kee dllali karne walle Desh kaa pahlle atankwade naturam godse kee kyear sangii ajj Bhagat Singh kee wansjon ko atankwade bolte hain hahahaha 😁😂 kisano ko
@ExplainDigital3 жыл бұрын
@Stock 4me pahle itihas jano.. u are already hacked by feku's IT cell.. all these books are written around 9th-10th century
@RajpalSingh-cs1zh3 жыл бұрын
1q
@RajpalSingh-cs1zh3 жыл бұрын
1q
@sanghpriysrkureel89763 жыл бұрын
जी! प्रो मुकेश कुमार एवं प्रो राम पुनियानी साहब आपने बहुत ही अच्छी और प्रासंगिक चर्चा जनहित मे की है! जब देश और विश्व बहुत बहुत आगे की ओर देख रहे है! मनु स्मृति जैसी किताबे बढ़ती प्रगति के विपरीत हजारो वर्ष पीछे की कलातीत ब्यवस्था की ओर ले जाने का प्रयास है!!!
@MukeshKumar-vl1nu3 ай бұрын
Sir आपका इस तरह का विश्लेषण बहुत ही ज्ञानवर्धक और समाज को सही दिशा देने वाला होता है ..... कृप्या इसी तरह का आप विश्लेषण करते रहिए और समाज को जागरूक करते रहिए .......😮😮😮😮😮😮😮😮
@manojpratapyadav66143 жыл бұрын
मनुस्मृति बहुजनों को गुलाम बनाने का एक कुत्सित प्रयास हैं हमें बुद्ध फुले पेरियार और बाबा साहेब के सपनो का भारत बनाना है।
@Thepatriot83563 жыл бұрын
इसे पढ़ता ही कौन है।हमारे धर्म मे बहुत सारी किताबे है पर जो सबसे बुरी है उसी पे चर्चा होती है। आज के कितने युवा होंगे जो इसे जानते और पढ़ते होंगे सिर्फ वही जिन्हें मंच पर बैठकर बुराई करनी है। और दूसरी किताबे पढ़ लो जैसे श्रीमद्भागवत गीता
@सचबोल-न4च3 жыл бұрын
@@Thepatriot8356 : जब सत्ता में हीं मनुवादी बैठे हैं! सत्ता के हिसाब से प्रजा और देश चलता है! BJP आने के बाद इस किताब पे कुछ ज्यादा हीं चर्चा शुरू हो गया है! सरकार तो कांग्रेस की भी थी उस टाइम इतना तो नहीं था!
@Thepatriot83563 жыл бұрын
@@सचबोल-न4च में भी उसी प्रजा में से हु। तुमसे कुछ छीन लिया क्या सरकार ने। सरकार मनुवादी कैसे हुई बताओ तो
@सचबोल-न4च3 жыл бұрын
@@Thepatriot8356 : कुछ छीन लिया? बचा हीं क्या है?
@Thepatriot83563 жыл бұрын
@@सचबोल-न4च अरे भाई बताओ तो क्या बुरा कर दिया तुम्हारे साथ सरकार ने कुछ पॉइन्ट तो लिखो बस एक ही लाइन बोले जा रहे हो सब बर्बाद हो गया
@nandlalchogal75083 жыл бұрын
Very good and informative comments. Thanks Prof Mukesh Kumar ji.
@vinodkumarvinodkumar49343 жыл бұрын
Thanks Satya Hindi for such meaningful episodes specially Dr Mukesh Kumar sir.
@jethmalsurana86182 жыл бұрын
डा.राम पुनियानी जी ने मनु स्मृति में जातिगत (वर्णवादी) व्यवस्था के बारे में अलग-अलग कोणों से जानकारी दी है , और ब्राह्मणों, क्षत्रियों, वैश्यों व क्षुद्रों के बारे में बारिकी से विश्लेषण तथा हमारे संविधान निर्माताओं ने बौद्ध दर्शन व जैन दर्शन जो ब्राह्मण वादी मूढ़ परंपराओं व स्त्रियों एवं क्षुद्रों के हितार्थ संविधान की पृष्ठभूमि को समझाया है पुनियानी जी को साधुवाद सहधन्यवाद साथ ही चैनल सत्य हिंदी के एंकर महोदय को गहनता से प्रश्नावली व जिज्ञासा भरी जानकारी चाहने पर साधुवाद सहधन्यवाद।
@rameshwarprasadyadav62063 жыл бұрын
स्वाभाविक है कि मनुस्मृति के अनुसार जिन जातियों को श्रेष्ठ बताया कहा गया है वे इसकी प्रशंसा करेंगे और जिन्हें निम्न कहा गया है वे मनुस्मृति की भर्त्सना करेंगे । जिस धर्म ने अपने अनुयायियों को ऊंच - नीच में विभक्त कर रखा है ।उस धर्म को धर्म कहना मूर्खता है।
@aalokraj92813 жыл бұрын
बिल्कुल सही
@prafullpandhare99433 жыл бұрын
Absolutely right 👍
@amandmx2 жыл бұрын
Lekin obc wale aaj v manu ko bhgwan mante hai
@Danube-nu5vl8 ай бұрын
@@amandmx because they are supposed to be higher than dalits.
@Shakir_Ali73 жыл бұрын
मनुस्मृति एक संकीर्ण मानसिकता छिन्न-भिन्न संस्कृति का बिगड़ा स्वरूप है यह कोई धर्म ग्रन्थ नही माना जा सकता यह एक सत्ता कबजांवर के सत्ता बनाने के बाद संकीर्ण मानसिकता का भविष्य के लिए दुराचारीयो को उर्जा देने के किया क्योकि अन्ध भगत हर दोर मे रहा
@sanjayveer5003 жыл бұрын
कभी पड़ी भी है 😂 ? हाँ कुरान एक शैतानिक किताब है और मैंने क़ुरान पड़ी है
@rajeshhmane51983 жыл бұрын
Kaunsi bhasha me likhi manusmriti padhi hai
@MANISHKUMAR-og6ym9 ай бұрын
Shariya aur manusmriti ek hi sikke ke do pahlu nazar aate hain.
@brajkishorebalendu20103 жыл бұрын
मनुस्मृति मानसिक बिमार पोंगा पंडित गोबर भक्त के ग्रंथ ही साबित हुआ है
@anilsinghal23123 жыл бұрын
जिन्हें हिन्दू पध्दति पसंद नहीं तो उसे छोड़ने का उन्हें अधिकार तो उनके पास है ही. तुरन्त इस पध्दति को छोड़ दो.
@devasharma54783 жыл бұрын
@@anilsinghal2312 han to koi mutpine wale dharm ko chodna chahe to fir tum logon ko bura kyn lag jata he…….Ambedkar ne sahi kaha tha….hindu dharm chod ke kisi bhi dusre dharam me chale jao
@anilsinghal23123 жыл бұрын
@@devasharma5478 कतई किसी को बुरा नहीं लग रहा है. ऐसे लोगों से तो सिख धर्म भी पसंद नहीं कर रहा. सिंधु बार्डर पर धर्म प्रेमी निहंग सिख ने अपने ग्रंथ को ऐसे लोगों से बचाने के लिए बहादुरी दिखाई है. मंदिर प्रवेश तक पर आपत्ति जगजाहिर है. ये लोग जितनी जल्दी बौध्द बन जायें वही बहतर है. मीडिया की खबरों के अनुसार लोग इन्हें पास तक बैठाना पसंद नहीं करते, इनके हाथ का पानी तक नहीं पीते, अपना मकान तक किराए पर नहीं देते, ऐसी स्थिति में बुरा लगने का तो प्रश्न ही नहीं.
@inayatullahmuhammad62993 жыл бұрын
Qqq
@brajkishorebalendu20103 жыл бұрын
@@anilsinghal2312 मानसिक बिमारी के इलाज भी किया जाता है और किया जायेगा!
@shashankvimal69013 жыл бұрын
मनुस्मृति को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि इसकी बहुत सी बातें संविधान की मूलभावना के विपरीत है ,जैसे : महिलाओं और sc, st, obc ko अपमानित करती हैं l
@s-jov56602 жыл бұрын
✌
@sowmenmukherjee-team79162 жыл бұрын
Apke paas jo book hai, us book ka amazon link bhejiye, mai khud ekbaar padkar dekhunga aur khud uska visleshan karunga.
@rakshasg37252 жыл бұрын
@@sowmenmukherjee-team7916 बाजार से खरीद लो,उपलब्ध है!!
@diliprathod95542 жыл бұрын
@@sowmenmukherjee-team7916 apke pass book he us kis time me likhi gyi he kis bhasa lipi me likhi gyi he usko likhne vala ka name kya he hme batayiye aapke pass to orijnal hogi
@jsk.20052 жыл бұрын
Bhiya ye sarkar hi Manu smriti Lana chahti hai ye RSS ke hi log hein ruling govt mein
@sujatameshram83932 жыл бұрын
बहोत सुंदर विवेचन किया है मी. पुनियाजी ने.समरसता क्या है ,कैसी साजिश है ये समझ मे आया. धन्यवाद सत्य हिंदी का.
@SarojKumari-ps9dr3 жыл бұрын
Hats off to you, Mukesh Ji, for bringing out the truth everytime.
@azadhaihum72353 жыл бұрын
मनुस्मृति किसी भी सभ्य समाज मे एक कलंकित कलंक कहा जाना ही उचित संज्ञा दी जा सकती है।
@HanumanManMohan2 жыл бұрын
Padha hai tumne
@rakshasg37252 жыл бұрын
@@HanumanManMohan तुमने पढ़ा ?????
@romilmahant29712 жыл бұрын
@@HanumanManMohan yes, tum bhi padh lo bhai, book se padhna, watsapp se nhi
@rakshasg37252 жыл бұрын
@@romilmahant2971 भारत और भारतीयता पर,मानव समता पर,जन्म से जाति/वर्ण निर्धारण के बकवास पर,वर्ण-जाति अनुसार दण्ड/पुरस्कार के बारे में मनुस्मृति के आदेश बतायें!!
@arjunrathod38642 жыл бұрын
Manusimriti ek science hai humanity ka bas need hai to dimaag kholkar padne ki kyonki manu bhawaan ne insaan ka pehla bhagwaan maa ko hi bataya hai yeh to uska basic science hai samjhne aur seekhne aur jin logo ke dimaag khulein hai unke liye
@krishnendubiswas88813 жыл бұрын
Very very educational. Thank you for taking this interview.
@S.K.R0HAN3 жыл бұрын
Mukesh ji, Manu Smriti ki sateek jaankari ke liye hardik dhanyavad. Manu Smriti ki baat to bahut hoti hai, lekin janta ko bahut kuchh nahi maloom hai. 👌
@brajkishorebalendu20103 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA और नारी वो है जो शादी से पहले पिता के अधीन रहे /शादी के बाद पति के अधीन रहे और पति के बाद पुत्र के अधीन रहे / जो यह नहीं मानते हैं वो कुलक्षणा स्त्री हैं /यह मनुस्मृति के दोगलापन है
@thetruewire98783 жыл бұрын
मनुस्मृति एक महान ग्रंथ है जिसे आधार बनाकर पूरे विश्व में सामाजिक, न्यायिक और राजनीतिक व्यवस्था बनाई गई है. इससे सटीक विश्लेषण इस संसार में और कोई किताब में नहीं है.कोई कितना भी पढ़ ले और कितनी भी डिग्रियां हासिल कर ले, वो कभी भी राम, कृष्ण या बुद्ध नहीं बन सकता.
@roshanara48003 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA to Ambedkar ne manusmriti kyun jalayi aur buddh Dharm kyun adopt kya aur yeh kyun kaha ki mein hindu paida to hua hoon lekin hindu marunga nahin.
@roshanara48003 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA don't call them momin they r Pakistani aap bhi zara Jamiat ulama e hind aur unki desh k prati sewa ko jaaniye agar Ambedkar ne Islam nahi qabul kiya to ye muslim ki ghalti thi Islam ki nahin. Maulvi Ahmadullah Shah, maulana Husain Ahmad Madni ko padhiye tab samajh mein aayega ki desh sewa kisne ki thi.
@roshanara48003 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA kariye
@rajkishoreprasadsingh81072 жыл бұрын
डॉ राम पुनिया जी ने बहुत तथ्यपरक और सारगर्भित विचार को रखा। धन्यवाद।
@tanavar61462 жыл бұрын
महत्वपूर्ण चर्चा । बधाई । जहां तक मैं समझा हूँ ये मूल लड़ाई इतिहास और कल्पना की है । मसलन, हिन्दू धर्म के अलावा भारत में जितने भी धर्म हैं, चाहे वे इस देश की धरती पर पैदा हुए, फले-फूले या फिर विदेश से आए, वे हकीकत पर आधारित थे जैसे बौद्ध, जैन, इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म । इन कल्पनावादियों ने ही समाज को अलग अलग वर्णों और बाद में जातियों में तोड़ा । इसमें जन्म और कर्म का सिद्धांत भी अव्यवहारिक है इससे जो भारत, सम्राट असोक और नन्द के राज में महाभारत बन रहा था, वह सिकुड़ता चला गया । बाबासाहेब ने भारत से महाभारत बनने और बौद्ध-जैन धर्म के उदय को क्रांति कहा था , जो वास्तव में धर्म नहीं धम्म यानि एक जीवन दर्शन, जीवान जीने की कला है । हिन्दू धर्म जो प्रारंभ में हिन्दू नहीं था । इसके कई नाम थे । इसके पुनः स्थापित होने को ही बाबासाहेब ने प्रतिक्रांति कहा है । मनुस्मृति भी उसी प्रतिक्रांति की देन है । क्रांति-प्रतिक्रांति का ये सिलसिला आज तक जारी है । अगर ये सिलसिला रुका नहीं तो भारत के पुनः विखंडित होने का खतरा है । सुदेश तनवर 9868862563 / 9999093364
@ramakantyadav86633 жыл бұрын
एस सी एस टी ओबीसी एक हो जाओ। जाती छोड़ो रोटी बेटी का सम्बन्ध जोड़ो।
@vinetkumar43393 жыл бұрын
Right
@brajkishorebalendu20103 жыл бұрын
Good thought! 👍👍👍👍👍
@donhanley14003 жыл бұрын
Tumlog Krishna ji banna chodo pehle
@manishrao203 жыл бұрын
Bilkul
@siddharth455045503 жыл бұрын
Ryt
@amarsharan36343 жыл бұрын
बिलकुल सही कह सकते है की मनुस्मृति एक गुलाम बनाए रखने का ही प्रोसेस है
@kangenwithaniitan90772 жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/eZzGgmiYoc6Jma8
@bharatvora41412 жыл бұрын
मनुस्मृति बनाता सवर्ण ब्राह्मण लोग ऑर खुद को शुद्र ( ओ बी सी ) सवर्ण मान ने वाला नियमों को फोलो करते हैं ।बहुजनो समजो ।
@satyendrapande97902 жыл бұрын
Is vulgate book ko sabko padhna chahiye fir isko burn karo
@panditsatishattri306 Жыл бұрын
@@bharatvora4141 ये पुनियानी हरामजादा वर्ण व्यवस्था को मनुस्मृति में जन्म से बता रहा है,जबकि प्रत्येक श्लोक में कर्म पर आधारित है।
@parmatmakumar-co8jb9 ай бұрын
अंग्रेजो ने हम भारतीयों को कैसे गुलाम बनाया भाई क्या वो भी मनुस्मृति का सहारा लिए। ब्रिटिश शासन से पहले के भारतीय ग्रंथ पढ़ कर देखो फिर समझ में आयेगा की जातिवादी व्यवस्था किसने बनाया। और अगर जाति व्यवस्था ग़लत है तो फिर संविधान में क्यों जाति व्यवस्था है उसे भी जला सकते हो।
@SudhirKumar-lr1ht3 жыл бұрын
Very nice discussion on Manushmriti, many many thanks to Mukesh sir
@deepakkharat6093 ай бұрын
human rights, democracy,equality believer n defender should not only just listen to such progressive videos but support them financially to continue the reforms in education.. Its great efforts sir.salute to your work.
@basudevtharu57643 жыл бұрын
आप दोनोको नमन ! ब्राम्हणबादी बिषमतामूलक मनुस्मृती के मूल्य मान्यताके बारेमे सूक्ष्म विश्लेषण करके जानकारीयाँ देनेके लिए मै नेपाल से आभार व्यक्त करता हुँ । नमो बुद्धाय: ! जय भीम !!
@madhubhardwaj90473 жыл бұрын
बहुत स्पष्ट शब्दों में विषय को समझाया गया है।
@ssskk9123 жыл бұрын
Thank you Dr Ram puniyani sir ,Apki baten parilakchit hoti dikh rahi hi.you are absolutely right.
@राजेंद्रकुमार-ड6ढ3 жыл бұрын
मनुष्य मृति एक राक्षसी ग्रंथ है कैसे मानव का विनाश यही बताता है
@sangeetayadav8371 Жыл бұрын
थैक्यू यू सर दोनो लोगो को मूलनिवासियो को जगाने के लिये
@arsalanmirza34113 жыл бұрын
Interesting 🧐 information ℹ️ Also understand laws of “Manu Smriti” extended to Burma, Thailand, Cambodia and Indonesia. Manu Smriti was first translated into English by “Sir” William Jones. in 1776 and used to construct the Hindu CASTE Laws for British East India 🇮🇳 Company !!
@srmaurya55073 жыл бұрын
ये शैतान शास्त्र है।
@satyendrapande97902 жыл бұрын
It is v ugly book
@शिवराममीनाशिवराममीनासिंगर3 жыл бұрын
थैंक्यू सर आप को बहुत बहुत धन्यावाद जी आप ने हमे महान विचार शेयर किया ओर हमे हमारे देश की मनुस्मृति के बारे मे बताया सर मनुस्मृति की बात करे तो यह हमारे देश को वापसी गुलाम बना सकती है इस ग्रन्थ मे शुद्र के साथ अत्याचार ओर क्रूरता है एसे मे मनुस्मृति की ओर नही देखा जाना चाहिए
@PawanKumar-hj9kc3 жыл бұрын
Ram puniyani ko thanks.. ek dum right bola apne..
@PawanKumar-hj9kc3 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA अब क्या रिप्लाई करू आपको सक्सेना जी सदियों se तुम लोगो ने इन ग्रंथो की आड़ मे लोगों को गुलाम बनाया अब तो ये ढोंग करना बंद करो बक्श दो, आने वाले टाइम मे लोगो दूसरे प्लैनेट्स मे रहने लगेंगे. यहाँ तो तुमने ये झूठे भगवान बना दिए.... other planets पर क्या करोगे इस देश को आगे बढ़ जाने दो.. इंसान ने धर्म बनाया है धर्म ने इंसान nahi बाकी गाली देनी है तो दो.. मैं तुम्हारे भीतर मौजूद ईश्वर को नमन करता हूं 🙏
@sabiyasyed54873 жыл бұрын
@@PawanKumar-hj9kc kayasth samaj ko apna itihaas hi nahi malum innke bare mai khud manu ke kiya vichar hai kiya inko malum hain? Agar kisi kayastha ki parchhayee Brahman par pad jaye to turant ussko suraj ki taraf dekhna chahiye. Innko Brahman ne Yam ke lekha jokha rakhne wale Chitargupt ka vanshaj bataya. Ram Vishnu Brahma Shiv ka vanshaj nahi kaha. Ye log Shudar samaj ke hain jinhe Brahman ne shadyantar ke karan savarn category mai shamil kiya ye vaishye se neeche hi hain abhi bhi. Ye naye naye sawarn apne ko ziyada sawaran sabit karne mai lage rahte hai. Kabhi kayastha samaj se aane wale Munshi Premchand ko padh lo apne samaj ki sachchai pata chal jayegi.
@pushpachandra88802 жыл бұрын
Thank you so much... पुनियानी जी और मुकेश जी आपका 🙏🏼🙏🏼
@तर्ककीकसौटीपरतौलअपनीआँखेखोल3 жыл бұрын
Bahut achhi jankari program se mili Thank !🙏 Muekeh ji aur Pr. Punaiyani ji
@journeyrational3 жыл бұрын
आँप कि sereis बहुत बडीया हे.... keep it up
@BuddhaJyoti3 жыл бұрын
Good programme
@kundankumarmandal92233 жыл бұрын
सिर्फ दुष्ट प्रवृत्ति के बामन ही अब मनु स्मृति को support करता है l सत्य हिंदी और श्री राम पुण्यानी जैसे विद्वानों का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने भूत काल में जाकर वर्त्मान के लिए बहुजनों के लिए एक सार्थक और सच्चा ज्ञान दिये 👏👌🙏 ll
@SanjayKumar-dv6hk2 жыл бұрын
Dr Ram puniyani sirji bahut Saralata se samajhaate hai bahut dhanyawad jaibhim
@mimansaplus2 жыл бұрын
बहुत महत्त्वपूर्ण ज्ञान, आप दोनों का आभार 🙏🙏
@त्रिशूल-न3ण Жыл бұрын
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
@ramvinayyadav52113 жыл бұрын
मनु स्मृति अंधकार का ग्रंथ है
@nityanandsingh39683 жыл бұрын
Padhne se andhkar ujjla nahi hota anubhab Karo kya andhkar hai kya ujjla hai
@parmachandyadav20663 жыл бұрын
@@nityanandsingh3968 जी , ज्ञान की बात अब जाके आपने की है.. पढ़ने से कोई ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है.. ज्ञान केवल आपकी सेवा करने से ही प्राप्त कर सकते हैं.. आप यह ज्ञान किसकी सेवा करने के बाद प्राप्त कर लिया है?
@nityanandsingh39683 жыл бұрын
@@parmachandyadav2066 gurudev or mata pita ki
@kumarnarayana51053 жыл бұрын
@@nityanandsingh3968 sirf apni ya kisis doosre ki bhi.... bhakt-uddin?
@gajendratripathi4523 жыл бұрын
Tum log khud hi andhkar mai ho ,granth ko andhkar ka bol raha.🤣😂🤣😂😂
@rajendraprasadthakur97313 жыл бұрын
इस चर्चा में बौद्ध धर्म का भारत में पूर्णतः समूल उच्छेद कर ब्राह्मणवाद की दृढ़तापूर्वक सफल पुनर्स्थापना करनेवाले आदिशंकराचार्य की भूमिका का उल्लेख अपरिहार्य था।जो नहीं हुवा। यह बड़ी चूक कही जायेगी।
@inderjeet30083 жыл бұрын
यह दुष्ट और कपटी लोग हम लोगों को गुलाम बनाकर रखने की एक साजिश थी हमारी किस्मत अच्छी थी कि बाबा साहब ने 25 सितंबर को मनुस्मृति में आग लगाकर इन कपटी लोगों को हमें बचाया जय हो बाबा साहब की🙏
@udhav0110sharma2 жыл бұрын
प्रो. मो.मुकेशजी, डा. मो. पीडियानिजी आपकी कोशिश रंग लाएगी!कभी न कभी या कयामत तक आपके प्रलाप से दूसरे भी रूदन जरूर करेंगे?प्रकृति के रहस्य से आप परिचित है और प्रकृति आपके आधीन है,मेरा अनुरोध है की आप दोनों ही ईश्वर के मैसेंजर है, मैं आशा करता हूं की आप अवतार ही है !आप सभी विषयों के अधिकृत प्रकांड ऋषि हो...गहरे पानी पैठ के मंडुक तुम्हारी जय जय...
@BalwinderSingh-kh5en2 жыл бұрын
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਵਿਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਦਿਲੋਂ ਧੰਨਵਾਦੀ
@rjpatelias19432 жыл бұрын
Congretulation to Dr puniyani sir to give historical knowledge to young people
@tejkumar09243 жыл бұрын
बहुत सुंदर जानकारी मुकेश सर।
@Praveensahu27003 жыл бұрын
हिन्दू धर्म का आधार है, एक समुदाय को भगवान का दर्जा और दूसरे समुदाय को अछूत। क्या हमें ऐसे धर्म और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए
@GautamKumar-qu7st3 жыл бұрын
नही
@lalitshah35013 жыл бұрын
Bilkul Aise manyata ko jadmul se nest nabud karana chahiye
@siyacharanchaudhary61882 жыл бұрын
No
@gyaniyomeinshreshth64482 жыл бұрын
मेरे भाई बुद्धि का उपयोग करो सनातन धर्म ही सत्य है।
@AdarshTiwari-hx1wr2 жыл бұрын
प्राचीन भारत में जातियां तो थी पर जातिवाद नही था..भारत मे कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था थी.. वर्ण (वरण) का एक अर्थ "चुनना" या "ग्रहण" करना भी होता है... वर्ण व्यवस्था मे सभी को कर्म के आधार पर कर्म करते हुए उपर उठने का अधिकार था.. वाल्मीकि जंगल में रहने वाले भील जाति के थे..रत्नाकर (वाल्मीकि) लोगों को लूटता और हत्याये करता था..परंतु बाद में राम नाम जप कर ब्रह्मर्षि हो गए.. इसी तरह विश्वामित्र जन्म से क्षत्रिय थे पर बाद में तप से राजर्षि और बाद में अहंकार का नाश होने पर ब्रह्मऋषि हुए... ,शबरी जो भीलनी थी उसे मतंग ऋषि ने शरण दी और वह राम की भक्ति करते हुए साक्षात राम के दर्शन कर पाई... व्यास केवट जाति की माता से पैदा होने के बावजूद महर्षि वेदव्यास कहलाये और वेद के ज्ञान को ही अट्ठारह पुराण के रूप में प्रस्तुत किया ...राजा भरत(क्षत्रीय) जिनके नाम से हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा...कर्म के आधार पर उनके 100 पुत्रो मे में से 82 वेदपाठी ब्राह्मण, 9 क्षत्रीय राजा और 9 योगेश्वर (सन्यासी) हुए... वही ब्राह्मण माता पिता से जन्म लेने के बावजूद अजामिल,धुन्धकारी आदि को उनके बुरे कर्म के कारण शूद्र (संस्कारहीन) ही माना गया.. ब्राह्मण पिता की संतान होने के बावजूद रावण को उसके निकृष्ट कर्मो के कारण राक्षस ही कहा जाता है...ऐसे अनेको उदाहरण है जिससे सिद्ध होता है कि वर्ण व्यवस्था जन्म आधारित नही बल्कि कर्म आधारित थी... हाँ , हम यह मानते है कि लगातार विदेशी आक्रमणो और उसके परिणाम स्वरूप इस व्यवस्था मे खराबी जरूर आई और समाज में उच्च और नीच का वर्गवाद पनपता और बढ़ता गया... अन्त में अन्ग्रेजो की गुलामी से आजादी के बाद भी हमे हमारी पुरानी व्यवस्था के इतिहास को सही से न बताया गया और न ही पढ़ाया गया.. हमे मार्क्सवाद प्रेरित घृणित इतिहास पढ़ाई गई और हमारा बटाँ हुआ सनातनी समाज और भी बटता ही गया ... आज हमारे आप जैसे युवा भी पूर्व की गलतियों से सीखकर सनातन समाज को एकजुट करने की बजाय उस जातिवाद की ईर्ष्या भरी खाई को और गहरी करने का काम कर रहे है... कृपया सनातन समाज को तोड़ने की बजाय जोड़ने का काम करे जिससे हृदय की ईर्ष्या की अग्नि शान्त होगी और सच्चे अर्थो में आनंद और बुद्धत्व के मार्ग की प्राप्ति होगी ।
@awesomeahmed28912 жыл бұрын
Very nicely explained sir. Manusmriti is nothing but a curse to Hindu brothers. Ambedkar was a right man.
@surindersandhu7962 жыл бұрын
आप की बातचीत बषीया बहुत अशी है।बहुत गिआन परापत होता है। धनवाद !
@vinetkumar43393 жыл бұрын
जो सत्य है वह तो समाज में दिखाई देता है
@ballusmail3 жыл бұрын
Please advise books in Hindi and English to understand Manusmriti and also the reaction of RSS when the constitution was built.
@nasreensyed64513 жыл бұрын
Untouchability & Casteism main cause of religious conversions..
@kamalkamal-ie1sp3 жыл бұрын
Apni Ammi aur Appa ko kaale tent me dhak kar kyun rakhta hai
@NadeemKhan-bz8hb3 жыл бұрын
Are bhai tum apni mata ji aur Didi ko Khajuraho style me rakkho kisne mana kiya hai 😂
@thestoryteller42413 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb well said Nadeem Khan.👍
@ikbalazam15133 жыл бұрын
@@kamalkamal-ie1sp , Agar auroto Ko kapde pehne me poore adhikar hona jaroori hein to koi aurot poori nange rahna chahe to tumhe usme koi apatti nhi hona chahiye.
@fizasiddiqui31633 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb kya bat bol diya bhai,head off
@PremPatel-ug6vj2 жыл бұрын
strongly Agreed the facts has been presented by Dr. Ram Puniyani..
@dwarkabharti36232 жыл бұрын
पुनियानी जी की बातें इतिहास की एक पुनर्थन जैसी होती हैं मनु स्मृति पर उनकी बात खोजपरक भी है और तर्कसम्मत भी इस पुस्तक ने भारतीय सामाजिक व्यवस्था को एक तरह से जकड़कर रख दिया है परिणामतः आजभी भारतीय समाज सदियों पुराना दिखता है इस प्रकार की पुस्तकों को किसी गहरे कुएं में ही दफन होना चाहिये
@anujpratapsingh67072 жыл бұрын
हिन्दू धर्म का साहित्य, इतना विशाल और बहुत कठिनाई से समझ में आने वाला है। थोड़े अध्ययन और जानकारी के आधार पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
@IPPRAJAPATI3 жыл бұрын
सर जैन और बौद्ध धर्म के पहले ब्राह्मण धर्म संस्कृति का क्या कोई ऐतिहासिक प्रमाण स्रोत मिलता है?
@ganeshbanerjee98413 жыл бұрын
NCERT की किताबें पढ लीजिए
@sandeepgopalan49343 жыл бұрын
Even NCERT ne to Ram or Krisna ke astitva ko hi challange kiya hai
@ganeshbanerjee98413 жыл бұрын
@@sandeepgopalan4934 तुमन NCERT पढी है कभी ?
@ganeshbanerjee98413 жыл бұрын
@@sandeepgopalan4934 कहां किस पुस्तक में ? किस पृष्ठ में ?
@jaiho19473 жыл бұрын
@@ganeshbanerjee9841 NCERT पढ़ लीजिए, पृष्ठ संख्या मिल जाएगी।
@balkeshwarbk43753 жыл бұрын
जब तक यस सी , यस टी, ओ बी सी हिंदू धर्म में रहेंगे तब तक मनुस्मृति ग्रंथ का प्रभाव रहेगा. इन तीनों के हिंदू धर्म को छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपनाने से मनुस्मृति का प्रभाव समाप्त हो जायेगा.वह धर्म केवल और केवल बौद्ध धर्म ही है🇮🇷💢🇮🇷💢🇮🇷💢🇮🇷💢🇮🇷💢🇮🇷💢
@WonderfulMusicalScore-wm4hg2 ай бұрын
धन्यवाद डॉक्टर राम पुनियानी जी
@pravinpagare25802 жыл бұрын
Bahut acchi Jankari Di aapane aapka बहुत-बहुत dhanyvad
@ajitkatariya46733 жыл бұрын
Buddhists era was the golden era of the country
@donhanley14003 жыл бұрын
@@sarapara174japan tak gaya bhai....par yahi khatam ho gaya 😂😂😂...... Hinduism sucks
@lilakanoj76933 жыл бұрын
मनुवाद जन्म के आधार पर ही था , वरना शुद्रों को वेदों का ज्ञान वर्जित नहीं किया जाता , यदि शुद्र वेदों की शिक्षा ग्रहण कर लेंगे तो वे ब्राहम्णो के समकक्ष हो जाते ।
@ehteshammalik67163 жыл бұрын
Thanks mukesh ji and punyani ji
@MaheshchandraSharma-qx4ny9 ай бұрын
जन्म से कोई जाति नहीं ।कार्य योग्यता के आधार पर जाति बनी।वर्तमान में जन्म से जाति ।
@ratansinghyadav53102 ай бұрын
संसार में मनुष्य को सुख शांति से रहने और अंत में मोक्ष की ओर ले जाने वाला धार्मिक नियम कानून का कल्याणकारी धर्मग्रंथ है मनुस्मृति। जिन लोगों ने इसका अध्ययन नहीं किया ऐसे लोगों को इस कल्याणकारी धर्मग्रंथ को समझना संभव नहीं है । राधे-राधे
@scorpianking0042 жыл бұрын
Thanks sir. Please continue this series. Hindustan ki sabse badi problem jati vyavastha hai.
@nandlalchogal75083 жыл бұрын
Hats off to Prof Mukesh for your factual questions. Please keep raising such issues.
@naushadchoudhrie18213 жыл бұрын
Thanks for explaining difficult subject.
@divyanshkumar64532 жыл бұрын
बहुत-बहुत धन्यवाद सत्य हिंदी को मनुस्मृति के सिद्धांतों को बहस में लाने के लिए और उस पर डिस्कशन करने के लिए मनुस्मृति के सिद्धांतों को लोगों के बीच में डिस्कस करना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज भी भारत का बहुत बड़ा हिस्सा इसी सिद्धांत से चल रहा है और हमें सामाजिक समरसता नहीं जाति का विनाश चाहिए।
@hardikgaming94523 жыл бұрын
MUKESH JI SIR AAP NE JO JANKARI DI HAI HAME BAHUT ACH CHHI HAI ES SE SAMAJ ME SAMJH BANEGI APP KO BAHUT DHANAY VAD
@sheikhsaab40922 жыл бұрын
Honourable Sir, Very very valuable and Knowledgeous information.
@AkhileshYadav-oe9ey3 жыл бұрын
हमारा संविधान हमें और हमारे समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है.. जबकि मनुस्मृति बिल्कुल इसके विपरीत हमें और हमारे समाज को प्रकाश से अंधकार की ओर ले जाता है.. जिस तरह से समाज विरोधी फिल्मों को बैन कर दिया जाता है, उसी भाँति इस विकृत मानसिकता वाली पुस्तक को बैन कर देना चाहिये.. और समाज में समरसता का भाव संचार का प्रसार करें..!!!
@ramjain81152 жыл бұрын
सत्य रूप में जो भी आसमानी किताबे पुरे विश्व में है वो कोई भी किताब सत्य रूप में आसमानी नही है । जिस वक्त जिस किताब का उदय हुआ व जिसने किया वो व्यक्ति उस वक्त अपने समूह पर अपनी बात रखने का प्रभाव रखता था व साथ ही साथ व्यक्तिगत तौर पर ताकतवर था अपने प्रभाव की ताकत को मजबूत करने के लिए उसने अपना दर्शन शास्त्र आसमानी किताब के रूप में प्रभावित कर अज्ञानता पर अपने ज्ञान की जीत करी। मात्र स्वयं की ताकत के पक्ष के लिए किया गया प्रयास व साथ ही साथ अज्ञानता की स्वीकृति और राज तन्त्र की बनने वाली ढाल में संयोग ने उसे 100% सत्य रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी शेशव के ज्ञान के रूप में प्रभावित ने मानसिकता में सत्य कर दिया । इसलिए यदि एक नए युग का प्रयास करना है तो सभी आसमानी किताबों को पुर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने पर ही मानवीय सभ्यता में बदलाव आएगा ।
@AkhileshYadav-oe9ey2 жыл бұрын
@@ramjain8115 कुछ लोग धर्म की राजनीती करके देश और राज्य की सत्ता को हथिया कर मुखिया के रूप में आसीन होना चाहते हैं। देश का कोई भी नागरिक चाहे वह किसी भी समुदाय से हो किसी भी धर्म में आस्था रखता हो उसको देश में किसी भी तरह का दंगा फसाद खून खराबा स्वीकार नहीं होगा .जहाँ केवल और केवल मानवता और मासूम की जान जाती हो। क्या हम और आप ने कभी इस बारे में सोचा है की हमारी भावना संवेदना क्यों उन राजनेताओं के हाथों में है जो कभी भी देश में शांति नहीं चाहते। क्यों किसी को हिंदुत्व खतरे में लगता है किसी को इस्लाम किसी को ईसाईयत खतरे में लगता है। परिवर्तन ही संसार का नियम है और समय के अनुसार स्वयं को ढालना ही समझदारी है, इतिहास गवाह है कि जो समाज वक्त के साथ नहीं चला वक्त ने उस समाज को इतिहास बना दिया.
@sanjayveer5003 жыл бұрын
ये पुनिया इस ने शायद मनुस्मृति नहीं पड़ी 😂 " सच का सामना - झूठ के साथ"
@nareshvardhan20602 жыл бұрын
मनु स्मृति बहुजन समाज के लिए एक गुलाम बनाने का षड्यंत्र है आपने इतनी अच्छी जानकारी दी आपका बहुत-बहुत आभार
@Khushal896543 жыл бұрын
अगर मनु स्मृति में नारी को तुच्छ समझा जाता तो फिर ये बहुत सारे श्लोक ऐसे हैं जो नारी के पक्ष में बृहद रूप से लिखा हुआ है । श्लोक इस प्रकार है :- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः । यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।। मनुस्मृति ३/५६ ।। Anvaya: यत्र तु नार्यः पूज्यन्ते तत्र देवताः रमन्ते, यत्र तु एताः न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफलाः (भवन्ति) । जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती है, उनका सम्मान नही होता है वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं। Where women are worshiped, there lives the Gods. Wherever they are not worshiped, all actions result in failure. शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम् । न शोचन्ति तु यत्रैता वर्धते तद्धि सर्वदा ।। मनुस्मृति ३/५७ ।। Anvaya: यत्र जामयः शोचन्ति तत् कुलम् आशु विनश्यति, यत्र तु एताः न शोचन्ति तत् हि सर्वदा वर्धते । जिस कुल में स्त्रियाँ कष्ट भोगती हैं ,वह कुल शीघ्र ही नष्ट हो जाता है और जहाँ स्त्रियाँ प्रसन्न रहती है वह कुल सदैव फलता फूलता और समृद्ध रहता है । (परिवार की पुत्रियों, बधुओं, नवविवाहिताओं आदि जैसे निकट संबंधिनियों को ‘जामि’ कहा गया है ।) The family in which women (such as mother, wife, sister, daughter et al.) are full of sorrow that family meets its destruction very soon; while the family in which they do not grieve is always prosperous.
@balleballey2 жыл бұрын
nhi bolege ye communist,khud kabhi boddh grant nhi padte aur nahi dhammpado ko
@prasadr16773 жыл бұрын
I am a hindu an ex-Defence ( NAVAY) doctor.i have read Buddhas history and Dhamma.it is very good and practical for living day to day life.No hatred no castism no lies.i saute buddhism.if we follow his teaching.India will not suffer like now
@rajdass41733 жыл бұрын
Manu smiriti is the basis of ideology of BJP rss and bramins
@vijayjosh58953 жыл бұрын
यह उनके आरक्षणकी नीव रखता है!
@ranasingh43563 жыл бұрын
Enjoy your reservation.
@vijayjosh58953 жыл бұрын
@@ranasingh4356 As you have been enjoying for thousands of yers by fooling masses, you lousy criminal.
@Patr60010 ай бұрын
@@ranasingh4356enjoy your relgion business reservation which three class already reserved for the communist for over centuries
@ranasingh435610 ай бұрын
@@Patr600 enjoy your reservation funded by the ones you hate.
@kalidassolanki73913 жыл бұрын
Good Infermation
@JavedShaikh-pb9ey3 жыл бұрын
जनाब मुकेश जी और जनाब पुनियानी साहब मैं आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूं
@bishwanathpaswan19592 жыл бұрын
Bahut hi badhia thank u
@ravipchhokar37923 жыл бұрын
जय फुले दम्पति, जय बाबासाहेब, जय छोटूराम, जय कांशीराम,,,,,,,,,,,हर समझदार और संस्कारी लोगों का फर्ज़ बनता है कि वो अपने जाति,समाज और धर्म की बुराइयों को समझकर स्वीकार करें और उन बुराइयों का निदान करने हेतु पुरजोर तरीके से अभियान चलाएं। धन्यवाद।।
@aalokraj92813 жыл бұрын
Great scholar ram puniyani jee🙏🙏
@jarvisenlightened8113 жыл бұрын
For me amazing point was Annihilation of cast vs Samajik Samarasata. It's really important to understand. Very micro observation.
@mukuldesai55782 жыл бұрын
माननीय मुकेशजी हिंदू संस्कृति के साथ साथ सनातन धर्म की कुछ बाते सुनी जाती है। तो एक खास कार्यक्रम सनातन के बारे में भी बनाया जाएं। 🙏
@saritaknowledgetv9 ай бұрын
प्रो मुकेश जी एवं डा पुनियाँ जी से निवेदन है की अपनी विचारों को रखते समय ए येस ऐ द्वारा प्रमाणित पुस्तकों को भी सामने रखे टाकी हमे पूर्णरूप से विस्वास होसके ।वरना वार्सप फेस बुक पर तों बहुत गपोड़ आरहेहै जी अति कृपा होगी
@ShivaShiva-iz6ki3 жыл бұрын
Agreed. Thank you Ram sir
@balasahebkashid54523 жыл бұрын
Very good studied knowledge and interpretation. God bless you.
@shailendrakapoor72023 жыл бұрын
Thanks Mr mukesh and Mr puniyani for exposing our religious lies propogated by these self appointed guardians of religion.What a shame.How do you change these old mindset.Keep on exposing them for the sake of poor folks and women
@mathematicalworld3502 жыл бұрын
व्यक्ति के ऊंच-नीच का निर्धारण उसके कर्म से होता है न की जन्म से।
@pkerketta352 жыл бұрын
Prof राम पुण्यानी ने मनुस्मृति और कास्टीज्म के बारे बेहतरीन तरीके से समझा दिया ; बहुत बहुत शुक्रिया और हार्दिक शुभकामनाएं।मनुस्मृति ब्राह्मणवादी सामाजिक सिस्टम के आधार का ग्रंथ _ जिसे बाबा साहेब ने जलाया था क्योंकि ये समता,बंधुता और स्वतंत्रता के खिलाप है।वर्ण व्यवस्था के आधार पर नीचे तीन वर्ण के लोग _ ब्राह्मणों की सेवा करेंगे। ब्राह्मणों के अधिकार : ९० प्रतिशत ( अर्थात कोई काम नहीं )और कर्तव्य १० प्रतिशत # मतलब साफ है । ब्राह्मणों को बैठे बैठे एसो आराम की जिंदगी। क्षत्रिय का काम _ ब्राह्मणों की रक्षा करना । वैश्य ; बिजनेस,पशुपालन और कृषि कार्य। शुद्र _ ब्राह्मणों की गुलामी में रहकर _ सेवा देना, महिलाओं की कोई इज्जत नहीं। सच्ची रिपोर्ट के लिए शुक्रिया।