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तेरा नाम गाऊ निस दिन तेरा रूप ध्याऊ
तेरे दर पे आके अब मै और कही ना जाऊ
मेरे शंकर बाबा ....... मेरे शंकर बाबा
दुनिया मे तुने कैसा खेल रचाया
यह खेल है गेहरा कोई समझ ना पाया
इतराए खुद पे वो ठोकर खाये
झुकना जो जाने उसने तुझको पाया
बिनती करू चरणों से तेरे हटे न मेरा ध्यान
दुख या सुख है प्रसाद तेरा दोनो एक समान
मेरे शंकर बाबा ........ मेरे शंकर बाबा
जो सच्ची शरण ले दुःख सब उसके मिटाये
मै जानू इतना की तू पार लगाए
चाहे आये आंधियां या गरजे तुफा...
रहे दिपक रोशन जिसको तू सवारे
निर्धन को धनवान बनाये अज्ञानी को विद्वान
जो चाहे सो एक पल मे करे तू रखे सबका ध्यान
मेरे शंकर बाबा ....... मेरे शंकर बाबा
This bhajan describes devotion and love in our hearts for Shankar Maharaj and also his powers which can rescue us from Trividh Taap only if we bow down to his feet with complete sharanaagati.
This Bhajan is written/arranged and sung by Shri Yogesh Narayan Tapasvi.
Recorded, mixed and Mastered by Abhijit Saraf, Musical Stars, Pune