सर सच में life आज तक ऐसी वीडियो पहली बार देख रहा हु,साथ मे आँखों से कुछ आंसू भी छलकने को तैयार हैं।जितने कलाकारों ने गाया और जिन्होंने डांस किया सच मे बहुत अनोखा था ।सर मुझे तो आज पता चल रहा है कि हमारी एक संस्कृति ऎसी भी है । धन्यवाद सर जी आपने इस video के माध्यम से हमें हमारी संस्कृति से रूबरू कराया।तहे दिल से आपका धन्यवाद सर जी।
@2700-c8m6 жыл бұрын
Deepak Manral BHAI ji jatiwad Hindu dharam ko ......... App Muslim fayada .......
@devbhoomipahad3 ай бұрын
नमन है इन कलाकारों को 🙏अगर इस प्रकार के कलाकारों को हमारे समाज में सम्मान मिलता तो शायद आज ये संस्कृति हमारे समाज में जीवित होती पर इस प्रकार की कला को कला के नजरिए से nhi बल्कि निम्न जाति के नजरिए से देखा गाया आज ये कला अगर लिप्त हुए हैं तो इसके जिम्मेदार हम लोग खुद हैं
@chandramohanarya792810 ай бұрын
संस्कृति वहीं जिसमें सभी को सम्मान बराबर
@arvindrawat67013 жыл бұрын
बहुत कुछ था जो अब नहीं और जो अब है वो आगे नहीं होगा 😔🙏🏻जय देवभूमि
@khemsinghchaudhary87213 жыл бұрын
आप ने बचपन की याद दिला दी क्या सुन्दर दृश्य हुआ करते थे उन दिनो
@darmyansingh8385 Жыл бұрын
आप को इस आखिरी पिड़ी के प्रस्तुत कर्ताओं को मै तैदिल से धनबाद करता हूं बहुत अछा लगा मन को छुंगया पुरानी यादें दिला दी आप ऐसे ही पोरूगारम दे ते रही आपको ढेर सारी शुभकामनाएं
@shahdinesh39242 жыл бұрын
बहुत सुंदर मनमोहक हमारे उत्तराखंड की संस्कृति जो आज बिलुप्ती की कगार पर है इस संस्कृति को बचाने का प्रयास कर देना चाहिए
@j.lmandoli98274 жыл бұрын
हम लोगों ने इनको सम्मान नही दिया इस लिए ये दिल को छूने वाली कला आज लुप्त हो गई है
@Aajad497 Жыл бұрын
लोग कितने नासमझ और नकारा थे जो इतनी सुन्दर और महान कला का मजाक बनाकर अपमानित करते रहे तथा आखरी पायदान पर धकेल कर नीच बना दिया जिसका परिणाम यह ह हुआ कि आने वाली पीढ़ी इस सुखद अनुभूति के लिए तरसती रहगी । उत्तराखंड में शिल्पकार समाज ने अनेक कलाओं से संस्कृति और सभ्यता को रक्षित और पोषित किया पर बदले में उन्हें अपमान झेलना पड़ा। वास्तु कला, बाद्य कला, ढोल सागर, संगीत कला, मूर्ति कला, तिवारीखोली, औजार शिल्पकला, कृषि यंत्र कला, घराट पनचक्की कला, वस्त्र निर्माण कला, वर्तनशिल्प कला, पवाडेऔर जागर कला के पारंगत सम्राट को अछूत बना दिया। वाह गजब की संस्कृति रही उत्तराखंड की। जिन में न था कुछ , उनमें रही अक्कड, जिनमें था हुनर, उन्हें मिला था नरक। धन्यवाद 🙏
@nandanram11658 ай бұрын
समाज के एक वर्ग के हाथ में मंत्र और दूसरे वर्ग के हाथ में वाद्य यंत्र और दोनों मिलकर ईश्वर का आवाहन करने की शक्ति रखते हैं। लेकिन दुखद एहसास समाज के एक कुशल वर्ग को वह सम्मान नहीं मिला जिस का पात्र था । कला कलाकार का अंग है और कला का विलुप्त होना एक अभिशाप। अभिशाप अदृश्य रूप में कार्य करता है, पलायन उसका एक अच्छा उदाहरण है।
@AmitKharreMusical4 жыл бұрын
Ye hai sachaa sangeet uttrakhand ka ye log bhagwan hain sach mein jo upar wale ne in kalakaron ko humare uttrakhand ki sachi aatma pradan ki hai.. dhanya hain ye sabhi kalakar🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@sobansinghpaliyal187710 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति एवं पुरानी जानकारी।अति सराहनीय कदम।
@gaversingh58374 жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर लोक गीत व मनमोहक लोक संगीत व नृत्य । यह कला व संस्कृति सदैव रहे ।धन्यवाद
@BirglalSha2 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद यह पुराने संस्कृति जिनको बड़ी बोलते थे गढ़वाली
@bhimsinghrauthan64876 жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति पुरानी यादें स्मर्ण हो गयी कम कम से 30साल से नहीं देखा यह बाद्यनृत्य को शायद अब देखने को मिलेगा नहीं सब पुरानी परम्परा बिलुप्त हो गयी या होनी की कगार पर है जिस सजन ने यहा विडियो डाली है बहुत धन्यवाद
@Guruaashees Жыл бұрын
जो लोग तुम्हारा मनोरंजन करते थे उनके बाल उखाड़ कर प्रसाद बांटा जाता था वाह कितनी सुन्दर थी।तुम्हारी संस्कृति ऐसा व्यवहार लोग जानवर के साथ भी नहीं करते हैं।यदि इन कलाकारों को सम्मान मिलता तो आज भी ये संस्कृति जिन्दा रहती।
@nandanram11658 ай бұрын
संस्कृति को बचाने का सामूहिक दायित्व है ना कि किसी वर्ग विशेष का। आज विद्या, कला के द्वार सबके लिए सम भाव में खुले हुए हैं। कोई भी व्यक्ति जातीय समीकरण से बाहर आकर कुछ भी काम कर सकता है तभी संस्कृति की चिंता करने वालों की चिंता दूर हो सकती है।
@ankitduttdimri5 жыл бұрын
मुझे अपनी उत्तराखंड की महान संस्कृति एवं विरासत पर गर्व है।
@ajayajjunegi40046 жыл бұрын
Syd hum log beech me kahin batak gye the but Syd hum logo ko ehsaan ho rha h ki wahi din sbse acche the or mujhe khushi h iss baat ki ki hum dobara apne culture ko jinda rkhne ka prayas kr rhe h.. Jay uttarakhand
@anjalieducationalinstitute6106 жыл бұрын
Jugraj raiya Kalakar documentary maker and indeed Long Live our Garhwali sanskrit, Sain Singh rawat
@officialhukamsinghranahsr0110 ай бұрын
इस बेडा गीत व बेडिण का नाच पहुत पुरानी याद आ रही है जो 1978 के समय मे था
@amrishbhattuk0134 жыл бұрын
कोटि-कोटि नमन यों माहान कलाकारों तै जोंमू इतनी अनमोल संस्कृति च
@ukdevdarshan8116 жыл бұрын
बहुत ही सुंदर हमारी ब्लॉक संस्कृति जोकीहाट विलुप्त होने की कगार पर है
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
अब कख गय यना बैडा गीत
@c.kthapliyal41016 жыл бұрын
Bhahut hee khoobsoorat prastuti, is documentary main jis tarah say बाद्दी गायन एवं नृत्य ko saman aur izzat dee hai aur jiskay wo bhahut pahle hakdar they sayad wo samman ,izzar aur unki mahnat ka inam agr unko milta to sayad i parampara aur phalti poolti. isi tahra hamare dhol damau bhee khatam ho gayenge uskay jimedar ham sab hai jo apni sadi byao main inko bhool gate hai agar koi bulata bhee hai to inko inkee mahnat kay hisab say kuch bhee nahee dete. islay kyo yeh apne baccho ko yeh sab sikhayenge
@mahabirgosain44696 жыл бұрын
अति उत्तम, प्रशंशनीय प्रस्तुति।धन्यवाद, एवं आभार आपका, सभी कलाकारों सहित।
@Malasi_gr_vlogs5 жыл бұрын
जब हम छोटे थे तब यह बादी नृत्य होता था आज उसकी जगह डी जे ने ले लिया है हमारी संस्कृति धीरे धीरे लुप्त होती जा रही है
@ranaarjun94076 жыл бұрын
बहुत बढ़िया जय देव भूमि उत्तराखंड
@sudamabhandari25036 жыл бұрын
Prof. Sudama Singh Bhandari it is a great effort to protect and revive our tradition and culture.
@arvindshaharvindshah71937 ай бұрын
हम ने इनकी कला का स्वाद लिया और खूब इंज्वाई की और हमने इनको इन्सान नहीं समझा और , शादी में हंसता माहौल बना कर के लास्ट में उनको सभी के खाना खाने के बाद उनको ठंडा खाना दिया जाता था , और बजाने के बाद उनका त्रिशकार किया जाता रहा , इज्जत नाम की कोई चीज ही नहीं रही इसी लिए उत्तराखंड की ये लोक सस्कृति बिलुप्त्त होती गई । आज लोग गांधी नाम पा लिया और ये लोक कला कार जो उनके साथ में नाचगान किया करते थे और , पांडव नृत्य, ढोल , दमाऊ बजा कर , केदार नृत्य कर दिल्ली लाल क़िले पर प्रथम प्रधान मंत्री जी श्री पण्डित नेहरू जी के साथ केदार नृत्य किया आज वो लोग अपने अपने घरों में बैठे हैं उनकी कला का कोई कहीं भी मोल भाऊ नहीं रहा। बहुत दुःख होता है जब कला कार के साथी , नाम पा कर कहीं का कहीं कहीं पहुंच जाता है , और पहुंचाने वाले अपनी अपनी कला को लेकर घर बैठ जाते हैं , परंतु उनको पहुंचाने वाला , उन कला कारों को कहीं मंच भी नहीं देता बहुत दुःख की बात इस से क्या हो सकती है । इसी लिए उत्तराखंड की लोक संस्कृति विलुप्त होती रही । परंतु अभी भी उन कला कारों के लिए लोगों की सोच कदापि नहीं बदली ।
@sanjaysati8764 Жыл бұрын
उचित सम्मान, अवसर, मंचों, अपने लोक कलाकारों को सम्मान न दिया जाना। इस प्रयास के लिए आपका बहुत आभार 💐
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
क्या ऐसे सामाजिक कार्य कर्म कैसें दिखने को मिलेगे अब तो ऐसा कोई देखना ही नही चाहता है
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
जै हिन्द अपणी पुराणी गढवाली परम्परा कै
@nandanram11658 ай бұрын
Excellent Research, deserves all praise. It must be enhanced broadly.
@satishnautiyal38926 жыл бұрын
Sanskriti ko jeevit rakhne ke lie umda prayas 👌👍🙏
@itsmylife696 жыл бұрын
hats off .... to MGV Digital for reviving such things....
@birendrarawat1806 Жыл бұрын
Bahut dukhad baat h hamne bachpan me bahut sune the baadi geet
विलुप्तप्राय पूर्णतः हो गई है विडम्बना ही है उनकी खाशियत समयानुसार तुरंत घटनाओं पर आधारित जीवन्त शब्दावली गीत गायन ही रहता था धार्मिक और लोक संगीत पर 🥰 🥰 परन्तु आज कल कैमरा और मोबाइल क्रांति ने घर घर शार्ट विडियो के नचाड पैदा कर दिये हैं बस लाइक कमेंट और स्टेटस के दूसरे रूप के।
@sabestianwhite50896 жыл бұрын
धन्य है सादर नमन यों तै
@birjeshkumar46006 жыл бұрын
Lagbhag vilupt Hoti prampra ko thoda Sa Pani dene k liye .mahubhao Ka bhut aabhar ..heart touching..
@sohansajwan3895 жыл бұрын
Sax. Bf
@darshanjoshijaivisunobhgwa34076 жыл бұрын
Darshan joshi JOLA kya bat he negi bhi Dil khus hogya
@udaisingh23646 жыл бұрын
Very nice a old song bachapan ki yad aa gai thanks for all team
@santoshnegi52375 жыл бұрын
सत्य कहा आपने आपका सराहनीय पहल ।
@laughterhouse32733 жыл бұрын
Thank you for giving a slight glimpse of our rich culture I am sure that MGV will grow our culture like this With regards ASHISH KOTHARI
@alokdangwal6 жыл бұрын
हार्दिक धन्यवाद और आभार MGV डिजिटल 💐💐💐क्या सुन्दर डाक्यूमेंट्री थी। जैसा कि मैं देख रहा हूँ ऑडियो वीडियो क्लिप्स पुरानी है और क्वालिटी में उतनी अच्छी नहीं है। पर जितने भी कलाकार इस डॉक्युनेंटरी मे दिखाए गए है वो सब एक से बढ़कर एक है। बहुत बहुत धन्यवाद सम्पूर्ण टीम का।
@gumansingh98556 жыл бұрын
Wakai hi purani pramprow ka aant ho rakha h KU samalalu you samlod Thai Chanel ko DHanyabad
@bhuvanjoshi84836 жыл бұрын
Alok Dangwal
@Aajad497 Жыл бұрын
सत्तालाल के बोलों से प्रतीत होता है कि प्रत्येक व्यक्ति शिवरुप है वह कहता है शिव (किसी शिल्पकार मिस्त्री)को सम्बोधित कर कह रहा है कि वह गजले(गहरे घने जंगल में)थाह ले रहा है और उसे सांत्वना दी जा रही है कि अब अपमान या दबाने की वजह पर अन्वेषण मत करो या व्यथित मत रहो। यहां श्रेष्ठ व्यक्ति ही शिव है यह गाथा प्रकट करती है कि श्रेष्ठ व्यक्तित्व को दबाकर हास्ये पर धकेल कर तिरष्कार के परिणाम स्वरूप नीच बनाने का दुखद वर्णन है। हाथ में कुल्हाड़ी कंधे पर बसूला वाला शिल्पकार शिव है । शिल्पकारों की महान विरासत को नमन है।
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
क्या गढवाली पुराना बेडा गीत व नाच अब कख मिलला
@rajinderjoshi20484 жыл бұрын
Very nice video aap sabhi ka dhanyawad waqt waqt ki bat hai sir. Shayad ye he hona tha ram ram
@jpuniyal91182 жыл бұрын
बहुत सुंदर 👍
@balbirranasingh5029 жыл бұрын
Apni uttrakhand ki sanskriti ko bachane ka bahut achachha prayas hai
@udaisingh23646 жыл бұрын
Very nice song jai uttarakhand jai badri vishal Udai Singh Rawat
@bijendrasinghrana91432 жыл бұрын
Jo kal thha O aahe nahin hai Jo aahe hai O kal nahi hoga Jai dev bhoomi uttarakhand
@माँनंदादेवीज्योतिषज्ञानगंगा6 жыл бұрын
Bahut hi Sundar kary kar rahei ho aap is sanskriti ko lupt hone se bachao Mera bhi namskar
@sumerchandchef47396 жыл бұрын
वेरी नाइस
@amrishbhattuk0135 жыл бұрын
बंधुवर या हमारी अनमोल विरासत चै जैंगी कोई कीमत नी या विरासत हमून गंवैली अर ईं विरासत तै गवोंण मा हमारी आज की पिडी कू सबसी बडू हाथ च बडी दुख की बात च अभी भी हम सभी तै यांगा बारा मा सोचण पडलू भै बंधु
@sidhepahadse56825 жыл бұрын
Very nic video...Dukh hua bahut ki uk ki sanskriti lupt ho gyi h...
@rameshnaithani12279 жыл бұрын
Bahut sundar bilupat hoti hui sanskriti
@MaheshKumar-fw1rb4 жыл бұрын
I love my Uttarakhand
@sureshkothari83295 жыл бұрын
I remember to have seen Beda in my childhood in my village in There Garhwal
@surajsurajsing56399 жыл бұрын
bahut badhiya kaam kiya hai
@RamSingh-sd5lu5 жыл бұрын
pari wartan hi sansar ka niyam h ...here Krishna
@ranveerrawat83646 жыл бұрын
Gr8 Bhai jee 👌👌
@घुघुतिबसूति3 жыл бұрын
बहुत सुंदर 👏👏
@AnilKumar-gv4lh6 жыл бұрын
सस्कृति के नाम पर मजबूरी कहना ज्यादा तर्कसंगत होगा कलाकार और शिल्पकार जाति उत्तराखंड मे अछूत के रुप आज भी है जो मजबूर है आज भी इस काम को कर रहे है बाकी जो लोग सस्कृति का नाम देकर इस को प्रोत्साहन देने या दे रहे है वो आदमी के जन्म से या जाति काम न कर कलाकार और शिल्प कार का काम हुनर पर आधारित है जो कोई भी कर सकता है।
@nandanram11658 ай бұрын
Yes, I entirely agree. Every individual maintained dignity. In so far as Himalayan Hills are concerned, caste based society never extent regard to them and, hence, migration was the only way.
@nandanram11658 ай бұрын
Exclusive. Art and music are hidden trait it has all power to adore and lure the Universe. Unfortunately, we ignore both and prefer to keep aside the society they belongs to. Today, it may be one of the main reason of migration.
@premajuyal96956 жыл бұрын
Bahut hi sunder prayaas
@nandanrana20066 жыл бұрын
गौरवशाली परम्परा
@sanjaymilanbandkhetu6 жыл бұрын
सुन्दरम्
@virendrarana33929 жыл бұрын
bahut hi achchha prayas hai
@radheshyasemwal33666 жыл бұрын
बहुत सुन्दर जी
@hayatsingh20806 жыл бұрын
बहुत सुन्दर
@officialhukamsinghranahsr01 Жыл бұрын
आज नाच गानेवाले कितने भी महिला पुरूष हो इस परकार् के निरतया करके दिखाये तब तो मै भी मानु
@Harendrasingh-hb1oq6 жыл бұрын
Bahut Sunder
@ajupadiyar83963 жыл бұрын
Bhut sundr aajkl ke faltu ganu ki sath yh prmpea vilupt ho gye
@gopalrawat64615 жыл бұрын
गढ़वाली कविता श्री गढ़देशी रावत 2018.
@optimusprime90885 жыл бұрын
जब हम छोटे थे तब हमारे गॉव मे लाग लगती थी बास के ऊपर घूमते थे शिव पारवती बनते थे रात भर जागे रहते थे गॉव के लोग बारी बारी से खाना व पूरा सयोग होता था काफी सून्दर लगता था पर रात को लागते थे जब सोये रहते थे जब लाग लग जाये फिर डोलक बाजते थे काफी डर लगती थी जब ऊपर लाग पर घूमते थे 🙏🙏🌷🌺🌷🌺🌷🙏🙏
@ShankarsinghPundir-kz8gx Жыл бұрын
इस परम्परा को कैसे जिंदा रखा जाय.
@sandeeprwt3004 жыл бұрын
❤️❤️❤️
@bijendrasinghrana91432 жыл бұрын
Ye sanskriti Shabdon mein Baya nahin kee ja sakti Jai mata di
@veerandrachauhan19366 жыл бұрын
bahut badiya
@chandrashekharkumeri55366 ай бұрын
Jo hota hai theek hota hai.
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
ईन लोगौ पर भी शराबी लोगो का ग्रहण लग गया है
@officialhukamsinghranahsr013 жыл бұрын
Koyi garwali ab hai jo in gaano ko sunege or inko punrajivit.karane ki kosis karege
@ragveersingh42794 жыл бұрын
क्या कभी लौट के आएंगे 1 दिन
@laxmanbisht26386 жыл бұрын
Samay ky saath sab badal jatta hai.
@sanjaysinghrana8416 жыл бұрын
बनवारीलाल जी हमारे गांव है पर अब नहीं बजाते
@darmyansingh83852 жыл бұрын
मैं daramyn singh rana guto bilang आपका दिल danhbad करते हे
@harishsemwal91235 жыл бұрын
वा सुंदर
@dayanandchamoli93433 жыл бұрын
👏👏👏👏👏🙏👌👌
@shishpalsingh42956 жыл бұрын
sp..sab
@chandrapalsinghparmar20549 жыл бұрын
kabiletareef work
@danialsinghrawat17315 жыл бұрын
बचपन याद अै गै
@maheshdevrani37335 жыл бұрын
Sh. Dr. Purohit ji ko dhyanwad jo Garhwal ke Sanskriti Ko sanjoyan hai. Mahesh d eorani
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
अब कहॅ मिलेगे ऐसे गीथ
@officialhukamsinghranahsr012 жыл бұрын
क्या ऐसे रिती रिवाज अब कैसें दिखेगे
@kamalsinghrana46636 жыл бұрын
सब कुछ खत्म हो गया हमारे गढ़वाल से औऱ पलायन भी हो रहा है, बस बचा है नेतागिरी ओर शराब
@uttarasingh64945 жыл бұрын
Pahali baat yah hai ki longo ke beech pyar mohbat khatam hota ja raha hai.
@formencardf41103 жыл бұрын
🌟
@malabaluni24573 жыл бұрын
👍👍
@splendidpahadi5 жыл бұрын
Btao sir kya krna h?..Khali soch ke ki ho jayega karke kuch ni hone wala...Batayein kya krna h?