गुरु जी आप की दया हैं ❤ सभी जीव पर अपकी सदा ही जय हो ❤
@omprakashshahi34902 ай бұрын
Satnam saheb bandgi
@GangaRam-z1d2 ай бұрын
Satnam sahib bandgi 🎉🎉🎉🎉
@puspendrakumar89962 ай бұрын
Jay ho kabir sahab ki
@rajjanbabu41542 ай бұрын
Saheb bandagi satnam 🙏 saheb ji ❤❤❤❤❤
@KrishnaDevYadav-z2wАй бұрын
Satnam Saheb bandgi Nitin das guru ji aap ki kripa Jo sabad ved khole hi
@samratsharma81723 ай бұрын
Sahib bandgi satanam guruji
@NareshWellness3 ай бұрын
Sahib bandgi satnam ❤❤❤❤
@samratsharma81723 ай бұрын
Bahut hi vivaki ho gaya hun guruji aapki krupaa se
@RaviWellness3 ай бұрын
Satnam sahib bandgi, Satnam 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@sureshmehta3368Ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ ATI Sundar❤❤❤❤❤❤❤❤,,
@LaltatiwariLaltatiwari-hj9zs3 ай бұрын
चरन कमल में साष्टांग प्रणाम करता हूं परमपिता परमात्मा तेरी सदा ही जय हो सत्य कबीर साहेब बंदगी सतनाम जी आत्म देव की जय हो ❤
@PremWellness-t1i3 ай бұрын
Satnam ❤❤
@dharmendrarajput2547Ай бұрын
@@PremWellness-t1imujhe naam daan lena hai.
@RavendraShingh-ve1jb3 ай бұрын
नितिन दास जी सर शब्द का अनुभव सूत्र परमात्मा ही करता है किसी दही गुरु की ताकत नहीं
@Mayank-f7g2 ай бұрын
satnam
@NARESHKUMAR-i3o9z3 ай бұрын
Sant kabir sahab ki jai ho ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@Viral_video.67893 ай бұрын
Sant kabir nhi😮 Kabir is GOD hai . bhaiya ❤sat sahib ji Bandi Chod sat guru Rampal Ji Maharaj ke Jai ho ❤,🙏🙏
@NARESHKUMAR-i3o9z2 ай бұрын
@@Viral_video.6789 khud Bandi hai kya murho vali baat kar rhe ho , sant ke name dba hai smje
@ramkeshmeenameena25523 ай бұрын
शस्त्रों में बताये कोनसा हे
@Moolgyankabirsahab2 ай бұрын
Gupt gyan hai ye youtube par nhi milta sacha guru bta sakta hai aapke pas pehle se hi hai, par hme pta nhi h
@amituniyal4899Ай бұрын
काल काल काल, दयाल से पहले काल की जानकारी होना जरूरी है, जहां तक भवसागर है वहां तक काल है, काल दिखता कैसा है, काल को भी तो दयाल ने ही बनाया, महाप्रलय में भंवर गुफा के नीचे तक सब समाप्त, तो फिर सारी आत्मा अपने आप ही पार हो जायेंगी, काल को सतलोक में आने की आज्ञा नहीं है, तो फिर महाप्रलय के बाद काल कहां जायेगा, एक आत्मा का स्वरूप सोलह सुरज के प्रकाश के बराबर, दयाल का स्वरूप अरबों खरबों सुरज के प्रकाश के बराबर, काल या सोलह ब्रह्म जो दयाल ने बनाये उनके स्वरुप का प्रकाश कितना है, सोलह ब्रह्म में आत्मा भी आती है, मतलब काल ओर आत्मा का प्रकाश बराबर, बावन अक्षर काल के जाल, तो अक्षर देने की जरूरत क्या है, लुकमान लुकमान कहने से या जपने से, धनवंतरी जपने से सारे वैघ हकीम डाक्टर सब की छुट्टी हो जायेगी, कबीर साहब धरती पर आये पहले संत बनकर, क्या कबीर कबीर जपने से मोक्ष मिल जायेगा, नाम तो सारे अक्षर मे है कोई भी पंथ हो, ध्यान की विधि के लिए नाम का प्रयोग किया जाता है, शब्द से सब उत्पत्ति हुई, शब्द को पकड़ना ही आत्मा का लक्ष्य है, नाम भी एक मुकाम पर जाकर शब्द से ही जुड़ता है, वह शब्द कोई देने की चीज वस्तु नहीं है, उससे तो सब है, उसे पकड़ने की जरूरत है, गुरु परम्परा कबीर साहब से ही है, आपको लगता है आपका गुरु या कोई ओर गुरु अधूरा है तो कबीर साहब की तरह उसे शब्द से जोड़ दो, अगर खुद शब्द से जुड़े हुए हो तो, विधि तो सारी काल की है, शरीर काल का है, थ्योरी तो अनगिनत है संतमत पर भी, शब्द तो एक ही है, शब्द की बात कोई नहीं करता इसलिए कि यह बताने के लिए नहीं होता, बताओगे कैसे काल का ही कोई उदाहरण देना पड़ेगा, शंख घंटा बांसुरी मृदंग बंसी आदि मिलती जुलती ध्वनि, काल से बिना मिले काल के लोक को पार कर सकते हो, कबीर साहब धरती पर आये तो एक साथ सबको पार ले जाते, क्या इतनी शक्ति नहीं थी उनमें, या अपने बनाये हुए काल से ही डर गये, काल के नियम, जिसने काल को खुद बनाया उसके लिए कोन सा नियम भाई, लेकिन ऐसा होता ही नहीं है, सृष्टि समाप्त हो जायेगी, तो फिर सृष्टि को चलाना कोन चाहता है काल या दयाल, काल भी बिना शब्द से जुड़े कुछ नहीं कर सकता, काल कुछ करता ही नहीं है, जो कुछ भी चल रहा है वह शब्द ओर प्रकाश से ही चल रहा है, ध्यान प्रकाश को देखने की विधि शब्द को पकड़ना या सुनना भजन की विधि, जो कुछ एक समझता है या एक पंथ एक धर्म एक समुदाय समझता है वह दूसरा नहीं समझता, यह मन की बात हो गई, कबीर ओर कबीरा जपने से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, तो फिर नानक ओर नानका या गरीब ओर गरीबा या फिर पलटु ओर पल्टा ओर भी, हद कर दी भाई, लुकमान ओर लुकमाना जपने से दुनिया का कोई भी सर्वश्रेष्ठ हकीम बन जायेगा, धनवंतरी ओर धनवंतरा जपने से सबसे बड़ा वैघ बन जायेगा, काल का दिमाग खराब हो गया जो मनुष्य योनि बना दी जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जायेगी, अपने पांव पर खुद कुल्हाड़ी मारेगा, जरुरत ही क्या थी मनुष्य शरीर बनाने की जब काल इतना ही बेकार निरदयी ओर भी दुःख देने वाला है तो, काल सिर्फ अपना काम कर रहा है काल को चलाने वाला भी उसके ऊपर बैठा है, बस मेरे गुरु बड़े मेरा पथं बड़ा मेरा ज्ञान बड़ा, क्या गीता के चार श्लोक वेद के चार श्लोक से प्रमाणित हो गया कि मैं सबसे अधिक जानता हूं, सब तो अक्षर काल के हैं तो किससे क्या प्रमाण कर रहे हो, बिना अक्षर के कुछ भी नहीं लिखा गया तो क्या प्रमाण, काल है अक्षर तो सब, सारी वाणियां अक्षर में ही है, शब्द को पकड़ना, जिस दिन असली शब्द पकड़ में आ जायेगा, नकली तो अपने आप ही छूट जायेंगे, बच्चे से चारों अवस्था में जाते हो तो अपने आप ही अवस्था छूट जाती है, ओर शरीर जलने या दफनाने के बाद अवस्था भी, संतमत अध्यात्म सनातन, मजाक बना दिया सबने, कहते हो मन हमारा बस में है, जिसमें भी दम है शब्द से जोड़ों ओर पार करो भवसागर से, यह थ्योरी तो सब काल ही है, नहीं ऐसा नहीं होता, काल के नियम, पहले काल से तो मुलाकात कर लो, देख तो लो काल दिखता कैसा है, गीता का ज्ञान काल का है, ओर प्रमाण गीता से देते हो तत्व दर्शी संत, फिर कहते हो पांच परसेंट काल ने गीता में झूठ बोला है, काल को सच बोलने की जरूरत ही क्या थी, वह तो जाल बनाता है सब झूठ ही बोलेगा, शर्म कर लो कुछ अपनी मानसिकता पर, जिस दिन जो असली आयेगा ना करके बतायेगा, खुद को नहीं मालूम सत्य क्या है और सत्य के ठेकेदार बन गये , अच्छा है यह खेल है तो खेलते रहो जब तक खेल सकते हो.
@d.r.l.sahebbandgi98112 ай бұрын
बिजनेस है
@Moolgyankabirsahab2 ай бұрын
Koe baat nhi bhai
@d.r.l.sahebbandgi98112 ай бұрын
रामपाल जी जैसा बिजनेश
@Moolgyankabirsahab2 ай бұрын
Tune kitne paise deye sahib ko
@dharmendrarajput2547Ай бұрын
Mujhe apni saran me le lo.
@MoolgyankabirsahabАй бұрын
Guru ji se msg kro what's aap p or diksa lo bhai
@Viral_video.67892 ай бұрын
Nitan ji sar shabd ka ap ko pata nhi
@Moolgyankabirsahab2 ай бұрын
Aacha. Satkabira Satkabir ye sarsabad hai ,Jo jap rhe ho ,Murkha nndo ki kmi nhi 52 aksro me sarsabad nhi hai
@Viral_video.67893 ай бұрын
Kal ka doot to nitan das hai jo Logo ko bharmit kar raha hai ru
@Moolgyankabirsahab3 ай бұрын
Brmit to jo mantro dhup deep agerbati me atke hai vo hai, Sahib to logo ko nikal rhe hai
@Moolgyankabirsahab3 ай бұрын
Brmit to tum pehle se hi ho jab se mala retne lge thy
@shailendramandal26792 ай бұрын
@@Moolgyankabirsahab To
@RavendraShingh-ve1jb3 ай бұрын
संत जी सर शब्द आपके आप भी नहीं अनुभव करसकते
@anitasaini83183 ай бұрын
सबके पास है सूनी सेज ना कोई , मोतियाबिन्द हो गया है माया में सबकों,,🙏
@balbirsinghtomar65333 ай бұрын
@@RavendraShingh-ve1jb साहेब पहले ये तो जानलो अनुभभ ज्ञान किसका है और कोन अनुभव कर रहा है
@balbirsinghtomar65332 ай бұрын
@@RavendraShingh-ve1jb साहेब अपने आप प्रकट होता तो अभी तक कितने ऋषि मैनी हुए उन्हें क्यों नही हुआ
@balbirsinghtomar65332 ай бұрын
@@RavendraShingh-ve1jb साहेब सार नाम तो कबीर साहेब ने बता रखा है किंतु ये भरमाऊ गुरुब भटका रहे है भरम मैं दल रखा है इन भरमाऊ गुरुओं ने। लोभ लालच छोड़ेंगे नहीं मनमुखी गुरु बन जाएंगे
@mukatram6922 ай бұрын
abhe pravachan de bhai youtube ki tippidhi mat kro kro tbse bs video video kr ra
@Moolgyankabirsahab2 ай бұрын
Tere ko kya problem hai fir bta
@balbirsinghtomar65333 ай бұрын
आप खुद भरमा रहे है झनकार शब्द है। और वह अनहद है
@Moolgyankabirsahab3 ай бұрын
Ye bhi alag alag hota hai hai Bhai
@balbirsinghtomar65333 ай бұрын
@@Moolgyankabirsahab क्या अलग अलग होता है शब्द। शब्द तो एक ही है शब्द अक्षर आवाज धुन विदेह एक ही है और निः अक्षर निः तत्व निः शब्द अलग है अब यह कबीर साहेब बोलते अशब्द विदेह अक्षर है भाई तुम निः अक्षर रहो समाई तो साहेब। नितिन दास जी ना अक्षर का निर्णय। कर पाए ना निः अक्षर निः शब्द का। नितीन दस जी तो जो कबीर बानी मैं लिखा है वही सुना रहे है बो ये नही जाने विदेह पुरुष कोन है और क्या नाम है और नाही वह निः अक्षर निः शब्द को जाने। तो साहेब मुझे ये बताओ नितिन दास जी। आप लास्ट दीक्षा मैं सुरती को शब्द मैं लगाओगे या फिर सार नाम मैं। क्योंकि लास्ट दीक्षा मैं कबीर साहेब ने सिर्फ एक नाम ही देने को बोला है दो नही साहेब बताओ तो मैं आपका चेला बन जाऊंगा