Рет қаралды 3,949,079
Follow Me On Insta 👉 / sumitpatilfilms
For Buissness Contact 👉 roseymanali82@gmail.com
MY CAMERA - amzn.to/33d50tx
MY LAVALIER MIC - amzn.to/2CWtyfF
MY ON CAMERA MIC - amzn.to/3hUsqbc
MY ACTION CAMERA - amzn.to/2D5LgNF
MY USB CONDENSER MIC - amzn.to/3gin74X
This video is all about 16-17th-century hill fort near Sabalgarh, Madhya Pradesh .Sabalgarh Fort is built in the Rajasthani style. Sabalgarh fort is situated on a large hill of Sabalgarh, which may have also contributed to the city's name. The foundation of this Sabalgarh fort was constructed by a Gurjar King, SabalaSingh . This fort has three main gates, and one temples is located within the fort. Presently, the fortress is in ruins and in bad condition also there are infamous stories of hauntings and ghosts. Sabalgarh Fort was surrounded by an outer fortification wall of 1,800 meters in length on the north and the west side.The fort consists of a defensive wall structure and one main palaces and so many other buildings. The fort has been controlled by a number of different kings in its history. the fort has so many mahals which are a fine example of Rajput architecture. The inner part of the sabalgarh fort had palaces, residences for the generals of army.
दोस्तों हम आये है मध्य प्रदेश में .यहाँ पर हेर जिले में हमे कोई न कोई ऐतिहासिक धरोहर देखनेको मिलती है.आज हम ऐसीही एक खुबसूरत गाथा हुए किले को एक्स्प्लोर करनेवाले है. किले का नाम सबलगढ़ , मोरेना से लगभग ७० km दूर सबलगढ़ में ही ये किला बसा है. इसकी ख़ास बात ये है की ये किला ४०० साल टाक किसी दुश्मन हाथ में नहीं गया ,बहुत सारे आक्रमण के बाद भी इस किले को कोई जीत नहीं पाया था. तो ऐसी क्या बात है इस किले में और वोह दुश्मन की कौनसी कमजोरी होगी इस किले को न जीत पाने की यही आज हम जानेंगे तो बने रहिये आखिर तक बहुत मजा आनेवाला है.
१७५० में एक युरोपियन यात्री ट्रीफन थ्रेलेर यहाँ से होकर गुजरा था उसने अपने वृतांत में इस किले का जिक्र भी किया था की ये किला बहुत ही मजबूत और सुंदर है. इसका निर्माण १६ वि शताब्दी हुआ था ऐसा बताया जाता है.
ग्वालिएर गजेटीअर के मुताबिक इस किले का निर्माण सबला सिंह गुर्जर ने १६ वि शताब्दी में किया था पर वोह तब अधुरा रहे गया . और इसे बाद में करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने १७ वि शताब्दी में पूरा किया.सबला सिंह गुर्जर रजा गोपाल सिंह के दरबार में ही रहा करते थे और उन्होंने इस किले की नीव रखी. और उन्हिकेही नाम से इस किले का सबलगढ़ रखा गया था. वोह उनके जीवनकाल में इसका पूरा निर्माण नहीं कर सके इसलिए इसे पूरा रजा गोपाल सिंह ने करवाया.बहुत ही मजबूत ऐसा ये किला है .यही वोह वजह है हेर दुश्मन की नजर इस किले पर पड़ी और हर कोई इसे हासिल करनेकी कोशिश में था पर इसकी मज्बूति की कारन ही इसे कोई जीत नही सका.
१७ वि शताब्दी में ही इस किले पर दिल्ली के शासक सिकंदर लोदी की नजर पड़ी और उन्होंने किलेके बारेमे और जाना. उसकेबाद उन्होंने एक बड़ी सेना लेकर इस किलेपर आक्रमण किया था. और उन्होंने इसे अपने कब्जेमे भी लिया था.पर फिर मराठा राजोने मिलकर फिरसे आक्रमण करके किलेको उससे हासिल किया और रजा गोपाल सिंह को सौप दिया. सन १७९५ में दतिया के महाराज बाजीराव ने भी सबलगढ़ पर आक्रमण किया और इसे जीत लिया था, लेकिन बाद में सिंधिया राजवंश ने इसे दतिया नरेश से मुक्त करके कुछ भाग करौली नरेश को वापस किया और कुछ अपने पास रख लिया.
ये किला अभी संरक्षण विभाग ने संरक्षित किया हुआ है .बहुत ही खुबसूरत ऐसा नजारा है इस किले का. किले के चारो तरफ हरियाली ही हरियाली है , अन्दर एक बडासा तालाब है इसमें साल भर पानी की कोई कमी नहीं होती . ये किला राजस्थानी शैली में बनाया गया है. इसे देखकर हम इसकी भव्यता का अंदाजा लगा सकते है. जिसके तीन दरवाजे है. वोह मई आपको दिखाऊंगा . और कई मंदिर इस किलेके अंदर बने है. इसमें जगन्नाथ जी का मंदिर मेन और बड़ा है. चारोतरफ पहाड़ देखनेको मिलेंगे आपको यहाँ. यही कारन है की ये किलेकी खूबसूरती लोगोंको भा गयी है और ये किला अब अतिक्रमण के शिकार में जा रहा है. पर्यटन विभाग इसे पर्यताकोंके लिए विकसित करनेकेलिये प्रस्ताव पर काम कर रहा है, लेकिन आज तक यदा कदा जीर्णोद्धार के नाम पर राशि तो खर्च हो गई है पर जीर्णोद्धार अहि हो सका. जितना हो सके मई आपको दिखानेकी कोशिश करता हूँ .यही नहीं बल्कि किले के ही परिसर में खाली पड़ी जमीं पर लोगोने अतिक्रमण करके भवन निर्माण कर लिए है. लेकिन नहीं ASI का इसपर ध्यान है और नहीं जिला प्रशासन का. इस अतिक्रमण की जिम्मेदारी लेनेको प्रशासन भी तैयार नहीं है उनका कहेना ये है की किले के भाग में वोह अतिक्रमण है ही नहीं. हकीकत कुछ भी हो पर ये बढती बस्ती किले के अस्तित्व को मिटा रही है ये बात हम नहीं ताल सकते. यहाँ की कुब्सूरती कुछ दिनों बाद मिटने वाली है. ये सुंदर ऐतिहासिक धरोहर लोगोंकी बढती लोकसंख्या के कारन मिट रही है. इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए.
MUSIC - Minor With Cricket by Audionautix is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 license. creativecommon...
Precipice by Twin Musicom is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 license. creativecommon...
Artist: www.twinmusicom...
Artist: audionautix.com/
Alien Sunset by Audionautix is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 license. creativecommon...
Artist: audionautix.com/
#historyfacts #history #travelvlog