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संत नामदेव जी के जीवन में एकादशी का बड़ा महत्व था. वह प्रत्येक एकादशी को उपवास रखते थे. उस दिन वे ना तो स्वयं अन्न ग्रहण करते थे और ना ही अपने हाथ से किसी को भिक्षा में देते थे. एक एकादशी को एक ब्राह्मण उनके घर भोजन की इच्छा से आया तो देखिए
नामदेव जी ने क्या किया.