निर्मला पुतुल की आवाज़ में उनकी कविता ‘उतनी दूर मत ब्याहना बाबा’/

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Vagarth

Vagarth

Күн бұрын

Пікірлер: 7
@naturemusic7735
@naturemusic7735 9 ай бұрын
वाह,हृदय को छू लेने वाली पंक्तियां,कविता...
@rimjhimgupta5548
@rimjhimgupta5548 8 ай бұрын
प्रवर और मर्म स्पर्शी कविता ,सुंदर प्रस्तुति
@ashwanipal2301
@ashwanipal2301 3 ай бұрын
कितना सहज कितना मार्मिक क्या अब भी ऐसा समाज अभी हैं. बहुत अच्छी कविता.
@AshishShrivastava-hg1hp
@AshishShrivastava-hg1hp 8 ай бұрын
सुंदर🎉
@sanjayjaiswal2248
@sanjayjaiswal2248 8 ай бұрын
बहुत प्रभावी प्रस्तुति
@s.nkumar1432
@s.nkumar1432 5 ай бұрын
जितनी अच्छी कविता है उतने ही अच्छे साज सजावट और सुर है। बस चितकबरी गय्या के जगह ललकी गय्या का फोटो आ गया है। अच्छी कविता और म्यूजिक के लिए हृदय से बधाई।
@ashokmahato6217
@ashokmahato6217 7 ай бұрын
Aur janhaa saanjh ko siyaar hunwaa hunwaa ,,,,,,,,,,,,,
When you have a very capricious child 😂😘👍
00:16
Like Asiya
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OSHO: जीवन में ऐसे जीना
13:05
OSHO Hindi
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