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@Surbhisati1272 ай бұрын
गलत मान्यताओ में सबसे जहरीली मान्यता ये है कि हम किसी ईश्वर का निर्माण हैं ✨️🙏🏻🙏🏻❤️
@asingh0172 ай бұрын
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा। यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
@BHOLARaghuwanshi-hu8ve2 ай бұрын
Ek दम स्पष्ट कोई मिलावट नहीं pure talk pure philosophy हम सब धूल से ही बने है इसलिए कहो =अहम ब्रह्मआसमी = we are the universe = we are just dust ❤❤😮😮
@vasudevvashu78102 ай бұрын
प्रकृति न किसी को ठगी है, प्रकृति न तो किसी की सगी है। आचार्य श्री 🙏❤️
@ritakhadsan7342 ай бұрын
जिस मिट्टी का हम विस्तार है, गदहा ज्ञान के कारण उससे पृथक स्वयं को जानकर पृथ्वी के नाश पर अपने भीतर हुए नाश से अनभिज्ञ रहते है.
@Imortexm2 ай бұрын
जब भीतर डर होता है, तब बाहर हिंसा होती है। जो व्यक्ति स्वयं के लिए डरा हुआ है,वह दूसरों के लिए हिंसक है। ~आचार्य जी 🙏
@KK-Opinion2 ай бұрын
"दर्शन सत्य के लिए होता हैं", आचार्य प्रशांत
@kusumdubey87672 ай бұрын
जो अपने लिए डरा हुआ है ओ दूसरों के लिए हिंसक हो जाता है ।
@YogeshYadav-ih9jj2 ай бұрын
हमारी मान्यताओं पर हमें इतना भरोसा होता है कि ये हमें सच से दूर ही धकेल देती हैं।❤❤❤
@1Nextstep2 ай бұрын
आचार्य जी की बात सब तक पहुंचनी चाहिए, ये सबसे जरूरी काम है , आज के समय में।
@aniket81682 ай бұрын
❤️🔥 मेरा मन पंछी भया, उड़ि के चढ़ा अकास । बैकुण्ठहि खाली पड़ा, साहिब सन्तों पास ॥
@somendratiwari64142 ай бұрын
आतमज्ञान बिना नर भटके, कोई मथुरा कोई काशी ❤❤
@lokeshpatil4086Ай бұрын
Kabir das ji ki baat hi nirali hai
@rmithleshprajapati63652 ай бұрын
Is samaaj ko Aap jaise logo ki bahut jarurat hai...
@Vijitvyas2406Ай бұрын
Hum sab bhi aise ban jate hain na
@Exercisewithaman2 ай бұрын
किसी ईश्वर पर श्रद्धा करने की जरूरत नहीं है तुम प्रकृति पर विश्वास कर लो, इतना ही काफी है, अमर हो जाओगे। - अचार्य प्रशांत
@somendratiwari64142 ай бұрын
जिसको तुम चैतन्य समझते हो वो भी मिट्टी ही है ❤❤
@GoAhead18632 ай бұрын
आचार्य जी को और उनकी टीम को दिल से धन्यवाद, आप हमारे लिए इतनी मेहनत करते हो, हमें गीता सत्र के लिए मैसेज के जरिए याद दिलाते हैं, कॉल करके हाल पूछते हैं, टेस्ट लेकर हमारे लेवल को जाँचते हैं कि हम कितना कुछ सीखे, आपका एहसान रहेगा सदैव आचार्य जी ❤️💯🙏🏻
@History_of_sanatan_03972 ай бұрын
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
@HiraYadav-hi4jq2 ай бұрын
इस युग के महान दार्शनिक हैं आप ❤
@kanta28362 ай бұрын
Hum bhi paani ki meen ke jaise pyaase hain... AATMGYAAN....ADHYATM hi hamari pyaas bujha sakta h.... Acharyaji ko sunkar mann shaant hota h.....
@sushmitamishra2192 ай бұрын
मनुष्य जैसी मूर्ख कोई प्रजाति नहीं। उन्हें कोई ज्ञान नहीं पर हमें तो गदहा ज्ञान मिला है जो है हर समस्या की जड़।
@sunitasingh80002 ай бұрын
Hum bahut bhagyashali hain Jo hame Aacharya Ji ko sunane ka avsar mila hai🙏
@aniket81682 ай бұрын
❤साधु कहावन कठिन है, ज्यों खाँड़े की धार । डगमगाय तो गिरि पड़ै, निहचल उतरै पार ॥
@S_yadavv2 ай бұрын
आत्म ज्ञान बिन नर भटके, कोई मथुरा कोई काशी।।💖💖🤗 पानी में मीन प्यासी,मोहे सुन सुन आवे हांसी।।💯
@kanta28362 ай бұрын
Hum, hamara sharir ab bhi mitti h, marne k baad bhi mitti h; hamari chetna bhi jarr mitti h ...AP...
@aniket81682 ай бұрын
❤साधु कहावन कठिन है, आगे की सुधि नाँही । सुली ऊपर खेलना, गिरू तो ठौरहि काही ॥
@vinodkashyap94872 ай бұрын
नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@changinglife-wg1je2 ай бұрын
आज आचार्य जी सबसे ज्यादा जरुरत है
@Rising_ravi2 ай бұрын
जङ = चेतन ❤
@arpitasingh242 ай бұрын
"Belief सिस्टम- मान्यताएँ ही सबकुछ है" आज शादी के 27 साल बाद भी अपनी सोच और शब्दों की सफाई देनी पड़ती है कि मेंने जो कहा इसका मतलब यह था वह नहीं जो तुमने समझा...सब क्यूंकि मान्यताएँ भिन्न हैं
@Birendra-n4f2 ай бұрын
मनुष्य का शरीर चलता रहे, यह मनुष्य के लिए काफी नहीं ,वो शरीर-भर नहीं मूल बेचैनी को बिना समझे, बाहर जितना कूद-फांद करोगे चैन के लिए,तत्कालिक सुख-दुःख मिल सकते हैं, पर अंदर की मूल बैचेनी वहीं की वहीं
@Papa_Electron18972 ай бұрын
ये एक बहुत प्यारा भजन है सब इसे जरूर समझ के भजे
@karankulshrestha43252 ай бұрын
Pranaam Acharya Ji 🙏
@vijayshankarpandey19452 ай бұрын
आचार्य जी बात सुनकर चेतना का उहर्व गमन होता है
@4ukailash2 ай бұрын
Pranam Acharya Ji ❤
@SaritaMallick-j6y2 ай бұрын
Yes पानी में मीन प्यासी। हमारे पास सब कुछ है लेकिन हम को पता हीं नहीं.... आत्मज्ञान के अभाब से❤❤❤❤
@rakeshupadhyay47462 ай бұрын
निःशब्द हूँ, निर्विकल्प हूँ, नतमस्तक हूँ, सत्य के समक्ष। शत शत नमन गुरुदेव ❤ ❤ ❤
@sarjeetkumar42842 ай бұрын
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏
@सुनिलsunil2 ай бұрын
प्रकृति और अस्तित्व हमारा दुश्मन नहीं है अगर होते तो हम पैदा ही नहीं होते
@aniket81682 ай бұрын
❤निर्बैरी निहकामता, सांई सेती नेह । विषया सों न्यारा रहै, साधुन का मत येह ॥
@amanpatel55872 ай бұрын
Aacharya ji is the great 🙏🙏
@kushaldeo10572 ай бұрын
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष ❤
@Jagatshahi12 ай бұрын
"आप जिस माध्यम से मृत्यु से बचना चाहते हो, वह माध्यम ही मृत्यु है।" आचार्य प्रशांत, संत सरिता सत्र, ०४ अगस्त
@PradeepSah-zl1zb2 ай бұрын
गुरु जी आप की चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम 🙏❤️🚩🕉️
@HS-vu4pb2 ай бұрын
जहां डर होता है वहां हिंसा होती है जो अपने लिया डरा हुआ है वो दूसरे के लिऐ हिंसक है
@ShivamThakur-i4f2 ай бұрын
Jo darta h khud ke liye wo hinsak h dusron ke liye . 🎉
@shekharnayansinha75292 ай бұрын
Jhuthi manyataon, pakhand, riti-rivaz, jativaad ye sab humare satru hai. Manav aur Sansar k liye shrap hai. Ek Sachha Guru hazaro kitabon k barabar hai. Aap jaise Acharya ki ish Sansar ko bahot zarurat hai. Naman Acharya 🙏🏻
@aakankshapandey52282 ай бұрын
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
@AditiSharma-ig6vj2 ай бұрын
Koti Koti pranam Guru Ji
@payal-conceptwithtrick2 ай бұрын
पानी में मीन प्यासी मोहि सुन सुन आवत हांसी 🙏🙏
@ganeshpalvelp2 ай бұрын
❤ आचार्यजी 🫡🚩 बस यही बात को समझने की जरूरत है सब को। धन्यवाद, इसे शब्दो में व्यक्त करने के लिए। 🚩
@Jagatshahi12 ай бұрын
"जिस जड़ पदार्थ से भोग का रिश्ता हो गया उसका ज्ञान होना बंद हो जाता है।" ―आचार्य प्रशांत, संत सरिता सत्र, ०४ अगस्त
@devshankarchoudhary58052 ай бұрын
प्रणाम आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🏿🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@debasisnayak37122 ай бұрын
Acharya Ji ko naman
@pinkiyadav42222 ай бұрын
हम ख़ुद में ही पूर्ण हैं पर ख़ुद को न जान पाने कि वजह से बाहर कि ओर देखते रहते हैं आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼
@pawanvermasiwan54882 ай бұрын
Jai shree Ram 🚩🚩🚩
@Vimleshsaini92 ай бұрын
Jay Shree Krishna ❤️ Dear Sir ❤️😊
@rampatel_apsiryodhya2 ай бұрын
मैं हूँ और मैं अलग हूँ, चैतन्य हूँ। यही है मूल मान्यता। झूठा ज्ञान को काटना ही आत्मज्ञान है।
@AnnuSachan-vd1bt2 ай бұрын
I listen aacharya Prashant's videos every day. Videos help me a lot 🙏
@devasya-2 ай бұрын
Acharya ji's emphasis on compassion, veganism, and empowerment is particularly notable, as it addresses important social and environmental issues. By guiding youth, women, and spiritual seekers, he is helping shape a more aware, compassionate, and enlightened society.
@vxbvxb68432 ай бұрын
Aacharya ji parnam
@PushPendrASHakYa.2 ай бұрын
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️
@gautamsaroay10852 ай бұрын
❤️आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी🙏🏻
@mukulchauhan79732 ай бұрын
Namaste Acharya ji..
@KiranDevi-yp8el2 ай бұрын
पानी में मीन पियासी,मोहि सुन सुन आवत हसी❤❤❤❤❤❤❤😊😊😊😊😊
@SunilKumar-je7nk2 ай бұрын
Jai shree Ram ❤❤
@sangamlalmishra9732 ай бұрын
Pani me mean pyasi , Hame suni suni aave hasssi.
@thakurdurgeshsinghrajput11132 ай бұрын
आचार्य प्रशांत
@Logical4542 ай бұрын
गलत मान्यताओ मे सबसे जहरीली मान्यता यह है की हम किसी ईश्वर का निर्माण है!..... आचार्य प्रशांत 🙏🙏
@arjungeeta3692 ай бұрын
धन्यवाद🎉🎉🎉🎉🎉
@skonline6552 ай бұрын
पानी में मीन पियासी पानी में मीन पियासी, मोहे सुन सुन आवत हाँसी।। आतमज्ञान बिना नर भटके, कोई मथुरा कोई काशी।। जैसे मृगा नाभि कस्तूरी, बन बन फिरत उदासी।। जल बिच कमल, कमल बिच कलियाँ, तापर भँवर निवासी।। सो मन बस त्रयलोक भयो है, यति सती संन्यासी।। जाको ध्यान धरे विधि हरिहर, मुनि जन सहस अठासी।। सो तेरे घट माहिं बिराजे, परम पुरुष अविनाशी।। है हाजिर तोहि दूर दिखावे, दूर की बात निरासी।। कहैं कबीर सुनो भाई साधो, गुरु बिन भरम न जासी।। ~ कबीर साहब
@hriday83732 ай бұрын
पानी में मीन पियासी, मोहि सुन सुन आवत हाँसी।। 1.आतमज्ञान बिना नर भटके, कोई मथुरा कोई काशी। जैसे मृगा नाभि कस्तूरी, बन बन फिरत उदासी।। 2. जल विच कमल कमल विच कलियाँ, तापर भँवर निवासी। सो मन बस त्रयलोक भयो है, यती सती संन्यासी।। 3. जाको ध्यान धरे विधि हरिहर, मुनिजन सहस अठासी। सो तेरे घट माहिं बिराजे, परम पुरुष अविनासी।। 4. है हाज़िर तेहि दूर दिखावे, दूर की बात निरासी। कहैं कबीर सुनो भाई साधो, गुरु बिन भरम न जासी।।
@kirtanlifestyle2 ай бұрын
🎉
@sukshmatatwabodhikbaba14992 ай бұрын
सुनकर ये आवत हंसी, पानी में मीन रह प्यासी 1. मनुष्य धरती की सबसे मूर्ख प्रजाति है कारण है बुद्धि का जब गलत प्रयोग हो 2. एटमॉस्फियर और ह्यूमन बॉडी का एक तारतम्य तब ही मनुष्य का जन्म संभव है 3. जब मनुष्य के खून का प्रेशर अधिक हो जाए एटमॉस्फेरिक से तब बॉडी छिद्रो से बहने लगता है 4. खून का प्रेशर कम होते ही सांस लेने में दिक्कत होती है फेफड़े सांस खीच नहीं पाते 5. म्हारा शरीर मिट्टी का ही विस्तार मात्र है पर हम ये सोच भी नहीं सकते की ये शरीर मिट्टी की एक लहर का रूप है 6. प्रकृति ही से मनुष्य जाति निर्मित है वह प्रकृति से खिलवाड़ करेगी तो अपनी हस्ती मिटा देगी 7. अतः प्रकृति का आदर कर उसकी सहायता द्वारा प्रकृति से ऊपर उठने का प्रयास करना चाहिए, यही मानव धर्म है
@dr.deveshrigosavi37982 ай бұрын
पानी में मीन पियासी मोहे मोहे सून सून आवत हांसी l 🙏🙏🙏🙏
@khagrajupadhyaya16422 ай бұрын
প্ৰণাম আচাৰ্য 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@madhavjha12 ай бұрын
पानी में मीन प्यासी मोहे सुन सुन आवे हंसी..❤
@nikhilgupta_442 ай бұрын
जो डर और लालच के लिए है वो बहुत हिसंक है
@siddharthsingh6502Ай бұрын
आत्मज्ञान बिना नर भटके, कोई मथुरा कोई काशी❤
@rampatel_apsiryodhya2 ай бұрын
आप इस जमीन से अलग नहीं हो, आप ये जमीन ही हो।।
@ibcindrajitsindalkar56182 ай бұрын
हेरत-हेरत हे सखी, रहा कबीर हेराई समुंद समाना बुंद में, अब कित हेरत जाई
@Lab_dmlt2 ай бұрын
नमस्ते आचार्य जी 1.हम मिट्टी हैं और चेतना भी जड़ मिट्टी ही है 2.हरामी मानयता ही हमें सच से दूर करती है 3.अगर प्रकृति में तुम हुआ हो तो तुम्हारा काम चल जाता है बिना बुद्धि के 4हमें गलत दर्शन दे दिया गया है 5.पेड़ नदी इंसान सब मिट्टी है सब एक ही मिट्टी से उड़े है ठीक है 6.पेड़ को काटने से तुम्हें भी नुक्सान होगा....क्योंकि तुम पेड़ का हिस्सा हो 7.क्या पृथ्वी पर जब कुछ नाश होगा तुम्हारा भी होगा नाश 8.हम बरबाद हो रहे हैं क्यूकी हमरा दर्शन भी बरबाद है 9.घटिया से घटिया इंसान भी दर्शन पे चलता है बस गलत होती है दर्शन 10.यदि आपके लिए पानी छाया का प्रबंध नी होता तो आपका भी नहीं होता
@agrotechorganic62352 ай бұрын
पानी में मीन प्यासी मोहि सुन सुन आवत हँसी - कबीर दास
@I_Am_Enough292 ай бұрын
पानी में मीन पियासी , मोहे सुन सुन आवै हांसी। 🌻✨🪔
@ajaykyofficial2 ай бұрын
Kabir Sahab great...
@devasya-2 ай бұрын
As a spiritual guru rooted in Adwaita Vedanta, his teachings are likely to be deeply rooted in the principles of non-duality and self-realization. By making these teachings accessible and relevant to contemporary issues, he is indeed a contemporary representative of spiritual traditions, making a positive impact on many lives.
@DeepakKumar-ge4ib2 ай бұрын
सत् सत् नमन 🙏
@ommeaiman8362 ай бұрын
acharya ji..apne he mujhe life di hai..❤️❤️❤️❤️
@anoopchaudhary44822 ай бұрын
भारत अकेला है जिसने प्रकृति को माँ कहा ❤
@TanujSingh9992 ай бұрын
Iss duniya ko Acharya Prashant jaise mahapurushon ki avashyakta hai 🙏
@AnkitYadav-er8np2 ай бұрын
जहां डर होता है वहां हिंसा होती है जो अपने लिए डरा हुआ है वह दूसरों के लिए हिंसक होगा
@savitakumari17522 ай бұрын
Pranam acharya 🙏ji
@sonamsinger50052 ай бұрын
पानी में मीन पियासी मोहे सुन-सुन आवत हाँसी कबीर साहब❤️
@guriyasingh44012 ай бұрын
प्रणाम आचार्य जी
@Vijay_Advait2 ай бұрын
सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा video को शेयर करिए, वीडियो को लाइक करिए और कॉमेंट करिए.
@rakhikundjwar6242 ай бұрын
Naman Acharya ji koti koti pranam...🙏🙏❤️🌺
@KK-Opinion2 ай бұрын
अतिरिक्त बुद्धि ही, खाली किताबों को बिना मनन के पढ़े तो फिर तो हमारा जीवन ही व्यर्थ है
@prashantch84652 ай бұрын
koti koti naman ❤
@Niyati_Sri2 ай бұрын
- हमे किसी ईश्वर ने नहीं बनाया है हम इसी मिट्टी से उठे है और इसी मिट्टी में मिल जाना है। - हममें और चंद्रमा में भी रिश्ता है क्योंकि चांद भी पृथ्वी से ही बना है। - गलत मान्यताएं सबको तबाह कर देती है। - सबसे बड़ी और गलत मान्यता ये है कि हमे किसी भगवान ने बनाया है। - लोग अतीत में जीना इसलिए पसंद करते है क्योंकि उनकी मान्यता होती है कि हमारे पीछे अतीत में ईश्वर है। - एक अर्थ में सारा अध्यात्म ये मान लेने में है कि हम भी मिट्टी है और हमारी चेतना भी जड़ मिट्टी ही है। - यह सबकुछ हमारे लिए है क्योंकि हम वही है। - पश्चिम की अवधारणा माइंड और मैटर को अलग मानती है। मैटर को माइंड के काम आना है यहां सबकुछ हमारी सेवा के लिए है। - नदी,पहाड़ या पेड़ अलग नहीं है वो हम ही है। - जब भी पृथ्वी पे कुछ नाश होता है हमारे भीतर भी कुछ नाश हो जाता है। - यहां हर कोई फिलोसॉफी पे ही चलता है पर कुछ लोग गलत फिलोसॉफी पे चलते है। - स्टार डस्ट ऐसा नाम है जिसमें तथ्य है जिसमें सत्य है। हम स्टार डस्ट( मिट्टी) है। ये स्थूल तथ्य है। - हमे नहीं पता होता है कि हम पृथ्वी ही है इसलिए हम भीतरी तल पर बहुत डरे होते है। - भीतरी तल मानसिक तल होता है जहा पे हम बहुत डरे होते है क्यूंकि हमे लगता है कि हम दुश्मनों के बीच फस गए है।( मन को लगता है शरीर यहां फसा है तो मन की हालत खराब ही रहती है और तनाव में जीते है हम।) - यहां हमारे लिए कुछ भी प्रतिद्वंद्वी या विरोधी नहीं है। - प्रकृति को हम पराई मानते है और बच्चों को भी यही बताया जाता है कि प्रकृति पराई जगह है। - मनुष्य जितनी मूर्ख कोई प्रजाति नहीं क्योंकि हमें गदहा ज्ञान मिला जिसने सब चौपट कर दिया। - मनुष्य जितनी इनसिक्योर कोई और प्रजाति नहीं हैं। - ईश्वर पे भरोसा करने की जरूरत नहीं प्रकृति पे भरोसा करा लो अमर जो जाओगे। - एक बार शरीर का ख्याल निकल जाए फिर मन शांत हो जाता है। - शारिरिक निर्वाह की चिंता ही हमारा मुख्य डर है। - इंसान और इंसान के बीच लड़ाई भोगने के लिए है कि प्रकृति को ज्यादा भोगेगा कौन। - जलन और ईर्ष्या भी इसलिए है कि दूसरे ज्यादा भोगते है। - कृष्णों का कहना है कि भोग की वृत्ति का अंत हो सकता है लेकिन हम तुरन्त कहते है कि हो सकता है पर वो अवतारों का हो सकता है आम जनमानस का नहीं ये तर्क भी एक गलत फिलोसॉफी का नतीजा है। - एक के लिए अगर भीतरी वृत्ति का अंत हो सकता है तो सबके लिए हो सकता है। - इंसान इतना मूर्ख पैदा नहीं होता जितना बड़ा होके बन जाता है।
@Lab_dmlt2 ай бұрын
1गधा ज्ञान के कारण हम प्रकृति में फंस जाते हैं 2जिस प्रकृति से बच्चा पैदा होता है उसी प्रकृति से दूध भी निकलता है ठीक है 3.सब प्रकृति है प्रकृति मात्रा है 4अहम् मिथ्या होता है रसायन है पूरा 5आत्मामात्र है या प्रकृतिमात्र है......बस अहेनकर वह जन्म और मृत में होता है 6.हम ये ब्रह्माण्ड है स्टारडस्ट है