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रवि दहिया कैसे तैयार होते हैं अंतरराष्ट्रीय पहलवान छत्रशाल स्टेडियम दिल्ली | ओलम्पियन पहलवान रवि दहिया | यहां पहलवान सुबह 4-5 बजे से लेकर लगभग 5 घंटों तक कडी मेहनत करते हैं और पसीना बहाते है वर्षों कि इस कडी मेहनत के बाद कुछ पहलवान ओलंपिक में पदक लेकर आते हैं यहां एक पुरी टीम काम करती है यहां के प्रशिक्षक बहुत अनुभवी हैं और माता-पिता का भी बडा योगदान रहता है क्योंकि सभी पहलवानों के पिता सुबह-सुबह घर से दुध-दही आदि पहलवानों के लिए लेकर आते हैं चाहे केसा भी मौसम हो लेकिन वे प्रतिदिन आते हैं उसके बाद पहलवान का शरीर ठीक-ठाक रहे कोई चोट आदि ना लगे तब जाकर एक पहलवान देश के लिए कुश्ती लडता है और देश का नाम रोशन करता है |
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