Pali Vs Sanskrit | Professor Niraj Bodhi |Rahul Dongre show | RDS

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Rahul Dongre

Rahul Dongre

Күн бұрын

Пікірлер: 337
@arunmohite3074
@arunmohite3074 7 ай бұрын
आप बौद्धों के बारे मे तो कुछ-कुछ ठिक इतिहास बता रहे है। लेकीन हम आपको बता रहे है, की सातवी शताब्दी तक बौद्धों के अलावा किसी का भी पुरतात्वीक सबुत नही मिला है । बौद्धों के पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी , जो बौद्ध सभ्यता ही थी और उसके पुरातात्वीक सबुत मिले है, बाकी सब गप है। इतिहास मान्यता के आधार पर नही लिखा जाता है , वह पुरातात्वीक सबुत पर लिखा जाता है, और बौद्ध इतिहास तो पुरातात्विक सबुतो से भरा पड़ा है। इसलिए हम आपके विचारो से पुरी तरह से सहमत नही है। 21:31
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
अरे खबूचड़ पागलों बुद्ध की पहली मूर्ति कनिष्क के काल में महाकवि अश्वघोष ने बनवाई थी और महाकवि अश्वघोष नेही बुद्ध चरितम ग्रंथ लिख करके महायान संप्रदाय की स्थापना की थी इसलिए प्रथम शताब्दी के पहले बुद्ध की कोई भी मूर्ति नहीं प्राप्त होती है प्राचीन कल के स्थान की खुदाई में प्राप्त हो रही मूर्तियां और वस्तुओं से बुद्ध का कोई भी संबंध नहीं है बुद्ध से पहले की सभी मूर्तियां सनातन की है। बुद्ध की मूर्ति की औकात पहली शताब्दी से पहले नहीं है जबकि इस समय संसार में हो रहे पुरातात्विक खुदाईयों में 5000 वर्ष तक के जो प्रमाण प्राप्त हो रहे हैं वह सब सनातन के हैं
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
तू कनिष्क के काल के पहले की बुद्ध की कोई मूर्ति दिखा या बता
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
यह नव बुद्धिस्ट पागल हो चुके हैं
@arunmohite3074
@arunmohite3074 7 ай бұрын
@@shaileshdwivedi7171 If you had told me like an intelligent person how I am wrong, I would have considered you a good expert on history, but this comment of yours told me everything about you.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@arunmohite3074 गूगल में सर्च कर ले लंबा कमेंट कट रहा है और सनातन समीक्षा चैनल पर आए
@annapurnakhandekar1868
@annapurnakhandekar1868 7 ай бұрын
अतिशय सुन्दर सर् आपन पालीचे महत्व सांगितले । जयभीम नमोबुद्धाय् ❤🎉❤
@MahipalSinghKatheriaSaral
@MahipalSinghKatheriaSaral 6 ай бұрын
आप दोनों लोगों का हार्दिक धन्यवाद। जय भीम। जय तथागत बुद्ध।
@blsoodan106
@blsoodan106 6 ай бұрын
बहुत सही व सरल तरीके से समझाया गया है। Thanks
@explorewithparshu
@explorewithparshu 7 ай бұрын
मी योगीक परंपरेतून आहे पण व्हिडिओ छान आणि unbiased आहे. इतिहासकार म्हणून छान मांडणी आहे .
@RahulDongre12
@RahulDongre12 7 ай бұрын
🙏
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
We expect your Parampara may be Shaktipat Unbelievable mysterious powerful Spiritual Path , experiences and unexpected Physical -mental-spiritual changes in human body. Kundalini Yoga Nath Parampara Praan tattwa ke sahare se chalne wali Sadhan Padhati Ramlal ji Siyag siddhayoga Aatmanubhuti hi shradha , vishwas , Bhakti ka mul aadhar hai aur sarvashreshta praman hai KZbin Our experiences with Guru Siyag Yoga : 🧘
@vdeshmukh8888
@vdeshmukh8888 2 ай бұрын
पूर्णं ज्ञानम्.
@dhairyashilkadam4911
@dhairyashilkadam4911 7 ай бұрын
Gurukul kaha kaha te O bhi bata do (Old Gurukul)
@korashortss
@korashortss 6 ай бұрын
Gurukul, Ved etc, I think he considered all today ved Braminism claim as archeological evidences. RIP 😢😢😢
@PravinDongare-f8l
@PravinDongare-f8l 7 ай бұрын
सर आपको सायन्स जरणी देखणा होगा आपको सत्य समजमे आयेगा
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
साइंस जर्नी पागल है उसको वैदिक भाषा संस्कृत का पाली प्राकृत कोई भी भाषा नहीं आती यहां तक वह शुद्ध हिंदी ना तो बोल पाता है और ना पढ़ पाता है
@y1.5
@y1.5 7 ай бұрын
@@shaileshdwivedi7171 toh debate krle science journey se.yha kyun ro rha h
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
​@@y1.5अरे पागल कहीं के उसकी क्या औकात है लेकिन डिबेट करने से पहले मैं संस्कृत और पाली में उसकी परीक्षा लूंगा क्योंकि प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित चार शब्दों का अर्थ जिनका गूगल में नहीं प्राप्त हो रहा उन चार शब्दों का अर्थ तुमको या तुम्हारे जर्नी को संस्कृत या पाली में बतलाना होगा मैंने उसको चुनौती दिया था और हमारा अतीत को भी चुनौती दिया था किसी की इतनी औकात नहीं हुई कि हमारे प्रश्न का पहले लिखित उत्तर दे सके हम जानते हैं कि वह सब चोर दंड पाखंड करने वाले उन मूर्खों को प्राचीन वैदिक भाषा संस्कृति और पाली तो छोड़िए शुद्ध हिंदी लिखना पढ़ना और उच्चारण करना नहीं आता है
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
यह सब चोर दंड पाखंड करने वाले मूर्खों को मूर्ख बनाने वाले हैं हम लोगों के कमेंट तक काट देते हैं इनको हमारे कमेंट से भी डर लगता है
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
😂buddha journy hai science ke sirf naam
@sundeutsch
@sundeutsch 23 күн бұрын
It is a pleasure to listen to a processor of Pali. I was not aware this language is still being taught in universities.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
जिनको वैदिक भाषा संस्कृत अपनी प्रकृत कोई भी प्राचीन भाषा नहीं आती वह लोग आज भाषा वैज्ञानिक बनी हुई है
@PankajDoharey
@PankajDoharey 7 ай бұрын
ब्राह्मण आज तक तय ही नहीं कर पाया कि उसकी भाषा हा कौन सी ? छंदस, वैदिक, संस्कृत? बस गप्प छान लो। पर सबूत है कोई ब्राह्मण की भाषा का? संस्कृत के भी सारे सबूत तो बौद्ध के ही हैं।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@PankajDohareyतुझको अपना इतिहास पता नहीं तू अपने बाप को भी पहचानता नहीं होगा चला आया उपदेश करने उल्लू के पट्ठे चमगादड़ कहीं के तुझको इतना तक पता नहीं की समाज की भाषा एक होती वह चाहे देश का समाज हो चाहे विदेश का समाज हो एक समाज के सभी लोग एक ही समय में एक ही भाषा का प्रयोग करते हैं जैसे इस समय हमारे क्षेत्र के सभी हिंदू मुसलमान आस्तिक नास्तिक हिंदी अवधी का प्रयोग करते हैं। तेरे जैसे पागल केवल अपनी पैदाइश बताने आते हैं अगर पागलों की बात सही होती तो दुनिया का इतिहास और सिद्धांत बदल चुके होते
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@PankajDoharey छन्दष और वैदिक भाषा अलग-अलग नहीं है एक ही है। प्राचीन काल के समस्त विश्व में वैदिक भाषा परिवार की भाषाओं का प्रयोग होता था इस भाषा के प्रमाण ऋग्वेद और अवस्था ग्रंथ तथा अरबी फारसी लैटिन फिनिश्ई हिब्रू भाषाओं में प्राप्त होते हैं इसीलिए इस भाषा भाषी क्षेत्र को भारोपीय भाषाई क्षेत्र तथा इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकार अध्ययन और अनुसंधान करते हैं। पाली और प्रकृत मध्यकालीन अपभ्रंश भाषाएं हैं पाली भाषा का नामकरण मध्यकाल में सारस्वत ब्राह्मणों की एक शाखा पालीवाल लोगों द्वारा प्रयोग की गई भाषा को पाली भाषा कहा गया था।
@y1.5
@y1.5 7 ай бұрын
Pagal aadmi he tu.. Vedic bhasha buddha se pehele koi thi hi nhi.. ho to sabut do
@speechlesssystem
@speechlesssystem 7 ай бұрын
तबसे इतना ज्ञान दे रहे हो भाई कोई एक पुरातात्विक या प्रामाणिक साहित्यिक साक्ष्य दे दो की संस्कृत पाली से पुरानी भाषा है
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
पांचजनदेव = ऋषिदेव जनसेवा से /दासदेव वेतनसेवा से × ( ब्रह्मदेव ज्ञानसे शिक्षण प्रशिक्षण से मुखसे + क्षत्रमदेव ध्यानसे सुरक्षण न्याय शासन से बांह से + शूद्रमदेव तपसे उद्योग उत्पादन निर्माण से पेटउदर से + वैशमदेव तमसे वितरण वाणिज्य वित्त क्रय विक्रय व्यापार ट्रांसपोर्ट से चरण से ) ।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।
@bhadantprajnasheelthero2725
@bhadantprajnasheelthero2725 7 ай бұрын
मैं भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो पूर्व भिक्खु प्रभारी अधीक्षक और प्रथम बौद्ध सदस्य सचिव बीटीएमसी July 1998-2001 BodhGaya Temple Management Committee, July 1995-2001 बहुत अच्छी जानकारी के लिए बहुत बहुत साधुवाद।
@RahulDongre12
@RahulDongre12 7 ай бұрын
vanda mi bhante
@UniversityTruthseekerSociety
@UniversityTruthseekerSociety 7 ай бұрын
भन्दामि भन्ते सब्बदा आपसे विनय है अपना मोबाइल नम्बर शेयर करें।
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
प्रायमरी है
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
Bhante ji kripya bataye What is the Theoretical and practical Spiritual science and philosophy of Nav Yaan Buddhism for Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life . ❤
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
मैं प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित उन चार शब्दों का अर्थ संस्कृत अथवा पाली में पूछना चाहता हूं जिनका अर्थ गूगल में नहीं प्राप्त हो रहा है जो उत्तर देने की क्षमता रखता हो वह कमेंट से ही उत्तर देने के लिए कहे तो मैं प्रश्न भेजूं
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
क्यों भाईयों वैसे तो तुम लोग संस्कृत और पाली पर बड़ा व्याख्यान देते हो
@kumeshbajracharya2843
@kumeshbajracharya2843 7 ай бұрын
Namo buddhaayae
@yogeshkrohit1652
@yogeshkrohit1652 7 ай бұрын
Savi prashno ke hal science journey channel pr mil jayenge
@sunandaraipure1160
@sunandaraipure1160 7 ай бұрын
बिल्कुल सही कहा आप ने किसी भी समस्याओ का हल sj सर के पास है👍🏻
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
😂aare buddhism journy hai science ke bhais mai bhedia😂
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
​@@sunandaraipure1160 Saath me Sanatan Samiksha Rajeev Ranjan Prasad bhi dekh Lena ! 😅
@goczho
@goczho 7 ай бұрын
Audio quality is not good
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
इन लोगों की वाणी से प्रमाणित होता है कि यह लोग ब्राह्मण नहीं हैं
@sundeutsch
@sundeutsch 23 күн бұрын
सही पकड़े हैं। ये ब्राह्मणवाद का खंडन कर रहे हैं। मनुवाद को खत्म कर रहे हैं। ये बता रहे हैं कि ब्राह्मण जैसी कोई चीज नहीं होती। सब होमोसेपियन होते हैं। कुछ धूर्त पुजारियों ने भारत में शोषण के औजार के रूप में जाति व्यवस्था की स्थापना की। आज भी ये दंश पूरा देश झेल रहा है। सारे शंकराचार्य और बलात्कारी बाबा बाभन हैं। संस्कृत विद्यालयों में केवल बाभन के बच्चे पढ़ रहे हैं। सारे पुजारी बाभन हैं। चढ़ावे का माल भी बाभन खा रहे हैं।
@VarshaChaware-g3s
@VarshaChaware-g3s 7 ай бұрын
Khub chaan mahiti ahe sir🙏🏻🙏🏻🙏🏻 sadhu sadhu sadhu
@RahulDongre12
@RahulDongre12 7 ай бұрын
🙏
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
बताओ चरण पांव चलाए बिना स्थान बदले बिना कोई प्रोडक्ट समान एक स्थान से क्रय कर ट्रांसपोर्ट कर दूसरे स्थान पर विक्रय वितरण वाणिज्य आढ़त कैसे होगा?
@shubhamkamble7381
@shubhamkamble7381 7 ай бұрын
Nice information ❤ please add time stamp in video
@सतयुगीEngineer
@सतयुगीEngineer 6 ай бұрын
दीपक भाई थोड़ा साउंड इको हो रहा है।पॉड कास्ट सुनने में मजा नहीं आ रहा है इसमें थोड़ा सुधार करिए ।
@RahulDongre12
@RahulDongre12 6 ай бұрын
I will improve
@pawnijadhav5578
@pawnijadhav5578 6 ай бұрын
Great work sir ! This information should be translated in English to reach globally.
@AwdheshKumar-nq4rw
@AwdheshKumar-nq4rw 7 ай бұрын
पाली को ही संस्कारित कर के संस्कृत बनाई गई है
@navinsingh5564
@navinsingh5564 2 ай бұрын
Sankrit ke evidence 14century bce me hai 😂😂😂,aur jo language hoti hai wo sound se pachan me aati hai jaise old persian aur sanskrit bahot close hai aur persian ke bhi sabot mile hai bahot purane .
@KIM_JONG_UN_MOTA_BHAI1008
@KIM_JONG_UN_MOTA_BHAI1008 2 ай бұрын
Kinge samjha rahe ho bhai ​@@navinsingh5564
@neelamgautam4306
@neelamgautam4306 4 ай бұрын
Namo budhay
@searchinghistory15
@searchinghistory15 7 ай бұрын
Ye insaan 100% Brahman system wala Hai or Buddhism me aake Ghuspet Kar rahaa Hai or logoko galat history padaa rahaa Hai...
@pratiks3623
@pratiks3623 7 ай бұрын
😂
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
Tumhe jo sunna hai o thodi bolega jo hai wahi bolega tum apni duniya se bahar aaooo
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
Sanatan Samiksha Rajeev Ranjan Prasad dekho ve aap ke man ki baate hi bolega 😅
@r.brangeele2035
@r.brangeele2035 7 ай бұрын
जय भीम जय मूलनिवासी
@UniversityTruthseekerSociety
@UniversityTruthseekerSociety 7 ай бұрын
#संघ #संसद #संघं_नमामि #समणोंकाभारत🇮🇳 #संघशासनहेतुसंघसंसद #17 #JUN #2024 No. #7 #समण=समता समानता #संविधान को मानने वाले लोग। #मैंसमणहूँ #iamsaman #हमसबसमणहैं #हम_भारत_के_लोग #wethepeopleofindia #VishwavidyalaySatyashodhakSamaj #Bharat #विश्वविद्यालयसत्यशोधकसमाज #भारत #UniversityTruthSeekersSociety #India
@UniversityTruthseekerSociety
@UniversityTruthseekerSociety 6 ай бұрын
#महासमण #बुद्ध #21 #Jun #2024 no #11 #मैंसमणहूँ का मतलब है कि जिनके पास वितरित करने और एकजुट होने की भावनाएँ हैं। उनमें समता में विचरण करने समता में रमण करने की भावनाएं हैं, जैसे #योग से जुड़ी नाभि-नाल के रूप में पूरे शरीर में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा संचार कार्य को करता हैं।
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
😅 Har jiv NISERGTAHA ak dusre se Man , Praan , Deh , Chitta , Buddhi , Ahankar star par bhinna hai . Uske anusar hi uski Aakalan aur Karyakshamata ak dusre se bhinna hoti hai . To kaisi SAMANTA aur kaisa NYAY 🥹
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
​@@UniversityTruthseekerSociety Kis granth me aaya hai ? Sandarbha do . Pashchat Buddhi to nahi ? Ya Copy pest ?
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
@y1.5
@y1.5 7 ай бұрын
#rationalworld #sciencejourney exposé needed.🤝
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
भारत का प्राचीन इतिहास घर की मुर्गी नहीं है भारत का प्राचीन इतिहास प्राचीन विश्व इतिहास से भी संबंधित है इसलिए भारत के प्राचीन इतिहास पर विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकार अनुसंधान और शोध करते रहते हैं वैदिक भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है वैदिक भाषा के समकालीन भाषाओं में आवेषता हिब्रू फिनीसी आई और अरबी फारसी लैटन भाषाओं की शब्द संरचनाएं तुल्य होने के कारण इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार के अंतर्गत शोध और अनुसंधान किए जा रहे हैं इसीलिए इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत रखा गया पाली और प्राकृत मध्यकालीन अपभ्रंश भाषा
@speechlesssystem
@speechlesssystem 7 ай бұрын
तबसे इतना ज्ञान दे रहे हो भाई कोई एक पुरातात्विक या प्रामाणिक साहित्यिक साक्ष्य दे दो की संस्कृत पाली से पुरानी भाषा है
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@speechlesssystem गूगल में सर्च कर लीजिए लंबा कमेंट कट रहा है
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 7 ай бұрын
वैदिक काल सिंधुघाटी सभ्यता से पहले हुआ या बाद में? उनकी भाषा और लिपी का नाम?????
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@nareshganwre6603 वैदिक काल संसार की प्रथम मानव व्यवस्था थी परंतु उस काल के लोगों ने अपने समय का कोई भी नाम करण नहीं किया अपने धर्म का कोई नामकरण नहीं किया उतने प्राचीन काल में मजहब और संप्रदाय होने का प्रश्न ही नहीं उठता इसलिए उस काल के पारंपरिक ज्ञान और साहित्य मे कोई सांप्रदायिक दुर्भावनाएं नहीं है
@zojozojo-ox6wj
@zojozojo-ox6wj 6 ай бұрын
​@@shaileshdwivedi7171🤣🤣कितनी बकवास करेगा एक सबूत नही तेरे पास
@deepanshu519
@deepanshu519 6 ай бұрын
मैं इनकी सारी बातों से सहमत नही हो इनकी बातों में कोई डर नजर आ रहा है ये तथागत बुद्ध के समय में ब्राह्मण की चीज डाल रहे है वेद तब थे ही नहीं ना ही भगवान जैसी कोई चीज, अगर होती भी ना तो बुद्ध उनको वही देख लेते आगे ये सब होता ही ना
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
KZbin shayad Satya batane ko darate hai , Nav Buddhists ko ! Satya to ... Sanatan Samiksha Rajeev Ranjan Prasad 😊
@buddh_ki_vaani
@buddh_ki_vaani 7 ай бұрын
Mic quality bekar hai 😊
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
पुरातन सनातन दक्षधर्म संस्कार ज्ञान- हे मनुष्य ! बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म किये जाए वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक विधिनियम- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र। । जय विश्व राष्ट्र पुरातन सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म वर्णाश्रम संस्कार।। ॐ।।
@nanagram2524
@nanagram2524 7 ай бұрын
क्यां बुध्द के समय ऋग्वेद था ??
@zojozojo-ox6wj
@zojozojo-ox6wj 7 ай бұрын
बुद्ध के समय ऋ ही नही था तो ऋग्वेद कहा से होगा
@ASFACT2805
@ASFACT2805 7 ай бұрын
​@@zojozojo-ox6wj tujhe kaise pata nahi tha tu tha us time pr 😂😂😂
@zojozojo-ox6wj
@zojozojo-ox6wj 7 ай бұрын
@@ASFACT2805 mujhe aise pata h ki Jo Asoka script h usme ऋ ka koi स्वर या अक्षर नही था
@zojozojo-ox6wj
@zojozojo-ox6wj 7 ай бұрын
@@mahamanav7540 गवार तू दिखा दे असोक की लिखी शिलालेख वाली लिपि में कोई ऋ का कोई शब्द
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@zojozojo-ox6wj गधे कहीं के रिग वैदिक काल में लिखा ही नहीं जाता था लिए अक्षरों का ज्ञान घूमता है चमगादड़ कहीं का
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम संस्कार। जो मानव जन प्रथम गृहस्थाश्रम में स्थित होकर फिर ब्रह्मचर्य आश्रम जीते हैं और वे यतिआश्रम ( अंतिम संन्यास ) आश्रमी भी नहीं होते हैं। तो वे सम्पूर्ण आश्रम से भ्रष्ट होते हैं। आश्रमो का अनुलोम है प्रतिलोम नहीं है। अर्थात एक बार बीता हुआ समय काल आश्रम फिर वापस नहीं आता है। इसलिए हरएक आश्रम को बिताकर ही मोक्ष प्राप्त करना चाहिए। संस्कृत श्लोक विधिनियम- यो गृहाश्रमस्थाय ब्रह्मचारी भवेत्पुन:। न यतिर्न वनस्थश्र्च स सर्वाश्रमवर्जित: ।। त्रयाणामानुलोम्यं हिं प्रातिलोम्यं न विद्यते। प्रातिलोम्येन यो न तस्मात्पापकृत्तम: ।। पौराणिक वैदिक सनातन सतयुग दक्षधर्म शास्त्र ।। जय विश्व राष्ट्र प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम्। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
@nileshnilesh2920
@nileshnilesh2920 7 ай бұрын
पूर्व बुद्ध से पहले छांदस किस पर लिखा था? Shame on you ! 4 min.
@explorewithparshu
@explorewithparshu 7 ай бұрын
😂😂😂 बुद्ध से पहिले वेदोंकेलिये
@nileshnilesh2920
@nileshnilesh2920 7 ай бұрын
@@explorewithparshu question not for you.
@MrShukra2000
@MrShukra2000 7 ай бұрын
Kaha likha do..praman do...kisi se kahane sabit nahi hota, usaka praman hota hai, jo apake pass nahi, isaliye ye pida
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
बुद्ध के पहले वैदिक भाषा थी और बुद्ध के पहले पाली भाषा भी थी बुद्ध कोई भाषा लेकर नहीं पैदा हुआ था सारस्वत ब्राह्मणों की पालीवाल शाखा के लोग जिस स्थानीय क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते थे उसी को पाली भाषा कहा गया था इसके अतिरिक्त पाली भाषा का कोई दूसरा इतिहास नहीं है
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
​@@MrShukra2000khud apna proof khud ka baap dunno fir hinduoo pe bolo
@santji3910
@santji3910 Ай бұрын
Jai bhim namu budhaya sir
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
आज कुछ और कह रहे हैं कल कुछ और कहेंगे यह वही लोग हैं जिनको अपना इतिहास और अपना बाप नहीं पता है परंतु ब्राह्मणों का इतिहास बताने चले हैं
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 7 ай бұрын
भारत के मूलनिवासियों को तो पता है कि वे किनके वंशज है। पर ब्राह्मणों का वह झूठ की संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है। ना तो संस्कृत पुरानी है और ना ही ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी। यह भ्रमवंशी यूरेशिया वासियों का भ्रम है।
@James-Prinsep
@James-Prinsep 7 ай бұрын
Brahmino ne sab chori kia, brahmin videshi hai, brahmino ke baap ka aaj tk nahi pta
@Naastik-pz1iu
@Naastik-pz1iu 6 ай бұрын
Brahmno ko aaj tak ye pta ni chala k saala Brahman Janam se hota hai ya karam se😄😄😄😄😄😄😄😄😄
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
चार वर्ण कर्म विभाग का व्यर्थ अंधविरोध करने वकले बताओ चार वर्ण कर्म विभाग जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा?
@priyankameshram952
@priyankameshram952 7 ай бұрын
Bodhi sir very inteligent ❤
@sunilingolesir5511
@sunilingolesir5511 6 ай бұрын
@brijbhooshanvashista1658
@brijbhooshanvashista1658 7 ай бұрын
कहां से पकड़ लिया
@shrutimeshram9106
@shrutimeshram9106 7 ай бұрын
बुद्ध के पूर्व वेद की रचना हुई थी? साक्ष, प्रमाण देवें..
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
तुझको अपने बाप का प्रमाण पता है चलाया प्रमाण लेने आता नजाता चुनाव चिन्ह छाता
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
पहले तो गूगल में सर्च कर ले
@shrutimeshram9106
@shrutimeshram9106 7 ай бұрын
@@shaileshdwivedi7171 गुगल प्रमाण थोडी ही न हैं? सम्राट असोक के शिलालेख मिल चुके हैं.तो उससे भी पहले अगर वेद पुराण थें तो लिखा तो होगा ही कहीं पर? और किस भाषा में यह भीं पता चलेगा जी!
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@shrutimeshram9106 सब प्रमाण हैं विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकारों ने ऋग्वेद को ऐसे ही सबसे प्राचीन ग्रंथ स्वीकार नहीं कर लिया आप सनातन समीक्षा चैनल आ जाएं और आर्कियोलॉजिकल प्रमाण देखिए वैसे अगर आपको प्राचीन वैदिक भाषा संस्कृत और पाली का ज्ञान नहीं है तो आप इस पचड़े में ना पड़े यह सब आपके ज्ञान के बाहर की बात है हम लोगों की तो परंपरा है अगर आप सामने हो तो पूरी बात समझा देंगे
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@shrutimeshram9106 अगर आप गूगल को प्रमाण नहीं मानते हो तो क्या बौद्ध ग्रंथों को प्रमाण मानते हो। तो फिर लीजिए त्रिपिटक के खुद्दक निकाय में बुद्ध कहते हैं कि 1 लाख कल्प वर्ष पहले मैं दीपांकर बुद्ध के समय में मैं सुमेध नाम का त्रिवेद पाठी ब्राह्मण हुआ था। बुद्ध के प्रमाणितु केवल अशोक के शिलालेखों से और बुद्ध की मूर्तियां पहली शताब्दी कनिष्क के समय के बाद की ही प्राप्त होती है इसके पहले के शिलालेख मूर्तियां सब सनातन वैदिक धर्म के साक्षात प्रमाण भारत से लेकर यूरोप तक हजारों हजार प्रमाण प्राप्त हो चुके हैं
@iuvvuiieii
@iuvvuiieii 6 ай бұрын
Sanskrit is known to be a language strictly confined by Manusmriti, to the parochial vedic community. Sanskrit was not accessible to the common man who spoke prakrit and used the Dhamma/Brahmi script. Therefore, Sanskrit cannot be compared to Pali or prakrit. It appears that sanskritisation of prakrit is Sanskrit, as it has no script of its own
@iuvvuiieii
@iuvvuiieii 6 ай бұрын
Pali and prakrit are the spoken language of Buddhist times. The male biased non vedic nomadic Steppe pastoralist who arrived in 1500bc had mixed with and merged into the native AASI hunter gatherers (HG) to create the free mixing 'caste no bar' population of North India.
@iuvvuiieii
@iuvvuiieii 6 ай бұрын
The practise of endogamy by enforcing Varna Jati Caste system confirms the arrival of west Eurasians (aryan Vedic culture) in 100AD. Refer Harvard population genetics and Google 'caste no bar' by anupriya.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
वैदिक भाषा सबसे प्राचीन भाषा हाय हाय
@sajeetkerketta1352
@sajeetkerketta1352 6 ай бұрын
😂
@bhagwantbhagwant
@bhagwantbhagwant 6 ай бұрын
😢😂😂😂😂😅😅😢😢
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
सनातन धर्म रक्षाबंधन त्योहार - भाई-बहन का प्यार। भाई-बहन का प्यार है भैया। रक्षा बंधन प्रेम त्यौहार है भैया। बाँधूं तुम्हे प्रीत की डोर भैया। बहन का ये प्रेम का शोर भैया। कच्चे धागे में छिपा भाव भैया। अलंकृत बहन का ख्वाब भैया। भाई का फ़र्ज निभाना भैया। बहन की लाज़ बचाना भैया। वक्त पड़े तो काम आना भैया। बंधन ना,कर्तव्य निभाना भैया। जीवन में हमेशा खुश रहे भैया। दोषों से यूं बचकर चलें भैया। परिवार का मान रखना भैया। जीवन में उदास न रहना भैया। कर्तव्य पथ पर आगे रहो भैया। परिवार में प्रेम भाव रखो भैया। दिलीरिश्तों की क़दर करो भैया। सबको अपनी बहन मानो भैया। सुरक्षा न्याय बंधन दिवस की शुभकामनाएं भैया।
@aryankarki7900
@aryankarki7900 7 ай бұрын
नेपालीमे?
@ilikefun4023
@ilikefun4023 7 ай бұрын
ORIGIN OF TAMIL LANGUAGE PLEASE. THANKS
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
बौद्ध ग्रंथों के अनुसार ब्राह्मण और क्षत्रिय ही बोधिसत्व हो सकते हैं ब्राह्मण और क्षत्रियों के अतिरिक्त किसी अन्य को बोधिसत्व बनने का अधिकार नहीं है बुद्ध के सभी 28 अवतार ब्राह्मण और क्षत्रियों के ही हैं बुद्ध पर व्याख्यान देने वाले तो लामा भी नहीं बन सकते हैं
@krunalchauhan1783
@krunalchauhan1783 6 ай бұрын
मित्र , बोधिसत्व किसी भी कुल में उत्पन्न होते है अपने कर्मो के मुताबिक , और तो और निरय ( नर्क ) में भी उत्पन्न होते है । सिर्फ last birth में बोधिसत्व choose करते है की कहा उत्पन्न होना है । क्युकी तब तक उनके पास एबिलिटी आ चुकी होती है । अपना जन्म तय करने की । बहुत सी जातक है जिसमे बोधिसत्व रथ कार और चांडाल कुल के भी उत्पन्न हुए है ।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@krunalchauhan1783 रथकार और चाण्डाल पहले जन्म में रहे थे रथकार और चांडाल शूद्र कभी भी बोधिसत्व नहीं बन पाए आप लोगों को बहलाने का प्रयास न करें आप सीधे बताएं कि इस जन्म में कौन सा रथकार चांडाल और शूद्र बोधिसत्व बन पाया।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@krunalchauhan1783 कोई ऐसा बोधिसत्त बताइए जो जन्म से शूद्र हो और बोधी सत्व हो गया हो
@krunalchauhan1783
@krunalchauhan1783 6 ай бұрын
@@shaileshdwivedi7171 जाओ पहले जाकर बोधिसत्व की व्याख्या समझ के आइए फिर बात करेंगे ।😊
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@krunalchauhan1783 हमको नहीं समझना है आप समझिए आप किसी ऐसे बोधिसत्व सत्व को बताइए जो जन्म से शूद्र हो
@iuvvuiieii
@iuvvuiieii 7 ай бұрын
Pali/prakrit appears to be the common ANI populations language. Sanskrit appears as language spoken by the Aryans and derived from Pali/prakrit.
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
Aaryan and dravid sab engrozone failaya hai nothing or sourh ek na ho aur tum usi ko sach mannate ho...aur o sirf ek theory hai koi proof nahi kr paya 100%
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
कमेंट से पूछना चाहते हैं लेकिन कमेंट कट रहे हैं मैंने तो सनातन समीक्षा चैनल से सीखा है
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 7 ай бұрын
सनातन समीक्षा को कुछ लोग संडास समीक्षा भी कहते हैं।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
@@nareshganwre6603 हां हां वही समीक्षा
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
​@@nareshganwre6603 Symbol of knowledge Kya ? 😅
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 5 ай бұрын
@user-tg3wn8cu4g धर्मांध बिलबिलाता कीड़ा। तुम्हे चाहे पता है या नहीं । धरम के नाम पर एक ना एक दिन मुसलमानों के सामने जाकर जरुर फटोगे यही तुम अंधभक्तों का तकदीर है।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
पाली भाषा का उद्भव बुद्ध के पहले हो चुका था सारस्वत ब्राह्मणों की पालीवाल शाखा के लोग जी वैदिक अपभ्रंश भाषा का प्रयोग करते थे उसी को पाली भाषा कहा गया था। कोई भी भाषा देशकाल की होती है जैसे इस समय एक क्षेत्र के सभी लोग हिंदू मुसलमान आस्तिक नास्तिक हिंदी अवधि का प्रयोग करते हैं यह भाषाएं किसी एक जाति वर्ग की नहीं है इस प्रकार प्राचीन काल में भी एक क्षेत्र के लोग एक विशेष क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते थे पाली और प्रकृत मध्यकालीन क्षेत्रीय भाषाएं हैं इन सभी भाषाओं का उद्भव वैदिक भाषा से ही हुआ है वेदों में शब्द रूप और धातु रूपों का अत्यंत विस्तार है जब के पाली और प्रकृति में उन शब्द रूप और धातु रूपों का अपभ्रंश प्राप्त होता है अब यह कहना की पाली और प्रकृत के अपभ्रंश से वैदिक भाषा का विकास हुआ यह इसलिए प्रमाणित नहीं हो सकता क्योंकि भारोपीय भाषाओं का मेल वैदिक भाषा से प्राप्त होता है पाली और प्रकृत से नहीं इसके अतिरिक्त वैदिक देवताओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समकालीन प्रमाण ऋग्वेद और अवस्था ग्रंथ में प्राप्त होता है इसलिए ऋग्वेद और आवेषता ग्रंथ समकालीन प्रमाणित होते जो कि बुद्ध से हजारों वर्ष प्राचीन है
@nareshganwre6603
@nareshganwre6603 7 ай бұрын
तुम जबरन बुध के समय अपना वैदिक वैदिक बकवास कर रहे हो।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@nareshganwre6603 तू कितने क्लास तक पढ़ा है। चमगादड़ कहीं के तू विश्व के प्राचीन इतिहास को झूठा बता रहा है और अपनी मनगढ़ंत हांक रहा है मतलब दुनिया के इतिहासकार वैज्ञानिक सब झूठे और यह चमगादड़ सही
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@nareshganwre6603 पढ़ना लिखना सीख। विश्व का प्राचीन इतिहास पढ़ ले बेकार में अपनी असलियत बताता है कुछ कह दूंगा तो रोते फिरोगे
@pjrbt9540
@pjrbt9540 7 ай бұрын
Rahul dongre aapne Niraj sir ko achha expose kiya
@aryankarki7900
@aryankarki7900 7 ай бұрын
Who is Naraj sir?
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
Sanatan Samiksha ko bhi expose karana chahiye .
@moolniwasigondwana8164
@moolniwasigondwana8164 6 ай бұрын
Jai bhim namo dhamma ..
@Samana358
@Samana358 7 ай бұрын
Nirj bodhi sir is repeating just what is written in history nothing new and nothing scientific. He did not talk about ( Buddhist hybrid sanskrit) and it's not scientific to talk about Vedic period older than Buddha. Professor sir is under pressure or doesn't want to get into controversy.
@explorewithparshu
@explorewithparshu 7 ай бұрын
😂😂😂
@explorewithparshu
@explorewithparshu 7 ай бұрын
सच हजम नही होगा तुम्हे
@ASFACT2805
@ASFACT2805 7 ай бұрын
buddist hybrid Sanskrit bhi Jain ki prakrit aur vedic ki sanskrit ko mix krke copy krke bani thi
@y1.5
@y1.5 7 ай бұрын
@@ASFACT2805 evidence?
@ASFACT2805
@ASFACT2805 7 ай бұрын
@@y1.5 😂😂 avidence hai dhamm pad ki 400 sadi ki pandulipi to sanskrit prakrit dono use krke likhi gayi thi prakrit bhahsa ke bare me Jain scriptures me likha milta jo buddist se phle se dharam tha buddist dharma Ashok period me suuru hua tha ashvgosh ne sanskrit bhi kushan period me buddh chritra likha tha aur cahiye evidence 😂
@IndranilThakur-deshOsubhas
@IndranilThakur-deshOsubhas 7 ай бұрын
There were more 25 budhhas before Tathagata Buddha.Sukhpraptri is not the ultimate goal and it is not equal to Nirvana
@Tanmayahoo
@Tanmayahoo 7 ай бұрын
Improve the audio sir
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
इतने बेशर्म और बेहूदे हैं वह लोग उन लोगों को एक भी संस्कृत और वैदिक भाषा का शब्द नहीं आता परंतु प्राचीन भाषा वैज्ञानिक बनाकर के संसार में अपनी फजीहत करा रहे हैं
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
सनातन समीक्षा चैनल पर आकर प्रमाणित करें बहुत बढ़िया रहेगा ❤️
@SLAYER_OF_FOES
@SLAYER_OF_FOES 7 ай бұрын
आप अपने गालीबाज को बुलाए SJ और realist azad के पास 🥰❤
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
@@SLAYER_OF_FOES अगर आप को और आपके साइंस हगनी को प्राचीन वैदिक भाषा और आर्ष भाषा और संस्कृत पाली भाषाओं पर डिबेट करना है तो संस्कृत और पालि भाषा का परीक्षण देना होगा मैं उन सब लोगों को चुनौती दे चुका हूं किसी की औकात नहीं हुई अगर तुम्हारी औकात हो तो तुम आओ सामने ऐसे हम जिस किसी से भी बेकार में मूहा चाही नहीं करते हैं
@SLAYER_OF_FOES
@SLAYER_OF_FOES 6 ай бұрын
@@shaileshdwivedi7171 मगर यहा तो आप ही मुह मार रहे हो अपने टनाटन ड्रम टमीक्टा को बोलो या आप खुद उसकी लाइव डिबेट में जा सकते हैं परीक्षण क्या सब कुछ निकाल के रख देगा आपका 🥰
@Casanova-op1ou
@Casanova-op1ou 6 ай бұрын
Sanatan Samiksha baccha hai SJ k pass bula usy
@AshokArya-ei1ep
@AshokArya-ei1ep 7 ай бұрын
Jai bhim jai bharat
@milindpatil2344
@milindpatil2344 7 ай бұрын
Jay mulnivasi Brahmin videho
@SagarJogdand-sw6kq
@SagarJogdand-sw6kq 7 ай бұрын
I would never agree to this thing that prakrit comes before sanskrit. NEVER. Lets say, about current prakrit Marathi. Original prakrit marathi dilacts into many accents, kolhapuri, solapuri, vidarbhi. It will never mean that, prakrit Marathi comes after its own DILECTS. Pure language comes first and after that it degrades into its dilects. Sanskrit always came first which is historically proven by its archeological proofs as rigvedas proofs. If you're saying something that Pali is ancient than sanskrit, back it with proofs. Pali was ONE of the MANY dialects of Sanskrit and NOT the origin of Sanskrit.
@iuvvuiieii
@iuvvuiieii 7 ай бұрын
Pali and Sanskrit cannot be compared because Pali is a buddist language in fifth century bc. Sanskrit appears after the ashokan empire, in 100AD with the appearance, of Endogamy Varna jati caste system confirming arrival and active presence of the west Eurasian aryan and the Vedic culture implemented to prevent the free mixing ANI population from associating with the Vedic society. Further, to divide and oppress the ANI population in the first century AD. Google'caste no bar' by anupriya population genetics. Sanskrit is a script less Oral language.
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
Rajeev Ranjan Prasad Sanatan Samiksha se discussion karane se satya prakat ho sakata hai ❤
@amittripathi7138
@amittripathi7138 6 ай бұрын
Sanskrit bhasha purani hai ,lekin jo lipi hai vo brahmi se aayi hai.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
मैं आपको बताऊं बौद्ध ग्रंथ ललित विस्तार में जिन 64 प्राचीन लिपियों का नाम उल्लेख किया गया है उसमें ब्राह्मी लिपि सर्वप्रथम है रही बात उस धम्म लिपि की जिसका प्रोपेगेंडा यह नव बुद्धिस्ट मचाए हुए हैं उस धम्म लिपि का प्राचीन ग्रंथो में कोई अता-पता नहीं है। धम लिपि कोई प्रमाण देना चाहे तो आ जाए
@beyonder7194
@beyonder7194 6 ай бұрын
​@@shaileshdwivedi7171Brahmi lipi nahi Bahmi lipi hain
@dustudent1637
@dustudent1637 2 ай бұрын
T;his prof;essor h;as do;ne a l;ot of mi;stakes a;nd t;he ad;min is a;lso bi;ased. 10 Upa;nishads pre;date Bu;ddha.
@LalaramYadav-cq8rw
@LalaramYadav-cq8rw 6 ай бұрын
कहा पर बैठ कर विड़ियों बना रहें हो आवाज फैली हुई मोटी घिलमील सी है साफ नहीं है,,, प्रशन करने वाले कि आवाज ठिक है
@brijeshbharti3789
@brijeshbharti3789 7 ай бұрын
Ye jo v h inko thik se ni pata h budh k purvaj v boudh ko hi maante the qki total 28 budh hue h
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
Proofs
@jaybhavani8416
@jaybhavani8416 6 ай бұрын
Total 29 hai Aap ne Nav Yaan Buddha ko chod diya hai . Ve to Essence of 28 Buddha hai , Jo Nirvan se Nark ka marg batate hai ! 😅
@amarshinde8359
@amarshinde8359 6 ай бұрын
@@jaybhavani8416 kab the ye hinduo ke churate sabhi hindu kshtriya ya bramhan the
@anoopchandra7693
@anoopchandra7693 7 ай бұрын
तुमको कम ज्ञान है वेद बुद्ध से पहले नही थी वेद बहुत ही बाद में लिखा गया है।
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 6 ай бұрын
कभी स्कूल गया है कभी इतिहास पड़ा है चलो स्कूल नहीं गया पढ़ा नहीं है तो कम से काम बौद्ध ग्रंथों को ही पढ़ ले क्यों अपनी फजीहत कराता है
@abhayaabhu6023
@abhayaabhu6023 7 ай бұрын
Buddha k time likhit bhasha ni thi to Chhandas k liye mna krna kya ho skta he।
@Mudita00
@Mudita00 6 ай бұрын
साक्ष्य बिना बकवास ना की जाए तो बेहतर साक्ष्य प्रस्तुत कीजिए की सांस्कृत सुगत देव के समय उपस्थित थी
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
जिनको अपना इतिहास नहीं पता होता है वह लोग ही ब्राह्मणों का सच्चा इतिहास बताते हैं
@shivdayalatry7874
@shivdayalatry7874 7 ай бұрын
पाली भाषा केवल अशोक की भाषा थी बुद्ध की नहीं ये साबित होता है
@milindpatil2344
@milindpatil2344 7 ай бұрын
Tathagat budh 28th budh
@Vedpragya
@Vedpragya 3 ай бұрын
कैमरा लगाकर फेंकने से अच्छा है sanatan samiksha से बात कर लो गलतफहमी दूर हो जाएगी
@manaspratimdas707
@manaspratimdas707 Ай бұрын
Gapodiyo ka vidhata- sandas samiksha
@y1.5
@y1.5 7 ай бұрын
This prof don't even have a PhD in pali or prakrit. Neither his education is mentioned anywhere.. not even at his linked profile.. I am also concerned about his pre-surname before (bodhi) cuz brmahinical people have habit of distorting facts for their temple business and oppressive ideology. I hope he is not doing thing to serve his master's.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
आप लोग देख तो रहे ही हैं कि हमारे कमेंट काटे जा रहे हैं लगता है हमारे कमेंट से ही यह लोग भयभीत हो चुके हैं
@jagannathprasad7778
@jagannathprasad7778 7 ай бұрын
Du - nni - gahast- Lahuno - yattha - kaamnipatino. Dhmmapad , Paali.
@jitendrabharti4529
@jitendrabharti4529 6 ай бұрын
Totally jhooth btaya h hod sir ne about sanskrit and pali...brahmin and ved k bare m ...sir apko science journey channel p jake debate krni chahiye ek bar ....sj sir to brhamins ko 8 or 9 th century se btate h
@korashortss
@korashortss 6 ай бұрын
What a dumb interview, Where did he find today Vedic Braminism, Gurukul, and Vedic literature in ancient times. It seems, he believed, claim made by today Braminism as a archeological evidence. 😅😅😅. This is the level of our Bhuddhist scholarship. RIP
@James-Prinsep
@James-Prinsep 7 ай бұрын
Budh ke samay brahmin tha hi nahi Baman tha, Aur brahmin har baat mey aapna baap dhond lete hai Brahmin videshi hai Uressia, Iran-egypt se aaye
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
ब्रह्मा के पांच मुख का मतलब हैं एक अध्यापक ब्राह्मण, दूसरा सुरक्षक क्षत्रिय, तीसरा उत्पादक शूद्राण और चौथा वितरक वैश्य। पांचवे मुख का मतलब है दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन चारो वर्ण कर्म विभाग में सहयोग करने वाला। ब्रह्म = ज्ञान । मुख से । ब्रह्म वर्ण = ज्ञान विभाग। ब्राह्मण = ज्ञानदाता/ अध्यापक/ गुरूजन/ विप्रजन/ पुरोहित/ आचार्य/ अनुदेशक/ चिकित्सक/ संगीतज्ञ। क्षत्रम = ध्यान न्याय। बांह से । क्षत्रम वर्ण = ध्यान न्याय रक्षण विभाग। क्षत्रिय = सुरक्षक बल चौकीदार न्यायाधीश । शूद्रम = तपसे उत्पादन निर्माण = पेटऊरू से । शूद्रम वर्ण = उत्पादन निर्माण उद्योग विभाग। शूद्राण = उत्पादक निर्माता उद्योगण तपस्वी वैशम = वितरन वाणिज्य व्यापार = चरण से । वैशम वर्ण = वितरण विभाग। वैश्य = वितरक वणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर। चरण पांव चलाकर ही व्यापार ट्रांसपोर्ट वाणिज्य क्रय विक्रय वैशम वर्ण कर्म होता है । दासजन/ जनसेवक = वेतनभोगी /नौकरजन।सेवकजन/भृत्यजन। चारो वर्ण कर्म विभाग में कार्यरतजन। जय विश्व राष्ट्र प्रजापत्य दक्ष धर्म सनातनम वर्णाश्रम संस्कार ।ॐ।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
पंचगव्य = घी, दूध, दही, गोबर और गोमूत्र। पंचगव्य पीना चोरी करने वालो को अंहिसक दण्ड देकर सुधार करने के लिए पिलाना मनु महाराज विधान धर्म शास्त्र में कहा गया है। इसलिए पंचगव्य को नही पीना चाहिए। पंचामृत = घी, दूध, दही, मधु और दूब घास। पंचामृत को पूजा-पाठ व्रत त्योहार अनुष्ठान में प्रसाद के रूप में पीना पिलाना होता है। इसलिए पंचामृत को पीना चाहिए।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
चार वर्ण कर्म विभाग का व्यर्थ अंधविरोध करने वकले बताओ चार वर्ण कर्म विभाग जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा?
@James-Prinsep
@James-Prinsep 4 ай бұрын
@@budhprakash9200 bakwas, baki dunia mey kaise chlta hai, 90 crore bharatvasi grib ho gaye, pichle 1000 sal se koi khoj nhi bharat ke log bojh bann gye dunia par brahmino ki vja se
@enlightened_1996
@enlightened_1996 6 ай бұрын
Wrong information : No where their is gurukul found !! कुछ भी बकवास मत करो । गुरुकुल कही नही मिला । एक भी सबुत नही गुरुकुल का । ☸️🙏☸️ ☸️ जय भीम ☸️
@abhayaabhu6023
@abhayaabhu6023 7 ай бұрын
पुरी तैयारी से नहीं आया
@vasudevanand
@vasudevanand 2 ай бұрын
Brahman hamesha ulta panata Tha vah Kahata Tha ki Sanskrit ka Pali apbhrans bhasha hai Pali ap bhrans batata Tha Brahman puri bharat ka etihas bigan diya hai
@ASHISHKUMAR-pk6ez
@ASHISHKUMAR-pk6ez 7 ай бұрын
1. आपकी और इन भाई साहब की आवाज गूंज रही हैं 2. ये भाई साहब जल्दी जल्दी बोल रहे हैं वो गलत हैं वो समझ नही आ रहा हैं 3. पीछे से मोटर बाइक का शोर ज्यादा आ रहा हैं
@Royal_Suraj4
@Royal_Suraj4 7 ай бұрын
Pali ko hi badme Pali prakrut , sanskrit Kiya gaya
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
पहलेही प्राकृत है
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
छान्द याने वेद संस्कृत नही
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
मगध की मागधि वही पालि है
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
तिपिटक के पहले ९अंग थे उसको नमूद नही किया
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
बोधिसर प्रोफेसर नही प्राध्यापक है अॕसिटंट प्रोफेसर हैउसके लिये थिसिस करना पडता है
@rddharia3393
@rddharia3393 7 ай бұрын
महोदय आपका अध्ययन अधूरा है या आप की समझ पूर्ण नहीं है. आप पूरी तरह समझे बिना प्रस्तुत कर रहे हैं.
@shaileshdwivedi7171
@shaileshdwivedi7171 7 ай бұрын
अगर आप संस्कृत और पाली भाषा के ज्ञानी हो तो प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित एक शब्द का व्याकरण आपसे पूछ लूं उत्तर दीजिए
@ganeshingale732
@ganeshingale732 7 ай бұрын
बोधिसर प्रोफेसर नही है
@Bikram-358
@Bikram-358 7 ай бұрын
😂😂 pali baba sap se start hotha he
@nileshnilesh2920
@nileshnilesh2920 5 ай бұрын
Liar.
@RLP90Gdpy-qv8jt
@RLP90Gdpy-qv8jt 7 ай бұрын
अगर बुद्ध के समैमे सस्कृत थे तो लिपि कोन्सा स्तमाल होते थे मुल मुद्दा तो या है ना बुद्धने बमन का मतलप बिदुवनबर्ग को कहगय है अजका ब्राह्मण को नहि
@deepdeepdeep5210
@deepdeepdeep5210 2 ай бұрын
ब्राह्मी लिपि जो बंभी लिपि है
@skadam6467
@skadam6467 7 ай бұрын
kzbin.info/www/bejne/oGm3f4Oiepqio6Msi=wP073YzEKqX3S60T प्राकृत या संस्कृत भारत की पुराणी भाषा
@skadam6467
@skadam6467 7 ай бұрын
kzbin.info/www/bejne/b4Sai6Kgndl3opYsi=SjgJ9wCw3lj_PM_o प्राकृत या संस्कृत
@narayanprasad6116
@narayanprasad6116 7 ай бұрын
#FatherofIndianconstitution “Cultivation of mind should be the ultimate aim of human existence.” Political Power is the Master Key." Go! Write on the walls of your house, we are the rulers of this country. -#Saman Baba Saheb Ambedkar #मैंसमणहूँ #iamsaman : 16 Jun 24 No. #6
@budhprakash9200
@budhprakash9200 4 ай бұрын
सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम संस्कार। जो मानव जन प्रथम गृहस्थाश्रम में स्थित होकर फिर ब्रह्मचर्य आश्रम जीते हैं और वे यतिआश्रम ( अंतिम संन्यास ) आश्रमी भी नहीं होते हैं। तो वे सम्पूर्ण आश्रम से भ्रष्ट होते हैं। आश्रमो का अनुलोम है प्रतिलोम नहीं है। अर्थात एक बार बीता हुआ समय काल आश्रम फिर वापस नहीं आता है। इसलिए हरएक आश्रम को बिताकर ही मोक्ष प्राप्त करना चाहिए। संस्कृत श्लोक विधिनियम- यो गृहाश्रमस्थाय ब्रह्मचारी भवेत्पुन:। न यतिर्न वनस्थश्र्च स सर्वाश्रमवर्जित: ।। त्रयाणामानुलोम्यं हिं प्रातिलोम्यं न विद्यते। प्रातिलोम्येन यो न तस्मात्पापकृत्तम: ।। पौराणिक वैदिक सनातन सतयुग दक्षधर्म शास्त्र ।। जय विश्व राष्ट्र प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम्। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
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