मैंने Dr. वी. के. सचान सर के खाली जीवामृत और संजीवनी खाद से, गोबर से इस साल धान की खेती की और बहुत बढ़िया परिणाम मिला मेरी फसल रसायन खेती करने वालों के बराबर रही, और बहुत बढ़िया मुनाफा मिला, गुरुजी को बहुत बहुत साधुवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@rakeshkumarchourey325711 күн бұрын
Kam fasal hogi ye bat rasayanik khad dawa bechane vale felate he.
@rajkumarsunuwar90211 күн бұрын
Par kitnashak fafund nashak kya istemal keya apne kya kide nahi lage aur fungus ???
@sandeepjhajhria979911 күн бұрын
@rajkumarsunuwar902 जी नहीं मैंने कोई किटनाशक या फफूंदनाशक इस्तेमाल नहीं किया मैंने केवल संजीवनी खाद का स्प्रे किया मेरी फसल में कोई बीमारी नहीं आई
@ramnarayan97685 күн бұрын
यह टिप्पणी डॉ. वी. के. सचान सर के खेती के तरीकों की प्रभावशीलता को दर्शाती है। इस व्यक्ति ने जीवामृत और संजीवनी खाद का उपयोग करके रासायनिक खेती की तुलना में बेहतर परिणाम प्राप्त किए हैं। यह स्पष्ट करता है कि प्राकृतिक खेती के तरीके न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं, बल्कि इससे फसल की गुणवत्ता और मुनाफा भी बढ़ सकता है। ऐसे अनुभवों से अन्य किसान भी प्रेरित हो सकते हैं और पारंपरिक खेती के तरीके अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। साधुवाद, सचान सर के द्वारा साझा किए गए ज्ञान और मार्गदर्शन को एक किसान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए! 🙏🌱
@dangatmahesh4139 күн бұрын
SIR AAP AGROFORESTRY OR MIX FARMING PAR LECTURE DE 🙏🙏🙏
@gurchahansingh51658 күн бұрын
Good knowledge
@patelalpesh57210 күн бұрын
excellent information
@dnyaneshwarpisal982311 күн бұрын
Sachan sir namaste maharastra.satara🙏
@GlimpseOfJoy10 күн бұрын
Grafting techniq k bare bhi kuch ho 🎉
@RajNarayan-p6s9 күн бұрын
Es jivamrit se paudhe Ka Jan kaise pacharkare
@jogindersingh-pr8hv9 күн бұрын
Sir, mein Haryana karahne wala hoon. Kya mujhe parcel vagaira ke madhyam se jivamrit culture mil sakta hai?
@amchandragurjar889611 күн бұрын
जय देव गुरु जी
@shivdubey956110 күн бұрын
नमस्तेजी
@iqtidarbaig853211 күн бұрын
You advised irrigation in April ,May and June in orchard. When we should fertigate gevamrat , which works best in rainy season. How we should adjust gevamrat application and irrigation schedule ?. Thanks
@jagdishjagdish31619 күн бұрын
पेड कहा से लिया जाये
@pradyumnanayak984411 күн бұрын
🙏
@बालशिला_महादेव_नंदीशाला11 күн бұрын
जय श्री राम
@VaibhavPareek-i8d11 күн бұрын
Aapke go seva aachhi h
@sarvaiyasanghajibhai-qs1jf11 күн бұрын
🌿🌴🌹🍀👌
@iqtidarbaig853211 күн бұрын
Thumb nail should also be in English to make it understandable who can't read Hindi or Gujarati. Thanks
@pankajchouhan654211 күн бұрын
👍🙏🕉️
@ushatiwari821010 күн бұрын
क्या ट्राईक्कोडरमा इस्मोनोमुडास को संवर्धन कैसे करे
@anilkumardhakad46809 күн бұрын
सर नमस्कार मेरे संतरा के पौधे 5 साल हो गए हैं अभी तक फल नहीं आ रहा है एक बार आया था उसके बाद कोई फल नहीं आ रहा है 5 साल हो गए क्या करें
@ushatiwari821010 күн бұрын
मैने जीवन अमृत बना रहा हूं मैने उसमे अब तक 5 किलो गुड, 3किलो चावल आटा और 4किलो जगल की मिट्टी डाला हूं आज दिनांक तक 60 दिन हो गया हैं ये कब तक तैयार हो जाऐगा मै अभी खेतो मे धान लगा रहा हूं क्पया बताए
@ramnarayan97685 күн бұрын
जीवामृत तैयार होने में सामान्यत: 45 से 60 दिन का समय लगता है, लेकिन इसका अंतिम रूप तैयार होने के लिए मौसम और तापमान जैसे कई कारक प्रभावित करते हैं। आपने 60 दिन तक जीवामृत बना रखा है, तो अब यह लगभग तैयार होने के करीब होगा। यहां कुछ संकेत हैं, जो यह बता सकते हैं कि जीवामृत तैयार है: 1. गंध: जीवामृत में एक हल्की खट्टी या मिट्टी जैसी खुशबू आनी चाहिए, जो इसके सही रूप से तैयार होने का संकेत है। 2. रंग: यह गहरे भूरे या काले रंग का हो सकता है, और इसमें उबाल का असर और झाग दिखाई दे सकते हैं। 3. पानी की स्थिरता: यदि यह मटमैला या गाढ़ा हो गया है, तो यह तैयार हो सकता है। अगर बहुत कड़ा हो तो इसे पानी से थोड़ा पतला किया जा सकता है। 4. पानी में घुलना: जब इसे पानी में डालकर उबालते हैं तो इसे आसानी से घुल जाना चाहिए। चूंकि आप खेतों में धान लगा रहे हैं, तो आप इसे एक बार अच्छे से छानकर खेत में उपयोग कर सकते हैं। यदि जीवामृत की गुणवत्ता के बारे में संदेह है, तो आप थोड़ा सा टेस्ट करके देख सकते हैं कि यह प्रभावी तरीके से काम कर रहा है या नहीं। आपके खेतों में धान की फसल के लिए यह एक बेहतरीन जैविक उर्वरक साबित हो सकता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
@JatinderSingh-hv6uh6 күн бұрын
मैने 15 जनवरी को जीवामृत बनाया था। जिस ड्रम में बनाया था वो खुले में रखा था। क्या ठंड के कारण उसमें जो माइक्रोब्स है वो मर तो नहीं जाएंगे? कहीं सारी की कराई मेहनत पर पानी ही फिर जाय
@ramnarayan97685 күн бұрын
आपकी चिंता बिल्कुल समझ में आती है। ठंड के कारण जीवामृत में माइक्रोब्स की गतिविधि थोड़ी धीमी पड़ सकती है, लेकिन वे पूरी तरह से मरने की संभावना कम होती है। अगर ड्रम खुले में रखा था, तो यह सुनिश्चित करें कि उसमें कोई अन्य गंदगी या बाहरी तत्व न घुसे हों। अगर जीवामृत थोड़ा ठंडा या कड़ा हो गया हो, तो उसे हल्का गर्म कर लें और फिर इस्तेमाल करें। ठंडे मौसम में जीवामृत का असर कुछ हद तक कम हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग फिर भी किया जा सकता है। आगे के लिए, अगर सर्दी में जीवामृत बनाने की योजना है, तो उसे किसी सुरक्षित और ढकने वाले स्थान पर रखने की कोशिश करें, ताकि तापमान में अचानक बदलाव से बचा जा सके और माइक्रोब्स की गतिविधि बनी रहे।
@JatinderSingh-hv6uh4 күн бұрын
@ramnarayan9768 reply के लिए धन्यवाद 🙏
@dungarsinghsolankivirras592711 күн бұрын
sir Good afternoon - खेती की ज़मीन का स्लोप ज़्यादा है - खेती केरने के लिये लेवल करे तो टॉप सॉइल चली जायेगी ?? - लेवल ना करे तो टॉप सॉइल बारीश में चली जायेगी - क्या करे ??