पुरानी लावणी-अदभुत बंगला By SalasarBhajanMandaliनीचे lyrics description

  Рет қаралды 583

#SALASAR BALAJI BHAJAN MANDALI

#SALASAR BALAJI BHAJAN MANDALI

Күн бұрын

lyrics
लावणी
अदभुत बंगला
सालासर में बंकट बाला,बणी छटा अति भारी है।
अदभुत बंगला ओ जीन्हो के कंचन छत्र हजारी है॥
टेर- अंजनी कुमार करके विचार जिन,आज्ञा दिनी है श्रीराम
सालासर में, आयके सुन्दरता बनवायी धाम।
टेर- मोहनदासजी पर करी कृपा थे,भक्त जानकर राख्यों मान
दिया जो दर्शन, ओ जिन्हो को मनवांछित दिया वरदान॥
॥शेर॥
कर जोड़कर मोहन कहे, एक अरज या सुण लीजिये।
भगिनी हमारी ताही सुत को, कर से कर पकड़ लीजिये॥
ग्रहस्थ हो पुजा करे, एक अरज या गुजरात हूं।
लियो जो शरणो चरण प्रभु को नाथ को मैं दास हूं॥
॥चौपाई॥
रूद्र वसु शशी सम्वत् जानो,रस मुनि रस शशि साको मानो।
श्रावण सुदी नोम्यूं शनिवारा, यहां प्रगटे श्री पवन कुमारा॥
॥टेर॥
महाबीर मेटोगे पीर अब यहां से अरज हमारी हैं।
अदभुत बंगला………………………………......॥1॥
टेर- शीश खोल चन्दन की वायु,नन्दन की छवि ऐसी सोहे
पुनी सर्व मन मोहे, ओ हाथ मे गदा गुर्ज बंका सोहे।
टेर- ज्योति अखण्डित अटल बिराजे, अग्र धूप बाती होवे
बजरंग बलि के,दरश से कलि कल मल सब तन धोवे॥
॥शेर॥
ध्वजा पताका खुब सोहे, ता पर जो नेज फर रहे।
गरजे ज्यों नोपत बहोत सुन्दर, इन्द्र ज्यूं नभ थर हरे॥
झलरी टंकोरा झांझ बाजे, शब्द सुनकर मन हरे।
शंख और सहतार बाजे, भगत जन जय जय करे॥
॥चौपाई॥
मन्दिर भवन रच्यो अति भारी, छाजा चित्रक सजे अटारी।
सीकर नरपती परचो पायो,देवीसिंह पुनी महल चिणायो॥
॥टेर॥
ओर बहुत सेवक बणवाई , ऐसी सुन्दर तिबारी हैं।
अदभुत बंगला……………………………….......॥2॥
टेर- माधव उर्ज भरे दो मेला, आव देश का नर नारी।
करे चढ़ावो श्री बाला के कंचन छत्र रजत भारी॥
टेर- मोदक खीर चुरमा पूआ, व्यंजन सुप सरस त्यारी।
भोग लगे है श्री बाला के रोक रूपया भरे झारी॥
॥शेर॥
घण्टा जो नाद सुहावनी, पुनी वेद ध्वनि द्विज गात हैं।
ताम्बूल कत्था और सुपारी, भगत जन जहां लात हैं॥
मन कर्म वाचा सुध कर, नर कामना जो चाहत हैं।
पूरे जो आशा वायुसूत , ऐसा ही सामर्थ नाथ हैं॥
॥चौपाई॥
पूनम भौम शनिश्चर मेला , आवे जात्री सांझ सवेरा।
गजरथ ऊँट अश्व चढ़ आवे, श्री बालाजी का दर्शन पावे॥
॥टेर॥
करे रसोई सरस पुजारी ज्याकीं बहुत हुंश्यारी हैं।
अदभुत बंगला……………………………….......॥3॥
टेर- करो सहाय संकट में प्रभुजी,मैं थारे शरण आयो।
किया जो दर्शन, नाथ अब आनंद उर विच ना मायो॥
टेर- आल बाल बालक ज्यों वाणी, ऐसो ही यो पद गायो।
बजरंग बली के, आयकर चरणां को शरणों पायो॥
॥शेर॥
बसु भानु खेता निशिपति, यही जो सम्वत् जनियों।
राम चक्षु अष्टमी , पुनि ताहि सको मानियों॥
आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा, दधि सूत सवार पिछानियों।
रस छंद खासा सरस या, हनुमान भेंट धराणियों॥
॥चौपाई॥
भेद अगम गन को नही जानु , दुग्धा अक्षर नाही पिछानो।
द्विज मनवा पर कृपा किज्यों,पवनकुमार शुद्ध कर लिज्यों॥
॥टेर॥
करो सर्व दुःख नाश दयानिधि,आपसे अरज हमारी हैं।
अदभुत बंगला……………………………….............॥4॥
॥समाप्त॥

Пікірлер: 4
@jyoti-06297
@jyoti-06297 4 ай бұрын
Jai Shree Balaji ki
@abhisheksharma103
@abhisheksharma103 4 ай бұрын
Jai shree Balaji ki 🙏
@jairajpujari1161
@jairajpujari1161 4 ай бұрын
Jai Shree Balaji ki
@parthpujari8433
@parthpujari8433 4 ай бұрын
Jai shree balaji ki🙏🏻
哈哈大家为了进去也是想尽办法!#火影忍者 #佐助 #家庭
00:33
火影忍者一家
Рет қаралды 117 МЛН
How To Get Married:   #short
00:22
Jin and Hattie
Рет қаралды 31 МЛН
Когда отец одевает ребёнка @JaySharon
00:16
История одного вокалиста
Рет қаралды 12 МЛН
哈哈大家为了进去也是想尽办法!#火影忍者 #佐助 #家庭
00:33
火影忍者一家
Рет қаралды 117 МЛН