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मैं- आदित्य सिंह राजावत आज आप सभी को प्योर बंधेज साफा बांधना सीखाने जा रहा हूँ!
राजस्थानी साफे का महत्व...........!
जोधपुरी साफा - मारवाड़ में महाराजा अजीत सिंह-प्रथम से महाराजा मान सिंह जी (1843 ईस्वी) के शासनकाल से फेंटा भी प्रचलित था। लेकिन कहा जा सकता है कि वर्तमान रूप में प्रचलित जोधपुरी साफा महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के शासनकाल से प्रचलित हुआ था। इस साफे के आकार को महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की तस्वीरों में देखा जा सकता है। यह साफा महाराजा सुमेर सिंह को द्वारा भी अपनाया गया था।
4. राजस्थान में किसी व्यक्ति, जाति, समाज या समुदाय को उसकी पगड़ी के रंग या उसके बांधने की स्टाइल से पहचाना जा सकता है। जैसे, राजस्थान में राईका, रेबारी हमेशा लाल फूल का साफा बांधते हैं जबकि विश्नोई समाज सफेद रंग का साफा बांधते हैं। लंगा, मांगणियार, कालबेलिया आदि रंगीन छापेल डब्बीदार भांतवाले साफे बांधते हैं। कलबी लोग सफेद, कुम्हार और माली लाल, व्यापारी वर्ग लाल, गुलाबी, केसरिया आदि रंग की पगड़ी बांधते हैं। चरवाहे की पगड़ी लाल रंग की होती है।
अगर आप को पॉइंट 3 देखना है तो आप को पचरंगी मारवाड़ी गोल साफे मे केसे बाँधे की वीडियो देखनी होगी !
VIDEO LINK - • पचरंगी साफे को मारवाड़...
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